अजय राय ने मायावती को कहा “बीजेपी की बी टीम”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि वह बीजेपी की मदद कर विपक्षी वोटों को तोड़ रही हैं। राय ने मायावती को कांशीराम की विचारधारा को बेचने, दलितों और मुसलमानों के मुद्दों पर चुप रहने और अपनी हालिया रैली के जरिए राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया है।
अजय राय ने मायावती पर बीजेपी की “बी टीम” होने का गंभीर आरोप लगाया है। राय के अनुसार, लखनऊ में मायावती की रैली बीजेपी द्वारा फंडेड और प्रायोजित थी, जिसमें सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर भीड़ जुटाई गई। कांशीराम की पुण्यतिथि पर राय ने कहा कि मायावती ने दलितों और वंचितों के लिए कांशीराम के संघर्ष और उनकी विरासत को नष्ट कर दिया। राय ने रायबरेली, बरेली और बहराइच में दलित और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हुई घटनाओं पर मायावती की चुप्पी को भी गंभीर मुद्दा बताया।
इसके अलावा, राय ने दावा किया कि मायावती की सक्रियता का उद्देश्य केवल उत्तर प्रदेश नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक को बांटकर “इंडिया” गठबंधन को कमजोर करना है।
जयराम रमेश बोले – गाजा में नरसंहार करने वाले नेतन्याहू की प्रशंसा नैतिक रूप से निंदनीय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वेस्ट एशिया शांति पहल की सराहना और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तारीफ करने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे “नैतिक रूप से गलत” और “भारत की पारंपरिक विदेश नीति के विपरीत” बताया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गाजा को लेकर हुए हालिया समझौते का स्वागत करते हुए ट्रंप और नेतन्याहू दोनों की प्रशंसा की, जो चौंकाने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू की बिना शर्त तारीफ करना शर्मनाक है, क्योंकि वे गाजा में चल रही हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।
रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार फलस्तीन के स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के भविष्य को लेकर पूरी तरह मौन है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत ने 1988 में ही फलस्तीन को मान्यता दी थी और अब 150 से अधिक देश उस रुख का समर्थन कर रहे हैं।
दरअसल, विवाद तब शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की शांति योजना के पहले चरण का स्वागत करते हुए लिखा कि यह इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत नेतृत्व का प्रतीक है। पीएम ने उम्मीद जताई थी कि बंधकों की रिहाई और गाजा को मिल रही मानवीय सहायता से क्षेत्र में स्थायी शांति की राह खुलेगी।
इस समझौते को इस्राइल और हमास के बीच अब तक की सबसे बड़ी कूटनीतिक प्रगति माना जा रहा है, जिसके तहत संघर्षविराम और बंदियों की रिहाई पर सहमति बनी है।
कांग्रेस का कहना है कि मतदाता सूची से कितने गैर-नागरिकों के नाम हटाए गए, इसकी पूरी जानकारी नहीं दी गई
नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर फिर से गंभीर आरोप लगाते हुए बिहार में मतदाता सूची से गैर-नागरिकों को हटाने की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है। पार्टी का कहना है कि आयोग इस बारे में खुलकर जानकारी देने में विफल रहा है कि कितने नाम हटाए गए और एसआईआर प्रक्रिया में समानता और निष्पक्षता की कमी है।
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी नहीं रही। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया होता कि कितने गैर-नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, तो स्थिति और स्पष्ट होती।
जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट के हस्तक्षेप से मताधिकार से वंचित होने की आशंकाएं कम हुई हैं, लेकिन पूरी प्रक्रिया में सटीकता, समानता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना अभी बाकी है। उन्होंने इस संबंध में प्रकाशित एक समाचार पत्र लेख की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें एसआईआर प्रक्रिया का विस्तृत विश्लेषण किया गया।
कांग्रेस का यह बयान चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर उठाए गए सवालों को और अधिक तेज़ करता है और बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा को लेकर राजनीतिक बहस को नया मोड़ देता है।
भाजपा का आरोप: सत्ता में रहते ठाकरे ने बाढ़ पर कार्रवाई नहीं की, अब रैली का खर्च राहत में लगाएं
मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए सोमवार को कहा कि वह इस साल की अपनी पारंपरिक दशहरा रैली रद्द करें और उसका खर्च मराठवाड़ा के बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाएं। उपाध्ये ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए ठाकरे ने बाढ़ और संकट के समय ठोस कदम नहीं उठाए और अब उन्हें अपनी गलती सुधारने का अवसर है।
महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र, जो सामान्यतः सूखे से जूझता है, इस बार बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है। सैकड़ों परिवारों ने अपना घर-बार और जीविका का साधन खो दिया है।
उपाध्ये ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मराठवाड़ा के पांच जिलों का दौरा कर प्रभावितों से संवेदना तो जताई, लेकिन अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। उन्हें अपनी परंपरागत दशहरा रैली रद्द कर, उस पर होने वाला व्यय राहत कार्यों में लगाना चाहिए, ताकि संवेदना व्यावहारिक मदद में बदल सके।
भाजपा नेता ने ठाकरे की रैली की थीम और दिशा पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि बाल ठाकरे के समय यह रैली विचारधारा और संगठन का केंद्र होती थी, जबकि अब यह केवल विरोधियों पर आरोप लगाने और पार्टी टूटने की कहानी दोहराने तक सीमित रह गई है। उन्होंने पूछा कि जब वही बातें ‘सामना’ अख़बार में रोज प्रकाशित होती हैं, तो लाखों रुपये खर्च कर रैली आयोजित करने का क्या औचित्य है।
कांग्रेस की CWC बैठक को भाजपा ने बताया चुनावी स्टंट
नई दिल्ली। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी बीच बुधवार को कांग्रेस की पहली बार हुई कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक ने सियासी गर्माहट बढ़ा दी है। भाजपा ने इस बैठक पर हमला बोलते हुए इसे महज चुनावी स्टंट बताया और कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए।
भाजपा का आरोप:
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह बैठक कांग्रेस की सोची-समझी चाल है, जिससे वह महागठबंधन में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। मालवीय ने इसे तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के सपने का अंत बताते हुए कहा कि कांग्रेस अब राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती।
महागठबंधन में संदेश:
मालवीय ने कहा कि इस बैठक में वही नेता शामिल हुए हैं जिन्होंने पहले बिहार और बिहार की जनता का अपमान किया। उनका कहना है कि महागठबंधन के भीतर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने पर अब सहमति नहीं बन रही।
कांग्रेस-राजद में बढ़ती दूरी:
भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी का बिहार में बढ़ता सक्रियता दिखाता है कि कांग्रेस अब खुद को एक मजबूत ताकत के रूप में पेश करना चाहती है और राजद पर निर्भर नहीं रहना चाहती। मालवीय ने कहा कि चुनाव से पहले ही दोनों दलों की राहें अलग हो सकती हैं।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया:
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस बिहार में अपनी जमीन खो चुकी है और उसके पास न नेता हैं न कार्यकर्ता। डॉ. बूरा नरसैया गौड़ ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप को सिर्फ बहाना बताया और भाजपा की जीत की उम्मीद जताई।
पटना बैठक पर रविशंकर प्रसाद का तंज:
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को बिहार की याद 85 साल बाद आई है। उनका कहना है कि यह बैठक सिर्फ राजनीतिक फायदा और आगामी चुनावों के लिए है, जनता की भलाई के लिए नहीं।
भाजपा नेतृत्व की कार्यशैली और पारदर्शिता पर उठाए सवाल
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भाजपा पर संगठनात्मक चुनावों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। राउत ने तंज कसते हुए कहा कि जब भाजपा देश के सर्वोच्च संस्थानों—मुख्य न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति और चुनाव आयुक्त जैसे पदों पर बदलाव करने की ताकत रखती है, तो फिर अपने ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से क्यों बच रही है? उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही और यही भाजपा की सबसे बड़ी कमजोरी है।
राउत ने कहा कि भाजपा नेतृत्व संगठनात्मक स्तर पर चुनाव कराने में असमर्थ दिखाई देता है। उनका व्यंग्यपूर्ण हमला भाजपा की कार्यशैली और पारदर्शिता पर सीधा वार माना जा रहा है।
मुंबई नगर निगम चुनाव और ठाकरे फैक्टर
आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर राउत ने संकेत दिए कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे पर बयान केवल अंतिम सहमति के बाद ही सामने आएगा। राउत का दावा है कि ठाकरे परिवार का प्रभाव महाराष्ट्र की राजनीति में आज भी अहम है और इसका असर चुनावी नतीजों में साफ दिखेगा।
मराठी अस्मिता पर जोर
राउत ने मराठी पहचान को भी चुनावी एजेंडे से जोड़ा। उन्होंने कहा कि “मराठी जनता बताएगी कि ठाकरे ब्रांड का असली अर्थ क्या है।” उनका इशारा इस ओर था कि स्थानीय अस्मिता एक बार फिर चुनाव में निर्णायक कारक साबित हो सकती है।
