अरावली विवाद पर भूपेंद्र यादव का पलटवार, कांग्रेस के आरोप किए खारिज
नई दिल्ली। अरावली पर्वतमाला को लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस के आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव से अरावली का कोई हिस्सा संरक्षण से बाहर नहीं होगा और कांग्रेस द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम तथ्यों से परे है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर इसलिए असहज है क्योंकि केंद्र सरकार ने गुजरात से लेकर दिल्ली तक पूरी अरावली पर्वतमाला में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी वैज्ञानिक या आधिकारिक अध्ययन में यह साबित नहीं होता कि नई परिभाषा से अरावली के 90 प्रतिशत हिस्से को नुकसान पहुंचेगा।
दरअसल, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि पर्वतीय श्रृंखलाओं की परिभाषा में बदलाव से अरावली क्षेत्र का बड़ा हिस्सा संरक्षण के दायरे से बाहर चला जाएगा, जिससे खनन और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) के किसी भी अध्ययन में ऐसे दावों की पुष्टि नहीं होती है।
भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर विपक्ष पर्यावरण संरक्षण को लेकर वास्तव में गंभीर होता, तो उसे यह भी बताना चाहिए कि अरावली क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान किसके शासनकाल में हुआ। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से सवाल किया कि वे अपने ही दल के वरिष्ठ नेताओं से अरावली के क्षरण को लेकर जवाब क्यों नहीं मांगते।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अरावली पर्वतमाला को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान इस क्षेत्र में अवैध खनन और अंधाधुंध गतिविधियों से भारी नुकसान हुआ, जिसकी भरपाई अब की जा रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में पहाड़ियों की नई परिभाषा तय की गई है, जिसके अनुसार किसी क्षेत्र को पहाड़ी तब माना जाएगा जब उसकी ऊंचाई आसपास के भूभाग से कम से कम 100 मीटर अधिक हो। वहीं, अरावली पर्वतमाला को दो या उससे अधिक ऐसी पहाड़ियों के समूह के रूप में परिभाषित किया गया है, जो 500 मीटर के दायरे में स्थित हों। विवाद बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश जारी करते हुए अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया है।
पीएम मोदी के असम दौरे पर सियासी घमासान, कांग्रेस ने उठाए सवाल
गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया असम दौरे के बाद सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री के भाषणों पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उनके संबोधनों में कांग्रेस पर हमलों के साथ-साथ इतिहास की घटनाओं को अपने दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया। गोगोई ने कहा कि यह तरीका न सिर्फ विवाद को जन्म देता है, बल्कि असम की भावनाओं को भी आहत करता है।
भाषणों की विषयवस्तु पर उठाए सवाल
कांग्रेस नेता का कहना है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में आज़ादी से पहले असम को लेकर हुई घटनाओं का उल्लेख करते हुए कांग्रेस की भूमिका पर आरोप लगाए, जो ऐतिहासिक तथ्यों को एकतरफा ढंग से पेश करने जैसा है। गोगोई ने कहा कि इतिहास को राजनीतिक बहस का हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए।
जुबीन गर्ग को लेकर जताई नाराज़गी
गोगोई ने असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर सार्वजनिक रूप से संवेदना व्यक्त नहीं की। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने न सिर्फ श्रद्धांजलि दी, बल्कि परिवार से मुलाकात कर न्याय की मांग भी उठाई। कांग्रेस के अनुसार, इससे असम के लोगों की भावनाओं की अनदेखी का संदेश गया।
संवेदना से अधिक आयोजनों पर जोर का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का दौरा अधिकतर औपचारिक आयोजनों और बड़े मंचीय कार्यक्रमों तक सीमित रहा। उनका कहना है कि आम लोगों के दुख-दर्द और भावनाओं को पर्याप्त स्थान नहीं मिला, जिससे जनता में निराशा देखने को मिली।
मणिपुर का उदाहरण भी सामने रखा
गोगोई ने मणिपुर की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां के लोगों ने भी पहले ऐसे ही अनुभव साझा किए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से सीधे मुलाकात की, जबकि केंद्र सरकार की ओर से अपेक्षित संवेदनशीलता नहीं दिखी।
पूर्वोत्तर के सम्मान की बात
कांग्रेस नेता ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत केवल राजनीतिक नारे का विषय नहीं, बल्कि उसकी अपनी संस्कृति, परंपराएं और संघर्ष हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो भी दल या नेता इन मूल्यों का सम्मान करेगा, उसे ही जनता का समर्थन मिलेगा। प्रधानमंत्री का असम दौरा बीते सप्ताहांत हुआ था, जिसके बाद से यह सियासी बहस जारी है।
