जापान ने 6 देशों के लिए जारी किया अलर्ट,नागरिकों को दी सुसाइड अटैक की चेतावनी..
देश-विदेश: जापान के विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों से सोमवार को कहा कि वे छह दक्षिण एशियाई देशों में धार्मिक और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें, क्योंकि ऐसे स्थानों पर हमला हो सकता हैं। विदेश मंत्रालय का कहना हैं कि उसे सूचना मिली है कि ऐसे स्थानों पर आत्मघाती हमला किया जा सकता है। इंडोनेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड और म्यांमार जाने वाले जापानियों के लिए यह परामर्श जारी किया गया है।
हालांकि, इन देशों ने इस परामर्श पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि उन्हें ऐसे किसी खतरे या जापान को यह सूचना कहां से मिली, इसकी जानकारी नहीं है। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तानी संग्रत का कहना हैं कि जापान ने इस चेतावनी के पीछे की जानकारी का स्रोत नहीं बताया है। उनका कहना हैं कि जापानी दूतावास ने सिर्फ इतना कहा कि यह केवल थाईलैंड के लिए नहीं है, और इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी। थाईलैंड की पुलिस ने भी ऐसे किसी खतरे की सूचना होने से इनकार किया है। इसी प्रकार, फिलीपीन के विदेश मंत्रालय ने भी इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देशों के क्रम में पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन ने मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिवों को विभिन्न प्रदेशों की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही मोर्चा ने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा भी की है।
राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज को गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू कश्मीर व लद्दाख के प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है।
राष्ट्रीय महामंत्री इंदुबाला गोस्वामी को अरूणाचल, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम, त्रिपुरा, उड़ीसा झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश का जिम्मा सौंपा गया है।
राष्ट्रीय महामंत्री सुखप्रीत कौर को अंडमान एंड निकोबार, केरल, पांडिचेरी, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, लक्षदीप, महाराष्ट्र, दादर नगर हवेली, दमन दीव व पंजाब का प्रभार दिया गया है।
महिला मोर्चा ने अपने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा भी की है, जिसमें 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाएगा। 15 अगस्त को आजादी का अमृत महोत्सव मनाया तथा रक्षाबंधन के अवसर पर 22 से 28 अगस्त तक 1 हफ्ते का कार्यक्रम चलाया जाएगा।
इधर, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन व महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू पहुंची। जम्मू एयरपोर्ट पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री का भव्य स्वागत किया गया। दीप्ति रावत भारद्वाज ने कहा कि संगठन ने जिस आशा के साथ में यह दायित्व कार्यभार दिए हैं वह उनको पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएंगी।
कोरोना से बचाव को लेकर देश में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। वैक्सीन को लेकर राजनीति भी हो रही है, विपक्षी दलों के नेता केंद्र को तो निशाना बना रहे हैं, लेकिन अपने दल द्वारा शासित राज्यों में अव्यवस्थाओं पर कुछ नहीं बोल रहे। उदाहरण, कांग्रेस नेता राहुल गांधी बार-बार केंद्र से वैक्सीन का मुद्दा उठा रहे हैं, यह भी पूछ रहे हैं कि हमारे बच्चों की वैक्सीन कहां गई? लेकिन, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान में वैक्सीन की बर्बादी को लेकर चुप हैं। जहां उनकी या उनके सहयोगियों की सरकार है. झारखंड (37 %) और छत्तीसगढ़ (30 %) कोरोना वैक्सीन की बर्बादी में पहले तीन राज्यों में शामिल हैं।
राजस्थान में भी वैक्सीन की बर्बादी के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार 8 जिलों के 35 वैक्सीनेशन सेंटरों पर 500 वायल में लगभग 2500 से भी ज्यादा डोज तो केवल डस्टबिन में मिले हैं। ये वायल 20-75% तक भरे हुए थे। 16 जनवरी से लेकर 17 मई तक राज्य में 11.50 लाख से भी अधिक कोविड-19 वैक्सीन की डोज बर्बाद हुई हैं।
राहुल गाँधी जी पूछ रहे थे हमारे बच्चों के #Vaccine कहाँ हैं ?@RahulGandhi जी,कचरे के डिब्बों में हैं हमारे बच्चों के वैक्सीन
