देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 के 44,489 नए पुष्ट मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 60.72 प्रतिशत मामले अकेले छह राज्यों केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान व उत्तर प्रदेश से हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरूवार को जारी आंकड़ों के अनुसार केरल में सबसे अधिक 6,491 नए मामले दर्ज हुए हैं। महाराष्ट्र में 6,159 व दिल्ली में 5,246 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
पिछले 24 घंटों में 524 रोगियों की मृत्यु हुई है। मौत के मामलों में भी 60.50 प्रतिशत छह राज्यों केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दर्ज हुई हैं।
इन छह राज्यों में से महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल वे चार राज्य हैं, जहां प्रतिदिन सबसे ज्यादा नये मामले सामने आए हैं और सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
मौत के नये मामलों में सबसे ज्यादा 99 दिल्ली में, 65 महाराष्ट्र में और 51 पश्चिम बंगाल में दर्ज हुए हैं।
देश में वर्तमान सक्रिय मामलों की संख्या (4,52,344) कुल सक्रिय मामलों का 4.88 प्रतिशत है और यह पांच प्रतिशत के स्तर से नीचे बना हुआ है।
भारत में ठीक होने वाले रोगियों की कुल संख्या 86,79,138 है। रोगियों के ठीक होने की दर आज 93.66 प्रतिशत पर आ गई। देश में पिछले 24 घंटों में 36,367 मामलों में रोगी ठीक हुए हैं।
वैश्विक कोरोना महामारी ने न्यायिक सेवा संस्थानों के कामकाज के तरीकों को भी बदल दिया है। कोविड-19 की परिस्थितियों के बीच न्याय तक पहुंच बनाने के लिए न्यायिक सेवा अधिकारियों ने परम्परागत पद्धति को तकनीकी के साथ जोड़ दिया।
न्यायिक सेवा प्राधिकारी नए तरीके अपनाकर लोक अदालत को वर्चुअल प्लेटफार्म पर ले आए। विधि व न्याय मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार विगत जून से अक्टूबर तक 15 राज्यों में 27 ई-लोक अदालतें आयोजित की गई, जिनमें 4.83 लाख मामलों की सुनवाई हुई। इनमें 1409 करोड़ रुपये के 2.51 लाख मामलों का निराकरण किया गया।
चालू नवम्बर माह के दौरान अभी तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में आयोजित ई-लोक अदालतों में 16,651 मामलों की सुनवाई हुई है। इनमें 107.4 करोड़ रुपये के 12,686 विवादों का निपटारा हुआ है।
ऑनलाइन लोक अदालत, यानी ई-लोक अदालत न्यायिक सेवा संस्थानों का एक नवाचार है, जिसमें अधिकतम लाभ के लिए टैक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। यह घर बैठे लोगों को न्याय देने का प्लेटफार्म बन गया है। ई-लोक अदालतों के आयोजनों से खर्च में भी कटौती हुई है।
क्या हैं लोक अदालत
लोक अदालतें विवादों के वैकल्पिक समाधान का तरीका है, जिसमें मुकदमाबाजी से पहले के और अदालतों में लंबित मामलों को मैत्रीपूर्ण आधार पर सुलझाया जाता है। इसमें मुकदमे का खर्च नहीं होता। यह नि:शुल्क है।
मुकदमे से संबंधित पक्षों में सहमति के प्रयास किए जाते हैं। इस कारण दोनों पक्षों को जटिल व खर्चीली न्यायिक प्रक्रिया के बोझ से छुटकारा मिलता है।
केंद्र सरकार ने कोविड प्रबंधन में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब व हिमाचल प्रदेश में उच्च स्तरीय केंद्रीय दलों की तैनाती का फैसला किया है। इन राज्यों में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यानी उन लोगों की संख्या बढ़ रही है जो बीमारी की वजह से अस्पतालों में भर्ती हैं या जो चिकित्सा निगरानी में घर में अलग-थलग रखे गए हैं, या हर दिन कोविड संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
ये तीन सदस्यीय दल उन जिलों का दौरा करेंगे जहां कोविड के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। केंद्रीय दल महामारी की रोकथाम, निगरानी, जांच व नियंत्रण उपायों और संक्रमण के मामलों के कुशल नैदानिक प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों में मदद करेंगे। केंद्रीय दल राज्यों का, समय पर बीमारी की पहचान और उसके बाद के इलाज से संबंधित चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में भी मार्गदर्शन करेंगे।
