आईजी अनन्त शंकर ताकवाले ने किया परेड का निरीक्षण, महिला आरक्षी प्रिया के नेतृत्व में हुआ संचालन
हरिद्वार। सशस्त्र प्रशिक्षण केन्द्र, हरिद्वार में आयोजित दीक्षांत परेड में 112 परिवहन आरक्षी प्रशिक्षुओं ने कर्तव्यनिष्ठा की शपथ ली। 21 दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित इस परेड में पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) उत्तराखण्ड, अनन्त शंकर ताकवाले ने प्रशिक्षुओं को शपथ दिलाई और भव्य परेड का निरीक्षण किया।
परेड का संचालन प्रशिक्षु महिला परिवहन आरक्षी प्रिया के नेतृत्व में किया गया, जिसमें छह टोलियों ने भाग लिया। परेड में अनुशासन, समर्पण और उमंग के साथ प्रशिक्षुओं ने मंच के समक्ष मार्च पास्ट किया। ताकवाले ने प्रशिक्षकों और एटीसी के अधिकारियों के योगदान की सराहना की।
अपर पुलिस अधीक्षक एटीसी, सुरजीत सिंह पंवार ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को साइबर क्राइम, लैंगिक संवेदनशीलता, सड़क सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, सॉफ्ट स्किल्स व व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया। नवीन तकनीकों जैसे स्मार्ट क्लास, इंटरेक्टिव पैनल, एल्कोमीटर और रेडार गन का उपयोग कर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
सम्मानित प्रशिक्षु:
सर्वांगसर्वोत्तम प्रशिक्षु: अर्जुन सिंह
अन्तःकक्ष प्रथम स्थान: मोहम्मद शोएब अली सलमानी
बाह्य कक्ष प्रथम स्थान: महिला आरक्षी प्रिया
सर्वश्रेष्ठ अनुशासन: महिला आरक्षी अर्चना
संयुक्त परिवहन आयुक्त, सनत कुमार सिंह ने अपने संबोधन में एटीसी हरिद्वार द्वारा दिए गए उत्कृष्ट प्रशिक्षण की प्रशंसा की और कहा कि 2009 के बाद यह पहला परिवहन आरक्षी प्रशिक्षण है।
डॉ. अनीता चमोला, आरटीओ देहरादून ने कहा कि परिवहन आरक्षियों की भूमिका सड़क सुरक्षा और प्रवर्तन कार्यों में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
25 जून को सांस्कृतिक संध्या में परिवहन आरक्षी प्रशिक्षुओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें निशा जोशी, प्रिया टम्टा, लालूराम, भानू और कविता महर की प्रस्तुतियां उल्लेखनीय रहीं। मंच संचालन निशा जोशी और कविता महर ने किया।
समारोह में उपस्थित प्रमुख जनों में अनन्त शंकर ताकवाले, सनत कुमार सिंह, तृप्ति भट्ट, कैप्टन एम.के. छावड़ा, सुरजीत सिंह पंवार, डॉ. सरिता नेगी पंवार, मनोज कुमार, डॉ. अनीता चमोला, राजीव मेहरा, बिपेन्द्र सिंह, स्वप्निल मुयाल, नेहा झा, कृष्ण चंद्र पलेडिया, निखिल शर्मा, वरुणा सैनी, संगीता धीमान, कृष्ण कुमार बिजल्वाण, मुकेश भारती, हरीश सती, डॉ. अमन गुप्ता, जे.पी. जुयाल, डॉ. राजकुमार यादव, नरेन्द्र सिंह मेहरा, महिपाल सिंह बिष्ट, प्रीतम सिंह सहित प्रशिक्षकों व प्रशिक्षुओं के परिजन भी उपस्थित रहे।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन सरिता शाह और डॉ. नरेश चौधरी ने किया।
देहरादून। मां नंदा देवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ मंदिर विकासखंड नंदानगर बड़ी नंदाजात-2026 आयोजन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज से उनके निजी आवास पर मिला।
मां नंदा देवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ मंदिर विकासखंड नंदानगर बड़ी नंदाजात-2026 आयोजन समिति का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को अपनी समस्याओं को लेकर प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज से उनके सर्कुलर रोड स्थित निजी आवास पर मिला। प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें बताया कि शासन द्वारा श्री नंदादेवी राजजात यात्रा-2026 का आयोजन सुनिश्चित किया गया है जिसमें राजा के प्रतिनिधि कांस्वा के कुंवर लोग इस परंपरा के तहत अपनी कुल देवी श्री नंदादेवी सिद्धपीठ कुरुड़ की डोली में पूजा और मनौती भेंट करने के लिए नौटी से चलकर नंदकेसरी में अपनी पूजा और मनौती भेंट करते हैं और कुरुड़ के गौड, ब्राह्मण बधाण के पुजारियों के हाथों से पूजा अर्चना होती है जो की एक पौराणिक परंपरा है। प्रतिवर्ष नंदादेवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ से छोटी जात (लोकजात) व 12 वर्ष बाद बड़ी जात (राजजात) का आयोजन होता है।
प्रतिनिधि मंडल ने धर्मस्व मंत्री महाराज को अवगत करवाया कि हिमालयी महाकुंभ की तर्ज पर आयोजित इस राजजात में राजा की कुलदेवी सिद्धपीठ कुरुड़ व देवराला को मुख्य पड़ाव व राजजात के मानचित्र पर अंकित नहीं किया गया है। इसलिए इन पड़ावों को भी राजजात यात्रा मानचित्र में शामिल किया जाये। महाराज ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि पूरे मामले का परीक्षण करवाने के बाद इसका समाधान करने का प्रयास किया जायेगा।