आकर देखिये राजस्थान में👇 pic.twitter.com/5NussFjPjg— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) May 31, 2021
सबसे बुरी स्थिति राजस्थान के चूरू जिले की है। जिले में 39.7% वैक्सीन की डोज बर्बाद कर दी गई। हनुमानगढ़ में 24.60 प्रतिशत वैक्सीन तो भरतपुर में 17.13%, कोटा में 16.71%, चित्तौड़गढ़ में 11.81%, जालौर में 9.63%, सीकर में 8.83%, अलवर में 8.32% और धौलपुर में 7.89% वैक्सीन बर्बाद की गई। जयपुर प्रथम में 4.67% और द्वितीय में 1.31% वैक्सीन की डोज बर्बाद कर दी गई।
राजस्थान में 2500 कोविड की डोज कचरे में !आपदा के समय क्या ये निंदनीय नही है।@Rahulgandhi @priyankagandhi
इस पर भी बोलिये राजस्थान की जनता भी भारत की जनता है।हां ये अलग बात है यहा कांग्रेस की सरकार है pic.twitter.com/FytspbOC70— Dr. Alka Gurjar (@alka_gurjar) May 31, 2021
माना कि बड़ी वैक्सीनेशन ड्राइव में कुछ सीमा तक वैक्सीन की बर्बादी होती है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में वेस्टेज होने पर जवाबदेही तो बनती है। एक ओर कांग्रेस व राज्य सरकार वैक्सीन की कमी बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है और दूसरी ओर स्वयं इस तरह की बर्बादी भी नहीं रोक पा रही। वैक्सीन की एक डोज की वेस्टेज का अर्थ है, एक जीवन को सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।
राजस्थान सरकार का कोरोना प्रबंधन का मॉडल देखिये
कचरे में वैक्सीन
कबाड़ में वेंटिलेटर
फाइलों में ऑक्सीजन प्लांट
इंजेक्शन व दवाइयों की कालाबाजारी
कोरोना से मौत के आंकड़ों की जादूगरी
चिरंजीवी योजना में निःशुल्क इलाज का झूठा दावा#GehlotWastedVaccine— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) May 31, 2021
महामारी की दूसरी लहर ने बता दिया कि वैक्सीन का कितना महत्व है। वेस्टेज से लोगों का सुरक्षा कवच तो प्रभावित होता ही है, सप्लाई चेन पर भी खासा असर पड़ता है। वैक्सीन वेस्टेज यदि बहुत अधिक है तो इसकी मांग बढ़ती जाएगी और गैर-आवश्यक मात्रा में इसे खरीदना पड़ेगा। आज जब सवा अरब नागरिकों का वैक्सीनेशन होना है तो ऐसे में एक डोज के महत्व व उसकी कीमत को आसानी से समझा जा सकता है।
Negligence or politics ..? @INCIndia has to answer for this total failure of its Rajasthan State Govt . They keep preaching the whole world about vaccination . pic.twitter.com/XvM0PNpFll
— B L Santhosh (@blsanthosh) May 31, 2021
राजस्थान में वैक्सीन की बर्बादी ट्वीटर पर मुद्दा बन गई है। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेगवाल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी.एल.संतोष समेत भाजपा की राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, मेजर सुरेंद्र पूनिया आदि तमाम लोगों ने ट्वीट कर कांग्रेस से इस पर सवाल पूछा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इन ख़बरों को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा को पत्र लिख कर मामले की जांच करने को कहा है।
राजस्थान के कुछ ज़िलों में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी की ख़बरों को गंभीरता से लेते हुए मैंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री @RaghusharmaINC जी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने को कहा है।
मैंने वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर बेहतर योजना बनाने को कहा है।@PMOIndia pic.twitter.com/nBsfGGAhtN
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 31, 2021
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राज्यों से लगातार आग्रह किया जा रहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके यहां सप्लाई की गई कुल वैक्सीन में से एक प्रतिशत से भी कम बर्बाद हो। जिन राज्यों में वैक्सीन की अधिक बर्बादी हो रही है, वे टीकाकारण अभियान को सही तरीके से चलाएं। इन राज्यों को वैक्सीनेशन में किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचना चाहिए. एक वैक्सीन बर्बाद होने का अर्थ है कि कोई व्यक्ति इसकी डोज से वंचित रह जाएगा।
मोदी सरकार के 7 वर्ष पूरे होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने विकास, सुरक्षा, जनकल्याण और ऐतिहासिक सुधारों के समांतर समन्वय का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
https://twitter.com/AmitShah/status/1398886002769285123
