एनडीए में पेशवा बाजीराव की प्रतिमा का भव्य अनावरण
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर शाह ने दी सुरक्षा व्यवस्था पर नसीहत
पुणे। पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश की संप्रभुता की रक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं और नेतृत्व हर चुनौती का सामना करने को तत्पर हैं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए इसे स्वराज की रक्षा का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया।
एनडीए में मराठा योद्धा और महान रणनीतिकार पेशवा बाजीराव प्रथम की घुड़सवार प्रतिमा का अनावरण करते हुए शाह ने कहा कि शिवाजी और बाजीराव जैसे योद्धाओं से आज भी प्रेरणा मिलती है। “विपरीत परिस्थितियों में भी स्वराज स्थापित करने की उनकी दृढ़ता हमें आज भी देश की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी निभाने की सीख देती है,”
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र, कहा – भारत की तैयारी पर कोई सवाल नहीं
शाह ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर की ओर इशारा करते हुए कहा, “स्वराज की स्थापना के लिए हमने पहले भी संघर्ष किया है और उसकी रक्षा के लिए आगे भी पीछे नहीं हटेंगे। ऑपरेशन सिंदूर से यह साफ हो गया है कि भारत किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।”
बाजीराव को दी श्रद्धांजलि, कहा– 40 वर्षों में रच दिया इतिहास
कार्यक्रम के दौरान शाह ने पेशवा बाजीराव प्रथम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अगर शिवाजी महाराज द्वारा शुरू की गई स्वतंत्रता की लड़ाई को पेशवाओं ने आगे न बढ़ाया होता, तो भारत की सांस्कृतिक पहचान बचाना मुश्किल हो जाता। “अपने छोटे से जीवनकाल में बाजीराव ने जो इतिहास रचा, वह आज भी प्रेरणा है,”
एनडीए कैडेट्स से मुलाकात, देश की रक्षा में युवाओं की भूमिका पर जोर
इस मौके पर अमित शाह ने एनडीए कैडेट्स से बातचीत की और उन्हें राष्ट्र रक्षा की जिम्मेदारी को गर्व और समर्पण के साथ निभाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाजीराव जैसे महान योद्धा की प्रतिमा यहां होना एक प्रेरणादायक प्रतीक है, जो भविष्य के सैन्य नेतृत्व को दिशा देगा।
बचाव कार्यों की समीक्षा कर कहा– हरसंभव मदद को तैयार है केंद्र सरकार
नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश और उससे उत्पन्न संकट के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपदा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर हालात की जानकारी ली है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
देशभर में भारी बारिश और उससे उत्पन्न संकट के चलते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की और हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
शाह ने एक ट्वीट में कहा, “देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर प्रभावित राज्यों से बात की है। जरूरतमंद क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं और आवश्यकतानुसार और बल भी भेजे जाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से हर जरूरी सहयोग दिया जाएगा।”
मुरथल से लौट रहे थे युवक, डिवाइडर से टकराकर ट्रक से भिड़ी स्कॉर्पियो, एक की हालत गंभीर
हरियाणा। सोनीपत के जीटी रोड पर देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन युवकों की जान चली गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। तेज रफ्तार स्कॉर्पियो पहले डिवाइडर से टकराई और फिर पलटकर सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। सभी युवक बर्थडे पार्टी के बाद लौट रहे थे।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के गांव बिनोली निवासी 28 वर्षीय प्रिंस ने 2 जुलाई को घर पर जन्मदिन मनाया था। गुरुवार को उसने अपने दोस्तों को मुरथल के एक ढाबे पर पार्टी देने के लिए आमंत्रित किया। पार्टी के बाद देर रात लौटते समय उसकी स्कॉर्पियो जीटी रोड सेक्टर-7 फ्लाईओवर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
प्रिंस के साथ उसके चचेरे भाई आदित्य (25), दोस्त विशाल (24) और सिरसली गांव निवासी सचिन भी सवार थे। रात करीब साढ़े 11 बजे तेज रफ्तार में चल रही स्कॉर्पियो अचानक डिवाइडर से टकरा गई, पलटते हुए सड़क की दूसरी ओर पहुंची, जहां सामने से आ रहे ट्रक ने उसमें जबरदस्त टक्कर मार दी।
