अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी
हादसे के एक महीने बाद सामने आई जांच रिपोर्ट
नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। इस त्रासदी में 260 लोगों की जान चली गई, जिनमें 229 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद नागरिक शामिल थे। एक महीने बाद अब इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है। रिपोर्ट सामने आते ही केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू समेत कई प्रमुख नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
रिपोर्ट पर क्या बोले उड्डयन मंत्री?
केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है, अंतिम नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एएआईबी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है और वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से काम कर रही है। मंत्रालय फिलहाल इस रिपोर्ट में सामने आई जानकारियों का गहराई से विश्लेषण कर रहा है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष AAIB की फाइनल रिपोर्ट के बाद ही निकाला जाएगा।
सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
नायडू ने भारत की एविएशन इंडस्ट्री की सराहना करते हुए कहा कि देश के पास विश्वस्तरीय पायलट और क्रू हैं, जो हर परिस्थिति में बेहतरीन कार्य करते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस हादसे की हर बारीकी से जांच कर रही है और अंतिम रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उड़ान सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की प्रतिक्रिया
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने भी कहा कि यह रिपोर्ट केवल एक प्रारंभिक कदम है। फाइनल रिपोर्ट आने तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करता और पूरी पारदर्शिता से जांच हो रही है।
शाहनवाज हुसैन ने क्या कहा?
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने AAIB की इस रिपोर्ट को ‘चौंकाने वाला’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों से यह स्पष्ट होता है कि विमान के इंजन को ईंधन की आपूर्ति बाधित हो रही थी, जो बेहद गंभीर मसला है। उन्होंने व्यापक और बहु-स्तरीय जांच की मांग की है ताकि ऐसी घटनाएं भविष्य में न दोहराई जाएं।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी अहम- पीएम मोदी
नई दिल्ली। शनिवार को देश के 47 शहरों में आयोजित रोजगार मेले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से युवाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शी और ईमानदार भर्ती प्रक्रिया है। उन्होंने दोहराया, “बिना पर्ची, बिना खर्ची” का मंत्र आज की सरकारी भर्तियों की पहचान बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक लाखों युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से नौकरी मिल चुकी है, जो आज राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
“युवा बढ़ाएंगे देश की विकास गति”
पीएम मोदी ने कहा कि आज नियुक्त हुए युवा आने वाले समय में रक्षा, विकास, वित्तीय समावेशन और औद्योगिक प्रगति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश को नई दिशा देंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि ये युवा भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
“राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा कर्तव्य”
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभाग अलग हो सकते हैं, लेकिन सभी की मंज़िल एक ही है – देश की सेवा। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि रोजगार मेलों ने यह विश्वास मज़बूत किया है कि आज सरकारी नौकरी केवल योग्यता के दम पर मिल सकती है।
आम्रपाली योजना के पास झाड़ियों में मिली महिला, हालत गंभीर
स्थानीय लोगों की सतर्कता से बची जान, पुलिस कर रही छानबीन
उत्तर प्रदेश। एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां जमानत पर छूटे एक आरोपी ने उसी महिला को दोबारा अपना शिकार बनाया, जिसके साथ पहले भी वह दुष्कर्म कर चुका था।
आरोपी ने पीड़िता का अपहरण कर दुबारा दुष्कर्म किया। जब महिला ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और फिर हाथ-पैर बांधकर उसे मरणासन्न अवस्था में आम्रपाली योजना के पास झाड़ियों में फेंक दिया।
स्थानीय लोगों ने झाड़ियों में पड़ी महिला को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है, और गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जमानत पर छूटे अपराधियों की निगरानी कितनी जरूरी है।
शिव पूजन के साथ प्रदेशवासियों के आरोग्य और शांति के लिए की प्रार्थना
