उत्तराखंड की इन दो विधानसभा उपचुनाव की तिथि जारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के साथ ही दो जिलों में हरिद्वार और चमोली में फिर आचार संहिता लागू होने जा रही है। चुनाव आयोग ने बद्रीनाथ विधानसभा(चमोली) और मंगलौर विधानसभा(हरिद्वार) उप चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। बद्रीनाथ के कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था। वह भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके चलते बद्रीनाथ विधानसभा खाली हो गई थी। मंगलौर के बसपा विधायक हाजी सरवत करीम अंसारी का निधन होने के बाद से यह सीट खाली है। लोकसभा चुनाव के साथ यहां उपचुनाव भी होने थे लेकिन इससे संबंधित याचिका हाईकोर्ट में लंबित होने के चलते चुनाव आयोग ने तिथि जारी नहीं की थी। अब उसका निस्तारण होने के बाद आयोग ने तिथि जारी कर दी है।
चुनाव कार्यक्रम
अधिसूचना जारी होने की तिथि- 14 जून
नामांकन की अंतिम तिथि – 21 जून
नामांकन पत्रों की जांच – 24 जून
नाम वापसी की अंतिम तिथि – 26 जून
विधानसभा उप चुनाव की तिथि – 10 जुलाई
मतगणना की तिथि – 13 जुलाई
भारतीय सेना को मिले 355 जांबाज अफसर, विदेशी मित्र राष्ट्रों के 39 अफसर भी हुए पास..
उत्तराखंड: देहरादून में आज भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंट आउट परेड का आयोजन हुआ। जिसमें पासआउट होकर आज 355 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं। इसके साथ ही विदेशी मित्र राष्ट्रों के 39 कैडेट भी पास आउट हुए। जो अपने-एपने देश की सेनाओं में अफसर बनेंगे।
शनिवार सुबह आईएमए में 154वें नियमित और 137वें तकनीकी ग्रेजुएट कोर्स की पासिंग आउट परेड हुआ। जिसमें कैडेट चैडवुड ड्रिल स्क्वायर पर कदम ताल करते हुए नजर आए। जबकि उनके परिजन उनका हौसला बढ़ाते हुए नजर आए। आज हुई पीओपी में भारतीय सेना को 355 जाबांज ऑफिसर मिले हैं। बता दें कि पीओपी में कुल 394 कैडेट पास हुए जिसमें से 39 विदेशी कैडेट हैं। आज आईएमए से पास हुए ये सभी ऑफिसर देश के कोने-कोने में अलग-अलग कोर से जुड़कर सेवा देने के लिए जाएंगे। उत्तरी कमांड के जीओसी ले. जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने परेड की सलामी ली। इस दौरान वहां आईएमए के कमांडेंट ले. जनरल संदीप जैन, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक नरेश भी मौजूद रहे।
उत्तराखंड के लाल धान ने देश में बनाई विशेष पहचान..
