राष्ट्रीय एकता दिवस पर बोले प्रधानमंत्री — “देश सेवा से बड़ा कोई सुख नहीं”
केवड़िया। गुजरात के केवड़िया में आज देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की प्रतिमा के सामने पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस की परेड की सलामी ली। सेना, पुलिस और एनसीसी की टुकड़ियों ने एकता और देशभक्ति का शानदार प्रदर्शन किया, वहीं सांस्कृतिक झांकियों ने भारत की विविधता में एकता का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल ने जिस भारत की एकता का सपना देखा था, उसे और मजबूत बनाना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की 550 से अधिक रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर सरदार पटेल ने जो कार्य किया, वह अद्वितीय है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “हर वह विचार और कार्य जो देश की एकता को कमजोर करे, उससे दूर रहना ही सरदार साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है।” उन्होंने कहा कि देश आज उन घुसपैठियों और ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़ा है जो भारत की एकता और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
मोदी ने अपने भाषण में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते दशकों में वोट बैंक की राजनीति के चलते देश की सुरक्षा से समझौते किए गए। लेकिन आज भारत निर्णायक नेतृत्व के साथ आगे बढ़ रहा है और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को साकार कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरदार पटेल का जीवन इस बात की प्रेरणा है कि देश सेवा से बड़ा कोई सुख नहीं होता। उन्होंने देश में तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा कि आधुनिक हाइवे, एक्सप्रेसवे और वंदे भारत ट्रेनों ने भारत की दूरियों को घटाया है और विकास की गति को नई दिशा दी है।
पीएम मोदी ने कहा- आस्था का अपमान कर वोट मांगना बिहार की संस्कृति पर चोट
मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुजफ्फरपुर में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की जनता का यह अभूतपूर्व जनसमर्थन बताता है कि इस बार फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में एक बार फिर सुशासन की सरकार लौटेगी।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत छठ महापर्व का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने कहा कि “छठ महापर्व केवल आस्था का नहीं, बल्कि समाजिक समरसता, मातृशक्ति और मानवता का पर्व है।” प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है।
“छठी मैय्या का अपमान करने वालों को बिहार कभी माफ नहीं करेगा”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और राजद पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “जब हम छठी मैय्या का जयकारा पूरी दुनिया में फैला रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस महापर्व को नौटंकी और ड्रामा बता रहे हैं। यह हर उस आस्थावान व्यक्ति का अपमान है जो छठी मैय्या की पूजा करता है।”
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगी। “जो भगवान सूर्य को अर्घ्य देने वाली मातृशक्ति का अपमान करे, वह बिहार की संस्कृति को नहीं समझ सकता,”।
‘जंगलराज’ का जिक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “राजद-कांग्रेस की पहचान कट्टा, कुशासन और करप्शन से है। ये लोग सिर्फ अपने परिवार का भला करते हैं, जनता का नहीं।” उन्होंने कहा कि “बिहार का विकास तभी संभव है जब यहां उद्योग, उद्यम और कानून का राज हो। लेकिन जिनका इतिहास जमीन कब्जाने का है, वे विकास की बात कैसे कर सकते हैं?”
उन्होंने कहा कि बिहार ने एनडीए सरकार के दौरान विकास और सुशासन देखा है। भाजपा की प्राथमिकता हमेशा जनता के कल्याण की रही है।
राजद पर गंभीर आरोप—‘शोरूम लूटने वाले अब वोट मांग रहे हैं’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जंगलराज के दौर में लोग भयभीत थे। “तब राजद के नेता और उनके साथी नए वाहन खरीदने वालों के पीछे लग जाते थे। शोरूम लूट लिए जाते थे, व्यापार ठप हो जाता था। ऐसे माहौल में कौन निवेश करता?” उन्होंने कहा कि “इसी कारण लाखों युवाओं को बिहार छोड़ना पड़ा और वे रोज़गार की तलाश में पलायन को मजबूर हुए।”
उन्होंने मुजफ्फरपुर के गोलू अपहरण कांड का जिक्र करते हुए कहा कि “राजद शासन में हर परिवार असुरक्षा के माहौल में जीता था, बिहार अब वह दौर नहीं देखना चाहता।”
“राजद-कांग्रेस बहन-बेटियों को धमका रहे, बिहार को डराने की कोशिश”
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि “राजद-कांग्रेस का प्रचार अभियान खुद उनकी मानसिकता को उजागर करता है। उनके भाषणों और गीतों में हिंसा की झलक है—कट्टा, छुरा और धमकी की भाषा। ये लोग बहन-बेटियों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसे तत्वों को बिहार की राजनीति से उखाड़ फेंक दें।
छपरा में भी करेंगे जनसभा, 58 विधानसभा सीटों को साधने की रणनीति
मुजफ्फरपुर के बाद प्रधानमंत्री मोदी छपरा में भी जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे तिरहुत और सारण प्रमंडल के कुल 58 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से संवाद करेंगे। भाजपा और एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में वे विकास के एजेंडे को सामने रखेंगे।
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी अलग-अलग जिलों में जनसभाएं कर एनडीए उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाएंगे।
