देशभर में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System, TPDS)में प्रौद्योगिकी का प्रयोग और इसके आधुनिकीकरण से एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वर्ष 2013 से 2020 की अवधि तक देशभर में लगभग 4.39 करोड़ अपात्र अथवा फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए।
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food & Public Distribution) द्वारा शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने के लिए एक लक्षित अभियान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act, NFSA) को लागू करने की तैयारी की। इस दौरान पीडीएस को आधुनिक बनाने और इसके परिचालन में पादर्शिता व कुशलता लाने का प्रयास किया गया। राशन कार्ड और लाभार्थियों के डाटाबेस का डिजिटाइजेशन किया गया। उन्हें आधार से जोड़ कर अपात्र व फर्जी राशन कार्डों की पहचान की गई है।
इस क्रम में डिजिटाइज किए गए डाटा से दोहराव को रोकने के साथ-साथ कई लाभार्थियों के अन्यत्र चले जाने अथवा मौत हो जाने के मामलों की पहचान की गई। केंद्र सरकार की इस कवायद के बाद राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने वर्ष 2013 से 2020 तक की अवधि में देश में कुल करीब 4.39 करोड़ अपात्र अथवा फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया है।
सरकारी वक्तव्य के अनुसार NFSA कवरेज के तहत जारी किया जा रहा कोटा, संबंधित प्रदेश सरकारों द्वारा नियमित रूप से लाभार्थियों की ‘सही पहचान’ कर पहुंचाया जा रहा है। NFSA के तहत पात्र लाभार्थियों व परिवारों को शामिल करने और उन्हें नए राशन कार्ड जारी करने का काम जारी है। यह कार्य NFSA के तहत प्रत्येक राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश के लिए परिभाषित सीमा के भीतर किया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा NFSA के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप देश की जनसंख्या का दो तिहाई है। केन्द्र द्वारा हर माह बेहद रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से क्रमशः चावल, गेहूं और अन्य मोटा अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारत कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों रोगियों की संख्या में वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष पर बना हुआ है। कुल स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा सोमवार को 75,44,798 को पार कर गया। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस से 53,285 लोग स्वस्थ हुए हैं। सक्रिय मामलों में भी लगातार कमी दर्ज की जा रही है। वर्तमान में देश में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या 5,61,908 है। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 45,321 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 496 मरीजों की मौत हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के सक्रिय मामले कुल पॉजिटिव मामलों के सिर्फ 6.83 प्रतिशत ही हैं। सिर्फ दो महीने की अवधि के दौरान, सक्रिय मामलों के प्रतिशत में 3 गुना से अधिक की कमी देखी गई है। 3 सितंबर को सक्रिय मामलों का प्रतिशत 21.16 था।
भारत ने जनवरी 2020 से कोविड-19 के संचयी परीक्षणों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की है। इस विस्तारित परीक्षण से शीघ्र पहचान और फिर उचित उपचार करने में मदद मिलती है। इसके बाद कुल परीक्षणों की संख्या सोमवार को 11 करोड़ (11,07,43,103) का आंकड़ा पार कर गया है। देश की परीक्षण क्षमता 2037 प्रयोगशालाओं के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है
पिछले 24 घंटे के दौरान 78 प्रतिशत स्वस्थ होने वाले सिर्फ 10 राज्यों से हैं। केरल और कर्नाटक में सबसे ज्यादा 8000-8000 से ज्यादा मरीज एक दिन में स्वस्थ हुए हैं, जबकि इसके बाद दिल्ली तथा पश्चिम बंगाल में 4000-4000 से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं।
देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 45,321 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 80 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों में ही सामने आए हैं। केरल में एक दिन में सबसे अधिक 7,025 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि उसके बाद दिल्ली और महाराष्ट्र में 5000-5000 से अधिक नए मामले सामने आए।
पिछले 24 घंटे के दौरान हुई 496 मौतों में से 82 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों से संबद्ध हैं। 113 मरीजों यानि 22 प्रतिशत की मौत के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक एक दिन में मौत दर्ज की गई। वहीं पश्चिम बंगाल में 59 मरीजों की मौत हुई है।