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर कहा कि “इन 7 वर्षों में मोदी जी ने एक ओर देशहित को सर्वोपरि रखकर अपने दृढसंकल्प और सर्वस्पर्शी व कल्याणकारी नीतियों से गरीब, किसान व वंचित वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर उनके जीवन को बेहतर बनाया है तो वहीं दूसरी ओर अपने मजबूत नेतृत्व से भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाया”।
https://twitter.com/AmitShah/status/1398886031173193730
शाह ने यह भी कहा कि “विगत 7 साल से देश की जनता ने मोदी जी की सेवा और समर्पण पर निरंतर अपना अटूट विश्वास जताया है, जिसके लिए मैं देशवासियों को नमन करता हूँ। मुझे पूर्ण विश्वास है कि मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम हर चुनौती पर विजय प्राप्त कर भारत की विकासयात्रा को अविरल जारी रखेंगे”।
https://twitter.com/AmitShah/status/1398886048789196801
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) योजना से अब तक 3 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की जा चुकी है।
वन स्टॉप सेंटर तहत महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए एक ही स्थान पर पुलिस, चिकित्सा, कानूनी सहायता व परामर्श और मनोवैज्ञानिक सहायता सहित कई सेवाओं के लिए तत्काल सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना 1 अप्रैल, 2015 से पूरे देश में राज्य सरकारों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। अब तक, देश के 35 राज्यों में 701 सेंटर चालू किए जा चुके हैं।
https://twitter.com/PIBWCD/status/1396027720899776519
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार कोविड महामारी के कारण बनी मौजूदा स्थिति में, जो महिलाएं संकट की स्थिति में हैं या हिंसा से प्रभावित हैं, वे त्वरित सहायता और सेवाओं के लिए निकटतम ओएससी से संपर्क कर सकती हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों और सभी जिलों के डीसी/डीएम को निर्देश दिया है कि वे लॉकडाउन अवधि के दौरान वन स्टॉप सेंटरों को चालू रखें।
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन केन्द्रों के सुचारू संचालन के लिए, कानूनी परामर्श, चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक – सामाजिक परामर्श आदि प्रदान करने के लिए पैनल में शामिल एजेंसियों अथवा व्यक्तियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों के जिला प्रशासन के पास है।
भारत सरकार ने देश में रेमेडिसविर की कमी को दूर करने के लिए दूसरे देशों से इस महत्वपूर्ण दवा का आयात शुरू किया है। इसके तहत शुक्रवार को रेमेडिसविर की 75,000 शीशियों की पहली खेप भारत पहुंचेगी।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में जानकारी गई है कि भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने अमेरिका के मेसर्स गिलियड साइंसेज इंक और मिस्र की मेसर्स ईवीए फार्मा को रेमेडिसविर की 4,50,000 शीशियां बनाने का ऑर्डर दिया है। अमेरिका से अगले एक या दो दिनों में 75,000 से 1,00,000 शीशियां भारत पहुंचेगी। इसके अलावा 15 मई से पहले एक लाख शीशियों की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही ईवीए फार्मा शुरुआत में लगभग 10,000 शीशियों की आपूर्ति करेगी, जिसके बाद हर 15 दिन या जुलाई तक 50,000 शीशियां मिलेंगी।
https://twitter.com/DVSadanandGowda/status/1388069953547374594
सरकार ने देश में भी रेमेडिसविर की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया है। 27 अप्रैल तक सात लाइसेंस प्राप्त घरेलू निर्माताओं की उत्पादन क्षमता प्रति माह 38 लाख शीशियों से बढ़कर 1.03 करोड़ शीशियों प्रति माह हो गई। पिछले सात दिनों में दवा कंपनियों द्वारा देश भर में कुल 13.73 लाख शीशियों की आपूर्ति की गई है। दैनिक आपूर्ति 11 अप्रैल को 67,900 शीशियों से बढ़कर 28 अप्रैल को 2.09 लाख शीशियों तक पहुंच गई है। गृह मंत्रालय द्वारा रेमेडिसविर आपूर्ति को सुचारू रूप से करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाजरी जारी की गई थी।
सरकार ने भारत में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए रेमेडिसविर के निर्यात पर भी रोक लगा दी। आम लोगों के बीच इंजेक्शन की लाभप्रदता सुनिश्चित करने के लिए, एनपीपीए ने इस माह 17 अप्रैल को संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य जारी किया, जिससे सभी प्रमुख ब्रांडों की लागत 3500 रुपये प्रति शीशी से नीचे आ गई।
