शपथ समारोह में प्रधानमंत्री मोदी समेत कई दिग्गज नेता रहे मौजूद
पटना। बिहार की सत्ता में एक बार फिर अनुभवी नेतृत्व की वापसी हुई है। 2025 के विधानसभा चुनाव में NDA की जीत के साथ नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड बनाते हुए दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लंबे राजनीतिक अनुभव, संतुलित नेतृत्व और प्रशासनिक सुधारों के कारण वे देश के सबसे स्थायी और प्रभावशाली मुख्यमंत्रियों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। पटना के गांधी मैदान में हुए भव्य समारोह में 26 नवनियुक्त मंत्रियों ने भी शपथ ली। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्र व राज्यों के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
एनडीए की हालिया जीत के बाद आयोजित इस कार्यक्रम ने बिहार की नई राजनीतिक तस्वीर को साफ कर दिया है। 243 सीटों वाली विधानसभा में NDA गठबंधन ने 202 सीटें हासिल की हैं, जिनमें भाजपा को 89, जदयू को 85, लोजपा (रामविलास) को 19, हम (सेक्युलर) को 5 और रालोमो को 4 सीटें मिलीं।
शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और खास बनाया। माना जा रहा है कि यह शपथ ग्रहण बिहार की भविष्य की शासन-व्यवस्था और राजनीतिक दिशा को नए आयाम देगा।
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर साधारण पृष्ठभूमि से शुरू होकर राज्य के पुनर्निर्माण के प्रतीक तक पहुँचा है। पटना जिले के बख्तियारपुर में 1951 में जन्मे नीतीश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। इसी दौर ने उनके भीतर सामाजिक न्याय और प्रशासनिक सुधारों के लिए ठोस दृष्टि विकसित की।
1985 में पहली बार लोकसभा पहुँचे नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई। रेल मंत्री, कृषि मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री जैसे अहम मंत्रालय उनके कार्यकाल में पारदर्शिता और आधारभूत सुधारों के लिए जाने जाते हैं। रेल मंत्रालय में उनके प्रयासों ने यात्री सुविधाओं को नई दिशा दी, जिसकी खूब सराहना हुई।
हालाँकि, उनका असल प्रभाव बिहार की सत्ता में दिखाई देता है। 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कानून-व्यवस्था, सड़क नेटवर्क, बिजली आपूर्ति और शिक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार शुरू किए। इनके परिणामों ने बिहार की छवि को काफी हद तक सकारात्मक दिशा में बदला।
महिला सशक्तिकरण को उनकी नीतियों ने विशेष पहचान दिलाई—चाहे पंचायतों में 50% आरक्षण हो या कन्या उत्थान जैसी योजनाएँ। ग्रामीण विकास के लिए “सात निश्चय” कार्यक्रम ने कई बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच आसान की। शराबबंदी जैसे निर्णयों ने उन्हें सामाजिक सुधारक की छवि भी दी, भले ही यह फैसला विवादों में रहा हो।
सबसे विशेष बात यह है कि गठबंधन राजनीति में उनकी समझ और संतुलन बनाने की क्षमता ने उन्हें वर्षों तक सत्ता में बनाए रखा। बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच भी वे हमेशा प्रशासन के केंद्र में रहे, जो उनकी रणनीति और जनस्वीकार्यता को दर्शाता है।
दसवीं बार मुख्यमंत्री बनकर नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि बिहार की आधुनिक राजनीति के प्रमुख नायक हैं, जिनके फैसले आने वाले समय में भी राज्य की दिशा तय करेंगे।
वायु प्रदूषण चरम पर, कई इलाकों में AQI 400 के पार
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। आज सुबह क्षेत्र के कई हिस्सों में स्मॉग की घनी परत इस कदर छाई रही कि दृश्यता कम हो गई और हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। राजधानी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में AQI लगातार 400 का आंकड़ा पार कर रहा है, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना और बुराड़ी जैसे इलाकों में एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो हवा की बेहद खराब स्थिति को दर्शाता है। आनंद विहार का एक्यूआई 416 तो वहीं जहांगीरपुरी में यह 451 तक पहुंच गया। ITO और द्वारका जैसे इलाकों में भी स्थिति बेहद खराब रही और AQI 400 के करीब बना रहा।
इंडिया गेट क्षेत्र में सुबह जहरीले स्मॉग की घनी परत साफ दिखाई दी। यहां का AQI 400 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। कई लोग मास्क पहनकर ही बाहर निकलते दिखे। एक स्थानीय महिला ने बताया कि प्रदूषण के कारण सांस लेना तक मुश्किल हो गया है और एहतियात के तौर पर घर से निकलने से परहेज करना पड़ रहा है।