उत्तराखंड: नई दिल्ली में आयोजित नेशनल वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट अवार्ड में उत्तराखंड के लाल धान ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। ओडीओपी अवार्ड उत्तरकाशी जिले को दूसरा पुरस्कार मिला है। देशभर के लगभग पांच सौ जिलों के बीच उत्तरकाशी को कृषि की श्रेणी में ये सम्मान मिला है। जबकि राज्य अवार्ड में भी उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिला है।
आपको बता दे कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हासिल इस उपलब्धि से राज्य एवं जिले में खेती-किसानी को लाभदायक व्यवसाय में बदलने की सरकार की मुहिम को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और सम्मान मिलने से राज्य में आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें आजीविका के नए अवसर प्रदान कराने के सरकार के अभिनव और प्रतिबद्ध प्रयाद फलीभूत हो रहे हैं । कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के लाल धान को जीआई टैग और अब राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।
नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आत्म निर्भर भारत उत्सव का आयोजन हुआ। उत्सव का उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने किया। इस दौरान देशभर के जिलों के बीच कृषि की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले ने लाल धान की खेती को लेकर दूसरा स्थान हासिल किया है। इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर ने हाथों जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला ने जिलों की श्रेणी में प्रथम रनर अप का नेशनल ओडीओपी पुरस्कार ग्रहण किया।
राज्यों के बीच उत्तराखंड को मिला दूसरा स्थान
ओडीओपी अवार्ड में राज्यों के बीच उत्तराखंड राज्य को भी दूसरा स्थान मिला है। जिलों की श्रेणी में उत्तरकाशी जिले को नेशनल ओडीओपी अवार्ड प्रदान करते हुए केन्द्र सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य व जिले में कृषि के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों को सराहा गया है। सीएम धामी ने राष्ट्रीय स्तर पर मिले सम्मान की सराहना की है। उन्होंने कहा कि टीम वर्क से आगे भी इस तरह के नए उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं। सीएम धामी ने राज्य और जिले की टीम को बधाई दी।
CM ने पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने की मुहिम की थी शुरू
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में विशिष्ट गुणों वाले लाल धान का उत्पादन होता है। जिले के पुरोला क्षेत्र सहित रवांई घाटी में परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती होती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारम्परिक खेती के क्षेत्र में विद्यमान सम्भावनाओं को देखते हुए लाल धान और अन्य पारम्पारिक फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की हिदायत देते हुए अधिकारियों को इस दिशा में प्रतिबद्ध प्रयास करने की अपेक्षा की थी।
सीएम धामी के विजन और मिशन पर अमल करते हुए जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा जिले में लाल धान की पारंपरिक खेती का संरक्षण व संवर्द्धन के लिए बहुआयामी प्रयास करने के साथ ही गंगा घाटी के इलाकों में भी इसकी पैदावार करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर पिछले वर्ष से लाल धान की खेती शुरू करवाई गई। इस मुहिम में स्वयं डीएम अभिषेक रुहेला और अन्य अधिकारी खुद खेतों में उतर कर रोपाई की थी।
किसानों को दी मदद और महत्वपूर्ण जानकारी
जिला प्रशासन ने किसानों को लाल धान के बीज, खाद व अन्य तकनीकी जानकारी देने के साथ ही कृषि विभाग की टीम निरंतर लाल धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को जमीन पर उतारने में जुटी रही।जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने किसानों को तकनीकी जानकारी और अन्य मदद उपलब्ध कराई। उत्साहित किसानों ने बड़े पैमाने पर लाल धान की खेती को अपनाया।
ऐसा हुआ ओडोओपी पुरस्कार हेतु चयन
वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत उत्तरकाशी जिले सेे लाल धान को पूर्व नामित किया गया था। जिला प्रशासन, कृषि विभाग और उद्योग विभाग ने राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु के लिए गत अगस्त में भारत सरकार से आवेदन किया था। जिसके बाद भारत सरकार के दल ने बीते अक्टूबर व नवंबर माह में जिले का दौरा कर जिले के दावे की पड़ताल की और तय मानकों पर जिले के दावे को उपयुक्त पाया। नेशनल वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) अवार्ड में लाल धान और उत्तरकाशी जिला देश भर से दावेदार लगभग 500 जिलों के बीच सराहना और सम्मान का पात्र बना। इस उपलब्धि पर जिले में हर्ष की लहर है।
बागेश्वर चुनाव को लेकर बीजेपी की बडी रणनीति…
भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास आज करेंगी नामांकन…
उत्तराखण्ड: बागेश्वर विधान सभा उपचुनाव में बीजीपे की प्रत्याशी पार्वती दास आज नामांकन भरेंगी जिनके साथ मुख्यमंत्री धामी मौजूद रहेंगें। बता दें कि चन्दन राम दास जी के निधन के बाद बागेश्वर विधानसभा सीट खाली चल रही है जिस पर उपचुनाव होने जा रहा है जिसके लिए बीजेपी ने कोई रिस्क न लेते हुए चन्दन राम दास पूर्व विधायक की पत्नी पार्वती दास उपचुनाव लड़ाने पर सहमति दी।बता दें कि नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित भाजपा के कई नेता मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेता आज जनता से रूबरू भी होंगे। पूर्व विधायक और मंत्री चंदन राम दास की मौत के बाद यह सीट खाली हुई थी।
बीजेपी के पक्ष में वोट मांगेंगे सीएम धामी…
पार्वती दास के पक्ष में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज बागेश्वर में आयोजित जनसभा को करेंगे संबोधित। इसके जरिए वे पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में लोगों का समर्थन मांगेंगे। बता दें कि पार्वती दास पूर्व विधायक और मंत्री चंदन राम दास की पत्नी हैं। चंदन राम दास के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। इसी खाली सीट पर अब उपचुनाव हो रहा है।
कोलकाता फिल्म महोत्सव 15 दिसंबर से, अमिताभ-शाहरुख बिखरेंगे रंग..