रेमेडिसविर के उत्पादन तेजी से बढ़ाने और उपलब्धता को आसानी से सुनिश्चित बनाने के लिए, राजस्व विभाग ने 20 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर रेमेडिसविर इंजेक्शन पर सीमा शुल्क की पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही रेमेडिसविर के निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले एपीआई और बीटा साइक्लोडोडेक्सट्रिन पर भी यह छूट दी गई थी। सीमा शुल्क में यह छूट इस वर्ष 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि कोरोना के क्रूर प्रहार से देश के कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस महामारी से निपटने में समाज के सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है। कोरोना के प्रकोप पर शासन-प्रशासन व समाज के समन्वित प्रयास से ही भारत विजय प्राप्त करेगा।
आंबेकर ने नयी दिल्ली में डिजिटल माध्यम से आयोजित प्रेस वार्ता में संघ तथा सेवा भारती द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यों के संबंध में जानकारी दी और कहा कि हमेशा की तरह संघ व सेवाभारती सहित अन्य संगठन व संस्थाएं प्रभावित क्षेत्रों व परिवारों में राहत पहुंचाने के काम में जुटे हैं। संघ की पहल पर आवश्यकता के अनुसार अभी बारह प्रकार के कार्य प्राथमिकता से प्रारंभ हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड के संभावित लोगों हेतु आइसोलेशन केंद्र व पॉज़िटिव रोगियों हेतु कोविड केअर (सेवा) केंद्र, सरकारी कोविड केंद्र व अस्पतालों में सहायता, सहायता हेतु दूरभाष (हेल्पलाइन नंबर), रक्तदान, प्लाज्मादान, अंतिम संस्कार के कार्य, आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण, समुपदेशन (काउंसलिंग), ऑक्सीजन आपूर्ति व एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन व मास्क तथा टीकाकरण अभियान व जागरूकता जैसे आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल कई प्रांतों में स्वयंसेवकों द्वारा प्रारंभ किया गया है। स्थानीय प्रशासन की भी हर संभव सहायता की जा रही है ताकि सभी मिलकर इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया कि इंदौर में संघ की पहल पर शासन, निजी अस्पताल, राधा स्वामी संत्संग आदि के सहयोग से दो हज़ार बिस्तर का कोविड केंद्र शासन व समाज के समन्वित कार्य का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा अभी 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केंद्र चलाए जा रहे हैं तथा अन्य 219 स्थानों पर कोविड अस्पतालों में प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है। टीकाकरण हेतु दस हजार से अधिक स्थानों पर जागरूकता अभियान के साथ 2442 टीकाकरण केंद्र अभी तक प्रारंभ किए गए हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार प्लाज्मा व रक्तदान में सहयोग किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर संभावितों की सूची भी बनी है। दिल्ली में रक्तदाताओं की सूची उपलब्ध है। पूणे में जनजागरण अभियान के माध्यम से 600 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया, जिससे 1500 लोगों का जीवन बचाने में सहायता मिली। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि विभिन्न शहरों में बुजुर्गों व अकेले रहने वालों को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इनके माध्यम से जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि संघ कोरोना की महामारी में दिवंगत सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, ऑक्सीजन आदि सामग्री की आपूर्ति में लगे कर्मचारी, सुरक्षा व स्वच्छता कर्मियों सहित सभी कोरोना योद्धाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज की संवेदना व सक्रियता अद्भुत है। अपनी जान जोखिम में डालकर संकट की स्थिति में कार्य कर रहे हैं। परिस्थिति भले ही विकट हो, भारत में समाज की शक्ति भी विशाल है।
बीते एक वर्ष में कोरोना महामारी ने सभी को प्रभावित किया है। इस दौरान सामाजिक, आर्थिक और मानसिक रूप से देश के प्रत्येक वर्ग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हालांकि, समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो लोगों का सहयोग करने के साथ-साथ समाज में सकारात्मकता फैलाने का कार्य भी कर रहा है। लेकिन, जैसे कि हर समाज की सच्चाई है… कुछ ऐसे समूह भी हैं जो विपरीत परिस्थितियों में भी सिर्फ नकारात्मकता परोसते हैं और वर्षों से क्रांतिकारी होने का ढोंग करने वाले लोग अब अपने-अपने बिल में छिपे हुए हैं।