इससे पहले केंद्र सरकार ने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मणिपुर, और छत्तीसगढ़ में उच्च स्तरीय दल भेजे थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 45,209 नये मामले सामने आए हैं। दिल्ली में सर्वाधिक 5,879 मामले सामने आए। इसके बाद केरल व महाराष्ट्र में क्रमशः 5,772 और 5,760 मामले दर्ज किए गए।
पिछले 24 घंटे में देश में 501 लोगों की कोविड से मौत हुई। कोविड से मौत के नए मामलों में से 22.16 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली के हैं, जहां बीमारी से 111 लोग मृत्यु के शिकार हुए। महाराष्ट्र में यह संख्या 62 व पश्चिम बंगाल में 53 दर्ज की गई।
सुकून की बात यह है कि देश में कोविड के कुल मामलों में सक्रिय मामलों (4,40,962) का प्रतिशत गिरकर 4.85 हो गया और यह पांच प्रतिशत के स्तर से नीचे बना हुआ है। बीमारी से उबरने की दर में भी सुधार आया है और आज यह 93.69 प्रतिशत हो गया। पिछले 24 घंटे में 43,493 लोग कोविड से उबरे हैं, जिसके साथ बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 85,21,617 हो गयी।
बीमारी से उबरने के मामलों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर तेजी से बढ़ रहा है और इस समय यह 80,80,655 है। 26 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में इस समय 20,000 से कम सक्रिय मामले हैं। सात राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में सक्रिय मामलों की संख्या 20,000 से 50,000 के बीच है, जबकि महाराष्ट्र व केरल में यह संख्या 50,000 से ज्यादा है।
उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने भविष्य में होने वाले जल संकट के प्रति आगाह किया है। उनके अनुसार नीति आयोग ने कहा है कि वर्ष 2030 तक भारत में पीने के पानी की कमी पड़ जाएगी। उन्होंने स्थिति को चिंताजनक बताया है और कहा कि अब ‘चलता है’ वाले रवैए से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए समय है कि वे इस स्थिति की गंभीरता का एहसास करें और जल्द से जल्द पानी की बचत के उपाय अपनाएं। उन्होंने जल संरक्षण पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का आह्वान किया और प्रत्येक नागरिक से पानी की हर बूंद को बचाने के लिए जल योद्धा बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा पानी नहीं तो जिंदगानी नहीं।
न्यूज 18 और हार्पिक द्वारा आयोजित मिशन पानी के जल प्रतिज्ञा दिवस कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने बड़े जल संकट को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर उपलब्ध ताजा पानी के 3 प्रतिशत में से केवल 0.5 प्रतिशत पीने के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विश्व की आबादी से 18 प्रतिशत अधिक है, लेकिन भारत में दुनिया के नवीकरणीय जल संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत है।
उप राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 2.2 बिलियन लोगों की पहुंच सुरक्षित रूप से प्रबंधित पीने के पानी तक नहीं है। दुनिया के लगभग 4.2 बिलियन लोग या 55 प्रतिशत आबादी अभी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के बिना रह रही है।
महिलाओं और बच्चों पर पानी की कमी के प्रतिकूल प्रभावों की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं हर दिन 200 मिलियन से अधिक घंटे दूर के स्थानों से पानी लाने के लिए खर्च करती हैं। विश्व स्तर पर बच्चे अपनी माताओं के बोझ को साझा करते हुए प्रत्येक दिन 200 मिलियन घंटे खर्च करते हैं।