केंद्र सरकार की नीतियां अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना पैदा कर रही- एमके स्टालिन
तिरुनेलवेली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। तिरुनेलवेली में एक क्रिसमस कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर संविधान की मूल भावना के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी देश की विविधता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कमजोर करना चाहती है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि भारत की पहचान उसकी बहुलता और सांस्कृतिक विविधता से है, लेकिन कुछ ताकतें इसे खत्म करने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को संविधान में निहित ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द से आपत्ति है और वह इसे हटाने की मंशा रखती है। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु की जनता ऐसी राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 19वीं सदी की ईसाई मिशनरी साराह टकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने दक्षिणी तमिलनाडु में महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि साराह टकर कॉलेज जैसे संस्थानों ने हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमके सरकार सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार में विश्वास रखती है और अल्पसंख्यकों के कल्याण को प्राथमिकता देती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। ईसाई समुदाय के लिए किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने चर्चों के निर्माण और उनके पुनर्निर्माण जैसे प्रयासों की जानकारी भी दी।
स्टालिन ने कहा कि डीएमके सरकार का विकास मॉडल समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें हर व्यक्ति की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना पैदा कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल देश को एकरूपता की ओर ले जाना चाहते हैं, जहां एक भाषा, एक धर्म और एक विचारधारा को थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में इस तरह के प्रयासों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा और डीएमके संविधान, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक सद्भाव की रक्षा के लिए पूरी मजबूती से खड़ी रहेगी।
बीजेपी का गंभीर आरोप—भारत की छवि बिगाड़ने के लिए कांग्रेस ले रही विदेशी ताकतों का सहारा
नई दिल्ली। भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर विदेश से संचालित सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए भारत की छवि धूमिल करने का गंभीर आरोप लगाया। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि 2014 से अब तक कांग्रेस और उससे जुड़े कुछ प्रमुख नेता देश के प्रधानमंत्री और भारतीय लोकतंत्र को निशाना बनाने के लिए लगातार विदेशी मंचों और बाहरी प्रभावों का सहारा ले रहे हैं।
पात्रा के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X में हाल ही में आए लोकेशन फीचर से कई कांग्रेस नेताओं के अकाउंट विदेशों से संचालित होते दिखे हैं। उन्होंने दावा किया कि पवन खेड़ा का अकाउंट अमेरिका, महाराष्ट्र कांग्रेस का आयरलैंड और हिमाचल कांग्रेस का अकाउंट थाईलैंड से जुड़ा हुआ दिखाई देता है। पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विदेशों से नैरेटिव सेट करके भारत की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुँचाने का प्रयास कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस नेता विदेश जाकर केवल बयानबाज़ी ही नहीं करते, बल्कि विदेशों में बैठी टीमों के जरिए भारत के खिलाफ माहौल तैयार करने की रणनीति भी बनाई जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि “वोट चोरी”, “ऑपरेशन सिंदूर” और प्रधानमंत्री व सेना को कमजोर दिखाने जैसी कथित ऑनलाइन कैंपेन विदेशी लोकेशन से संचालित हुए, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया और यूरोप में बैठे लोग शामिल बताए गए।
पात्रा ने कहा कि संघ, सरकार और प्रधानमंत्री को बदनाम करने का अभियान भी विदेश से चलाया गया और कांग्रेस इससे पीछे नहीं हट रही है, चाहे इसके लिए उसे किसी भी विदेशी ताकत का सहारा क्यों न लेना पड़े।
बाबरी मस्जिद की नींव रखने के दावे पर भाजपा ने लगाया तुष्टिकरण का आरोप
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। टीएमसी के एक विधायक द्वारा मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखने का दावा सामने आने के बाद प्रदेश में सियासी टकराव तेज हो गया है। विधायक की घोषणा के बाद भाजपा ने तीखी आपत्ति जताते हुए इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है।