दिल्ली के मोती बाग, पंजाबी बाग और धौला कुआं में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्थिति में दर्ज की गई। मोती बाग का AQI 439 और पंजाबी बाग का 439 रहा, जबकि धौला कुआं में AQI 423 दर्ज किया गया।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी हालात चिंताजनक हैं। लोनी में AQI 448 तक पहुंच गया, जबकि संजय नगर, वसुंधरा और इंदिरापुरम में 370 से 420 के बीच दर्ज किया गया। नोएडा में सेक्टर 125, सेक्टर 1 और सेक्टर 116 में AQI 400 से ऊपर पहुंच गया, जहां सबसे अधिक 436 तक रिकॉर्ड किया गया।
गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में है। एनआईएसई ग्वाल पहाड़ी में AQI 365, सेक्टर 51 में 337 और विकास सदन में 266 तक पहुंच गया। टेरी ग्राम अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में रहा, जहां AQI 238 दर्ज किया गया।
फरीदाबाद में स्थिति दिल्ली की तुलना में थोड़ी बेहतर दिखाई दी, लेकिन कई स्थानों पर हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। सेक्टर 30 में AQI 213, न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में 297 और सेक्टर 11 में 264 दर्ज किया गया।
दिल्ली-एनसीआर के व्यापक क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण से लोगों की परेशानी बढ़ रही है, और विशेषज्ञों ने सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
अदालत ने माना—अपराध से अर्जित है 415 करोड़ की राशि, जांच में सहयोग जरूरी
नई दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने अल-फलाह समूह के चेयरमैन और विश्वविद्यालय के संस्थापक जावद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 13 दिन की ईडी हिरासत में भेजने का निर्णय लिया है। मध्यरात्रि के बाद जज के चैंबर में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने माना कि आरोप अत्यंत गंभीर हैं और जांच को आगे बढ़ाने के लिए अभियुक्त की कस्टडी आवश्यक है।
रात 11 बजे जज के आवास पर हुई कार्रवाई
साकेत अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शीतल चौधरी प्रधान के घर पर देर रात पेश किए गए जावद सिद्दीकी को अदालत ने विस्तृत सुनवाई के बाद ईडी को सौंप दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सिद्दीकी पर फर्जी मान्यता दिखाकर विश्वविद्यालय चलाने, अवैध धन हस्तांतरण और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं, जिनकी गहराई से जांच जरूरी है।
ईडी ने पीएमएलए धारा 19 के तहत की गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय ने सिद्दीकी को 18 नवंबर की रात मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने अदालत को बताया कि जांच शुरुआती दौर में है और आरोपियों से पूछताछ कर उन लोगों की पहचान करनी है, जो धन के प्रवाह, फर्जी कागजात और वित्तीय अनियमितताओं में शामिल रहे।
ईडी का कहना है कि यदि हिरासत न मिली तो सबूत नष्ट होने और गवाहों पर दबाव बनाने की आशंका बढ़ सकती है।
415 करोड़ रुपये की संदिग्ध कमाई पर नजर
एजेंसी द्वारा कोर्ट में पेश वित्तीय आकलन के अनुसार, वर्ष 2018-19 से 2024-25 के बीच अल-फलाह संस्थान ने फीस और अन्य शैक्षणिक मदों से लगभग 415.10 करोड़ रुपये की आय प्राप्त की। ईडी का आरोप है कि यह पूरी कमाई गलत तरीके से प्राप्त की गई थी, क्योंकि इस दौरान विश्वविद्यालय की मान्यता और वैधानिक स्थिति को सार्वजनिक रूप से भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया था।
कोर्ट ने माना—धनराशि अपराध से अर्जित
अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि उपलब्ध साक्ष्यों से यह संकेत मिलता है कि धन, धोखाधड़ी व जालसाजी जैसी गतिविधियों का प्रत्यक्ष परिणाम है और यह पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसी आधार पर ईडी की मांग स्वीकार करते हुए सिद्दीकी को 13 दिन की हिरासत में भेजा गया।
लाल किला कार बम धमाका मामले से जुड़े तार
जांच एजेंसियों के अनुसार, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी लंबे समय से संदिग्ध वित्तीय और नेटवर्क गतिविधियों के कारण निगरानी में थी। लाल किला कार बम धमाके के मुख्य आरोपियों में से एक, डॉक्टर उमर नबी, इसी विश्वविद्यालय के अस्पताल से जुड़ा रहा है। इसके अलावा सफेदपोश आतंकी नेटवर्क में पकड़े गए कई व्यक्तियों के भी संस्थान से संबंध पाए गए।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की दो FIR के आधार पर शुरू हुई मनी लॉन्ड्रिंग जांच में विश्वविद्यालय के करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसके बाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी की गई।