इस हादसे में प्रिंस, आदित्य और सचिन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि विशाल गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घायल को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि मृतक सचिन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था और दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। हादसे से पीड़ित परिवारों में मातम पसरा हुआ है। फिलहाल पुलिस दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है।
दिग्विजय सिंह और एसटी हसन के बयानों पर भाजपा ने किया तीखा पलटवार
नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा के साथ एक बार फिर देश की सियासत गर्मा गई है। यात्रा के दौरान कुछ घटनाओं को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयानों पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने यात्रा में ‘नफरत फैलाने’ की आशंका जताई, जबकि समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने धार्मिक पहचान पूछे जाने की घटनाओं की तुलना ‘आतंकवाद’ से कर दी। इन बयानों को भाजपा ने हिंदू आस्था का अपमान बताया है।
दिग्विजय सिंह और एसटी हसन के बयान बने सियासत का केंद्र
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकारें अगर कांवड़ यात्रा के लिए सुविधाएं देती हैं तो यह स्वागत योग्य है, लेकिन जब इसका इस्तेमाल किसी समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए किया जाए तो यह चिंताजनक हो जाता है। उन्होंने कहा, “किसी भी सभ्य समाज में नफरत फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।”
वहीं, एसटी हसन ने दावा किया कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ दुकानदारों और होटल कर्मचारियों की धार्मिक पहचान पूछी जा रही है। उन्होंने इसे ‘धार्मिक आतंकवाद’ जैसा बताते हुए कहा, “धर्म पूछकर कपड़े उतरवाना या नाम पूछना, यह वैसा ही है जैसा आतंकवादी करते हैं।”
भाजपा का कड़ा पलटवार
भाजपा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इन बयानों को हिंदू विरोधी मानसिकता करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वही सोच है जिसमें ओसामा बिन लादेन को ‘ओसामा जी’, और हाफिज सईद को ‘हाफिज साहब’ कहा जाता है, जबकि कांवड़ यात्रा में ही इन्हें सांप्रदायिकता नजर आती है। त्रिवेदी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ‘डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ जैसी बैठकों में शामिल होते हैं और कांग्रेस की सोच उसी दिशा में जा रही है।
एसटी हसन ने राज्य सरकार पर लगाए आरोप
एसटी हसन ने उत्तराखंड सरकार पर आरोप लगाया कि वह इन घटनाओं पर आंखें मूंदे बैठी है और अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें समर्थन दे रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
हर साल बनता है राजनीतिक मुद्दा
हर साल सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी आम बात हो गई है। जहां भाजपा और हिंदू संगठन इसे श्रद्धा और आस्था का पर्व मानते हैं, वहीं विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का माध्यम बताकर आलोचना करता है। इस बार भी स्थिति कुछ अलग नहीं है।
डाबर च्यवनप्राश की छवि खराब करने के आरोप पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
नई दिल्ली — दिल्ली हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ कथित अपमानजनक विज्ञापन चलाने से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की एकल पीठ ने डाबर की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी किया।
डाबर की याचिका में आरोप लगाया गया था कि पतंजलि का “स्पेशल च्यवनप्राश” विज्ञापन न सिर्फ उनके उत्पाद बल्कि सभी अन्य ब्रांड्स के च्यवनप्राश को “साधारण” और “गैर-प्रामाणिक” दिखाने का प्रयास कर रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि विज्ञापन में यह दावा किया गया है कि “किसी अन्य निर्माता को च्यवनप्राश बनाने का ज्ञान नहीं है”, जो सीधे तौर पर डाबर सहित अन्य कंपनियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
डाबर की ओर से पेश अधिवक्ता जवाहर लाला और मेघना कुमार ने दलील दी कि पतंजलि के विज्ञापन में किए गए दावे न केवल भ्रामक हैं, बल्कि आयुर्वेदिक औषधियों को लेकर उपभोक्ताओं में गलतफहमी पैदा कर सकते हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को तय की है।
पुराने विवादों का सिलसिला