प्रतिनिधि मंडल में “मां नंदा देवी राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ कुरुड़ मंदिर विकासखंड नंदानगर बड़ी नंदाजात 2026 आयोजन समिति” के धनीराम गौड़, प्रकाश चंद गौड़, जनार्दन प्रसाद गौड़, राकेश चंद्र गौड़, अशोक प्रसाद गौड़, विपुल मैंदोली, जगत सिंह नेगी, रघुनाथ फरस्वाण, सुनील कोठियाल, मनीष नेगी, दीपक पंत, गंभीर रावत और विजेंद्र रावत शामिल थे।
हिमाद्री आइस रिंक में खेल मंत्री ने 20वी नेशनल चैंपियनशिप का शुभारंभ किया
देश भर से कुल 19 राज्यों की टीम हो रही है शामिल
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की खेल उपलब्धियों में शुक्रवार को उस समय एक नया आयाम जुड़ गया जब हिमाद्री आइस रिंक में देश की पहली इंडोर आइस स्केटिंग नेशनल चैंपियनशिप की शुरुआत हुई। चैंपियनशिप में 19 राज्यों की टीमें हिस्सा ले रही है।
शुक्रवार को खेल मंत्री रेखा आर्या ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम के हिमाद्री आइस रिंक में 20वीं नेशनल शॉर्ट ट्रैक एंड फिगर स्केटिंग चैंपियनशिप 2025 का शुभारंभ किया। प्रतियोगिता का समापन 30 जून को होगा।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अभी तक देश में आइस स्केटिंग की सभी नेशनल चैंपियनशिप बर्फबारी के सीजन में खुले पहाड़ी मैदानों में कराई जाती थी। पहली बार आइस स्केटिंग की नेशनल चैंपियनशिप इंडोर स्टेडियम में आयोजित की जा रही है। खेल मंत्री ने कहा कि यह देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारा यह आइस रिंक देशभर के खिलाड़ियों के अभ्यास व ट्रेनिंग के लिए खुला है और हम चाहते हैं कि इस खेल अवस्थापना का फायदा उठाकर भारत के खिलाड़ी दुनिया भर में आइस गेम्स में देश का नाम रोशन करें।
इस अवसर पर आइस स्केटिंग के खिलाड़ियों ने इतने सुंदर स्किल का प्रदर्शन किया कि दर्शक दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गए। खिलाड़ियों का संतुलन, गति और मूवमेंट्स बहुत शानदार थे।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा, खेल निदेशक आशीष चौहान, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष अमिताभ शर्मा, एशियाई इवेंट कोऑर्डिनेटर क्रिस चेन, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड के अध्यक्ष शिव पैन्यूली, जगराज साहनी आदि उपस्थित रहे।
हिमाद्री में की ट्रेनिंग, यूएई में जीता मेडल
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि आइस हॉकी की इंडियन वूमेंस टीम ने हाल ही में यूएई में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप कप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। यूएई रवाना होने से पहले इंडियन वूमेंस आइस हॉकी टीम की एक महीने की ट्रेनिंग हिमाद्री आइस रिंक में कराई गई थी। इंटरनेशनल लेवल पर ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम की खिलाड़ियों ने बाद में यह माना कि उनकी तैयारी में देहरादून के हिमाद्री आइस रिंक की बड़ी भूमिका रही। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड का खेल ढांचा अब टीम इंडिया को इंटरनेशनल मेडल दिलाने में सहायक बन रहा है जो कि हर प्रदेशवासी के लिए गौरव की बात है।
सीएम धामी ने तय डेडलाइन से पहले काम पूरा करने को कहा, दोनों परियोजनाओं से लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए। जमरानी बांध परियोजना के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2029 तक रखा गया है, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे दिसम्बर 2028 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। सौंग बांध परियोजना को भी निर्धारित अवधि मार्च 2030 से पहले पूर्ण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना :
लगभग रू. 3808 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 150.6 मी. ऊंचे बांध का निर्माण, 42.92 किमी लम्बी नहर का पुनर्निर्माण एवं 21.25 किमी लंबी नई नहर का निर्माण कार्य किया जाना है। इस परियोजना के तहत हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों की भविष्य की लगभग 10.50 लाख आबादी के लिए 117 एम.एल.डी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इस परियोजना में बनने वाली 09 किमी. लम्बी झील से एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित होगा तथा लगभग 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।
सौंग बांध पेयजल परियोजना :
लगभग रू. 2492 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 130.60 मी. ऊंचे बांध का निर्माण एवं 1.5 मी. व्यास की 14.70 किमी. लम्बी जल वहन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 85 किमी. जल वितरण प्रणाली एवं 150 एम.एल.डी. जल शोधन संयंत्र का निर्माण भी इस परियोजना के तहत किया जाना है। इससे भविष्य में देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित लगभग 10.65 लाख की जनसंख्या के लिए 150 एम.एल.डी. ग्रेविटी से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इस बांध निर्माण से बनने वाली 3.5 किमी. लम्बी झील को एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव एस.एन.पाण्डेय, युगल किशोर पंत, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन एवं अपर सचिव बंशीधर तिवारी मौजूद थे।