बम धमकी के बाद दिल्ली की अदालतों में कार्यवाही ठप, परिसर पूरी तरह खाली कराए गए
नई दिल्ली। दिल्ली की कई जिला अदालतों में मंगलवार को आए बम धमकी भरे ई-मेल ने पूरे न्यायिक तंत्र में हड़कंप मचा दिया। संदेश मिलते ही अदालत परिसरों को एहतियातन खाली करवा दिया गया और सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए तलाशी अभियान शुरू कर दिया। अचानक बढ़ाई गई सुरक्षा ने पूरे शहर में चिंता का माहौल बना दिया।
अदालतों में अचानक हाई अलर्ट
बम धमकी मिलने के बाद साकेत, द्वारका, पटियाला हाउस और रोहिणी स्थित अदालतों को पूरी तरह से खाली कर दिया गया। जजों, अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारियों और वहां मौजूद आम लोगों को तत्काल परिसर से बाहर निकलने को कहा गया। बम निरोधक दस्ता और पुलिस टीमें सभी कमरों, पार्किंग और खुले स्थानों में विस्तृत जांच करती रहीं। पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई, जहां विशेषज्ञ टीमें लगातार तलाशी लेती रहीं।
साकेत कोर्ट में कार्यवाही अस्थायी रूप से रोकी गई
साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि सुरक्षा संबंधी सतर्कता के कारण कुछ समय के लिए सभी न्यायालयीन कार्य बंद कर दिए गए थे। अधिवक्ताओं से अपील की गई कि वे शांति बनाए रखें और बेवजह भीड़ न लगाएं। सुरक्षा जांच पूरी होते ही बाद में कार्यवाही बहाल किए जाने की संभावना जताई गई।
अतीत में भी मिल चुकी हैं धमकियाँ
दिल्ली की अदालतों को पहले भी ऐसे ई-मेल के जरिए डराने की कोशिशें हो चुकी हैं। कुछ महीने पहले दिल्ली हाईकोर्ट को भी बम की झूठी सूचना दी गई थी, जिसके चलते कार्यवाही रोकनी पड़ी थी और सभी को बाहर निकलना पड़ा था। लगातार मिल रही धमकियों ने अदालत परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाए हैं।
NIA के केस से पहले बढ़ाई गई सतर्कता
पटियाला हाउस और रोहिणी कोर्ट में तलाशी अभियान इसलिए भी तेज किया गया, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के आरोपी जसीर बिलाल उर्फ दानिश की पेशी से पहले सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही थी। डॉग स्क्वायड और बम निरोधक टीम ने पूरी इमारत की तसदीक की।
सीआरपीएफ के दो स्कूलों को भी मिली धमकी
इसी दौरान सुबह करीब 9 बजे दिल्ली के प्रशांत विहार और द्वारका में स्थित दो सीआरपीएफ स्कूलों को भी बम से उड़ाने की धमकी वाला ई-मेल मिला। तत्काल पुलिस, अग्निशमन दल और सुरक्षा बल मौके पर पहुँचे। स्कूलों को खाली कराकर व्यापक तलाशी की गई, लेकिन जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। अधिकारियों ने इसे ‘होक्स’, यानी झूठी धमकी घोषित किया।
भ्रम फैलाने की कोशिशें बढ़ीं, सुरक्षा और कड़ी की गई
लगातार मिल रही फर्जी धमकियों ने पुलिस की सतर्कता और भी बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि भले ही अधिकतर धमकियाँ झूठी निकलती हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर उठी बहस को बताया संवेदनशील मुद्दा, राजनीति से ऊपर रखी राष्ट्रीय सुरक्षा
तिरुवनंतपुरम- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर छिड़ी राजनीतिक बहस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश में आतंकवाद पिछले तीन दशकों से चुनौती बना हुआ है और इसे अत्यधिक गंभीरता से समझने की जरूरत है। थरूर के अनुसार, आतंकवाद की जड़ें 1989-90 के आसपास जम्मू-कश्मीर से पनपीं और धीरे-धीरे यह खतरा देश के कई हिस्सों—मुंबई, पुणे और दिल्ली तक—फैलता गया।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े तथ्यों की जांच अभी जारी है, इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने में जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। थरूर के मुताबिक, “जिम्मेदारी से काम लेते हुए यह समझना जरूरी है कि घटना क्यों हुई और आगे ऐसी स्थितियों से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।”
फारूक अब्दुल्ला के बयान के बाद शुरू हुई चर्चा