भाजपा (BJP) ने नवम्बर माह में रिक्त होने वाली उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 10 में से 8 और उत्तराखंड (Uttarakhand) की 1 राज्यसभा (Rajyasabha) सीट के लिए सोमवार को अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को दुबारा प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा हरिद्वार दुबे, बृज लाल, गीता शाक्य, बी एल वर्मा व सीमा द्विवेदी को प्रत्याशी घोषित किया है। उत्तराखंड की एक मात्र सीट के लिए नरेश बंसल को प्रत्याशी बनाया गया है।
उत्तराखंड से प्रत्याशी बनाए गए नरेश बंसल प्रदेश भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके हैं। बंसल पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) के अलावा विगत लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे प्रदेश सरकार में बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि 25 नवम्बर को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से राज्य सभा के 11 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, समाजवादी पार्टी के राम रामगोपाल यादव जैसे दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तराखंड से फिल्म अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत होने वाले अन्य सदस्यों में डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, नीरज शेखर, रवि प्रकाश वर्मा, राजा राम व वीर सिंह शामिल हैं।
वर्तमान में इन सीटों में से उत्तराखंड की एकमात्र सीट कांग्रेस के कब्जे में है, जबकि उत्तर प्रदेश की 4 समाजवादी पार्टी, 3 भाजपा, 2 बसपा व 1 कांग्रेस के पास हैं। उत्तराखंड की एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रक्रिया औपचारिकता भर है। भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन तय है। संख्या बल के आधार पर उत्तर प्रदेश की 10 में से 8 सीटों पर भाजपा का कब्जा सुनिश्चित है। एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकती है। इसके लिए समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता प्रो. रामगोपाल यादव को अपना प्रत्याशी घोषित पहले ही कर दिया था।
इन चुनावों के बाद राज्यसभा में भाजपा की ताकत बढ़ना तय है। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में वर्तमान में भाजपा के 87 सांसद हैं। ऐसे में नवंबर में में हो रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा को यदि 11 में से 9 सीटें मिल गईं, तो उसकी संख्या 96 तक पहुंच जाएगी। एनडीए (NDA) के सदस्यों की संख्या जोड़ कर भाजपा राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े को आसानी से छू लेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने इन द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की थी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर है। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और 2 नवम्बर नाम वापसी की अंतिम तिथि रहेगी। यदि आवश्यक होगा तो मतदान 9 नवम्बर को प्रातः 9 बजे से 4 बजे तक होगा और मतपत्रों की गिनती भी उसी दिन होगी। 11 नवम्बर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदान के समय बैलेट पेपर पर वरीयता (अंक) को चिह्नित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए गए एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही उपयोग किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में मतदाता दूसरे किसी पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव व रोकथाम के निर्देशों का पालन कराने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करें। आयोग ने इसके लिए विस्तृत निर्देश पूर्व में भी जारी किए हैं। आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के रुप में तैनात किया है।
पंजाब में विजयादशमी पर कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किए जाने पर भाजपा खासे गुस्से में है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को सिलसिलेवार एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस व राहुल गांधी पर ताबड़तोड़ वार किए। उन्होंने कहा बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है, तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है।