राज्य निर्वाचन आयोग जल्द करेगा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
नैनीताल। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी असमंजस की स्थिति शुक्रवार को समाप्त हो गई। नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाते हुए सरकार को राहत दे दी है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए आरक्षण रोस्टर एवं गजट नोटिफिकेशन को पर्याप्त मानते हुए चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी।
23 जून को लगी थी रोक, अब साफ हुआ रास्ता
दरअसल, 21 जून को राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। लेकिन 23 जून को हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया में अनियमितता के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि आरक्षण की रोटेशन प्रणाली में मनमाने तरीके से बदलाव किए गए हैं, जो संविधान के अनुरूप नहीं हैं।
सरकार ने कोर्ट में रखा पक्ष, गजट नोटिफिकेशन हुआ था जारी
शुक्रवार को हुई अहम सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि 14 जून को आरक्षण से संबंधित गजट नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका था, लेकिन ‘कम्युनिकेशन गैप’ के कारण यह जानकारी अदालत तक समय पर नहीं पहुंच सकी। अदालत को गजट की प्रति प्रस्तुत की गई, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया।
चुनाव आयोग को मिली हरी झंडी, जल्द होगा कार्यक्रम घोषित
हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के लिए अब चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया संविधान के अनुरूप आगे बढ़ेगी।
रोटेशन विवाद बना था अड़चन
याचिकाकर्ता गणेश दत्त कांडपाल ने कोर्ट में दलील दी थी कि पूर्व की रोटेशन नीति के अनुसार तीन कार्यकाल बाद सीटों का आरक्षण बदला जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने कुछ सीटों को लगातार चौथे कार्यकाल तक आरक्षित कर दिया, जो रोटेशन की मूल भावना के विपरीत है।
कोर्ट के फैसले को राज्य में पंचायत शासन की समयबद्ध बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल सरकार को राहत मिली है, बल्कि ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को भी गति मिलेगी।
राज्यभर में निरीक्षण शुरू, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
देहरादून। उत्तराखंड में दवाओं की गुणवत्ता को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने बड़ा अभियान छेड़ दिया है। स्वास्थ्य सचिव एवं एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश के निर्देश पर राज्यभर में औषधि निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत दवा दुकानों, गोदामों और निर्माण इकाइयों से औषधियों के नमूने एकत्र कर सरकारी प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं।
एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने सभी वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि अगर कोई दवा गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरती है तो संबंधित निर्माता और विक्रेता पर कड़ी कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि जनस्वास्थ्य से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
फार्मा कंपनियों के नाम पर हो रहा था फर्जीवाड़ा
जग्गी ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्व उत्तराखंड की प्रतिष्ठित फार्मा कंपनियों के नाम का दुरुपयोग करते हुए अन्य राज्यों में नकली दवाएं बना रहे हैं। ऐसे मामलों को लेकर तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के औषधि नियंत्रकों के साथ मिलकर संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इस संबंध में केंद्र सरकार के महा औषधि नियंत्रक का सहयोग भी लिया गया है।
तीन साल में 53 मामले, 89 गिरफ्तार
एफडीए की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 से 2025 तक नकली या घटिया दवाओं के 53 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कई अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य शामिल हैं। विभाग ने अब तक 33 फार्मा कंपनियों को उत्पादन बंद करने के नोटिस भी जारी किए हैं। एनडीपीएस एक्ट और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत 65 से अधिक लोगों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद राजस्व उपनिरीक्षक नागचन्द को किया गया निलंबित