दरअसल, पूरा मामला तब सामने आया जब जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस ऑपरेशन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वे उम्मीद करते हैं कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। उन्होंने दावा किया कि कार्रवाई के दौरान उनके 18 लोग मारे गए और सीमा सुरक्षा को नुकसान हुआ। साथ ही उन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की आवश्यकता पर बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस संदेश को भी याद किया कि “पड़ोसी बदले नहीं जा सकते।”
थरूर बोले—पहली प्राथमिकता देशवासियों की सुरक्षा
फारूक अब्दुल्ला की टिप्पणी के जवाब में थरूर ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में भारत के नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद पर कठोर कार्रवाई जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही देश के व्यापक विकास लक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने पर भी दिया बयान
इस दौरान थरूर से लालू यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य के राजनीति से दूर होने को लेकर भी सवाल पूछा गया। उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह उनका निजी फैसला है और इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। थरूर ने साफ किया कि उन्होंने बिहार में चुनाव प्रचार नहीं किया, इसलिए स्थानीय परिस्थितियों को लेकर टिप्पणी करना उनके लिए सही नहीं होगा।
केरल में आरएसएस कार्यकर्ता की मौत—थरूर ने निष्पक्ष जांच की मांग की
केरल में आरएसएस कार्यकर्ता की कथित आत्महत्या के मामले पर भी थरूर ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि घटना की तुरंत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने भाजपा नेतृत्व से अपने अंदरूनी मामलों की भी समीक्षा करने की सलाह दी। थरूर ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस संवेदनशील मामले को किसी भी हालत में राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
राजधानी का एक्यूआई 404, स्मॉग की चादर से बढ़ी सांस की दिक्कतें
नई दिल्ली। राजधानी में ठंड बढ़ते ही हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। बृहस्पतिवार को दिल्ली में प्रदूषण लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया। सुबह दिल्ली धुंध, हल्के कोहरे और स्मॉग की मोटी परत से ढकी रही, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और कई जगह लोग मास्क पहनकर निकलते नजर आए।
विशेषज्ञों के अनुसार, पराली जलाने की घटनाओं, वाहन प्रदूषण और ठंडी हवा के कारण पीएम2.5 का स्तर तेजी से बढ़ा है। निर्णय सहायता प्रणाली के मुताबिक, दिल्ली के कुल प्रदूषण में वाहनों का योगदान 19.82% और पराली का 12% रहा। बृहस्पतिवार को दिल्ली का एक्यूआई 404 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
एनसीआर क्षेत्रों में भी हवा की गुणवत्ता चिंताजनक रही। दिल्ली के बाद नोएडा का एक्यूआई 389, गुरुग्राम 300, गाजियाबाद 370 और ग्रेटर नोएडा 377 रहा। फरीदाबाद अपेक्षाकृत बेहतर रहा, लेकिन यहां भी एक्यूआई 288 के साथ हवा ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। सीपीसीबी का पूर्वानुमान है कि सप्ताहांत तक हवा और बिगड़ सकती है।
शाम चार बजे दिल्ली में पीएम10 का स्तर 362.8 और PM2.5 का स्तर 227.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा गंभीर श्रेणी में रही।
मुख्य इलाकों में एक्यूआई:
आनंद विहार – 434
अलीपुर – 434
अशोक विहार – 435
जहांगीरपुरी – 443
आईटीओ – 438
मथुरा रोड – 438
जेएलएन स्टेडियम – 416
बुराड़ी क्रॉसिंग – 444, सबसे अधिक प्रदूषित
निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ और ‘ऋण गारंटी योजना’ से MSME सेक्टर को मजबूती, भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता होगी और सशक्त
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के ताज़ा कैबिनेट फैसले भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को मजबूत करेंगे और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने में मील का पत्थर साबित होंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दो महत्वपूर्ण योजनाओं — ‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ और ‘निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना’ — को मंजूरी दी गई है, जिनका उद्देश्य भारतीय निर्यात को गति देना और एमएसएमई क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना है।