उप राष्ट्रपति ने जल संकट के कुछ कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि तेजी से शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक और कृषि गतिविधियों का विस्तार, बोरवेल की अंधाधुंध ड्रिलिंग, जलवायु परिवर्तन और पानी के लापरवाह उपयोग से पानी की कमी हो रही है। उन्होंने प्लास्टिक की थैलियों, डिटर्जेंट, मानव अपशिष्ट, कचरा और औद्योगिक अपशिष्टों से तालाबों, नदियों आदि की रक्षा करने का संकल्प लेने की अपील की।
जल संरक्षण पर जल आंदोलन के लिए हाल के आह्वान की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति ने पानी बचाने की दिशा में कई पहल करने के लिए केंद्र सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना, अटल भू-जल योजना, जल जीवन मिशन और जल शक्ति अभियान (जेएसए) प्रशंसनीय कदम हैं।
न्यूज 18 की पहल को बधाई देते हुए नायडू ने आशा व्यक्त की कि प्रत्येक समाचार चैनल, अखबार और मीडिया संगठन ऐसी पहल करें ताकि यह संदेश लोगों तक आसानी से पहुंचे। उन्होंने कहा कि सिनेमा, खेल, राजनीतिक, सामाजिक या अन्य क्षेत्रों की हस्तियां भी जल संरक्षण आंदोलन में हाथ बढ़ाएं।
नायडू ने पानी गान (Paani Anthem) रचना के लिए संगीतकार ए.आर. रहमान और गीत लिखने के लिए गीतकार व भारतीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी की प्रशंसा की। यहां बता दें कि हार्पिक-न्यूज़ 18 के मिशन पानी के तहत पानी गान तैयार किया गया है। इसे सुर दिया है अंतरा नंदी ने। यहां देखिए वीडियो –
कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, न्यूज़ 18 के प्रबंध संपादक किशोर अजवानी अधिकारी, शिक्षक और स्कूली बच्चे वर्चुअली शामिल हुए।
दो दिन तक गिरावट के बाद देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ें हैं। हालांकि, नए मामलों की तुलना में प्रतिदिन ठीक होने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने का ट्रेंड जारी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोविड-19 के 38,617 नए मामले सामने आए हैं। इससे पूर्व लगातार दो दिन तक नए मामलों की संख्या प्रतिदिन 30 हजार से नीचे थी।
पिछले 24 घंटों के दौरान 44,739 मरीज ठीक हुए हैं। इससे सक्रिय मामलों की संख्या में 6,122 कमी आ गई, जिससे अब देश में सक्रिय मामले 4,46,805 रह गए हैं। यानी सक्रिय मामलों का प्रतिशत 5.01 रह गया है।
कोरोना से ठीक होने वाले कुल मामले 83,35,109 हैं। इससे रिकवरी दर 93.52 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
रिकवरी के नए मामलों में से 74.98 प्रतिशत मामले दस राज्यों के हैं। केरल में कोविड से सबसे अधिक 6,620 व्यक्ति ठीक हुए हैं। महाराष्ट्र ने 5,123, दिल्ली ने 4,421 व पश्चिम बंगाल ने 4388 नई रिकवरी दर्ज की गई है।
नए मामलों में दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 6,396 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। केरल में 5,792, पश्चिम बंगाल में 3,654, महाराष्ट्र में 2732, हरियाणा में 2450, राजस्थान में 2194 नए मामले दर्ज किए गए।
पिछले 24 घंटों में 474 मौतें हुई हैं। इनमें 20.89 प्रतिशत मौतें दिल्ली से हुई हैं। यहां 99 मौतें हुई हैं। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में क्रमश: 68 और 52 नई मौतें हुई हैं। पंजाब में 30, केरल में 27 व हरियाणा में 25 कोरोना पॉजिटिव को जान से हाथ धोना पड़ा।
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। लगातार दूसरे दिन कोरोना के नये मामले 30,000 के आस-पास दर्ज किए गए हैं। पिछले 24 घंटों की बात करें तो देश में कोरोना के 29,163 मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह आंकड़ें जारी किए हैं।
मंत्रालय के अनुसार कोरोना के मामलों में यह गिरावट इस बात को दर्शाती है कि देश के लोगों ने कोरोना से बचने के लिए उपयुक्त व्यवहार को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। इसके विपरीत यूरोप व अमेरिकी देशों में प्रतिदिन कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
देश में कोरोना से प्रतिदिन ठीक होने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटों में जहां, 29,163 नये मामले दर्ज किए गए, वहीं इसी अवधि में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 40,791 दर्ज की गई।
