पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव कुमार ने आज मंगलवार को भारत के नए चुनाव आयुक्त (EC) के रूप में पदभार संभाल लिया। वर्तमान में आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और एक चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा कार्यरत हैं। राजीव कुमार चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का स्थान लेंगे। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दिया था। लवासा एशियाई विकास बैंक (ADB) में उपाध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।
नए चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 1984 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। 36 वर्षों से अधिक समय तक अपनी सेवाएं देने के दौरान उन्होंने केंद्र के साथ-साथ बिहार व झारखंड के अपने राज्य कैडर में विभिन्न पदों पर काम किया है। सेवानिवृत होने से पहले वे केंद्र में वित्त सचिव थे। इसके बाद उन्हें अप्रैल 2020 से सार्वजनिक उद्यम चयन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
राजीव कुमार एक शौकीन ट्रैकर हैं। इसके साथ ही वह भारतीय शास्त्रीय और भक्ति संगीत में गहरी रुचि रखते हैं।
‘भारत रत्न’ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया। 84 वर्षीय प्रणब दा पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और दिल्ली में सेना के रिसर्च एंड रेफरल (RR) अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर अपने निधन की सूचना दी है। मुखर्जी पिछले 21 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।
11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के वीर भूमि जिले में जन्मे प्रणब दा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। उनके पिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। प्रणब दा एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक रहे। फिर पत्रकारिता की। उनका संसदीय जीवन पांच दशकों का रहा। इस दौरान वे कांग्रेस पार्टी और सरकार में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वर्ष 2012 में वे देश के तेरहवें राष्ट्रपति नियुक्त हुए।
उनके निधन पर देश भर में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई ट्वीट कर प्रणब दा को अपनी श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने प्रणब दा के पांव छुते हुए एक फोटो भी ट्वीट किया है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन अथवा सिफारिशें 15 सितंबर तक की जा सकती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 1 मई से को शुरू हुई थी। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन केवल ऑनलाइन होंगें। इन पुरस्कारों के लिए अब तक 8035 पंजीकरण किए जा चुके हैं।
क्या हैं पद्म पुरस्कार
पद्म पुरस्कारों के नाम पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री हैं, जो देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं। वर्ष 1954 में स्थापित इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। पद्म पुरस्कार के लिए विशिष्ट कार्य को पहचाना जाता है और यह सभी क्षेत्रों अथवा विषयों, जैसे- कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान तथा इंजीनियरिंग, सार्वजनिक जीवन, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि में प्रतिष्ठित और असाधारण उपलब्धियों अथवा सेवाओं के लिए दिए जाते हैं। सभी व्यक्ति वर्ग , जाति, पेशा, पद या लिंग के भेद के बिना इन पुरस्कारों के पात्र हैं। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के आलावा सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वालों सहित सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कार के पात्र नहीं हैं।
कैसे करें नामांकन
केंद्र सरकार इन पद्म पुरस्कारों को लोगों का पद्म के रूप में तब्दील करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए केंद्र सरकार ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे स्व-नामांकन अथवा किसी विशिष्ट व्यक्ति के नामांकन की सिफारिशें करें। स्व-नामांकन अथवा सिफारिश पद्म पुरस्कारों की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें स्पष्ट रूप से प्रतिष्ठित व्यक्ति की असाधारण उपलब्धियां, सेवा, संबंधित क्षेत्र आदि की पूरी जानकारी और उसके लिए अनुशंसित उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) शामिल हों।
यहाँ करें ऑनलाइन नामांकन
पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन अथवा सिफारिश निम्न वेबसाइट पर की जा सकती है। वेबसाइट पर पुरस्कारों से संबंधित विस्तृत विवरण और मानकों इत्यादि की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है। https://padmaawards.gov.in
सरकार ने की विशिष्ट व्यक्तियों की खोज की अपील
पुरस्कार चयन प्रक्रिया को संपन्न करने वाले केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने केंद्र के सभी मंत्रालयों व विभागों, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों, भारत रत्न व पूर्व में पद्म विभूषण प्राप्त कर चुके लोगों और विभिन्न संस्थानों से पद्म पुरुस्कारों के लिए प्रतिभाशाली लोगों की पहचान में सहयोग करने की अपील की है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि उन प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने की दिशा में पूर्ण प्रयास किये जाएं, जिनके कार्य व जीवन वास्तव में महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, दिव्यांगजनों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा में लगा हुआ हो। मंत्रालय ने ऐसे लोगों के नामांकन की सिफारिश का अनुरोध किया है।
सितम्बर माह में शुरू होने वाले संसद सत्र की तैयारियों के बीच आज शुक्रवार को उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव रहे सेवानिवृत आईएएस अधिकारी उत्पल कुमार सिंह को लोकसभा का सचिव नियुक्त किया गया है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उत्पल कुमार सिंह को सचिव के पद पर नियुक्त किया है। उनकी तैनाती 1 सितम्बर से प्रभावी होगी। उत्पल कुमार सिंह अभी हाल ही में उत्तराखंड के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उत्तराखंड का मुख्य सचिव बनने से पूर्व उत्पल प्रधानमंत्री कार्यालय में तैनात रहे हैं। उनकी गिनती काबिल अधिकारियों में होती रही है।
यहां यह भी बता दें कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के निवासी आईपीएस अधिकारी रघुवीर लाल भी वर्तमान में संसद भवन में अपर सचिव (सुरक्षा) के पद पर तैनात हैं। रघुवीर लाल उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी हैं।
बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला के इंस्टाग्राम पर प्रशंसकों की संख्या 3 करोड़ हो गयी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो जारी करते हुए प्रशंसकों की संख्या 3 करोड़ होने पर आभार व्यक्त किया है। वीडियो जारी करने के साथ उर्वशी ने एक नोट भी लिखा है। इसमें उर्वशी ने कहा है –
आप लोगों को प्यार !