यह पहला मौका नहीं है जब पतंजलि भ्रामक विज्ञापन को लेकर अदालत के घेरे में आई हो। अगस्त 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पतंजलि कोविड समेत अन्य बीमारियों के इलाज के झूठे दावे कर रही है।
नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को भ्रामक प्रचार पर रोक लगाने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने विज्ञापन प्रसारण जारी रखा। फरवरी 2024 में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से तलब किया। मार्च-अप्रैल में अवमानना की चेतावनी के बाद अंततः 2025 में दोनों ने माफीनामा दाखिल किया, जिसके बाद मामला समाप्त हुआ।
शरबत विवाद में भी अदालत की फटकार
इससे पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की ‘शरबत जिहाद’ संबंधी टिप्पणी पर कड़ी नाराजगी जताई थी। हमदर्द कंपनी के शरबत को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के चलते कोर्ट ने उन्हें भविष्य में ऐसे किसी भी बयान या वीडियो से बचने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि “रामदेव किसी के नियंत्रण में नहीं हैं और अपनी ही दुनिया में रहते हैं।”
अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के प्रस्ताव पर भारत की ओर से कूटनीतिक संवाद जारी
नई दिल्ली/वॉशिंगटन। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं, जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा प्रस्तावित रूस प्रतिबंध विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत इस विधेयक के संभावित प्रभावों को लेकर सजग है और भारतीय दूतावास इस संबंध में अमेरिकी सांसदों से लगातार संपर्क में है।
जयशंकर ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा एक प्राथमिक चिंता है और इस विषय पर सीनेटर ग्राहम को भारत का पक्ष स्पष्ट रूप से बताया गया है। उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे पर उनकी समझ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल यह देखना होगा कि विधेयक वास्तव में पास होता है या नहीं।”
भारत को क्यों है चिंता
सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा लाए जा रहे विधेयक में रूस से तेल, गैस, यूरेनियम और अन्य ऊर्जा उत्पाद खरीदने वाले देशों से आने वाले सामान पर अमेरिका में 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो भारत जैसे देशों के लिए भारी आर्थिक दबाव उत्पन्न हो सकता है, जो रूस से तेल की खरीद पर काफी हद तक निर्भर हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने खाड़ी देशों की तुलना में रूस से अधिक मात्रा में कच्चा तेल आयात करना शुरू किया है। ऐसे में इस प्रस्तावित विधेयक को भारत अपनी ऊर्जा नीति के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में देख रहा है।
राजनयिक संपर्क और संवाद जारी
डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारतीय राजदूत और वॉशिंगटन स्थित दूतावास लगातार सीनेटर ग्राहम और अन्य अमेरिकी सांसदों के साथ संवाद बनाए हुए हैं। भारत ने अपनी चिंताओं को अमेरिका के समक्ष स्पष्ट रूप से रखा है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत परिस्थिति के अनुसार अपनी रणनीति तय करेगा, लेकिन फिलहाल संवाद और राजनयिक प्रयासों पर जोर दिया जा रहा है।
18 से 28 वर्ष के युवाओं को हर महीने ₹6000 तक की इंटर्नशिप राशि देगी सरकार
बिहार। चुनाव पूर्व तैयारियों के तहत बिहार सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 18 से 28 वर्ष तक के युवाओं को इंटर्नशिप और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना है।
योजना के तहत पात्र युवाओं को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ₹4,000 से ₹6,000 प्रतिमाह की इंटर्नशिप सहायता राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें आजीविका सहयोग राशि भी प्रदान की जाएगी, जिससे वे कार्य अनुभव के साथ आर्थिक रूप से भी सशक्त हो सकें।
विस्तृत लाभ:
12वीं पास युवाओं को ₹4,000 प्रतिमाह
आईटीआई या डिप्लोमा धारकों को ₹5,000 प्रतिमाह
स्नातक डिग्रीधारकों को ₹6,000 प्रतिमाह
सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025-26 में 5,000 युवाओं को इस योजना से जोड़ा जाए, और अगले पांच वर्षों में यह संख्या बढ़ाकर एक लाख तक पहुंचाई जाए।
भगवती नगर से रवाना हुए 4000 से 5000 श्रद्धालु, जयकारों से गूंजा माहौल