टीएमसी के भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हुमायूं कबीर ने कहा है कि 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग और कई प्रमुख शख्सियतें शामिल होंगी। उन्होंने दावा किया कि मस्जिद का निर्माण लगभग तीन वर्षों में पूरा होगा। कबीर के इस बयान ने बंगाल की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है।
भाजपा ने तत्काल इस ऐलान पर कड़ा विरोध जताया। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि बाबर एक विदेशी हमलावर था और उसके नाम पर किसी भी प्रकार का निर्माण स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि मस्जिद निर्माण की कोशिश हुई तो भाजपा उस स्थान पर राम मंदिर की स्थापना की मांग करेगी।
भाजपा नेताओं ने टीएमसी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। पार्टी प्रवक्ता अग्निमित्रा पॉल का कहना है कि किसी भी धार्मिक स्थल के निर्माण पर उन्हें आपत्ति नहीं, लेकिन टीएमसी इसे राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। वहीं भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि मस्जिद या मंदिर का निर्माण उचित स्थान पर होना चाहिए और इसका राजनीतिकरण कर समुदाय विशेष को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और समानता के मुद्दों पर राजनीति करती है और चुनाव भी इन्हीं मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए। कांग्रेस सांसद उदित राज ने कहा कि मंदिर की नींव रखी जा सकती है तो मस्जिद की रखे जाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, और इस विषय को बेवजह विवाद का रूप दिया जा रहा है।
इधर, 6 दिसंबर को टीएमसी द्वारा कोलकाता में एक बड़ी रैली आयोजित करने की तैयारी है, जिसे ‘समहति दिवस’ नाम दिया गया है। यह रैली आमतौर पर पार्टी का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ आयोजित करता है, लेकिन इस बार इसकी जिम्मेदारी छात्र और युवा विंग को सौंपी गई है। संभावना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी इसमें संबोधित करेंगे।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बीच एसआईआर (Special Summary Revision) को लेकर पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को धांधली बताया और चेतावनी दी कि वैध मतदाताओं के नाम हटे तो इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम होंगे। ऐसे में बाबरी मस्जिद मुद्दा भी आगामी चुनावी माहौल पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार की जनता ने इस बार बदलाव के पक्ष में मजबूती से मतदान किया
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले जारी एग्जिट पोल भले ही अलग-अलग तस्वीर दिखा रहे हों, लेकिन महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सरकार बनने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस बार बदलाव के पक्ष में मजबूती से मतदान किया है और महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है।
मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा, “बिहार की जनता का आशीर्वाद हमें मिल चुका है। 14 नवंबर को मैं मुख्यमंत्री बनने जा रहा हूं।” उन्होंने कहा कि इस बार जनता का उत्साह और समर्थन पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। लोगों ने बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट देकर मौजूदा सरकार के खिलाफ स्पष्ट जनादेश दिया है।
महागठबंधन नेता ने सभी सहयोगी दलों, कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता ने नई दिशा तय की है। तेजस्वी ने कहा, “2020 की तुलना में इस बार 72 लाख ज्यादा लोगों ने मतदान किया है, जो इस बात का संकेत है कि जनता बदलाव चाहती है और अब सरकार बदलना तय है।”
एग्जिट पोल को लेकर तेजस्वी ने कहा कि वे इन सर्वे नतीजों से न खुशफहमी में हैं, न ही भ्रम में। उनका कहना था कि “एग्जिट पोल का मकसद केवल माहौल को प्रभावित करना है। भाजपा और एनडीए की बेचैनी बताती है कि इस बार उन्हें जनता ने नकार दिया है।”
उन्होंने दोहराया कि 14 नवंबर को नतीजों के बाद 18 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह होगा और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना अब तय है।
तेजस्वी यादव ने कहा- वह केवल विकास के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री कई विवादित चेहरों के लिए कर रहे प्रचार
बिहार। पटना के पोलो रोड स्थित आरजेडी कार्यालय में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरे चरण के मतदान से पहले कई सवाल उठाए। उनके साथ सांसद मीसा भारती भी मौजूद रहीं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सुरक्षा बल मुख्यतः भाजपा शासित राज्यों से बुलाए हैं। उन्होंने दावा किया कि कुल 208 कंपनियां भाजपा शासित राज्यों से तैनात की गई हैं और करीब 68% पुलिस ऑब्जर्वर भी उन्हीं प्रदेशों से आए हैं। तेजस्वी ने पूछा कि “फिर बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड से बल क्यों नहीं बुलाए गए?”