मेरी कहानी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बनने लिए धन्यवाद।
मेरे जीवन में आने और मुझे खुशी देने के लिए धन्यवाद।
मुझे प्यार करने और बदले में मेरे प्यार को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद।
उन स्मृतियों के लिए धन्यवाद, जिन्हें मैं हमेशा के लिए स्वीकार करुँगी।
मुझे खुशियाँ और मुस्कुराहट देने के लिए धन्यवाद।
मेरी मुसीबतों को साझा करने के लिए धन्यवाद।
मेरी आँख के आँसू पोंछने के लिए धन्यवाद।
मुझे आकाश का आनंददायक दृश्य दिखाने के लिए धन्यवाद।
मुझे सर रखने के लिए अपना कन्धा आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद।
मेरे शब्दों को उचित अर्थ देने के लिए धन्यवाद।
मुझे जीवन का मूल्य बताने के लिए धन्यवाद।
मुझे सर्वाइव करने के नियम दिखाने के लिए धन्यवाद।
मेरी बातों को सहानुभूतिपूर्वक सुनने के लिए धन्यवाद।
यह दिखाने के लिए धन्यवाद कि आप कितना ध्यान रखते हैं।
उर्वशी ने अपने इंस्टाग्राम परिवार में 30 मिलियन सदस्य बनने पर प्रशंसकों का धन्यवाद देने के साथ ही अन्य वीडियो भी जारी किये हैं, जिनमें वो केक काटते दिखाई दे रही हैं। केक पर 30 मिलियन लिखा हुआ है।
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। गुरूवार की सुबह लखनऊ के डालीबाग में मुख्तार अंसारी के अवैध भवनों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का बुलडोजर गरजा और उन्हें ध्वस्त कर दिया गया। लखनऊ प्रशासन ने इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा है, ‘डालीबाग कॉलोनी के पास गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की अवैध रूप से स्वामित्व वाली संपत्ति को ध्वस्त कर दिया है। उससे तोड़फोड़ के खर्चों की वसूली की जाएगी। एफआईआर दर्ज की जाएगी। जिन अधिकारियों के अधीन यह अवैध निर्माण हुआ, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी और उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।’
गुरूवार को धवस्त किये गए अवैध निर्माण करीब दस हज़ार वर्ग क्षेत्रफल में बने थे। ये मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी के नाम दर्ज हैं। एलडीए ने इन्हें धवस्त करने का आदेश 11 अगस्त को दिया था। अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए एलडीए, पुलिस और प्रशासन की टीम तड़के सुबह भारी फोर्स और जेसीबी मशीनों के साथ पहुंची। टीम ने गेट का ताला तोड़कर और वहां बने निर्माण से सामान निकाल कर कार्रवाई शुरू कर दी। उस दौरान मुख्तार अंसारी के बेटों ने विरोध करने का प्रयास किया। मगर पुलिस बल ने उन्हें खदेड़ दिया।
उल्लेखनीय है कि मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी वर्तमान में पंजाब की जेल में बंद है। पूर्वांचल क्षेत्र में अपराध की दुनिया में लम्बे समय से उसकी बादशाहत कायम है। योगी आदित्य नाथ की सरकार लगातार उस पर शिंकजा कसने में लगी हुयी है। अंसारी की उत्तर प्रदेश में विभिन स्थानों पर कब्जाई गयी जमीनों को खाली कराने के अलावा योगी सरकार ने उसकी गैंग के कई अपराधियों को जिला बदर किया है। अंसारी के करीबी कई लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गयी है।
यूपी भाजपा ने ट्वीट कर कहा योगी मतलब कानून का राज
उधर, उत्तर प्रदेश भाजपा ने #योगी_मतलब_कानून_का_राज हैशटैग पर सिलसिलेवार कई ट्वीट कर योगी सरकार द्वारा मुख़्तार अंसारी गैंग के खिलाफ की गयी कार्रवाइयों का ब्यौरा दिया है। एक ट्ववीट में कहा कि ”पुरानी सरकारों ने जिस अतीक अहमद और मुख़्तार अंसारी को पाला आज योगी सरकार उन्हें जड़ से ख़त्म करने में जुटी है। लखनऊ में मुख़्तार की बिल्डिंग ढहा कर योगी सरकार ने यह साबित कर दिया”। एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि ” वाराणसी जोन के जनपदों में माफिया मुख़्तार अंसारी गैंग आईएस- 191 पिछले लगभग 03 दशक से सक्रिय होकर आंतक का पर्याय बना हुवा था। जिसके आगे पिछली सरकारों ने घुटने टेक रखे थे, लेकिन योगी सरकार इसका सफाया कर रही है। एक ट्वीट में कहा गया है कि एक संत ने अपराधियों को अपने आगे झुका कर दिखा दिया और पूरा विपक्ष देखता रह गया।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन आमंत्रित किये हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की स्थापना देश के मेधावी बच्चों, व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित करने के लिए की गई थी। ये पुरस्कार दो श्रेणियों के अंतर्गत दिए जाते हैं- बाल शक्ति पुरस्कार और बाल कल्याण पुरस्कार।