जम्मू – अमरनाथ यात्रा 2025 की औपचारिक शुरुआत आज तड़के जम्मू से हुई, जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर यात्री निवास से पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस जत्थे में 4000 से 5000 श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यात्रा का शुभारंभ ‘बम-बम भोले’ के जयकारों के बीच बेहद उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ।
इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने यात्रा मार्गों पर व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। देशभर से श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचे हैं और उनका उत्साह अत्यंत सराहनीय है।”
यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के लिहाज से खास तैयारियां की गई हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और लंगर स्थल चंद्रकोट समेत पूरे रूट पर सुरक्षा बलों की तैनाती को और मजबूत किया गया है। आतंकवाद के खतरे को दरकिनार करते हुए इस बार भी भोलेनाथ के भक्त बड़ी संख्या में यात्रा में भाग ले रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रियों के लिए बालटाल और पहलगाम दो मुख्य आधार शिविर बनाए गए हैं, जहां से आगे की चढ़ाई की जाती है।
उप-राज्यपाल ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे यात्रा के दौरान सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाने में सहयोग दें।
आगरा स्थित विश्वविख्यात ताजमहल की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई जब एक युवक ने कार से आकर बैरियर से महज 100 मीटर की दूरी पर तीन राउंड फायरिंग कर दी और आराम से फरार हो गया। यह घटना तब हुई जब सुरक्षा कर्मी तैनात थे और मॉक ड्रिल जैसी व्यवस्थाएं नियमित रूप से की जाती हैं।
घटना के बाद स्पष्ट हुआ कि युवक मानसिक रूप से असंतुलित था और खुद को कोई बड़ा अधिकारी बताकर ताजमहल के आसपास पुलिसकर्मियों पर रौब गांठ रहा था। फायरिंग के बाद वह ट्रांस यमुना कॉलोनी तक पहुंचा और बिना किसी रुकावट के वहां से लखनऊ निकल गया। पुलिस ने उसे लखनऊ में पकड़ लिया।
ताजमहल जैसे अति-संवेदनशील स्मारक की सुरक्षा के बीच हुई इस घटना ने न केवल सुरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि आमजन और पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।
एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने बताया कि युवक सुरक्षा घेरे में दाखिल नहीं हुआ था और उसे पहले ही लौटा दिया गया था। हालांकि, पूरी घटना की जांच की जा रही है और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की जा रही है।
हूल दिवस: आदिवासी संघर्ष की अनकही कहानी
नई दिल्ली – हूल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संथाल विद्रोह के महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो जैसे क्रांतिकारियों की बहादुरी और बलिदान औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ संघर्ष की अमर गाथा है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “हूल दिवस हमें हमारे आदिवासी समाज के साहस और बलिदान की याद दिलाता है। मैं सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो समेत उन सभी वीर शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उनकी गाथाएं देश को सदैव प्रेरित करती रहेंगी।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस ऐतिहासिक दिवस पर श्रद्धांजलि दी और कहा, “सिदो और कान्हू के नेतृत्व में लड़ा गया यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अन्याय के खिलाफ एकजुटता की मिसाल बना। हजारों आदिवासी भाइयों-बहनों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिनका बलिदान सदा स्मरणीय रहेगा।”
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, “हूल दिवस के अवसर पर संथाल विद्रोह के अमर शहीदों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। ‘अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो’ का नारा बुलंद कर विद्रोह का बिगुल फूंकने वालों की गौरवगाथा पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
हूल दिवस का इतिहास:
हर साल 30 जून को मनाया जाने वाला हूल दिवस 1855 में संथाल विद्रोह की स्मृति में मनाया जाता है। झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में सिदो और कान्हू मुर्मू के नेतृत्व में शुरू हुए इस आदिवासी आंदोलन ने ब्रिटिश सत्ता, जमींदारों और महाजनों के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम और साहसिक अध्याय माना जाता है।