भाजपा पर सीधा निशाना
विशेषज्ञ मानते हैं कि राउत का यह बयान भाजपा पर दबाव बनाने और विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। शिवसेना (यूबीटी) पहले से ही भाजपा पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने और संस्थानों पर नियंत्रण जमाने के आरोप लगाती रही है। अब संगठनात्मक चुनाव का मुद्दा भी इस बहस में नया मोड़ लेकर आया है।
राउत के बयान से साफ है कि आने वाले दिनों में मुंबई नगर निगम चुनाव और राज्य की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि “समय आने पर तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।” राजनीतिक गलियारों में इसे विपक्षी खेमे की नई रणनीति का संकेत माना जा रहा है।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना, सीईसी ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की रक्षा करने लगाया आरोप
वायनाड— कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने शनिवार को वायनाड में एक कार्यक्रम के दौरान चुनावी पारदर्शिता और मतदाता सूचियों से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर भरी बहस छेड़ी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसी “पुख्ता” सामग्री है जिसे उन्होंने उपहास में “हाइड्रोजन बम” कहा, जो पूरे मामले की सच्चाई बेनकाब कर देगी।
राहुल गांधी ने कहा, “हमारे पास स्पष्ट और ठोस प्रमाण हैं — मैं बिना सबूत के कुछ भी नहीं कहता। जो कुछ हुआ है, वह सामने आने वाला है।” उन्होंने बताया कि पार्टी ने पहले भी महादेवपुरा और आलंद से संबंधित मामलों में मतदाता सूचियों में किए गए बदलावों के काले-सफेद सबूत पेश किए हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे भी इसी तरह के प्रमाण सार्वजनिक किए जाएंगे।
चुनाव आयोग और सीईसी पर आरोप
राहुल ने चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव अधिकरी (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने “वोट चोरों” की रक्षा की है। उन्होंने विशेषकर कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से छह हज़ार मतदाताओं के नाम हटाए जाने का जिक्र किया और इसे चुनाव आयोग प्रमुख के खिलाफ एक गंभीर आरोप बताया। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में सीआईडी की जांच भी जारी है और सीआईडी ने वोट चोरी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नम्बरों की जानकारी मांगी है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई व्यक्तिगत बकवास नहीं है बल्कि तथ्यों पर आधारित मामला है, और जिन्होंने वोटों से छेड़छाड़ की उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
आलंद मामले और आयोग की प्रतिक्रिया
इस पर चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऑनलाइन किसी भी आम व्यक्ति द्वारा मतदाता नामों को हटाया नहीं जा सकता और आलंद में किसी भी मतदाता का अनुचित रूप से नाम हटाए जाने का मामला सत्यापित नहीं हुआ है। आयोग के बयान का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि संबंधित प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोपों की जांच की जाएगी।
व्यक्तिगत टिप्पणी व वायनाड का ज़िक्र
राहुल गांधी ने वायनाड के स्थानीय आयोजनों में भी भाग लिया और वहां के लोगों के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब उन पर हमला हुआ तो वायनाड के लोगों ने उनकी रक्षा की और उन्होंने स्थानीय समर्थकों के साथ अपने स्नेह व आभार का इज़हार किया। इसी कार्यक्रम में उन्होंने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की विनम्रता की भी प्रशंसा की और कहा कि कुछ राष्ट्रीय नेताओं में सत्ता मिलने पर अहंकार आ जाता है, जबकि ओमन चांडी विनम्र बने रहे।
आगे की कार्रवाई
राहुल गांधी की ओर से उठाए गए इन आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जहां कांग्रेस ने आगे साक्ष्य सार्वजनिक करने का एलान किया है, वहीं चुनाव आयोग ने पहले दिए गए अपने बयान को दोहराते हुए कहा है कि किसी भी अवैध कार्रवाई की जांच नियम के अनुसार की जाएगी। सीआईडी या अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई और पार्टी द्वारा दिए जाने वाले नए सबूतों के आधार पर मामले में और पहल की संभावना बनी हुई है।
राहुल गांधी का बड़ा आरोप, कहा – सॉफ्टवेयर से हो रही है ‘वोट चोरी’
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि देश में सुनियोजित तरीके से मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं और यह काम किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर के जरिए किया जा रहा है। राहुल ने दावा किया कि यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है और चुनाव आयोग उन लोगों को बचा रहा है, जो ‘वोट चोरी’ के जिम्मेदार हैं।