सरकार ने पूरे देश में कोरोना जांच का उच्च स्तर लगातार बरकरार रखा है। मंगलवार तक कोरोना के कुल 12,65,42,907 परीक्षण किए जा चुके हैं। इसे मिलाकर कोरोना मामलों की कुल समग्र पॉजिटिविटी दर घटकर 7.01 प्रतिशत हो गई है।
देश में कोरोना के सक्रिय मामले (एक्टिव केस लोड) इस समय 4,53,401 है, जो कुल मामलों का मात्र 5.11 प्रतिशत है। अब तक कोरोना से 82,90,370 मरीज ठीक हो चुके हैं। रिकवरी दर बढ़कर 93.42 प्रतिशत हो गई है।
पिछले 24 घंटों में कोरोना से जितने मरीज ठीक हुए हैं, उनमें से 72.87 प्रतिशत मरीज दस प्रदेशों से हैं। केरल में सबसे अधिक लोग ठीक हुए हैं, जहां 6,567 पुष्ट मामले अब निगेटिव पाए गए हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 4376 मरीज प्रतिदिन ठीक हुए हैं और दिल्ली में यह आंकड़ा 3560 है।
कोरोना के नये मामलों में से 75.14 प्रतिशत भी दस राज्यों से हैं। दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही थी, लेकिन कल केवल 3,797 नये मामले दर्ज किए गए और पश्चिम बंगाल में 3012 मामले सामने आए थे। केरल में कोरोना के 2,710 नये मामले दर्ज किए गए।
कोरोना से पिछले 24 घंटों में 449 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 78.40 प्रतिशत मामले दस राज्यों और संघशासित प्रदेशों से हैं। मौतों के नये मामलों में दिल्ली में यह आंकड़ा 22.76 प्रतिशत है, जहां 99 मरीजों की मृत्यु हुई है। महाराष्ट्र में 60 तथा पश्चिम बंगाल में 53 मरीजों की मृत्यु हुई है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) ने अपनी टीम का विस्तार करते हुए विभिन्न प्रदेशों के प्रभारी का सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। उत्तराखंड का प्रभार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को सौंपी गई है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को उत्तराखंड का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को उत्तराखंड के अलावा पंजाब व चंडीगढ़ का प्रभार भी सौंपा गया है। गौतम ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। भाजपा में लम्बे समय तक विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। वे भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे हरियाणा से राज्यसभा सदस्य हैं।
उत्तराखंड की सह प्रभारी बनाई गईं रेखा वर्मा पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के साथ- साथ उत्तर प्रदेश की धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वर्ष 2014 में रेखा वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद को हराकर लोकसभा पहुंचीं। 2019 के चुनाव में भी रेखा ने वहीं इतिहास दोहराया। इस बार उनकी जीत का अंतर और बढ़ गया।
इसके साथ भूपेंद्र यादव को किसान मोर्चा, अरुण सिंह को अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा, दुष्यंत कुमार गौतम को महिला मोर्चा, तरुण चुग को युवा मोर्चा, डी. पुरंदेश्वरी को अल्पसंख्यक मोर्चा, सीटी रवि को अनुसूचित जाति मोर्चा और दिलीप सैकिया को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है।
देश में कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित मामलों की संख्या लगातार तीसरे दिन भी 5 लाख के स्तर से नीचे बनी रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि से सक्रिय मामलों में कमी आई है। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 4,84,547 है, इससे यह दर 5.5 प्रतिशत हो गई है।
पिछले 24 घंटों में 44,879 नए मामलों की तुलना में 49,079 मरीज ठीक हुए हैं। नए मामलों की तुलना में दैनिक स्तर पर उच्च सुधार की यह स्थिति आज 41वें दिन भी जारी रही।
संक्रमण से अब तक 81,15,580 लोग ठीक हो चुके हैं, जिससे संक्रमण से सुधार की दर 92.97 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही संक्रमित लोगों और ठीक होने वाले लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 76,31,033 हो गया है।