जयराम रमेश ने कहा, “अब कोई हैरानी नहीं कि उनके ‘दिल्ली वाले अच्छे मित्र’ भी अब उनसे दूरी बना रहे हैं”
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संबंधों पर दिए गए हालिया बयान ने देश में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि ट्रंप बार-बार झूठे दावे दोहराकर भारत की कूटनीति को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो में ट्रंप जापान के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए एक बार फिर यह कहते नजर आए कि उन्होंने “भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित सैन्य टकराव को व्यापारिक कूटनीति के जरिए टाल दिया।”
रमेश ने पोस्ट में लिखा —
“ट्रंप यह बयान अब तक 50 से अधिक बार दे चुके हैं — अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, कतर, मिस्र और अब जापान में भी। कभी उड़ान में, कभी मंच पर — वह एक ही कहानी दोहराते रहते हैं।”
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा,
“अब कोई हैरानी नहीं कि उनके ‘दिल्ली वाले अच्छे मित्र’ भी अब उनसे दूरी बना रहे हैं।”
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भी यह दावा दोहराया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम कराया था।
हालांकि, भारत सरकार का स्पष्ट कहना है कि संघर्षविराम का समझौता दोनों देशों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच प्रत्यक्ष संवाद के बाद हुआ था — न कि किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप से।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सोमवार को मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। इस चरण के तहत देश के 12 राज्यों में मतदाता सूचियों की गहन समीक्षा की जाएगी। आयोग के इस फैसले के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और कई विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
डीएमके ने उठाया असम और कटऑफ वर्ष पर सवाल
तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके ने चुनाव आयोग की मंशा पर ही संदेह जताया है। पार्टी प्रवक्ता सर्वानन अन्नादुरई ने कहा कि,
“असम में एसआईआर क्यों नहीं हो रहा? और यह प्रक्रिया नागरिकता जांचने का माध्यम कब से बन गई?”
उन्होंने 2003 को कटऑफ वर्ष मानने पर भी आपत्ति जताते हुए पूछा कि इस साल को आधार बनाने से आखिर किसे लाभ होगा। डीएमके ने आरोप लगाया कि आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और उसकी विश्वसनीयता पर अब सवाल खड़े हो गए हैं।
टीएमसी ने चेताया – वैध मतदाताओं को परेशान किया गया तो करेंगे विरोध
पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि वह पारदर्शी मतदाता सूची के पक्ष में है, लेकिन वैध मतदाताओं को परेशान किया गया तो पार्टी सड़कों पर उतरेगी।
टीएमसी नेताओं ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव आयोग किसी राजनीतिक दबाव में नहीं आएगा और प्रक्रिया को निष्पक्ष रखेगा।”
भाजपा ने विपक्ष पर लगाया ‘डर’ का आरोप
वहीं, भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि एसआईआर एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य फर्जी और अवैध मतदाताओं को सूची से हटाना है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “मतदाता सूची का शुद्धिकरण चुनाव आयोग का कर्तव्य है। इंडी गठबंधन इसका विरोध इसलिए कर रहा है ताकि अपने हितों की रक्षा कर सके।”
भाजपा नेता दिलीप घोष ने भी कहा कि “कोई भी बांग्लादेशी नागरिक भारत का मतदाता नहीं बन सकेगा। सही मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।”
बंगाल भाजपा ने टीएमसी पर कसा तंज
पश्चिम बंगाल भाजपा की नेता केया घोष ने कहा कि “ममता बनर्जी सरकार एसआईआर से इसलिए डर रही है क्योंकि उनके वोट बैंक में अवैध घुसपैठिए शामिल हैं। एसआईआर के बाद फर्जी नाम स्वतः हट जाएंगे।”
नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बढ़ रही आवारा कुत्तों की समस्या पर गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने सोमवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कई राज्यों ने अब तक अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया है और न ही आवश्यक हलफनामे दाखिल किए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि “यह कोई हल्की बात नहीं है, यह पूरे देश की सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है।”
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की तीन जजों की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि अब तक केवल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने ही अपने जवाब दाखिल किए हैं। बाकी राज्यों से कोई ठोस रिपोर्ट नहीं आई है।
गौरतलब है कि अदालत ने 22 अगस्त को ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवारा कुत्तों की स्थिति पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। उस समय कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर से बढ़ाकर पूरे देश तक कर दिया था।
पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद उनकी नसबंदी और टीकाकरण कराना जरूरी है, जिसके बाद उन्हें उसी क्षेत्र में छोड़ा जाए। लेकिन, कई राज्यों ने इन दिशानिर्देशों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि यदि अगले हफ्ते तक सभी राज्य सरकारें अपने-अपने हलफनामे दाखिल नहीं करतीं, तो उनके मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे को अब “सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रखा जाएगा”, बल्कि पूरे देश में इसके लिए एक समान नीति तैयार की जाएगी।