देश-विदेश: पश्चिम बंगाल के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अरूप बिस्वास का कहना हैं कि विश्व प्रसिद्ध कोलकाता फिल्म फेस्टिवल महोत्सव (केआईएफएफ) का 28वां संस्करण 15 दिसंबर को शुरू होगा और से 22 दिसंबर तक चलेगा। आठ दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में दस स्थानों पर 42 देशों की 52 लघु और डाक्यूमेंट्री सहित करीब 183 फिल्में दिखाई जाएंगी।
बिस्वास ने कहा कि उद्घाटन समारोह नेताजी इनडोर स्टेडियम में होगा और इसमें बॉलीबुड अभिनेता बिग बी पत्नी जया के साथ उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में राज्यपाल सी वी आनंद बोस, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान भी उपस्थित रहेंगे। मंत्री ने बताया कि समारोह में सबसे पहले ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन वाली बच्चन की 1973 में आयी फिल्म अभिमान दिखायी जाएगी। बच्चन के सिने करियर के प्रदर्शन के तौर पर दीवार और काला पत्थर फिल्में भी दिखायी जाएगी।
इस बार महोत्सव में खेल से जुड़ीं सात फिल्में दिखाई जाएंगी। इसके तहत फिल्म ‘चक दे इंडिया’, ‘महेंद्र सिंह धोनी’, ‘मैरी कॉम’ सहित अन्य फिल्में दिखाई जाएंगी। महोत्सव के दौरान फिल्म जगत के दिग्गज कलाकार तरुण मजूमदार, प्रदीप मुखर्जी, शिव कुमार शर्मा और एंजेला लेंसबरी को विशेष श्रद्धांजलि दी जाएगी। जबकि एलेन रेसनेस, पियर पावलो पासोलीनी, माइकल कोकयानिस, दिलीप कुमार, असित सेन, ऋषिकेश मुखर्जी, भारती देवी, के असिफ और अली अकबर खान को सेंटेनरी ट्रिब्यूट दी जाएगी।
कोरोना के कारण पिछले वर्ष फिल्म महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था। इस वर्ष जब हालात बेहतर होने पर इसका 27वां संस्करण 25 अप्रैल होकर एक मई तक चला। उस दौरान उस दौरान फेस्टिवल में 40 देशों की 163 फिल्में दिखाई गई थीं।
- प्रह्लाद सबनानी
वरिष्ठ स्तंभकार
अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घोषणा की है कि वे प्रदेश के 6 जिलों सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर एवं फर्रुखाबाद के 5 तीर्थस्थलों को आपस में जोड़ने हेतु 500 किलोमीटर से भी लम्बा श्री परशुराम तीर्थ सर्किट बनाने जा रहे हैं। ये पांचों तीर्थ स्थल, नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरी मां के मंदिर के बॉर्डर से बाबा नीब करोरी धाम और जलालाबाद परशुराम की जन्मस्थली, हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र हैं।
इसी प्रकार दक्षिण भारत की शैली में वृंदावन के ‘रंगजी’ मंदिर के आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण कर उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना को पूर्ण करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने 16.20 करोड़ रुपये की कार्ययोजना बनाई है। इस दिव्यदेश मंदिर का निर्माण वर्ष 1833 में शुरू हुआ था। भगवान नारायण के लोक को ‘दिव्यदेश’ की संज्ञा दी जाती है। दिव्यदेश की पहचान पांच प्रमुख स्तंभों से होती है। इसमें गरुड़ स्तंभ, गोपुरम, पुष्करणी, पुष्प उद्यान और गोशाला होती है। ऐसे 107 दिव्यदेश भारत में और एक नेपाल में स्थित हैं।