गोरखपुर। सावन मास के पहले दिन शुक्रवार की सुबह मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धा और आस्था के साथ रुद्राभिषेक एवं वैदिक हवन अनुष्ठान संपन्न किया।
मुख्यमंत्री योगी ने शक्तिपीठ स्थित मंदिर में भगवान शिव का जल, दूध, ऋतुफल रस, बेलपत्र, दुर्वा और कमल पुष्प आदि से विधिवत रुद्राभिषेक किया। इस दौरान मठ के आचार्यगणों और पुरोहितों ने शुक्ल यजुर्वेद की रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों के साथ अनुष्ठान सम्पन्न कराया।
रुद्राभिषेक और हवन के पश्चात मुख्यमंत्री ने संपूर्ण विश्व के कल्याण और प्रदेशवासियों के आरोग्य, सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
प्रशासन सख्त, ताड़ी की दुकानों पर छापेमारी और सैंपल की जांच शुरू
हैदराबाद। हैदराबाद में मिलावटी ताड़ी पीने से बढ़ती बीमारियों और मौतों ने हड़कंप मचा दिया है। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं। प्रारंभिक जांच में ताड़ी में विषाक्त पदार्थ की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने चार संदिग्ध मौतों का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित लोगों ने 6 से 8 जुलाई के बीच कुकटपल्ली, बालानगर और आसपास के क्षेत्रों में ताड़ी का सेवन किया था। इसके बाद इन्हें तेज उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत हुई। कई मरीजों की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पहले इन मामलों को साधारण फूड पॉयजनिंग समझा गया, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या ने अधिकारियों को सतर्क कर दिया।
31 मरीज सरकारी अस्पताल में भर्ती
हैदराबाद के निज़ाम्स इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में 31 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि छह अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। डॉक्टरों के अनुसार अधिकतर को तेज संक्रमण और पेट से जुड़ी गंभीर दिक्कतें हैं। कुछ मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें आईसीयू में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।
मौत का कारण स्पष्ट नहीं
साइबराबाद पुलिस ने चार संदिग्ध मौतों की एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ताड़ी ही मौत का एकमात्र कारण है या नहीं, यह पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के बाद ही कहा जा सकेगा। सभी शवों के विसरा नमूने परीक्षण के लिए फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं।
ताड़ी की दुकानों पर प्रशासन का शिकंजा
घटना के बाद प्रशासन ने संबंधित ताड़ी की दुकानों को सील कर दिया है। उत्पाद विभाग ने दुकानों से ताड़ी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। शुरुआती अनुमान है कि ताड़ी में किसी रासायनिक या विषैले तत्व की मिलावट की गई हो सकती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
पांच लोग हिरासत में, पूछताछ जारी
उत्पाद विभाग ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है। इनसे पूछताछ की जा रही है कि यह घटना जानबूझकर की गई साजिश थी या लापरवाही का नतीजा। पुलिस ने संकेत दिया है कि जांच के आधार पर और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। फिलहाल मामला स्वास्थ्य, पुलिस और प्रशासन के संयुक्त समन्वय से सुलझाया जा रहा है।
जनता से अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत या संदिग्ध स्रोत से ताड़ी या देसी शराब न खरीदें और संदिग्ध मामलों की सूचना तुरंत स्थानीय अधिकारियों को दें।
सुबह 9:04 बजे हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई तीव्रता
नई दिल्ली। गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। करीब 10 सेकंड तक धरती हिलती रही, जिससे लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले के पास स्थित था।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, सुबह 9:04 बजे झज्जर से करीब 10 किमी उत्तर में रिक्टर स्केल पर 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। झज्जर में दो बार झटके महसूस किए गए—पहला 9:07 बजे और दूसरा 9:10 बजे।
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, भिवानी सहित NCR के कई शहरों में कंपन महसूस हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले झटके के बाद वे घरों से बाहर आ गए। हालांकि किसी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
लोगों की प्रतिक्रिया:
बहादुरगढ़ के निवासी रमेश कुमार ने बताया, “सुबह बिस्तर अचानक हिलने लगा। हम डर गए और तुरंत बाहर निकल आए।” गुरुग्राम के एक व्यक्ति ने कहा, “हम चाय पी रहे थे, तभी तेज झटका महसूस हुआ और सभी लोग घबराकर इमारत से बाहर भागे।”
दिल्ली मेट्रो पर असर:
एहतियातन SOP के तहत दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों को 2-3 मिनट के लिए रोका गया। एक यात्री ने बताया, “ट्रेन अचानक रुकी, लेकिन झटका महसूस नहीं हुआ।”