छठ महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज की एकता का प्रतीक- पीएम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर त्योहारों की शुभकामनाएं दीं और विशेष रूप से छठ महापर्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह पर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच गहरी एकता का प्रतीक है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है, जो भारत की सामाजिक एकता का सुंदर उदाहरण है।
पर्यावरण और स्वच्छता में पहल
पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में चल रही उल्लेखनीय पहलों का भी जिक्र किया। उन्होंने अंबिकापुर (छत्तीसगढ़) में ‘गारबेज कैफे’ की बात की, जहां लोग प्लास्टिक कचरा लाकर मुफ्त भोजन प्राप्त कर सकते हैं। एक किलो प्लास्टिक पर दोपहर या रात का खाना और आधा किलो पर नाश्ता मिलता है।
बंगलूरू में इंजीनियर कपिल शर्मा की पहल का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि उनकी टीम ने शहर की 40 झीलों और कुओं को पुनर्जीवित किया। इस अभियान में स्थानीय लोग और कॉरपोरेट्स भी शामिल हैं, जिससे शहर का पर्यावरण बेहतर हुआ है।
मैनग्रोव से पर्यावरण संरक्षण
गुजरात के धोलेरा तट पर मैनग्रोव लगाने की पहल के बारे में पीएम मोदी ने बताया कि पांच साल पहले शुरू किए गए इस अभियान से 3,500 हेक्टेयर में मैनग्रोव फैल गए हैं, जिससे डॉल्फिन, केकड़े, जलीय जीव और प्रवासी पक्षी बढ़े हैं। इससे मछुआरों को भी लाभ मिला है।
सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी में शामिल होने की अपील
प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की आधुनिक भारत में भूमिका का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पटेल ने स्वच्छता, सुशासन और देश की एकता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। पीएम मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित रन फॉर यूनिटी में शामिल हों।
कोरापुट कॉफी और कृषि विकास
पीएम मोदी ने ओड़िशा के कोरापुट में कॉफी खेती की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत की कॉफी दुनिया-भर में लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने देश के विभिन्न कॉफी उत्पादक क्षेत्रों जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पूर्वोत्तर का भी उल्लेख किया और बताया कि लोग जुनून और मेहनत से कॉफी की खेती कर आर्थिक लाभ कमा रहे हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक एकता और किसान-उद्योग की पहल को उजागर करता है। उन्होंने देशवासियों को प्रेरित किया कि वे इन पहलों में सक्रिय रूप से भाग लें और जिम्मेदारी निभाएं।
छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान में लिया गया ऐतिहासिक निर्णय
मुंबई। दक्षिण मध्य रेलवे ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन कर दिया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नया नाम अब औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है और स्टेशन के सभी साइनबोर्ड, टिकट, घोषणाएं तथा डिजिटल सिस्टम में अपडेट की प्रक्रिया जारी है।
रेलवे ने बताया कि नांदेड मंडल के अंतर्गत आने वाले इस स्टेशन का नया कोड “CPSN” होगा। नाम परिवर्तन की मंजूरी गृह मंत्रालय से प्राप्त होने के बाद यह निर्णय लागू किया गया। यह बदलाव मराठा साम्राज्य के वीर योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज की स्मृति और उनके योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, अब यात्रियों को स्टेशन से जुड़ी सभी घोषणाएं, टिकट और सूचना प्रणाली में “छत्रपति संभाजीनगर” नाम सुनाई देगा। सभी प्रशासनिक और तकनीकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2022 में औरंगाबाद शहर का नाम भी “छत्रपति संभाजीनगर” करने की मंजूरी दी थी। अब रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के साथ यह प्रक्रिया पूर्ण हो गई है।
इस संबंध में 15 अक्तूबर को महाराष्ट्र सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। यह कदम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की अनुशंसा पर उठाया गया। ऐतिहासिक रूप से, औरंगाबाद रेलवे स्टेशन की स्थापना वर्ष 1900 में हैदराबाद के सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के शासनकाल में हुई थी। वर्तमान में छत्रपति संभाजीनगर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अजंता और एलोरा की विश्व धरोहर गुफाओं सहित कई ऐतिहासिक स्मारकों से घिरा हुआ है।
फ्रेंडली फाइट वाली सीटों पर राजद और कांग्रेस आमने-सामने
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की रणनीति अब लगभग तय मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव को बनाया गया है, जबकि उपमुख्यमंत्री पद पर वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी की जिद भी पूरी हो गई है। तेजस्वी यादव अब ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं और चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके हैं।
हालांकि, गठबंधन के भीतर अब भी कुछ सीटों पर असमंजस बना हुआ है—खासतौर पर उन जगहों पर जहां राजद और कांग्रेस आमने-सामने हैं। सवाल उठ रहा है कि ऐसी सीटों पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव आखिर किसके समर्थन में प्रचार करेंगे?