पीएम के कैंपेन को लेकर निशाना
तेजस्वी यादव ने कहा कि वह केवल विकास के मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री ने मंच साझा करते हुए कई विवादित चेहरों के लिए प्रचार किया। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि पीएम कुछ मामलों में संदिग्ध छवि वाले लोगों से मंच पर जुड़े दिखे।
“लोग बदलाव के मूड में हैं”
तेजस्वी ने दावा किया कि उन्होंने चुनाव प्रचार में 171 से अधिक सभाएं की हैं और हर ब्लॉक/जिला में जनसमर्थन मिला है। उनके मुताबिक बिहार की 20 साल पुरानी व्यवस्था से जनता बदलाव चाहती है और इस बार नतीजे “ऐतिहासिक” होंगे। उन्होंने कहा कि 14 तारीख को सरकार गठित होने के बाद बिहार को तेज रफ्तार विकास देने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा।
तेजस्वी के चुनावी वादे
आरजेडी नेता ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कई वादों का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही महिलाओं के खातों में 30 हजार रुपये देने, जीविका दीदियों का ब्याज माफ करने, ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, किसानों को फ्री बिजली देने और नई सामाजिक योजनाएँ शुरू करने का रोडमैप तैयार है। साथ ही उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर “ज़ीरो टॉलरेंस” अपनाया जाएगा।
समस्तीपुर घटना का मुद्दा भी उठाया
तेजस्वी ने कहा कि समस्तीपुर में फेंकी गई पर्चियों से लोगों में भय का वातावरण बना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जा रहे हैं। तेजस्वी ने चुनाव आयोग से यह भी सवाल किया कि पहले चरण में पुरुष/महिला वोटर टर्नआउट का डेटा 4 दिन बाद भी क्यों जारी नहीं हुआ।
पीएम मोदी बोले — “कुछ लोग खुद को बिहार का माई-बाप समझते थे, लेकिन मोदी अलग है, मेरे माई-बाप जनता-जनार्दन हैं
अररिया। बिहार में पहले चरण की वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अररिया की रैली में RJD पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार ने 15 साल ‘जंगलराज’ के दौर में सिर्फ पिछड़ना देखा। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि 1990 से 2005 के बीच बिहार में न तो सड़कें बनीं, न पुल, न बड़े एजुकेशनल संस्थान। विकास के नाम पर सन्नाटा रहा। उन्होंने कहा — “उन दिनों विकास का बैलेंस शीट देखा जाए तो हर जगह एक ही एंट्री थी… शून्य।”
पीएम बोले कि बिहार की जनता सबसे बड़ा मालिक है
मोदी ने कहा — “कुछ लोग खुद को बिहार का माई-बाप समझते थे। लेकिन मोदी अलग है, मेरे माई-बाप जनता-जनार्दन हैं। आप ही मेरे मालिक हैं, आप ही मेरा रिमोट कंट्रोल हैं।”
वोटिंग को बताया लोकतंत्र का पर्व
पहले चरण में भारी संख्या में लोग घरों से निकले। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की लंबी-लंबी लाइनें लगीं। पीएम मोदी ने इसे लोकतंत्र की ताकत बताया और सभी मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने अपील की — “जो अभी वोट देने नहीं गए हैं, वह जरूर जाएं।”
NDA की जीत को लेकर भरोसा
पीएम ने दावा किया कि बिहार की जनता एक बार फिर NDA की सरकार को ही चुनने जा रही है। उन्होंने कहा — “फिर एक बार NDA सरकार… यही आवाज पूरे बिहार में गूंज रही है। माताओं-बहनों की उम्मीदें और युवाओं के सपने इस चुनाव में NDA का सबसे बड़ा आधार हैं।”
500 वोटर एक ही पते पर, फर्जी फोटो वाले हजारों नाम – राहुल का दावा
राहुल बोले- हर आठ में से एक मतदाता नकली, मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को एआईसीसी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चुनाव प्रक्रिया में “वोट चोरी” के आरोपों को दोहराते हुए कई उदाहरण सामने रखे। राहुल ने दावा किया कि हरियाणा सहित कुछ राज्यों में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाता जोड़े गए और कई वोट काट दिए गए। उन्होंने इसे “सेंट्रलाइज्ड ऑपरेशन” बताते हुए कहा कि यह अलग–अलग बूथ की नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर की गई गड़बड़ी है।