प्रशासन व नेताओं की प्रतिक्रिया:
दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर सूचित किया कि भूकंप के कारण किसी भी तरह की क्षति की खबर नहीं है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सभी की सुरक्षा की कामना की।
पीएम मोदी और सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताया दुख
मृतकों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार की सहायता का एलान
वडोदरा। गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ, जब आणंद और पादरा को जोड़ने वाला 45 साल पुराना गम्भीरा पुल अचानक टूट गया। पुल के ऊपर से गुजर रहे चार वाहन – दो ट्रक, एक बोलेरो SUV और एक पिकअप वैन – सीधा महिसागर नदी में गिर गए। इस हादसे में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि नौ अन्य को सुरक्षित बचा लिया गया है।
घटना के तुरंत बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुल ढहने से पहले एक तेज आवाज सुनाई दी थी, और देखते ही देखते कई वाहन नदी में समा गए। मौके पर फायर ब्रिगेड, जिला प्रशासन और पुलिस की टीमें तेजी से पहुंचीं। स्थानीय नागरिकों ने भी बचाव कार्य में हाथ बंटाया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हादसे पर शोक जताते हुए अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने का एलान किया है।
राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों बार-बार पुलों की गुणवत्ता को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पुल वर्षों से जर्जर हालत में था और कई बार इसकी मरम्मत की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन ने अनदेखी की। एक निवासी ने कहा, “यह पुल न केवल हादसों के लिहाज से खतरनाक था, बल्कि आत्महत्या की घटनाएं भी यहां होती रही हैं। कई बार चेतावनियां दी गईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।”
राहत-बचाव टीमें तैनात, मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दिए तत्काल सहायता के निर्देश
जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, जिले के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद
त्रिपुरा। दक्षिण त्रिपुरा जिले में मूसलाधार बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मंगलवार रात से जारी तेज बारिश के कारण बेलोनिया और शांतिरबाजार सबडिवीजन के निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे 100 से ज्यादा परिवारों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 118 परिवारों के करीब 289 लोग 10 अस्थायी राहत केंद्रों में भेजे जा चुके हैं। वहीं, मुहुरी नदी का जलस्तर 15.70 मीटर से ऊपर बह रहा है, जो खतरे के निशान से ऊपर है।
बेलोनिया और शांतिरबाजार क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
बेलोनिया और शांतिरबाजार क्षेत्र के कई हिस्सों में पानी घरों में घुस गया है, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात को देखते हुए जिले के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को आज के लिए बंद कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ने दी सतर्कता की सलाह
दक्षिण त्रिपुरा के जिलाधिकारी मोहम्मद सज्जाद ने बताया कि लगातार बारिश से हालात गंभीर हो गए थे, हालांकि अब वर्षा की तीव्रता थोड़ी कम हुई है। इसके बावजूद प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है।
राहत और बचाव कार्य तेज, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
प्रभावित इलाकों में आपदा प्रबंधन और राहत टीमें तैनात कर दी गई हैं। जिलाधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री माणिक साहा लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने सभी प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने दक्षिण त्रिपुरा के लिए ऑरेंज अलर्ट और गोमती व सिपाहीजाला जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
जनता से अपील: अफवाहों से बचें, प्रशासन के संपर्क में रहें
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने, प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों से संपर्क करने की अपील की है।
ट्रंप ने फिर ली भारत-पाक संघर्ष विराम की क्रेडिट
जयराम रमेश ने उठाया विदेश नीति और संप्रभुता पर सवाल
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से यह दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोका था। ट्रंप ने कहा कि अगर दोनों देश लड़ाई जारी रखते, तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक संबंध समाप्त कर देता। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने निकट भविष्य में भारत और पाकिस्तान के साथ बड़े व्यापारिक समझौते की घोषणा की बात कही।