नड्डा ने कहा कि पंजाब में जो कुछ भी हो रहा है वह राहुल गांधी के इशारों पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाने का शर्मनाक ड्रामा राहुल गांधी के द्वारा निर्देशित है, लेकिन यह अनपेक्षित नहीं है। कांग्रेस से यही उम्मीद की जा सकती है। नेहरु-गांधी खानदान ने कभी भी प्रधानमंत्री पद और प्रधानमंत्री के कार्यालय की गरिमा का सम्मान नहीं किया है। 2004-2014 के बीच भी ऐसा ही देखने को मिला था, जब कांग्रेस की यूपीए सरकार के शासनकाल में प्रधानमंत्री पद को संस्थागत तरीके से कमजोर किया गया था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि निराशा और बेशर्मी का गठजोड़ काफी खतरनाक होता है। कांग्रेस के पास ये दोनों ही है। जहां पार्टी में बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है, तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है। यह पार्टी के दोयम दर्जे और दोहरे रवैये को दिखाता है।
उन्होंने आगे कहा, यदि देश में कोई एक पार्टी है जिसका आचरण घृणा और नफरत का है तो वह केवल और केवल कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस शासित राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलितों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों पर अत्याचार सबसे चरम पर है। राजस्थान के साथ-साथ पंजाब में भी महिलाएं असुरक्षित हैं। पंजाब में मंत्री छात्रवृत्ति घोटाले कर रहे हैं।
नड्डा ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर कांग्रेस कभी भी दूसरों पर दबाव नहीं बना सकती। कांग्रेस का आवाज दबाने का दशकों से इतिहास रहा है। इसे हमने आपातकाल के दौरान भी देखा। इसके बाद राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने भी प्रेस की आजादी को कमजोर करने का प्रयास किया। स्वतंत्र मीडिया सदैव ही कांग्रेस को चुभती है। अगर कोई क्रूर राज्य शक्ति के इस्तेमाल की प्रयोगशाला को देखना चाहता है, तो वह कांग्रेस के आशीर्वाद से चलने वाली महाराष्ट्र सरकार को देखे, जहां विपक्ष को परेशान किया जा रहा और बोलने की आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है। राज्य चलाना छोड़कर महाराष्ट्र सरकार सब कुछ कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गरीबी में जन्म लेने के बाद देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले महान शख्सियत के प्रति एक खानदान और वंश की गहरी नफरत जितना ऐतिहासिक है, उतना ही ऐतिहासिक है भारत के लोगों का प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपार प्यार, समर्थन और आशीर्वाद। जितना ही कांग्रेस झूठ बोलेगी और जितनी ही इनकी नफरत बढ़ेगी, उतना ही और अधिक लोग प्रधानमंत्री मोदी को चाहेंगे और उनका समर्थन करेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Dobhal) नवरात्री के अवसर पर शनिवार को पत्नी अनु डोभाल के साथ उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे। गांव में उन्होंने अपनी कुल देवी मां बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना की और गांव के लोगों के हालचाल पूछे।
डोभाल रविवार की शाम मंडल मुख्यालय पौड़ी पहुंचे थे। सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद शनिवार सुबह वे गांव गए। गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। गांव में सबसे पहले उन्होंने काफी देर तक अपनी कुल देवी मां बाल कुंवारी के मंदिर में पूजा-अर्चना की।
पूजा-अर्चना के बाद डोभाल अपने अलग अंदाज में गांव के लोगों से मिले और उनकी कुशल-क्षेम पूछी। अपनी मातृभाषा गढ़वाली में बातचीत की। सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी। साथ ही गांव वालों को दीपावली की मिठाई व उपहार भी बांटे। बाद में वे दिल्ली के लिए वापस रवाना हो गए।
इससे पहले रविवार को पौड़ी जाते समय डोभाल प्रसिद्ध सिद्धपीठ ज्वाल्पा देवी के मंदिर में भी कुछ देर के लिए रुके थे। वहां उन्होंने पूजा की। इस अवसर पर स्थानीय पुजारियों के अलावा प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री पं.राजेंद्र अंथवाल आदि ने उनका स्वागत किया।
पौड़ी में सर्किट हाउस में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, विधायक मुकेश कोली आदि ने डोभाल का स्वागत किया और उनसे भेंट की। डोभाल का यह पूरी तरह से निजी भ्रमण था। वे सड़क मार्ग से ही दिल्ली से आये थे। लिहाजा, उनके दौरे को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे।
गुरूवार को देश के चर्चित व ताकतवर व्यक्तित्वों में शुमार किए जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का जन्मदिन था। स्वाभाविक है कि उनको जन्मदिन की बधाई देने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता था। अमित शाह को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार के मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री समेत खेल व फिल्म जगत की जानीमानी हस्तियां शामिल रहीं। जन्मदिन के कारण अमित शाह ट्वीटर पर ट्रेंड करते रहे। समर्थक अमित शाह को ‘आधुनिक भारत का चाणक्य’ से लेकर Iron man of New India (नए भारत का लोह पुरुष) आदि जैसी तमाम उपमाओं से नवाज रहे थे। बड़ी संख्या में समर्थकों ने धारा-370 को हटाने को लेकर उनकी चर्चा की और उन्हें दृढ़ निश्चयी राजनेता बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा पूरा राष्ट्र देख रहा समपर्ण व उत्कृष्ट योगदान को