‘मेड इन इंडिया’ की गूंज दुनिया में और तेज हो — प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा,
“सुनिश्चित कर रहे हैं कि ‘मेड इन इंडिया’ की गूंज पूरी दुनिया में और तेज़ी से सुनाई दे। कैबिनेट ने ‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ को मंजूरी दी है, जो भारत के निर्यात को और प्रतिस्पर्धी बनाएगा तथा एमएसएमई, नए और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सशक्त करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मिशन सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाकर परिणाम-आधारित तंत्र तैयार करेगा। वहीं, ‘निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना’ (Credit Guarantee Scheme for Exporters) से व्यापार सुचारू रूप से चलेगा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
खनिज क्षेत्र में भी बड़ा फैसला, हरित ऊर्जा को मिलेगी मजबूती
कैबिनेट ने इसके साथ ही ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम हरित ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) को मजबूत करेगा, रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा और भारत की सतत विकास यात्रा को नई दिशा देगा।
₹45,000 करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी — अमित शाह ने बताया ऐतिहासिक कदम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निर्यातकों के लिए ₹45,000 करोड़ की दो नई योजनाओं को मंजूरी देने के निर्णय को “ऐतिहासिक कदम” बताया।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने ₹25,060 करोड़ के ‘एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन’ को स्वीकृति दी है, जो भारतीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।
इसके साथ ही, ₹20,000 करोड़ की ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एक्सपोर्टर्स (CGSE)’ के तहत निर्यातकों को बिना गारंटी के ऋण सुविधा मिलेगी।
अमित शाह ने कहा, “यह कदम एमएसएमई क्षेत्र को नई मजबूती देगा और भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाएगा।”
वैश्विक मंच पर भारत की पहचान को और सशक्त बनाने की तैयारी
सरकार का उद्देश्य है कि इन नीतिगत निर्णयों के माध्यम से भारत न केवल अपने निर्यात प्रदर्शन को दोगुना करे, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ को विश्व स्तर पर गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रतीक बनाया जाए।
तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार की जनता ने इस बार बदलाव के पक्ष में मजबूती से मतदान किया
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले जारी एग्जिट पोल भले ही अलग-अलग तस्वीर दिखा रहे हों, लेकिन महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सरकार बनने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार बदलाव के पक्ष में मजबूती से मतदान किया है और महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है।
मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा, “बिहार की जनता का आशीर्वाद हमें मिल चुका है। 14 नवंबर को मैं मुख्यमंत्री बनने जा रहा हूं।” उन्होंने कहा कि इस बार जनता का उत्साह और समर्थन पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। लोगों ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट देकर मौजूदा सरकार के खिलाफ स्पष्ट जनादेश दिया है।
महागठबंधन नेता ने सभी सहयोगी दलों, कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता ने नई दिशा तय की है। तेजस्वी ने कहा, “2020 की तुलना में इस बार 72 लाख ज्यादा लोगों ने मतदान किया है, जो इस बात का संकेत है कि जनता बदलाव चाहती है और अब सरकार बदलना तय है।”
एग्जिट पोल को लेकर तेजस्वी ने कहा कि वे इन सर्वे नतीजों से न खुशफहमी में हैं, न ही भ्रम में। उनका कहना था कि “एग्जिट पोल का मकसद केवल माहौल को प्रभावित करना है। भाजपा और एनडीए की बेचैनी बताती है कि इस बार उन्हें जनता ने नकार दिया है।”
उन्होंने दोहराया कि 14 नवंबर को नतीजों के बाद 18 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना अब तय है।
पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर सभी एंगल से कर रहीं जांच
