भारत–श्रीलंका साझेदारी के तहत पुनर्वास और पुनर्निर्माण पर हुई महत्वपूर्ण बातचीत
कोलंबो। श्रीलंका में चक्रवाती तूफान दित्वाह ने भीषण तबाही मचाते हुए भारी जन–धन की हानि की है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 486 लोगों की मौत, 341 लोग लापता, और हजारों परिवार विस्थापित हो गए हैं। तूफान के बाद आई भीषण बाढ़ और लगातार हो रहे भूस्खलन ने राहत-बचाव कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। इस गंभीर स्थिति के बीच भारत ने मानवीय आधार पर तत्काल सहायता बढ़ाते हुए श्रीलंका के पुनर्निर्माण प्रयासों में सहयोग देने की घोषणा की है।
भारत की मदद पर चर्चा
श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने शुक्रवार को आवास और निर्माण मंत्री सुसील रानासिंघे से मुलाकात कर तूफान से हुई तबाही, राहत कार्यों की प्रगति और आगे की आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा की। उच्चायुक्त ने बताया कि भारत श्रीलंका के पुनर्वास और पुनर्निर्माण अभियानों में हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उच्चायुक्त संतोष झा ने एक्स (X) पर साझा पोस्ट में कहा कि चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच आवास निर्माण और पुनर्निर्माण क्षेत्र में विकास सहयोग को मजबूत करने के विकल्पों पर भी विचार किया गया।
भीषण तबाही के आँकड़े
श्रीलंका के आपदा प्रबंधन विभाग की शुक्रवार सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार:
486 लोगों की मौत
341 लोग लापता
2,303 घर पूरी तरह ध्वस्त
52,489 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त
तूफान की मार से प्रभावित क्षेत्रों में अभी भी जलभराव, भूस्खलन और सड़क संपर्क बाधित होने की स्थिति बनी हुई है।
भारत का राहत अभियान जारी
भारत, ऑपरेशन सागर बंधु के तहत श्रीलंका के लिए बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता भेज रहा है। इसमें हवाई, समुद्री और जमीनी मार्गों से राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता, खाद्य पैकेट, पानी और अन्य आवश्यक संसाधन पहुंचाए जा रहे हैं। भारतीय टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज़ी से संचालित किया जा रहा है।
11 लाख से अधिक लोग प्रभावित
कोलंबो। श्रीलंका इन दिनों चक्रवात दित्वाह की विनाशकारी मार झेल रहा है, जिसने देश के कई हिस्सों में व्यापक तबाही मचा दी है। लगातार बारिश, तेज हवाओं और भारी बाढ़ के कारण हालात इतने बिगड़ गए हैं कि हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और कई इलाकों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। देश के डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (DMC) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अब तक 334 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 370 से अधिक लोग लापता हैं। सबसे अधिक नुकसान कैंडी जिला में दर्ज किया गया है, जहां अकेले 88 लोगों की जान गई और 150 लोग अभी भी लापता हैं।
आपदा का असर कई जिलों में गहरा रहा—बादुला में 71, नुवारा एलिया में 68 और मटाले में 23 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। DMC ने बताया कि कुल 3,09,607 परिवारों के 11 लाख से अधिक लोग किसी न किसी रूप में इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ ने नदियों के जलस्तर को ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचा दिया, जिससे कई शहर पूरी तरह जलमग्न हो गए है, बड़े पुल बह गए और कई महत्वपूर्ण सड़कें और इमारतें ढह गईं।
नेपाल की आपात सहायता
चक्रवात से जूझ रहे श्रीलंका की कठिनाइयों को देखते हुए नेपाल सरकार ने आगे आकर 2 लाख अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह राशि राहत और बचाव कार्यों को गति देने के लिए उपयोग की जाएगी। कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संचार और परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
स्टारलिंक की बड़ी घोषणा—मुफ़्त इंटरनेट
आपदा के दौरान संचार व्यवस्था को बनाए रखने की कोशिश में, स्टारलिंक ने प्रभावित क्षेत्रों में मुफ़्त इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि दिसंबर 2025 तक नए और पुराने सभी उपयोगकर्ताओं को मुफ्त कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी, ताकि राहत और बचाव कार्यों में तेजी आ सके।
भारत का ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू
श्रीलंका की स्थिति को देखते हुए भारत ने मानवीय आधार पर ऑपरेशन सागर बंधु की शुरुआत की है। भारतीय वायुसेना के विशेष विमान के माध्यम से 21 टन राहत सामग्री, 80 से अधिक NDRF के जवान और 8 टन महत्वपूर्ण उपकरण कोलंबो पहुंचाए गए। इसके अलावा पुणे से भी NDRF की एक टीम और अतिरिक्त उपकरण एयरलिफ्ट किए गए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने मुश्किल हालात में भी तेज और समन्वित राहत कार्य करते हुए अपने पड़ोसी देश के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
अमेरिका में फिर फैली दहशत: कैलिफोर्निया में बच्चे की बर्थडे पार्टी बनी गोलीबारी का मैदान, चार की मौत
वॉशिंगटन- अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक बार फिर सामूहिक गोलीबारी की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। स्टॉकटन शहर में एक निजी बैंक्वेट हॉल में चल रही बच्चे की जन्मदिन पार्टी अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठी। घटना में चार लोगों की जान गई, जबकि 10 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। मरने वालों में दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, यह हमला लक्षित गोलीबारी जैसा प्रतीत होता है। सैन जाओकिन काउंटी शेरिफ ऑफिस ने सोशल मीडिया पर बताया कि शुरुआती जांच में स्पष्ट हुआ है कि हमलावरों ने खास लोगों को निशाना बनाकर हमला किया। पुलिस टीम हॉल के अंदर से बरामद किए गए सबूतों की जांच कर रही है और घटना की वजह तलाश रही है।