एग्जिट पोल का हवाला, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ राज्यों के एग्जिट पोल दिखाए और कहा कि हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में वोटिंग के बाद जो शिकायतें आईं, वो एग्जिट पोल और रिजल्ट में अंतर की ओर संकेत करती हैं। उन्होंने एक महिला की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति ने अलग–अलग नाम से हरियाणा में कई बार वोट डाला।
“H फाइल्स” का जिक्र
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास “H फाइल्स” हैं, जिनमें हरियाणा में कथित अनियमितताओं से जुड़े डॉक्यूमेंट्स मौजूद हैं। उन्होंने दावा किया कि हर आठ में से एक वोटर फर्जी है और हरियाणा में करीब 1 लाख से ज्यादा मतदाता ऐसे मिले जिनके फोटो संदिग्ध हैं। राहुल ने यह भी कहा कि 25 लाख वोट चोरी हुए और बड़ी संख्या में मतदाताओं के वोट “काटे” गए।
500 वोटर एक ही पते पर — राहुल का दावा
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में कई लोगों के मकान नंबर 0 दर्ज हैं और जांच में 500 मतदाताओं का एक ही पता सामने आया है। उन्होंने कहा कि फर्जी नामों की पहचान करना मुश्किल है क्योंकि उनका कोई सत्यापित एड्रेस नहीं है।
पहले भी दे चुके हैं संकेत
राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर 1 सितंबर को भी बयान दिया था और कहा था कि “वोट चोरी” को लेकर वे “हाइड्रोजन बम” फोड़ेंगे। कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी आने वाले समय में इस मुद्दे पर और दस्तावेज़ व विवरण सार्वजनिक कर सकते हैं।
तेजस्वी बोले- किसानों को सिंचाई के लिए बिजली होगी बिल्कुल फ्री
पटना। बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ते ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री फेस तेजस्वी यादव ने मंगलवार को एक और बड़ा वादा कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में लौटता है तो “माई बहिन योजना” के तहत महिलाओं को एक साल की पूरी किस्त एकमुश्त 30 हजार रुपये सीधे खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। तेजस्वी ने दावा किया कि सरकार बनने के बाद 14 जनवरी के दिन पहली ही फाइल पर साइन कर यह राशि ट्रांसफर करा दी जाएगी।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि जीविका (कम्युनिटी मोबिलाइजर) को स्थायी करने और उन्हें हर महीने 30 हजार रुपये मानदेय देने का फैसला भी सरकार बनते ही लागू कर दिया जाएगा। किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त देने का वादा दोहराते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 55 पैसा प्रति यूनिट वसूली जाती है, लेकिन महागठबंधन सरकार इसे शून्य कर देगी। साथ ही राज्य के 8463 पैक्स को जनप्रतिनिधि का दर्जा भी देने की बात कही।
नौकरी के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा कि हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देना उनकी प्राथमिकता है। बजट के सवाल पर उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों से सलाह के बाद ही यह घोषणा हुई है। 17 महीने के अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने 5 लाख नौकरियां दी थीं और साढ़े तीन लाख नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की थी। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि भाजपा वाले इस पर कुछ नहीं बोलते, क्योंकि उन्हें मालूम है कि यह सब संभव है।