अमित शाह को जन्मदिन की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा – ‘श्री अमित शाह जी को जन्मदिन की बधाई। हमारा राष्ट्र उस समर्पण और उत्कृष्टता को देख रहा है जिसके साथ आप भारत की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। भाजपा को मजबूत बनाने के आपके प्रयास भी उल्लेखनीय हैं। ईश्वर आपको लंबे समय तक देश की सेवा करने और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद दे।’
शाह को बधाई देने वाली प्रमुख हस्तियों में ये रहे शामिल
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, अभिनेता अनुपम खेर, कंगना रनौत, रितेश देशमुख, क्रिकेटर सुरेश रैना, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, संगीतकार अमजद अली खान आदि ने ट्वीट कर अमित शाह को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।
बूथ के पोलिंग एजेंट से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
‘चाणक्य’ के रुप में चर्चित अमित शाह लीक से हटकर चलने में विश्वास रखते हैं। बायो कैमेस्ट्री में स्नातक शाह छात्र जीवन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। भाजपा में उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत अहमदाबाद में एक बूथ के पोलिंग एजेंट के रूप में हुई।
एक भी चुनाव नहीं हारे
मात्र 31 वर्ष की आयु में वे गुजरात की सरखेज विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए। राजनीति में ऐसा दुर्लभ होता है कि कोई व्यक्ति एक क्षेत्र से लगातार चार-पांच बार विजयी हो और हर बार जीत का अंतर व मत प्रतिशत बढ़ता जाए। शाह ने यह रिकॉर्ड कायम किया है। सरखेज विधानसभा से चार बार चुनाव जीतने वाले शाह अपना पिछला रिकार्ड तोड़ते गए।
सोहराबुद्दीन व इशरत जहॉ मुठभेड़ मामले में फंसे
गुजरात में शाह की सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि सहकारी आंदोलन में कॉग्रेसी किले को ध्वस्त करना रहा है। राजनीतिक क्षितिज पर धुमकेतु की तरह उभरे शाह के कॅरियर पर कांग्रेस ने सोहराबुद्दीन व इशरत जहॉ मुठभेड़ मामलों को लेकर ग्रहण लगाने का षडयंत्र रचा। मगर झूठ के पॉव नहीं होते, वो जल्दी लड़खड़ा जाता है। कोर्ट ने उन्हें ससम्मान बरी किया।
2014 के लोकसभा चुनाव में देश ने जाना शाह का करिश्माई व्यक्तित्व
राष्ट्रीय राजनीति में उनके करिश्माई व्यक्तित्व से लोग 2014 के लोकसभा चुनावों में रुबरू हुए, जब पार्टी ने उत्तर प्रदेश नें 80 में से 73 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की। वो लगातार अपनी सांगठनिक व प्रबंधकीय क्षमता का लोहा मनवाते रहे। जुलाई 2014 में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने संगठन में कई नए प्रयोग किए।
गृह मंत्री के रूप में दिखाए मजबूत इरादे
2019 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ा और मोदी सरकार में गृह मंत्री नियुक्त हुए। गृह मंत्री के रूप में भी अमित शाह ने ऐतिहासिक पारी खेली। जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने का मामला रहा हो या नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) अमित शाह ने हर मुद्दे पर अपने मजबूत इरादों की छाप छोड़ी है।
देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में लगातार आ रही गिरावट का रुख बिना रूके जारी है। पिछले तीन दिनों में सक्रिय मामले कुल मामलों के 10 प्रतिशत से भी कम पर कायम हैं। इससे पता चलता है कि देश भर में कोविड-19 रोगियों के 10 मामलों में से सिर्फ एक ही सक्रिय मामला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक अधिकृत विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में देश के कुल पॉजिटिव मामलों में से सिर्फ 9.29 प्रतिशत मामले सक्रिय हैं जो कि 7,15,812 हैं।
देश ने एक अन्य मील का पत्थर हासिल किया है। पिछले तीन दिनों में पॉजिटिव मामलों की दर 5 प्रतिशत से लगातार नीचे बनी हुई है। इससे यह पता चलता है कि केन्द्र तथा राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की केन्द्रित रणनीति और कार्रवाई के चलते संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी लगाम लगाने में मदद मिली है। प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की संख्या 3.8 प्रतिशत पर आ गई है।
प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की दर में आ रही गिरावट को सक्रिय मामलों में आ रही गिरावट से भी मापा जा सकता है जो कि 7.5 लाख (7,15,812) से नीचे बनी हुई है।