अफजल गुरु की बरसी मनाने और भारत के टुकड़े करने के नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा झेल रहे कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कन्हैया कुमार गायब हैं। उनकी ओर से कोरोना के खिलाफ जंग में कोई क्रांतिकारी पहल नहीं दिख रही।
वामपंथी मीडिया द्वारा क्रांतिकारी के रूप में प्रस्तुत किए गए कन्हैया कुमार जब देश में विपत्ति आई तो अपने बिल में जाकर छिप गए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं समय-समय पर मुख्यतः केंद्र की सरकार पर तंज कसने वाले कन्हैया कुमार खुद आगे बढ़कर किसी की भी मदद करते हुए नजर नहीं आ रहे।
एक अन्य़ कथित क्रांतिकारी हार्दिक पटेल, जिसके माध्यम से गुजरात में सरकार गिराने के लिए पाटीदार आंदोलन करवाया गया था, वह आज गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। हार्दिक पटेल वर्तमान समय में कहीं पर भी कोरोना वायरस महामारी से लोगों को बचाने के लिए सहयोग का पहल करते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं। हां, सोशल मीडिया पर अवश्य एक्टिव हैं।
अक्सर अपने विवादित ट्वीट के कारण चर्चाओं में रहने वाली स्वरा भास्कर भी वर्तमान संकट के समय गायब हैं। सरकार को तो कोस रही हैं, लेकिन अपने स्तर पर समाज या कुछ लोगों की सहायता को कोई कार्य किया हो तो हमें भी बताएं। जिन्हें सरकार के खिलाफ भड़का रही थीं, या जिनके साथ आंदोलन कर रही थीं, उनकी ही सहायता कर रही हों तो भी बताएं ?
गुजरात से विधायक और एक बड़े क्रांतिकारी जिग्नेश मेवाणी भी जमीन पर कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं। इसके विपरीत वे ट्विटर पर क्रांति करते दिखाई दे रहे हैं और ट्विटर के माध्यम से फेक खबरें परोस रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने एक ट्वीट किया – ”मोदी जी के जन्मस्थल वडनगर में ऑक्सीजन प्लांट के फेल हो जाने के चलते 8 मरीजों की मौत हो गई। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना दोबारा न हो उसे सुनिश्चित करने के बजाय या दोषियों के खिलाफ जांच के आदेश के बजाय रुपाणी सरकार लगी है हकीकत छुपाने में। क्या हो रहा है गुजरात में ? कहां है मोदी जी?”
मेवाणी के ट्वीट के बाद गुजरात के आरोग्य कमिश्नर को आधिकारिक बयान जारी करना पड़ा और स्पष्ट करना पड़ा कि वडनगर के अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट फेल होने की बात पूरी तरह गलत है। वडनगर में इस तरह का कोई भी हादसा नहीं हुआ है, यहां तक कि यहां मरीज की मौत होने की बात भी बेबुनियाद है।
साफ है कि इस तरह की गलत बात सोशल मीडिया में कहे जाने पर लोगों में डर का माहौल पैदा होता है। मगर मेवाणी जैसे कथित क्रांतिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तो अपनी क्षुद्र राजनीति से मतलब है।
इनके अलावा भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण व अन्य अनेक कथित क्रांतिकारी-समाजसेवी संकट के समय नजर नहीं आ रहे। जो नजर आ रहे हैं वो अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे और समाज में नकारात्मकता फैलाने का ही काम कर रहे हैं। वामपंथी मीडिया और पत्रकार समूह जिन्हें आने वाले समय का नेतृत्वकर्ता बताते हुए नहीं थकता, जब देश पर विपत्ति आई है तो ये नेतृत्वकर्ता क्रांतिकारी नदारद हैं।
भारत के औषधि नियन्त्रण महानिदेशक (Drug Controller General of India-DCGI) ने मध्यम श्रेणी के कोविड-19 लक्षणों वाले रोगियों के उपचार के लिए जाईडस कैडिला द्वारा निर्मित वाईराफिन (Virafin) के सीमित उपयोग की आपात स्वीकृति दे दी है। इस दवा का उपयोग करने के बाद 91.5 प्रतिशत रोगियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण सातवें दिन नेगेटिव मिला और रोगियों में अतिरिक्त ऑक्सीजन लेने की जरुरत में उल्लेखनीय कमी आई।
केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि चिकित्सकीय अध्ययनों से यह जानकारी मिली है कि कोविड संक्रमित रोगियों में से बड़ी संख्या में जिन रोगियों को त्वचा के नीचे इंजेक्शन के रूप में वाईराफिन दी गई उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट एक सप्ताह बाद निगेटिव आई, जो कि अन्य एंटी -वाइरल दवाओं की तुलना में बेहतर परिणाम है।