अयोध्या में भी भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है। 5 अगस्त 2020 को शुरु हुए श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य का लगभग एक तिहाई काम सम्पन्न हो चुका है। अब श्रीराम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने गर्भगृह की पहली शिला रखते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ का रूप ले लेगा। 1100 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाले इस श्रीराम मंदिर के निर्माण में अभी तक 192 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। श्रीराम जन्मभूमि परिसर से कुछ दूरी पर दक्षिण भारत के द्रविड़ शैली में भव्य श्रीरामलला देवस्थानम मंदिर भी बनाया जा रहा है।
पूर्व में केंद्र सरकार ने भी देश के 12 शहरों को “हृदय” योजना के अंतर्गत भारत के विरासत शहरों के तौर पर विकसित करने की घोषणा की है। ये शहर हैं, अमृतसर, द्वारका, गया, कामाख्या, कांचीपुरम, केदारनाथ, मथुरा, पुरी, वाराणसी, वेल्लांकनी, अमरावती एवं अजमेर। हृदय योजना के अंतर्गत इन शहरों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, ताकि इन शहरों की पुरानी विरासत को पुनर्विकसित कर पुनर्जीवित किया जा सके। इस हेतु देश में 15 धार्मिक सर्किट भी विकसित किये जा रहे हैं। जिनमें शामिल हैं, हिमालय सर्किट, नोर्थ ईस्ट सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, कोस्टल सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट, वाइल्ड लाइफ सर्किट, रुरल सर्किट, स्पीरीचुअल सर्किट, रामायण सर्किट, हेरीटेज सर्किट, तीर्थंकर सर्किट एवं सूफी सर्किट। “हृदय” योजना को लागू करने के बाद से केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने कई परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इनमें से अधिकतर परियोजनाओं पर काम भी प्रारम्भ हो चुका है। इन सभी योजनाओं का चयन सम्बंधित राज्य सरकारों की राय के आधार पर किया गया है।
इसी प्रकार, पर्यटन मंत्रालय ने “प्रसाद” नामक एक विशेष योजना को प्रारम्भ किया है। जिसके अंतर्गत 15 राज्यों में धार्मिक स्थलों पर 24 परियोजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे को विकसित करने के उद्देश्य से पर्यटन मंत्रालय द्वारा वित्त की व्यवस्था की जाती है। “प्रसाद” योजना के अंतर्गत रोड, रेल एवं जलमार्ग के माध्यम से परिवहन की व्यवस्था विकसित की जा रही है। इन चुने हुए धार्मिक स्थलों पर बैंकों के एटीएम का जाल बिछाया गया है। वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था, रेस्ट रूम का निर्माण, वेटिंग रूम का निर्माण, फर्स्ट-एड के अंतर्गत दवाईयों की व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था, दूरसंचार के साधनों की व्यवस्था, आदि की जा रही है। इन विभिन्न परियोजनाओं को निजी एवं सरकारी क्षेत्र में, पीपीपी मॉडल के अंतर्गत, संयुक्त रूप से चलाने के प्रयास किये जा रहे है। इस योजना को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भी प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार भारत में धार्मिक स्थलों को विकसित करने में एकाएक इतनी दिलचस्पी क्यों लेने लगीं हैं? इसका उत्तर दरअसल इस तथ्य में छुपा है कि भारत में यात्रा एवं पर्यटन उद्योग 8 करोड़ व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है एवं देश के कुल रोजगार में पर्यटन उद्योग की 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत में प्राचीन समय से धार्मिक स्थलों की यात्रा, पर्यटन उद्योग में, एक विशेष स्थान रखती है। एक अनुमान के अनुसार, देश के पर्यटन में धार्मिक यात्राओं की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत के बीच रहती है। देश के पर्यटन उद्योग में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि दर अर्जित