नई दिल्ली। दिल्ली में सोमवार शाम हुए भीषण विस्फोट के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। दिल्ली समेत देश के कई शहरों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन राज्यों में दिल्ली- NCR समेत राज्य के बॉर्डर से लगने वाले हरियाणा और यूपी के अलावा पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और राजस्थान शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात दिल्ली में उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई, जिसमें गृह सचिव, आईबी प्रमुख, दिल्ली पुलिस आयुक्त, विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक में घटना की जांच, सुरक्षा व्यवस्था और देशभर में सतर्कता बढ़ाने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
शवों की पहचान जारी, लाल किला और आसपास का क्षेत्र सील
घटना के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों के अनुसार, सभी पहलुओं से जांच जारी है। अब तक दस में से छह मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि तीन शवों की डीएनए जांच से पुष्टि की जाएगी। सुरक्षा कारणों से लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 और 4 को बंद कर दिया गया है, वहीं किले के आसपास के सभी मार्ग और क्षेत्र आम जनता के लिए प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। फोरेंसिक और एनएसजी टीमें घटनास्थल पर जांच में जुटी हैं।
UAPA के तहत मामला दर्ज, संदिग्धों से पूछताछ जारी
पहले पुलिस ने मामला विस्फोटक अधिनियम की धाराओं में दर्ज किया था, लेकिन प्रारंभिक जांच के बाद अब इसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस, एनएसजी और फोरेंसिक विशेषज्ञ साक्ष्य जुटाने में लगे हैं। वहीं, राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाकों—बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों—पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने चार संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
तेजस्वी यादव ने कहा- वह केवल विकास के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री कई विवादित चेहरों के लिए कर रहे प्रचार
बिहार। पटना के पोलो रोड स्थित आरजेडी कार्यालय में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरे चरण के मतदान से पहले कई सवाल उठाए। उनके साथ सांसद मीसा भारती भी मौजूद रहीं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सुरक्षा बल मुख्यतः भाजपा शासित राज्यों से बुलाए हैं। उन्होंने दावा किया कि कुल 208 कंपनियां भाजपा शासित राज्यों से तैनात की गई हैं और करीब 68% पुलिस ऑब्जर्वर भी उन्हीं प्रदेशों से आए हैं। तेजस्वी ने पूछा कि “फिर बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड से बल क्यों नहीं बुलाए गए?”
पीएम के कैंपेन को लेकर निशाना
तेजस्वी यादव ने कहा कि वह केवल विकास के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने मंच साझा करते हुए कई विवादित चेहरों के लिए प्रचार किया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि पीएम कुछ मामलों में संदिग्ध छवि वाले लोगों से मंच पर जुड़े दिखे।
“लोग बदलाव के मूड में हैं”
तेजस्वी ने दावा किया कि उन्होंने चुनाव प्रचार में 171 से अधिक सभाएं की हैं और हर ब्लॉक/जिला में जनसमर्थन मिला है। उनके मुताबिक बिहार की 20 साल पुरानी व्यवस्था से जनता बदलाव चाहती है और इस बार नतीजे “ऐतिहासिक” होंगे। उन्होंने कहा कि 14 तारीख को सरकार गठित होने के बाद बिहार को तेज रफ्तार विकास देने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
तेजस्वी के चुनावी वादे
आरजेडी नेता ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कई वादों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही महिलाओं के खातों में 30 हजार रुपये देने, जीविका दीदियों का ब्याज माफ करने, ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, किसानों को फ्री बिजली देने और नई सामाजिक योजनाएँ शुरू करने का रोडमैप तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर “ज़ीरो टॉलरेंस” अपनाया जाएगा।
समस्तीपुर घटना का मुद्दा भी उठाया
तेजस्वी ने कहा कि समस्तीपुर में फेंकी गई पर्चियों से लोगों में भय का वातावरण बना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जा रहे हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से यह भी सवाल किया कि पहले चरण में पुरुष/महिला वोटर टर्नआउट का डेटा 4 दिन बाद भी क्यों जारी नहीं हुआ।