देश में कुल संक्रमित रोगियों में से 76.25 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में दैनिक स्तर पर नए मामलों की संख्या 7,053 रही। केरल में 5,537 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि महाराष्ट्र में 4,496 नए मामले आए हैं।
पिछले 24 घंटों में हुई 547 मौतों में से 80 प्रतिशत 10 राज्यों में दर्ज की गईं। महाराष्ट्र में 122, दिल्ली में 104 व पश्चिम बंगाल में 54 मौतें हुईं। केरल व तमिलनाडु में 25-25, पंजाब में 23, केरल व उत्तर प्रदेश में 21-21, छत्तीसगढ़ में 20 और हरियाणा में 19 मरीज संक्रमण के शिकार हुए।
बिहार (Bihar) विधान सभा चुनावों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में हुए उप चुनावों में कांग्रेस (Congress) की करारी हार को शायद पार्टी नेता पचा नहीं पा रहे हैं। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने बुधवार को जमकर अपनी भड़ास निकाली। सिलसिलेवार एक के बाद एक करीब दर्जन भर ट्वीट कर दिग्गी राजा ने नेहरु-गांधी परिवार के प्रति अपनी स्वामी भक्ति प्रदर्शित करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देश का एकमात्र ऐसा नेता करार दिया है, जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विरुद्ध भी आग उगली। यही नहीं उन्होंने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बेतुका सुझाव दिया है कि वो भाजपा का साथ छोड़ कर देश की राजनीति में सक्रिय हो जाएं और बिहार में तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दें। अपने ट्वीट के बाद दिग्गी राजा यूजर्स के निशाने पर आ गए और जम कर ट्रोल हो रहे हैं।
अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले दिग्गी राजा ने जिस अंदाज में ट्वीट किए हैं, उससे यह साफ़ लग रहा है कि वे बिहार विधान सभा चुनावों और मध्य प्रदेश उप चुनावों में कांग्रेस की करारी हार से सदमे में हैं। दिग्विजय जितने दुःखी कांग्रेस की हार से हैं, उससे अधिक भाजपा की जीत से लग रहे हैं। भाजपा की जीत के बहाने वो संघ पर निशाना साधने का मौका नहीं चूके और संघ को देश बांटने वाला बता दिया। दिग्विजय ने ट्वीट में कहा कि – ”मैं संघ की विचारधारा का घोर विरोधी हूँ क्योंकि वह भारत की सनातनी परंपराओं व सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत है। यह देश सबका है।” हालांकि, इस ट्वीट में उन्होंने संघ की इस बात के लिए सराहना भी की है कि ”वे अपने लक्ष्य और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करते।” साथ ही उन्होंने कहा की संघ केवल समाज को बांट कर राजनीति करता है।
दिग्विजय सिंह ने नेहरु-गांधी खानदान के प्रति पूरी निष्ठा जताई है और कहा कि – ”मुझे विश्वास है नेहरु-गांधी परिवार के नेतृत्व में हम जनता का विश्वास फिर जीतेंगे। भाजपा ‘जन बल’ को दबाने के लिए ‘धन बल’ का भरपूर उपयोग करेगी। लेकिन देश में भाजपा के नेतृत्व में गिरती अर्थव्यवस्था बड़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ गरीब मज़दूर किसान व वंचित वर्गों के साथ खड़ा होना पड़ेगा।” दिग्विजय ने राहुल गांधी को देश का ”एकमात्र” ऐसा नेता बताया है, जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने NDA के सहयोगी दलों को नसीहत देते हुए कहा है कि उन्हें समझना चाहिए राजनीति विचारधारा की होती है। जो भी व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षा के कारण विचारधारा को छोड़कर अपने स्वार्थ के लिए समझौता करता है, वह अधिक समय तक राजनीति में जिंदा नहीं रहता। इस क्रम में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे भाजपा का साथ छोड़ कर तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दें और नीतीश बिहार छोड़ कर देश की राजनीति में सक्रिय हों।