किन सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’
दूसरे चरण में चार विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां राजद और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं—
सुल्तानगंज: राजद के चंदन सिन्हा बनाम कांग्रेस के ललन यादव
कहलगांव: राजद के रजनीश भारती बनाम कांग्रेस के प्रवीण कुशवाहा
सिकंदरा: राजद के उदयनारायण चौधरी बनाम कांग्रेस के विनोद चौधरी
नरकटियागंज: राजद के दीपक यादव बनाम कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय
इसके अलावा दो और सीटों पर भी आपसी मुकाबला है—
चैनपुर: राजद के ब्रिज किशोर बिंद बनाम वीआईपी के गोविंद बिंद
करगहर: कांग्रेस के संतोष मिश्रा बनाम सीपीआई के महेंद्र गुप्ता
प्रचार से बच रहे हैं राहुल और तेजस्वी
सूत्रों के अनुसार, अब तक तेजस्वी यादव ने उन सीटों पर रैलियां नहीं की हैं जहां ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति है। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता छठ पर्व के बाद प्रचार अभियान में उतरेंगे। माना जा रहा है कि वे भी इन विवादित सीटों पर प्रचार से परहेज़ करेंगे ताकि गठबंधन की एकता पर सवाल न उठें।
अशोक गहलोत का बयान — “सब मिलकर चुनाव जीतेंगे”
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि बिहार में महागठबंधन पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। उन्होंने कहा, “243 सीटों में से 5-6 सीटों पर आपसी सहमति से ‘फ्रेंडली फाइट’ हो रही है, इसमें कोई विवाद नहीं है। हम सब मिलकर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे।” गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए ने अब तक अपना मुख्यमंत्री चेहरा तय नहीं किया है क्योंकि “भाजपा नीतीश कुमार को आगे नहीं रखना चाहती।”
जहरीले रसायनों की मिलावट रोकने के लिए राज्यों को दी गई निगरानी की जिम्मेदारी
नई दिल्ली। हाल के महीनों में खांसी की दवाओं में जहरीले रसायनों की मिलावट के मामलों के बाद केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने 10 रसायनों को ‘हाई-रिस्क सॉल्वेंट्स’ की श्रेणी में रखते हुए सभी राज्यों को इन पर तत्काल निगरानी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम दवाओं की गुणवत्ता और जनसुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
राज्यों को मिली निगरानी की जिम्मेदारी
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्यों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब इन रसायनों की पूरी सप्लाई चेन – उत्पादन से लेकर दवाओं की बिक्री तक – सरकारी निगरानी के दायरे में रहेगी। इसके लिए केंद्र ने नया ओएनडीएलएस (Online National Drug Licensing System) पोर्टल शुरू किया है, जिस पर सभी गतिविधियां डिजिटल रूप से ट्रैक की जाएंगी।
इन रसायनों पर होगी कड़ी नजर
सरकार ने जिन 10 रसायनों को हाई-रिस्क श्रेणी में रखा है, उनमें शामिल हैं —
ग्लिसरीन, प्रोपाइलीन ग्लाइकोल, माल्टिटोल और माल्टिटोल सॉल्यूशन, सोर्बिटोल और सोर्बिटोल सॉल्यूशन, हाइड्रोजेनेटेड स्टार्च हाइड्रोलाइसेट, डाइएथिलीन ग्लाइकोल स्टिऐरेट्स, पॉलीएथिलीन ग्लाइकोल, पॉलीएथिलीन ग्लाइकोल मोनोमेथिल ईथर, पॉलीसॉर्बेट और पॉलीऑक्सिल कंपाउंड्स, तथा एथिल अल्कोहल।
ये वही रसायन हैं जिनके अनुचित उपयोग के कारण पहले भी कफ सिरप में संदूषण के मामले सामने आए थे।
फार्मा कंपनियों के लिए नया नियम अनिवार्य