की जा रही है जबकि वैश्विक स्तर पर पर्यटन उद्योग केवल 5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज कर रहा है। भारत में पर्यटन उद्योग लगभग 23,400 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आय अर्जित कर रहा है। देश में पर्यटन उद्योग में 87 प्रतिशत हिस्सा देशी पर्यटन का है जबकि शेष 13 प्रतिशत हिस्सा विदेशी पर्यटन का है। अतः भारत में रोजगार के नए अवसर निर्मित करने के उद्देश्य से केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक स्थलों को विकसित करने हेतु प्रयास कर रही हैं।
पर्यटन उद्योग में कई प्रकार की आर्थिक गतिविधियों का समावेश रहता है। यथा, अतिथि सत्कार, परिवहन, यात्रा इंतजाम, होटल आदि। इस क्षेत्र में व्यापारियों, शिल्पकारों, दस्तकारों, संगीतकारों, कलाकारों, होटेल, वेटर, कूली, परिवहन एवं टूर आपरेटर आदि को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। उक्त कारणों में चलते हाल ही के समय में भारत में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के चार मंत्रालय – पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, रेल्वे मंत्रालय एवं परिवहन मंत्रालय, आपस में तारतम्य बनाते
हुए मिलकर कार्य कर रहे हैं। इन चारों मंत्रालयों के संयुक्त प्रयासों से देश में धार्मिक यात्राओं को आसान बना दिया गया है। परिवहन मंत्रालय द्वारा विभिन्न तीर्थ स्थलों पर आसानी से पहुंचने हेतु मार्गों को विकसित किया गया है एवं बुनियादी ढांचे को भी विकसित किया जा रहा है। जिसके चलते देश के नागरिकों द्वारा धार्मिक यात्राएं करने की मात्रा में काफी उच्छाल देखने में आ रहा है।
भारतीय रेल ने कई विशेष सर्किट मार्ग पर विशेष रेलगाड़ियों को चलाने का अभियान भी प्रारम्भ किया है। नवम्बर 2018 से श्री रामायण एक्सप्रेस नामक विशेष रेलगाड़ी प्रारम्भ की गई है। यह रेल भारत एवं श्रीलंका में प्रभु श्रीराम से सम्बंधित महत्वपूर्ण स्थानों के मार्ग के बीच चलायी जा रही है। यह रेल प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या से प्रारम्भ होती है एवं रेल के मार्ग में पड़ने वाले प्रभु श्रीराम की श्रद्धा के प्रमुख केंद्रों पर रूकती है। साथ ही, यदि श्रद्धा स्थल रेल्वे मार्ग से कुछ दूरी पर स्थित है तो भारतीय रेल श्रद्धालुओं को उक्त स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था भी करती है। इस तरह की कई अन्य विशेष रेलगाड़ियां राजकोट, जयपुर एवं मदुरई आदि स्थानों से भी चलाई जा रही हैं।
साथ ही अब वैष्णो देवी मंदिर पर पहुंच मार्ग को भी आसान बना दिया गया है। अब जम्मू-उधमपुर-कटरा रेलवे लाइन भी प्रारम्भ कर दी गई है। अब दिल्ली से कटरा तक रेल सेवा उपलब्ध करा दी गई है। कई रेलगाड़ियां अब सीधे कटरा तक पहुंच रही हैं। इससे वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को बहुत आसानी हो गई है। इसी प्रकार, एक विशेष पर्यटन रेलगाड़ी भारत दर्शन के लिए भी चलायी जा रही है। इस पैकेज टूर में 6 धार्मिक स्थल शामिल किए गए हैं, यथा, बैद्यनाथ, गंगासागर, कोलकत्ता, वाराणसी, प्रयागराज, आदि।
बुद्धिस्ट सर्किट पर भी विशेष रेलगाड़ियां अब चलाई जाने लगी हैं। विशेष पैकेज टूर के अंतर्गत बोद्धगया, नालंदा एवं वाराणसी शहरों के बीच 8 दिन की धार्मिक यात्रा सम्पन कराई जा रही है। भगवान बुद्ध के दर्शनार्थ यात्री विभिन्न देशों यथा जापान, चीन, थाईलैंड एवं श्रीलंका आदि से आते हैं। बुद्धिस्ट सर्किट पर पड़ने वाले अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन भी विदेशों से आए हुए इन यात्रियों को कराए जाते हैं एवं इनके सुख सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। पूरी सुविधाएं रेल्वे विभाग द्वारा प्रदान की जाती हैं।