अध्ययनों से वाईराफिन की सुरक्षित होने, सहनशीलता और प्रभावशीलता की पुष्टि हुई है। अध्ययनों से यह भी जानकारी मिली कि वाईराफिन वाइरल लोड में कमी लाने के साथ-साथ इस रोग का बेहतर तरीके से उपचार करने में कारगर है। इसमें पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता में कमी लाना शामिल है, जिससे ऑक्सीजन का स्तर घटने के कारण सांस लेने में हो रही कठिनाइयों को कम किया जा सकता है।
Just like the ‘whole of society’ & ‘whole of govt’, our scientists keep on contributing to the fight against #COVID19
GoI is committed to supporting each & every positive endeavour to end this #pandemic#Unite2FightCorona #Virafin @PMOIndia @DBTIndia @ZydusUniverse @BIRAC_2012 https://t.co/K0mu1GazYr
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 24, 2021
इस उपलब्धि की चर्चा करते हुए केंद्र सरकार की जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि – सरकार कोविड-19 महामारी के विरुद्ध शमन रणनीतियों और हस्तक्षेप की दिशा में काम करने के लिए देश में उद्योगों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वाईराफिन को दी गई आपात स्वीकृति इस दिशा में एक नया पड़ाव है।
कैडिला हैल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ.शर्विल पी.पटेल ने कहा कि – यह अनुभूति हो रही है कि अब हम एक ऐसा उपचार देने में सक्षम हैं जिससे वायरल लोड को काफी हद तक कम किया जा सकता है और इस संक्रमण की शुरुआत में ही इस रोग का बेहतर ढंग से उपचार में मदद मिल सकती है। यह ऐसे समय आई है जब रोगियों को इसकी आवश्यकता है।
असामान्य जीवन शैली के कारण आज लगातार पूरे विश्व में लीवर रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जब लीवर ठीक से अपनी मरम्मत और खुद को फिर से भरने में विफल रहता है, तो इससे नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिसीज (एनएएफएलडी) उत्पन्न होता है। एक बार जब यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है, तो कोई इलाज उपलब्ध नहीं होता है। दुनिया भर में लगभग 1 बिलियन व्यक्तियों (वैश्विक आबादी का 20-30 प्रतिशत) के पीड़ित होने का अनुमान है। भारत में, यह जनसंख्या के 9-32 प्रतिशतके बीच है। यह तथ्य इस बात का सूचक है कि 10 भारतीयों में से 1 से 3 व्यक्तियों को फैटी लीवर या संबंधित बीमारी होगी।
सोमवार को विश्व लीवर दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने यह आंकड़े रखे। उन्होंने कहा कि लीवर दूसरा सबसे बड़ा अंग है जो चुपचाप सभी महत्वपूर्ण कार्य करता है। असामान्य जीवनशैली के कारण शरीर पर हमले का मुख्य रूप से सामना भी लीवर ही करता है। उन्होंने इसे एक मूक महामारी बताया और लोगों से सचेत रहने का आग्रह किया। उन्होंने धूम्रपान, मदिरापान व जंक फूड का त्याग करने की अपील की , क्योंकि ये इन बीमारियों को बढ़ाने वाले कारक हैं।
कोविड-19 महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य के प्रति सजग हुए हैं। इसमें निरंतरता जरूरी है। @MoHFW_INDIA द्वारा #विश्वयकृतदिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। बेहतर स्वास्थ्य के लिए यकृत की देखभाल आवश्यक है। इसके प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। pic.twitter.com/jF31JZ9U5c
— Ashwini Kr. Choubey (@AshwiniKChoubey) April 19, 2021
उन्होंने स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालने वाले खर्राटे जैसे लक्षणों पर सतर्कता बरतने और चिकित्सा परामर्श लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने ‘मित-भुक्ता’ और ‘ऋत-भुक्ता’ शब्दों पर जोर देते हुए उस प्राचीन अवधारणा को प्रतिपादित किया कि मितव्ययी रूप से और ज्यादातर मौसमी खाद्य पदार्थों के सेवन से लंबी आयु प्राप्त करने में मदद मिलती है।
This World Liver Day, promise yourself to keep your liver in good shape for maintaining a good health. #WorldLiverDay #SwasthaBharat #WorldLiverday2021 @PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @PIB_India @mygovindia @NITIAayog pic.twitter.com/9imGaAq67M
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 19, 2021
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक वंदना गुरनानी, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार, संयुक्त सचिव (गैर-संक्रामक रोग) विशाल चौहान, यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के निदेशक डॉ. एस.के.सरीन आदि उपस्थित थे।