देहरादून — देहरादून जिले के त्यूनी तहसील परिसर में जुआ खेलते हुए राजस्व कर्मियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने त्वरित संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई की है। जांच में दोषी पाए गए राजस्व उपनिरीक्षक नागचन्द को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
वायरल वीडियो में तहसील त्यूनी परिसर के मुख्य द्वार पर कुछ राजस्व कर्मी ताश खेलते हुए नजर आ रहे थे। इस वीडियो की पुष्टि के लिए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी चकराता, कालसी और त्यूनी से संयुक्त रूप से जांच कराई। जांच में यह पाया गया कि राजस्व उपनिरीक्षक नागचन्द, क्षेत्र रायगी, जुए में मुख्य रूप से शामिल थे।
प्रकरण को गंभीर मानते हुए जिलाधिकारी ने नागचन्द को उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली का उल्लंघन करने का दोषी पाया और तत्काल प्रभाव से निलंबन के आदेश जारी किए। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें तहसीलदार चकराता के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है।
साथ ही, तहसीलदार त्यूनी को मामले की विस्तृत जांच का जिम्मा सौंपा गया है ताकि अन्य संभावित संलिप्त कर्मियों की भूमिका का भी खुलासा किया जा सके।
यह कार्रवाई प्रशासन की शून्य सहनशीलता नीति और अनुशासनहीनता के प्रति स्पष्ट संदेश मानी जा रही है।
मुख्य सचिव ने STF को सौंपी जिम्मेदारी, नशे के खिलाफ कार्रवाई के पूरे अधिकार
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं पर नशे के बढ़ते प्रकोप पर काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीएम एसएसपी को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
मुख्य सचिव ने नशे की बिक्री को रोकने के लिए प्रवर्तन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशे को रोकने के लिए पुलिस विभाग को कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने हेतु पूरी छूट देते हुए सिंगल पॉइन्ट नोडल अधिकारी नामित किया। उन्होंने कहा कि नशे की जड़ों को काटने के लिए उन्हें जो भी आवश्यकता है, उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे के लिए बने इस ईको सिस्टम को तोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाया जाए, जिसमें प्रत्येक सम्बन्धित विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को ड्रग इंस्पेक्टर को भी इस अभियान में शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाइ की चैन को तोड़ने में प्रत्येक अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल आदि के प्रमुखों से वार्ता कर उन्हें अपने संस्थानों में मेडिकल टेस्ट करने हेतु राजी करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपकरण एवं टेस्ट मैटीरियल की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होेंने विद्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट कराए जाने हेतु लगातार अभियान चलाए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने वृहद स्तर पर राज्य एवं जनपदों में जागरूकता अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए गृह विभाग, सूचना विभाग, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक दिन निर्धारित करते हुए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जागरूकता गतिविधियों में सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को भी शामिल किया जाए। प्रदेश भर में लगातार इस प्रकार के जागरूकता अभियान संचालित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रत्येक माह बैठकें आयोजित करायी जाएं। उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रहे सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों की क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपयोग में नहीं आ रहे सरकारी भवनों को भी नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में संचालित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रायवाला में ओल्ड एज होम के लिए बनाए गए भवन सहित अन्य तैयार हो चुके भवनों में अगले एक माह में नशा मुक्ति केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में खाली पड़े सरकारी भवनों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि इन भवनों में आवश्यकता के अनुसार अन्य जनहित के कार्य शुरू किए जा सकें।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्राईवेट नशामुक्ति केन्द्रों का भौतिक निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो प्राईवेट संस्थान मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़े जाने की आवश्यकता है, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी नशे की लत को छोड़ सकें।
मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और महिला मंगल दलों को भी नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में वार्षिक हेल्थ चैकअप को बढ़ावा दिया जाए।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. रंजीत सिन्हा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, आईजी लॉ नीलेश भरने, अपर सचिव गृह श्रीमती निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव श्रीमती रंजना राजगुरू एवं एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून। प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से शिष्टाचार भेंट कर प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को एफआईआर में पहुंच कर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से शिष्टाचार भेंट की इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न मुद्दों सहित राज्य में निर्माणाधीन सड़कों की कनेक्टिविटी में वन विभाग के द्वारा आ रही दिक्कतों पर चर्चा करने के साथ-साथ बाधाओं को भी दूर करने का भी उनसे अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री जनपदों में आयोजित होने वाले तहसील एवं थाना दिवस के दौरान किसी एक जनपद में औचक रूप से होंगे शामिल
राज्य में सबसे पहले टीबी मुक्त होने वाले तीन जनपदों को किया जाएगा सम्मानित
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन 1905 में 180 दिन से अधिक समय से लंबित शिकायतों के समाधान के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। 06 माह से अधिक लंबित शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रकरणों का समयबद्धता से निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होने अनावश्यक रूप से जन शिकायतें फोर्स क्लोज न किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सीएम हेल्पलाइन को राज्य की बेस्ट प्रैक्टिस में लाने के लिए और प्रभावी प्रयास किए जाएं।
गुरूवार को सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 के समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक दिन पूरे राज्य में तहसील दिवस का आयोजन किया जाए। मुख्यमंत्री तहसील दिवस के दिन किसी एक जनपद में औचक रूप से प्रतिभाग करेंगे। इसी तरह एक दिन पूरे राज्य में थाना दिवस का आयोजन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जन समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए जनता दर्शन, तहसील दिवस और बीडीसी का नियमित आयोजन किया जाए। पुलिस और प्रशासन द्वारा मिलकर अतिक्रमण और वेरिफिकेशन अभियान और प्रभावी रूप से चलाए जाएं। प्रत्येक जनपद में दो-दो गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं, इसके लिए सभी जनपदों में शीघ्र नोडल अधिकारी बनाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जहां भी बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर की स्थिति खराब है, उन्हें शीघ्र बदला जाए। सभी ट्रांसफार्मरों का सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं कम वोल्टेज और बिजली के तार लटकने की समस्या न आए, ऐसे प्रकरण पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी प्राधिकरणों से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के घरों के नक्शे पास करने में पेंडेंसी न हो। उन्होंने कहा कि सबसे पहले टीबी मुक्त होने वाले तीन जनपदों को सम्मानित किया जाएगा।
सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतों के निस्तारण में अच्छा कार्य करने पर मुख्यमंत्री ने परिवहन, कृषि, समाज कल्याण, आबकारी एवं ऊर्जा विभाग की सराहना की। लोक निर्माण विभाग, भू-विज्ञान और खनन, राजस्व, गृह एवं वित्त विभाग को शिकायतों के निवारण में और तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। सीएम हेल्पलाइन में पेयजल, स्ट्रीट लाइट के रख-रखाव, जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन, बिजली कटौती और बिजली के बिल से संबंधित शिकायतें अधिक आ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सीएम हेल्पलाइन के शिकायतकर्ताओं से बात भी की। उत्तरकाशी के उपेन्द्र सिंह रावत की पेयजल लाइन की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को एक सप्ताह के अंदर उनकी समस्या का समाधान करवाने के निर्देश दिए। हरिद्वार से आलम ने स्ट्रीट लाइट से संबंधित शिकायत की थी, उनकी समस्या का समाधान हो चुका है। देहरादून के हृदेश नेगी ने कहा कि उनकी पुलिया के निर्माण संबंधी शिकायत पर कार्य शुरू हो चुका है। चमोली के गौरव नौटियाल की पेयजल संबंधी शिकायत का भी समाधान हो चुका है। नैनीताल से देवेंद्र ने कम वोल्टेज की शिकायत का भी समाधान किया जा चुका है।
बैठक में उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिवगण, अपर सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।