गुरुद्वारा सर्किट पर पंज तख़्त एक्स्प्रेस नामक रेलगाड़ी चलायी जा रही है। इसके माध्यम से सिख धर्माविलंबियों को इस सर्किट पर पड़ने वाले गुरुद्वारों की यात्रा बहुत ही सहज तरीके से करायी जा रही है। इनमें शामिल हैं, अमृतसर में श्री अकाल तख़्त, श्री आनन्दपुर साहिब में तख़्त केशगड़, भटिंडा में तख़्त श्री दमदमा साहिब, पटना में तख़्त श्री पटना साहिब एवं नांदेड़ में तख़्त श्री हजूर साहिब।
उत्तराखंड में चार धाम – केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री – को भी बारहों महीने के लिए रोड के माध्यम से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे है। यह एक विशेष सर्किट के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
उक्त विभिन्न सर्किट को विकसित करने के पीछे भारत की जड़ें तलाशने के साथ ही देश में धार्मिक पर्यटन को पंख देने की मंशा भी काम कर रही है। योग एवं आयुर्वेद भी हाल ही के समय में विदेशों में काफी लोकप्रिय हो गया है। अतः इसकी खोज के लिए विदेशों से भी कई पर्यटक भारत में धार्मिक पर्यटन करने के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। इससे विदेशी पर्यटन भी देश में तेजी से वृद्धि दर्ज कर रहा है।
केंद्र सरकार के साथ साथ हम नागरिकों का भी कुछ कर्तव्य है कि देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हम भी कुछ कार्य करें। जैसे प्रत्येक नागरिक, देश में ही, एक वर्ष में कम से कम दो देशी पर्यटन स्थलों का दौरा अवश्य करे। विदेशों से आ रहे पर्यटकों के आदर सत्कार में कोई कमी न रखें ताकि वे अपने देश में जाकर भारत के सत्कार का गुणगान करे। आज करोड़ों की संख्या में भारतीय, विदेशों में रह रहे हैं। यदि प्रत्येक भारतीय यह प्रण करे की प्रतिवर्ष कम से कम 5 विदेशी पर्यटकों को भारत भ्रमण हेतु प्रेरणा देगा तो एक अनुमान के अनुसार विदेशी पर्यटकों की संख्या को एक वर्ष के अंदर ही दुगना किया जा सकता है।
चीन-ताइवान के बीच युद्ध के आसार..
देश-विदेश: चीन और ताइवान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़का चीन, उनके लौटते ही और आक्रामक हो गया है। चीन ने ताइवान को घेरने के लिए उसकी सीमा के आसपास घेराबंदी शुरू कर दी है। खबर यह भी है कि चीनी सेना ने ताइवान के आसपास सैन्य अभियान शुरू कर दिया है। जानकरी के अनुसार चीन ने ताइवान की सीमा पर युद्धाभ्यास के लिए युद्धपोत, फाइटर जेट व मिसाइलों को तैनात किया है। आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए चार से सात अगस्त तक छह अलग-अलग क्षेत्रों में भी सैन्य अभ्यास करेगा, जो ताइवान द्वीप को सभी दिशाओं से घेरता है।
The early usage of computer-based program to replace white-collar workers was very worthwhile, causing a dramatic move in white-collar labor. One computer can replace the services of many management workers without having to pay benefits or perhaps health insurance. The drafting aboard was substituted by a laptop, and corporate consumers began stressful business software to replace it. The computer-aided creating for computer-aided manufacturing came to be. Project management software could cost upwards of 500 usd, 000 per copy.