ट्रंप के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बीते 59 दिनों में यह कम से कम 21वीं बार है जब ट्रंप ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के मुताबिक भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम पर इसलिए सहमत हुए क्योंकि उन्होंने अमेरिका के व्यापार और निवेश के दबाव को महसूस किया।
जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संवेदनशील मुद्दे पर अब तक चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप का दावा सही है तो यह भारत की विदेश नीति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
ट्रंप ने अपने हालिया बयान में कहा, “हमने कई संघर्षों को रोका है, उनमें सबसे गंभीर भारत और पाकिस्तान के बीच का था। अगर दोनों देश जंग की ओर बढ़ते, तो शायद मामला परमाणु युद्ध तक पहुंच सकता था। हमने स्पष्ट कहा कि लड़ाई की स्थिति में अमेरिका उनके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा।”
गौरतलब है कि ट्रंप ने इससे पहले भी कई बार यह दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में निर्णायक भूमिका निभाई थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया नियंत्रक सम्मेलन 2025 का उद्घाटन
रक्षा लेखा विभाग को आधुनिक और रणनीतिक वित्तीय संस्था में बदलने की दिशा में बड़ा कदम
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित रक्षा लेखा विभाग (DAD) के तीन दिवसीय नियंत्रक सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने भारत की सैन्य क्षमताओं, आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन और वैश्विक रक्षा बाजार में बढ़ती हिस्सेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि “शांति का समय भ्रम हो सकता है, इसलिए रक्षा क्षेत्र को मजबूत करना अब आवश्यकता बन गया है।”
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने रखा, बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादों की विश्वसनीयता भी प्रमाणित की। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत की रक्षा क्षमताओं को नई दृष्टि से देख रही है। हमारे घरेलू रक्षा उपकरणों की मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2024 में वैश्विक सैन्य खर्च 2.7 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है और भारत के लिए इसमें बड़ी संभावनाएं हैं। “इस बदलते सुरक्षा परिदृश्य में वित्तीय अनुशासन और रणनीतिक बजटीय प्रबंधन की भूमिका बेहद अहम है,”।
राजनाथ सिंह ने रक्षा लेखा विभाग की भूमिका को ‘सिर्फ लेखांकन’ तक सीमित न मानने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विभाग की ईमानदारी और पारदर्शिता का असर सीधे उन सैनिकों तक पहुंचता है जो सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। “यह केवल वित्तीय जिम्मेदारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा दायित्व भी है,”।
उन्होंने बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पहली बार जैम पोर्टल के जरिए पूंजीगत खरीद को स्वीकृति दी है, जो पारदर्शिता और सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम है। साथ ही यह जानकारी दी कि विभाग व्यापक वेतन प्रणाली और केंद्रीकृत डाटाबेस विकसित करने पर भी काम कर रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य और थीम:
तीन दिवसीय यह सम्मेलन रक्षा लेखा विभाग को पारंपरिक लेखा प्रणाली से आगे ले जाकर आधुनिक, रणनीतिक और दक्ष रक्षा वित्तीय संस्था में परिवर्तित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस वर्ष सम्मेलन की थीम “वित्तीय सलाह, भुगतान, ऑडिट और रक्षा वित्त एवं अर्थशास्त्र के माध्यम से लेखांकन में बदलाव” रखी गई है।
मुख्य बिंदु और सत्र:
सम्मेलन में आठ उच्चस्तरीय ‘मंथन सत्र’ आयोजित किए जाएंगे, जिनमें बजट सुधार, आंतरिक ऑडिट, मूल्य निर्धारण, संयुक्त अनुसंधान और क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर मंथन होगा। इसमें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए IFA प्रणाली की भूमिका को भी स्पष्ट किया जाएगा।
डीएडी की वर्तमान भूमिका और भविष्य की दिशा:
वर्तमान में डीएडी ₹26.8 लाख करोड़ के रक्षा बजट का प्रबंधन कर रहा है, जिसमें से ₹1.7 लाख करोड़ पेंशन मद में निर्धारित है। विभाग देशभर में 200 से अधिक सेवा केंद्र संचालित कर रहा है और MIS आधारित प्रणाली से प्रदर्शन मूल्यांकन को बेहतर बना रहा है।
सम्मेलन के दौरान ‘सतर्क, चुस्त, अनुकूल’ जैसे नए मिशन स्टेटमेंट और स्लोगन का अनावरण भी किया जाएगा। वर्ष 2025 को “सुधार वर्ष” घोषित करते हुए इसे भारत की रक्षा वित्त प्रणाली को भविष्य के लिए सक्षम बनाने का एक निर्णायक क्षण बताया गया है।