राहुल गांधी ने कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 6,018 मतदाताओं के नाम फर्जी तरीके से हटाने की कोशिश की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब राज्य के बाहर से मोबाइल नंबरों और एक ऑटोमैटिक सॉफ्टवेयर के जरिए किया गया, जिसमें खासतौर पर कांग्रेस समर्थकों को निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा, “मैं कोई ऐसी बात नहीं कह रहा जो प्रमाणित न हो। यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीकृत ढंग से चलाई जा रही है। बूथ लेवल पर नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर तकनीक के जरिए मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं।”
राहुल गांधी का कहना है कि इस तरह के फर्जीवाड़े का असर सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लाखों वोटरों के नाम लिस्ट से गायब किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अगर सचमुच लोकतंत्र की रक्षा करना चाहता है तो एक सप्ताह के भीतर मतदाता सूची से हटाए गए नामों का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करे।
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि कांग्रेस बहुत जल्द ‘वोट चोरी’ पर बड़ा खुलासा करने वाली है, जिसे उन्होंने “हाइड्रोजन बम” करार दिया।
विशाखापट्टनम रैली में नड्डा ने गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां
विशाखापट्टनम। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 11 वर्षों में विकास और जवाबदेह शासन की राजनीति देखी है, जबकि पिछली सरकारें सिर्फ वादे करने और उन्हें भूल जाने तक ही सीमित रहीं।
जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा आज 14 करोड़ कार्यकर्ताओं के साथ दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। उन्होंने बताया कि भारत के 20 राज्यों में राजग और 13 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, लोकसभा में पार्टी के 240 सांसद और विधानसभाओं में लगभग 1,500 विधायक हैं।
उन्होंने कहा कि पहले की राजनीति परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण पर आधारित थी, जबकि भाजपा एक वैचारिक आधार पर खड़ी पार्टी है। नड्डा ने आंध्र प्रदेश के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने अमरावती राजधानी निर्माण के लिए 15,000 करोड़ रुपये की सहायता दी है।
राम मंदिर और सीएए का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्पों को निभाया है। उन्होंने याद दिलाया कि 1987 में पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का वादा किया था, जिसे 2024 तक पूरा कर दिया गया। इसी तरह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करके भी पार्टी ने अपने वचन को निभाया।
विजय पर तंज, कहा राजनीति 24×7 की जिम्मेदारी, शनिवार-रविवार से जनता का भरोसा नहीं मिलता
चेन्नई। तमिलनाडु की राजनीति में इन दिनों बयानबाज़ी तेज हो गई है। भाजपा नेता के. अन्नामलाई ने अभिनेता और टीवीके (तमिलगा वेत्री कषगम) के संस्थापक विजय कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति केवल सप्ताहांत की गतिविधि नहीं हो सकती। अन्नामलाई का तर्क है कि विजय अगर अपनी पार्टी को डीएमके का विकल्प बताना चाहते हैं, तो उन्हें सातों दिन सक्रिय रहना होगा, क्योंकि राजनीति चौबीसों घंटे समर्पण मांगती है।
अन्नामलाई ने दावा किया कि भाजपा ही वास्तविक तौर पर डीएमके का विकल्प है, क्योंकि इसके कार्यकर्ता पूरे साल जमीनी स्तर पर सक्रिय रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी लगातार जिलों में जाकर जनसभाएं कर रहे हैं, जबकि विजय केवल शनिवार और रविवार को जनता से जुड़ते हैं।
भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि अगर टीवीके वास्तव में राज्य की वैकल्पिक ताकत बनना चाहती है, तो उसके नेता को भी गंभीरता और नियमितता के साथ राजनीति करनी होगी।
इस बीच, अभिनेता विजय की पार्टी टीवीके 13 सितंबर को मरक्कदाई में बैठक करने जा रही है। माना जा रहा है कि यहीं से विजय आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। तमिलनाडु पुलिस ने बैठक को मंजूरी तो दी है, लेकिन कई शर्तों के साथ। कार्यक्रम की अवधि सिर्फ 25 मिनट होगी और किसी भी तरह के रोड शो या जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रचार सीमित दायरे में केवल तिरुचिरापल्ली तक रहेगा।
पुलिस ने साफ किया है कि रैली में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने नहीं दी जाएगी। तय कार्यक्रम के अनुसार, विजय का प्रचार 10:35 से 11 बजे तक ही चलेगा और वाहनों की संख्या उनके काफिले तक ही सीमित रहेगी। इसके अलावा पार्टी पदाधिकारियों के लिए पैदल मार्च या बड़े जुलूस पर पूरी तरह रोक होगी।