As opposed to the beginning, business applications today are built to cut costs and improve the productive cycle. Prior to the use of COBOL, businesses created their own equipment language, RCA’s, which comprised of twelve positions for each exercising. For example , when reading a list, the computer needs two digits for the ‘A’ business address and four positions for the instruction code. Once that info is entered, the system afterward runs the record without the human involvement.
The latest enhancements in business program have evolved the way that companies handle. Traditionally, business owners relied on their experience and knowledge to bring in order to their companies. Today, businesses rely on numerous computer applications to improve their do the job processes. Because of this, digital technology made running a business easier and faster than in the past. Those who business lead and improve in their domains have demonstrated their very own online deal software understanding for empathy, communication, and leadership. The most recent technology is built to make these kinds of qualities perfect anyone who requires it.
To remain competitive, modern business owners need to keep up with technical advances. As an example, they must include robust salaries systems, quickly taxation, and a simple connection tool. They will help reduces costs of the entire business and improve its efficiency. The right computer software can improve your experditions and make your life easier. And it will provide you with a hosting server of advantages. So , how do you choose the right business application? If you’re wanting to know where to begin, start by comparing the characteristics of various software programs available.
When it comes to THAT, servers and hardware will be by far the most high-priced elements of an information center. Nevertheless , data center virtualization can eliminate these costs although reducing the advantages of large areas and real machines. Data middle virtualization works by using a software license and third-party provider to handle your data center’s hardware. Besides becoming cheaper, info center virtualization requires very little electricity and has really low downtime. For all your advantages, virtualization is the best means to fix many businesses.
That enables organizations to create multiple virtual info centers with dedicated components. Each virtual data middle can run a variety of applications, allowing them to make use of the same hardware resources whilst minimizing operational costs. It’s a great way to optimize your hardware assets and lower your expenses while maintaining high-quality services. However , the benefits of https://computersiteengineering.com/top-data-room-providers-focused-on-streamlining-work-processes/ data centre virtualization can not stop there. For example , by utilizing virtual computers to run your applications, you may reduce your data center’s capital costs and improve agility. It also allows you to optimize the storage solutions.
Because virtual machines write about the same information, data centre virtualization improves CPU use and reduces physical space. It allows you to run multiple virtual computers on one physical storage space and share all their underlying means. This way, you can save money on physical servers, storage devices, and network parts. Additionally , virtual machines are much more quickly than physical servers. Consequently , you can use more money upon developing applications and offerings. The time certainly save with virtualization is valued at its weight in gold.
Here’s a few board meeting guidance that can help you intend your next plank meeting: Set an agenda ahead of time. The meeting’s agenda ought to remain precisely the same for the first few meetings, nevertheless the actual beef of the intention should vary from time to time. We’re going cover this subject much more detail within a future post. For now, consider the following tips. When the agenda is set, make sure we are all on the same page and undoubtedly alignment.
Connect frequently. Maintain board paid members informed. Frequent communication, and try this out specific meetings are ways to place them informed. Try not to limit you to ultimately specific table agenda things, though. The message should be clear and concise. Also, avoid longer, complicated, and incomprehensible educational rhetoric. This could lose the meaning in the delivery. Also, keep mother board members well-informed in important place matters and issues having an effect on their part of supervision. This implies keeping nonlicensed staff up-to-date as well.
Get in touch with board associates and stakeholders. A good marriage requires trust. During a aboard meeting, you’ll need to be allowed to keep your cool and carry out right protocol. For instance , a plank member who had been upset which has a principal by a school lately called the superintendent expressing her anger over the decision to close her school. Should you have been in the same situation, you may have to clarify things make everybody happy.