ठीक हुए रोगियों के कुल मामले 69 लाख के आसपास (68,74,518) हैं। सक्रिय मामलों और ठीक हुए मामलों के बीच का अंतर लगातार बढ़ रहा है और यह आज 61,58,706 पर आ गया है।
पिछले 24 घंटों में 79,415 रोगी ठीक हुए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 55,839 नए पुष्ट मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय रिकवरी रेट (ठीक हुए मामले) बढ़कर 89.20 प्रतिशत हो गया है।
ठीक हुए रोगियों के 81 प्रतिशत नए मामले 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में 23,000 से ज्यादा रोगी ठीक हुए हैं।
पिछले 24 घंटों में कुल नए पुष्ट मामले 55,839 सामने आए हैं। इनमें से 78 प्रतिशत 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र और केरल अभी भी बड़ी संख्या में नए मामले दर्ज कर रहे हैं जो कि प्रत्येक में 8,000 से ज्यादा है। इसके बाद, कर्नाटक ने 5,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।
पिछले 24 घंटों में 702 मामलों में मरीजों की मौत हुई है। इनमें से करीब 82 प्रतिशत इन 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र से 25 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में रोगी की मौत दर्ज की गईं हैं (180 मौतें)।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को कांग्रेस ने अपने 49 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम मोतिहारी के गोविंदगंज सीट से घोषित प्रत्यासी ब्रजेश पांडेय का है। ब्रजेश पांडेय एनडीटीवी के चर्चित पत्रकार रवीश कुमार के सगे बड़े भाई हैं। ब्रजेश का परिचय केवल इतना ही नहीं है। वो बिहार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 2015 में भी वो विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और हार गए थे। ब्रजेश पांडेय तब चर्चाओं में आये थे, जब एक दलित नाबालिक लड़की ने उन पर यौन शोषण और सेक्स रेकैट चलने का आरोप लगाया था।
वर्ष 2017 में बिहार कांग्रेस के एक अनुसूचित जाती के नेता की नाबालिग बेटी ने ब्रजेश पांडेय व एक पूर्व आइएएस अधिकारी के बेटे निखिल प्रियदर्शी पर यौन शोषण व सेक्स रैकेट संचालित करने का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद बिहार की राजनीती में भूचाल आ गया था। ब्रजेश पर लगे आरोपों के बाद कांग्रेस ने उनसे दूरी बना ली थी। ब्रजेश ने पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया था। सोशल मीडिया में इस मामले को लेकर जबरदस्त हलचल रही। सोशल मीडिया में लोगों ने इस मुद्दे पर ब्रजेश के छोटे भाई व पत्रकार रवीश कुमार पर भी जम कर निशाना साधा और सवालों की बौछार कर दी। लोगों ने रविश कुमार से मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने को कहा। प्राइम टाइम में डिबेट करने की मांग उठाई।
सोशल मीडिया में तब यह भी आरोप लगते रहे कि रवीश कुमार के प्रभाव के चलते मुख्यधारा के मीडिया ने इस समाचार को छिपा दिया। कोर्ट में ब्रजेश पांडेय के बचाव में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल जैसे वकीलों की टीम उतरी थी। बहरहाल, गुरुवार को बिहार कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद एक बार फिर यह प्रकरण सोशल मीडिया पर चर्चाओं में है। यूजर्स हाथरस प्रकरण को लेकर हो-हल्ला मचाने वाली कांग्रेस के साथ-साथ रवीश कुमार को भी इस मुद्दे पर निशाने पर ले रहे हैं।
नवम्बर में उत्तर प्रदेश की 10 और उत्तराखंड की खाली होने वाली 1 राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने कार्यक्रम घोषित कर दिया है। राज्य सभा के द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना होगी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर, मतदान की तिथि 9 नवंबर और 11 नवंबर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 25 नवम्बर को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से राज्य सभा के 11 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया, अरुण सिंह, राम रामगोपाल यादव जैसे दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तराखंड से फिल्म अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत होने वाले अन्य सदस्यों में डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, नीरज शेखर, रवि प्रकाश वर्मा, राजा राम व वीर सिंह शामिल हैं।