सरकार ने साफ किया है कि दवाओं में इन रसायनों का उपयोग करने वाली सभी फार्मा कंपनियों को ओएनडीएलएस पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। जिन कंपनियों के पास पहले से निर्माण लाइसेंस है, उन्हें भी पोर्टल पर अपनी जानकारी अपडेट करनी होगी। हाल में डाइएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और प्रोपाइलीन ग्लाइकोल (PG) से संबंधित प्रदूषण के मामलों ने वैश्विक स्तर पर भारत की दवा निर्माण छवि पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाया गया।
देशभर में निगरानी प्रणाली लागू
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी ने बताया कि ओएनडीएलएस पोर्टल अब लाइव है, और इस प्रणाली के जरिए सॉल्वेंट की सप्लाई चेन, उत्पादन स्रोत, और गुणवत्ता पर वास्तविक समय में निगरानी रखी जाएगी। यह डिजिटल सिस्टम सी-डैक नोएडा की मदद से विकसित किया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से पूरे देश में लागू कर दिया गया है।
अब घरेलू बाजार में भी सिरप की लैब जांच अनिवार्य
केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि कफ सिरप की सरकारी प्रयोगशालाओं में जांच अब भारत के घरेलू बाजार के लिए भी जरूरी होगी। जिस तरह निर्यात से पहले दवाओं को सरकारी लैब से सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना होता है, अब वैसा ही प्रावधान घरेलू बिक्री पर भी लागू होगा। फार्मा कंपनियों को किसी भी सिरप को बाजार में लाने से पहले “सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस” (COA) प्राप्त करना अनिवार्य होगा, जो केवल मान्यता प्राप्त सरकारी या अनुमोदित लैब से जांच के बाद ही जारी किया जाएगा।
जनसुरक्षा और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का यह निर्णय दवा उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे न केवल दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, बल्कि देश में फार्मा सेक्टर पर जनता का भरोसा भी मजबूत होगा।
संजय राउत बोले- भाजपा को हराना और मुंबई की अस्मिता को बचाना अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के सांसद संजय राउत ने गुरुवार को महाराष्ट्र में होने वाले निकाय चुनावों से पहले विपक्षी एकता की अपील की। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराना और मुंबई की अस्मिता को बचाना अब सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
राउत ने कहा, “हमें लोकतंत्र, संविधान और मुंबई की पहचान को बचाने के लिए मिलकर लड़ना होगा। अगर विपक्ष एकजुट रहेगा, तो मराठी मानूस भी साथ देगा।”
कांग्रेस से तल्खी पर दी सफाई
कांग्रेस के एमएलसी भाई जगताप के इस बयान पर कि बीएमसी चुनाव में कांग्रेस न तो शिवसेना (यूबीटी) और न ही मनसे से गठबंधन करेगी, राउत ने कहा – “कांग्रेस हमारी सहयोगी पार्टी है, चाहे इंडिया गठबंधन हो या महा विकास आघाड़ी। ये केवल एक दल नहीं, कई दलों का समूह है।”
‘मुंबई को अदाणी के जबड़ों से बचाना होगा’
संजय राउत ने कहा, “हमारा मकसद स्पष्ट है — भाजपा को रोकना और मुंबई को अदाणी के जबड़ों से बचाना। अगर कोई पार्टी अलग रुख अपनाती है, तो वह उनका निर्णय है, पर हम अपने सहयोगियों को मुश्किल में डालने वाले बयान नहीं देंगे।”
‘कांग्रेस नेतृत्व से ही होगी बात’
उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर बातचीत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल या रमेश चेन्निथला से ही होगी। हाल ही में उन्होंने वेणुगोपाल से मुलाकात की थी, जिसमें मनसे को महा विकास आघाड़ी में शामिल करने पर चर्चा हुई थी।
बिहार का उदाहरण देकर साधा निशाना
बिहार में सीट बंटवारे पर चल रहे विवाद को लेकर राउत ने कहा, “वहां कांग्रेस और राजद कई सीटों पर आमने-सामने हैं। क्या बिहार में कोई उद्धव ठाकरे या राज ठाकरे हैं?”