इन पुरस्कारों को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस से पहले के सप्ताह में राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री द्वारा भी पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाता है। बाल शक्ति पुरस्कार के विजेता, नई दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लेते हें।
बाल शक्ति पुरस्कार का उद्देश्य नवाचार, शैक्षणिक, खेल, कला और संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण कार्य करने वाले बच्चों को मान्यता प्रदान करना है, वहीं बाल कल्याण पुरस्कार उन व्यक्तियों और संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के लिए दी जाती है, जिन्होंने बच्चों की सेवा करने के लिए बाल विकास, बाल संरक्षण और बाल कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
इसके विस्तृत दिशा-निर्देशों को www.nca-wcd.nic.in पर पुरस्कारों के लिए विशेष वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार केवल ऑनलाइन आवेदन पत्रों पर ही विचार किया जाएगा। किसी अन्य माध्यम से प्रस्तुत किए गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। पोर्टल तक पहुंचने में किसी प्रकार की दिक्कत आने पर इसे मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाना चाहिए। इस वर्ष आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 15 सितम्बर कर दिया गया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी निजी संस्थान द्वारा भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों के नाम पर प्रदान किए गए कुछ पुरस्कारों को मंत्रालय की ओर से मान्यता प्राप्त नहीं की गई है और यह किसी भी प्रकार से उनसे जुड़ा हुआ नहीं है।
कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर जारी घमासान के बीच मंगलवार को वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के एक ट्वीट ने यह साफ़ कर दिया है कि पार्टी गंभीर संकट से जूझ रही है। सिब्बल का यह ट्वीट बगावती तेवर प्रदर्शित करता दिखाई दे रहा है।
सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गाँधी को अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के बाद फिलहाल यह मामला कुछ हद तक शांत होता दिखाई दे रहा था। मगर आज सिब्बल ने एक ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने कहा है कि – यह किसी पद की बात नहीं है। यह मेरे देश की बात है जो सबसे ज्यादा मायने रखता है‘। सिब्बल के ट्वीट के बाद कांग्रेस की अंदरूनी राजनीती के स्वाभाविक तौर पर गरमाने के आसार हैं। उनके ट्वीट के अंदाज को बगावती माना जा रहा है।
गौरतलब है कि सिब्बल ने कल भी नाराजगी से भरा एक ट्वीट किया था। मगर राहुल गाँधी से बातचीत के बाद उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया था। तब यह समझा जा रहा था की मामला सुलटा लिया गया है। सोमवार को ट्वीट करने के बाद सिब्बल ने ट्विटर हैंडल पर अपने परिचय में से कांग्रेस शब्द भी हटा दिया था। यहाँ यह भी बता दें की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने सोनिया गाँधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें पार्टी संगठन में बदलाव की जरुरत बताई गयी थी। इस पत्र के बाद से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में उछाड़-पछाड़ के हालात बने हुए हैं।
इधर, सिब्बल के ट्वीट पर यूजर्स ने कई तरह की टिप्पणियां की हैं। किसी ने पूछा है सिब्बल जी किस देश की बात कर रहे हैं ? इटली। किसी ने उनके ट्वीट को उनका मजाकिया अंदाज बताया तो किसी उन्हें भाजपा का एजेंट कहा। किसी ने कांग्रेस को लेकर सिब्बल की निष्ठा पर सवाल खड़े किये हैं तो, कुछ लोगों ने उनको गाँधी परिवार की गुलामी छोड़ कर कांग्रेस से नाता तोड़ने की सलाह दी है।
उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने पहली बार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन किया है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को परिषद में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