नीतीश कुमार को यह सलाह देते समय दिग्विजय सिंह उन्हें याद दिला रहे हैं कि – ”यही महात्मा गांधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूंगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा/संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।” नीतीश कुमार को यह ”याद” दिलाते समय दिग्विजय सिंह को शायद यह याद नहीं रहा कि जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार व तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ ही आंदोलन छेड़ा था। परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था। दिग्विजय सिंह के इस विवेकहीन तर्क पर किसी के भी पास हंसने के अलावा कोई अन्य विकल्प शायद ही होगा।
मध्य प्रदेश विधान सभा उप चुनावों के परिणामों का विश्लेषण करते हुए दिग्गी राजा गजब के तर्क देते हैं। मंगलवार को आए परिणामों में प्रदेश की 28 सीटों में से 19 भाजपा की झोली में गई और कांग्रेस को 9 पर ही संतुष्ट होना पड़ा था। इस पर दिग्विजय सिंह कहते हैं कि लोग समझते थे की ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस समाप्त हो जाएगी। पर नई कांग्रेस खड़ी हो गई। दिग्गी राजा के अर्थों में कहें तो मध्य प्रदेश में 28 में से 9 सीटें मिलने से नई कांग्रेस खड़ी हो गई। यानी दिग्विजय सिंह को इतनी सीटें भी मिलने की उम्मीद नहीं थी। इस ट्वीट से यह भी लग रहा है कि दिग्विजय को कांग्रेस की विजय-पराजय से अधिक मतलब सिंधिया को सबक सीखाने पर था। यहां यह भी बता दें की मध्य प्रदेश की ये 28 सीटें कांग्रेस के पास ही थीं। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर इन सभी विधायकों ने त्याग-पत्र दे दिए थे। जिन पर उप चुनाव हुए थे। बहरहाल, इन ट्वीट के कारण दिग्विजय ट्रोल हो रहे हैं।
केंद्र सरकार ने नेशनल हाइवेज पर टोल प्लाजा (Toll Plazas) पर लगने वाले जाम को कम करने लिए फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया है। देश में अगले वर्ष पहली जनवरी से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरुरी होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Union Ministry of Road Trasport & Highways) ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन डिवाइस (Electronic toll collection device) है, जो वाहन के विंडशील्ड पर लगाई जाती है। इससे वाहन चालक को टोल प्लाजा पर रुकने की जरुरत नहीं पड़ती है। टोल शुल्क का भुगतान सीधे प्रीपेड वॉलेट या उससे जुड़े बैंक खाते से काट लिया जाता है। टोल प्लाजा पर कैश हैंडलिंग और जाम की समस्या से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार ने एक दिसंबर 2017 से नए चार पहिया वाहनों के सभी तरह के पंजीकरण के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था। साथ ही यह अनिवार्य किया गया था कि परिवहन वाहनों के लिए फास्टैग लगने के बाद ही फिटनेस प्रमाणपत्र का नवीनीकरण किया जाएगा।
इसके अलावा राष्ट्रीय परमिट वाहनों के लिए भी एक अक्टूबर, 2019 से फास्टैग चिपकाना अनिवार्य कर दिया गया था। अब वर्ष 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग जरुरी कर दिया गया है। साथ ही फॉर्म 51 (बीमा का प्रमाण पत्र) में संशोधन के जरिए यह भी तय कर दिया गया है कि थर्ड पार्टी बीमा लेते समय वैध फास्टैग का होना अनिवार्य है। इसमें फास्टैग आईडी का ब्यौरा शामिल होगा। यह एक अप्रैल, 2021 से लागू होगा।
मंत्रालय ने कहा है कि यह अधिसूचना टोल प्लाजा पर केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शुल्क के शत-प्रतिशत भुगतान को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे टोल प्लाजा से वाहन बिना किसी रुकावट गुजर सकेंगे। वाहनों को प्लाजा पर इंतजार नहीं करना होगा और ईंधन की बचत होगी। फास्टैग की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। इन्हें विभिन्न स्थानों पर और ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि लोग अपनी सुविधा के अनुसार दो महीने के भीतर अपने वाहन पर फास्टैग लगा सके।