भारत निर्वाचन आयोग के अवर सचिव प्रफुल्ल अवस्थी द्वारा जारी बयान में जानकारी दी गई है कि इन द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर होगी। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और 2 नवम्बर नाम वापसी की अंतिम तिथि रहेगी। यदि आवश्यक होगा तो मतदान 9 नवम्बर को प्रातः 9 बजे से 4 बजे तक होगा और मतपत्रों की गिनती भी उसी दिन होगी। 11 नवम्बर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदान के समय बैलेट पेपर पर वरीयता (अंक) को चिह्नित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए गए एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही उपयोग किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में मतदाता दूसरे किसी पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव व रोकथाम के निर्देशों का पालन कराने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करें। आयोग ने इसके लिए विस्तृत निर्देश पूर्व में भी जारी किये हैं। आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ किया। मोदी ने छः राज्यों हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 763 गांवो 1 लाख ग्रामीणों को प्रोपर्टी कार्ड वितरित किए। इनमें उत्तराखण्ड के 50 गांवों के 6800 लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कुछ लाभार्थियों से बात भी की।
गोदा गांव के सुरेश ने कही अपनी बात
उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल के विकास खण्ड खिर्सू के ग्राम गोदा के सुरेश चंद्र को भी प्रधानमंत्री के सम्मुख अपनी बात रखने का अवसर मिला। सुरेश ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता से सम्पन्न हुई है। इसमें किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। प्रापर्टी के कागज मिलने से अब बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। सुरेश ने बताया कि उनके गांव से चौखम्भा आदि हिमालयी पर्वत शिखरों के दर्शन होते हैं और निकट ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं। गांव के लोग प्रापर्टी कार्ड मिलने के बाद अपने घरों में होम स्टे बनाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री को दिए यह निर्देश
प्रधानमंत्री ने सुरेश को बधाई देते हुए कहा कि वे स्वयं उत्तराखण्ड के हिमालय क्षेत्र में काफी रहे हैं। उन्होंने सुरेश से कहा कि उनका गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। सुरेश भाग्यशाली हैं कि वे ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां से पवित्र पर्वतों के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि उनका गांव लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने सुरेश के साथ में कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत से कहा कि कहा कि होम स्टे के फोटोग्राफ, कान्टेक्ट नम्बर सहित सारा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध हो, ताकि पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को जानकारी मिल सके। इससे होम स्टे का काम बढ़िया तरीके से आगे बढ़ सकता है।
गांवों में होगा ऐतिहासिक बदलाव
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अब लाभार्थियों के पास अपने घरों के मालिक होने का एक कानूनी दस्तावेज होगा। यह योजना देश के गांवों में ऐतिहासिक बदलाव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि देश ने एक अति महत्वाकांक्षी भारत की ओर एक और बड़ा कदम उठाया है, क्योंकि इस योजना से ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
अगले 3-4 वर्षों में सबको मिलेगा संपत्ति कार्ड
उन्होंने कहा कि हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एक लाख लाभार्थियों को आज उनके घरों के कानूनी कागजात सौंप दिए गए हैं और अगले तीन-चार वर्षों में देश के प्रत्येक गांव में हर परिवार को ऐसे संपत्ति कार्ड देने का वादा किया।
विपक्ष की आलोचना
विपक्ष की आलोचना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग नहीं चाहते हैं कि हमारे किसान आत्मनिर्भर बनें, उन्हें कृषि क्षेत्र में सुधारों से समस्याएं हैं। छोटे किसानों, गौपालकों और मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड शुरू करने से दलालों और बिचौलियों को परेशानी हो रही है, क्योंकि उनकी अवैध आय रुक गई है।
गांव तथा गरीबों की आत्मनिर्भरता के लिए अभियान जारी
उन्होंने यूरिया की नीम कोटिंग, किसानों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण इत्यादि पहलों के बारे में भी बताया, जो भ्रष्टाचार को रोकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित लोग आज कृषि सुधारों के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के कारण देश में विकास रुकने वाला नहीं है और गांव तथा गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस संकल्प की सिद्धि के लिए स्वामित्व योजना की भूमिका भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय पंचायतराज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री अलग-अलग स्थानों से कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।