अधिसूचना के अनुसार केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। महामंडलेश्वर त्रिपाठी समेत परिषद में ट्रांसजेंडर समाज के पांच सदस्य नियुक्त किये गए हैं। महामंडलेश्वर त्रिपाठी उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। जबकि गोपी शंकर मदुरै दक्षिण क्षेत्र, मीरा परीदा पूर्व क्षेत्र, जैनब जाविद पटेल पश्चिम क्षेत्र व काक चिंगताबम श्याम चंद्र शर्मा पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए काम करने करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के चार प्रतिनिधियों को भी परिषद में जगह दी गई है। इनमें आर्यन पाशा, विहान पीताम्बर, रेशमा प्रसाद व पटेल चन्दूमाई गणेशदास शामिल हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नामित सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होगा। परिषद के अन्य सदस्यों में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
परिषद के कार्य
उल्लेखनीय है कि ट्रांसजेंडरों की विभिन समस्याओं और उनके कल्याण के लिए मोदी सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 लागू किया है। इस क्रम में परिषद का गठन किया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि राष्ट्रीय परिषद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों, कार्यक्रमों, कानून और परियोजनाओं के निर्माण पर केंद्र सरकार को सलाह देगा। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की समानता और पूर्ण भागीदारी हासिल करने के लिए बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभाव की निगरानी और मूल्यांकन करेगा। परिषद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मामलों से जुड़े सभी सरकारी विभागों और अन्य सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा और समन्वय स्थापित करने के साथ ही ट्रांसजेंडरों की शिकायतों का निवारण भी करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रकृति व पर्यावरण को लेकर अपनी संवेदनशीलता अक्सर प्रकट करते रहते हैं। इस क्रम में उन्होंने आज ट्वीटर व इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में वे अलग-अलग लोकेशन पर मोरों को अपने हाथों से दाना खिलाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो देखने से स्पष्ट लग रहा है की यह प्रधानमंत्री आवास, 7-लोक कल्याण मार्ग का है। वीडियो में मोर नाचते हुए भी दिख रहा है। वीडियो को चार घंटे के भीतर ट्वीटर पर करीब 5 हजार से अधिक लोगों ने रीट्वीट व 84 हजार लोगों ने लाइक किया है, जबकि इंस्टाग्राम पर 25 लाख से अधिक व्यूज मिले हैं।
वीडियो के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने एक कविता भी पोस्ट की है। इसमें मोर, भोर, शांति, संवाद व मौन की अहमियत बताई है। जीव मात्र को शिवात्मा मानने की बात कही गयी है।
भोर भयो, बिन शोर,
मन मोर, भयो विभोर,
रग-रग है रंगा, नीला भूरा श्याम सुहाना,
मनमोहक, मोर निराला।
रंग है, पर राग नहीं,
विराग का विश्वास यही,
न चाह, न वाह, न आह,
गूँजे घर-घर आज भी गान,
जिये तो मुरली के साथ
जाये तो मुरलीधर के ताज।
जीवात्मा ही शिवात्मा,
अंतर्मन की अनंत धारा
मन मंदिर में उजियारा सारा,
बिन वाद-विवाद, संवाद
बिन सुर-स्वर, संदेश
मोर चहकता मौन महकता।
प्रकृति की एक सुन्दरतम कृति है मोर
प्रधानमंत्री ने जिस मोर के साथ वीडियो जारी किया है, वह हमेशा से ही मानव के आकर्षण का केन्द्र रहा है। हिन्दू मान्यताओं व परम्पराओं में मोर को विशेष स्थान मिला है। कई प्राचीन मंदिरों में चित्रित कला में इसे दर्शाया गया है। भगवान श्री कृष्ण के मुकुट पर मोर पंख लगा रहता था। बौद्ध दर्शन में मोर ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक काल में ऋषि – मुनियों ने मोर पंख की कलम बनाकर बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे हैं। मोर के विषय में माना जाता है कि यह पक्षी किसी भी स्थान को बुरी शक्तियों और अनिष्टकारी प्रभाव से बचाकर रखता है। यही वजह है कि अधिकांश लोग अपने घरों में मोर के पंखों को लगा कर रखते हैं। यह अनादि काल से चित्रकारों, कवियों व अन्य कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। महाकवि कालिदास से लेकर आधुनिक युग के कवियों तक के लिए मोर के उल्लेख के बिना वर्षा ऋतु का वर्णन करना असंभव सा ही रहा है। प्रकृति ने दिल खोल कर इस पर अपने रंगों का उपयोग किया है। यानी मोर प्रकृति की एक सुन्दरतम कृति है।