गोलीबारी लुसिले एवेन्यू के 1900 ब्लॉक में स्थित बैंक्वेट हॉल में हुई। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। स्टॉकटन के डिप्टी मेयर जेसन ली ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए बताया कि “एक खुशहाल समारोह को हिंसा ने तबाही में बदल दिया। प्रशासन पीड़ित परिवारों के संपर्क में है।”
घटना के बाद पुलिस ने इलाके की सड़कों को सील कर दिया है और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
हालिया महीनों में बढ़ी गोलीबारी की घटनाएँ
अमेरिका में बीते कुछ महीनों से लगातार हिंसक घटनाएँ सामने आ रही हैं। पिछले महीने मिसिसिपी डेल्टा क्षेत्र में हुई दो अलग-अलग गोलीबारी में छह लोगों की मौत और 12 लोग घायल हुए थे। इनमें से एक हमला हाई स्कूल फुटबॉल गेम के बाद हुआ, जबकि दूसरा हमला होमकमिंग वीकेंड के दौरान स्कूल परिसर में हुआ था।
वॉशिंगटन गोलीकांड के बाद ट्रंप सख्त, कहा– अवैध प्रवासियों की नागरिकता होगी रद्द
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को प्रवासन नीति पर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि थर्ड वर्ल्ड देशों से आने वाले प्रवास को स्थायी रूप से रोकने के कदम उठाए जाएंगे। ट्रंप के अनुसार, यह निर्णय अमेरिका में बढ़ते अवैध प्रवेश, हिंसक अपराधों और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक है। यह बयान वॉशिंगटन डीसी में एक अफगान नागरिक द्वारा दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर की गई गोलीबारी के बाद सामने आया, जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल है।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर जारी संदेश में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में आने वाले ऐसे प्रवासियों को देश से बाहर किया जाएगा, जो अपराधों में शामिल हों या राष्ट्रीय हित के लिए बोझ साबित हों। उन्होंने दावा किया कि अवैध तरीक़े से दाखिल हुए लोगों के रिकॉर्ड रद्द किए जाएंगे और ऐसे व्यक्तियों की नागरिकता भी समाप्त की जा सकती है जो कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बनें। ट्रंप ने यह भी कहा कि गैर-अमेरिकी नागरिकों को मिलने वाले सरकारी लाभ और सब्सिडी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक गोलीबारी के आरोपी रहमानुल्लाह लकनवाल, 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। ट्रंप ने इस घटना को ‘आतंकी हमला’ करार देते हुए चेतावनी दी कि भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ऐसे हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं। हमले में घायल दो सैनिकों में से यूएस आर्मी स्पेशलिस्ट सारा बेकस्ट्रम की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
घटना के बाद यूएससीआईएस ने 19 देशों के इमिग्रेशन आवेदन पर सुरक्षा जांच को और मजबूत करने के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन देशों की परिस्थितियों और जोखिम स्तर का मूल्यांकन करते हुए प्रक्रिया को और कठोर बनाया जाएगा।
ट्रंप ने इस मौक़े पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की इमिग्रेशन नीतियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडन प्रशासन ने लाखों लोगों को बिना पर्याप्त जांच के अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी, जिसके चलते देश की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड़ी है।
ट्रंप के बयान पर भड़के रामाफोसा, कहा– दक्षिण अफ्रीका को G20 से बाहर करना दुर्भाग्यपूर्ण
केपटाउन। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वर्ष 2026 में मियामी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रित नहीं किया जाएगा। राष्ट्रपति रामाफोसा ने इस बयान को निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन लगातार गलत सूचनाओं के आधार पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाता रहा है।
रामाफोसा ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन को वैश्विक स्तर पर अत्यंत सफल माना गया और इससे बहुपक्षवाद की प्रासंगिकता और मजबूती को पुनः स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका जी20 का “पूर्ण, सक्रिय और रचनात्मक सदस्य” है और आगे भी रहेगा। साथ ही उन्होंने सदस्य देशों से आग्रह किया कि जी20 की प्रक्रिया सर्वसम्मति, सहयोग और समान भागीदारी की भावना के साथ आगे बढ़ती रहनी चाहिए।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उनका देश एक स्वायत्त संवैधानिक लोकतंत्र है और किसी भी अन्य देश द्वारा किए गए अपमानजनक टिप्पणी या दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि दक्षिण अफ्रीका हमेशा सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करता है और किसी भी राष्ट्र का अपमान नहीं करता।
राष्ट्रपति रामाफोसा के अनुसार, चूंकि अमेरिका इस वर्ष के जी20 सम्मेलन में उपस्थित नहीं था, इसलिए संबंधित प्रक्रियाओं से जुड़े दायित्व जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के मुख्यालय में तैनात अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी को सौंपे गए। उन्होंने कहा कि जी20 के संस्थापक सदस्यों में से एक होने के नाते दक्षिण अफ्रीका हमेशा साझेदारी, सहमति और सहयोग की भावना को प्राथमिकता देता है। इसी क्रम में यह उम्मीद की गई थी कि अमेरिकी प्रशासन दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के दौरान सभी बैठकों में भाग लेगा, लेकिन उसने स्वेच्छा से शिखर सम्मेलन में शामिल न होने का निर्णय लिया।
राहत शिविर बनाए गए, लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील
मेदान सुमात्रा। इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में लगातार हो रही तेज बारिश ने व्यापक तबाही मचा दी है। भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन के अनुसार पिछले सप्ताह से जारी मानसूनी बारिश के कारण कई नदियों के तटबंध टूट गए, जिससे हालात और बिगड़ गए।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, उत्तर सुमात्रा के पहाड़ी इलाकों में कीचड़, चट्टानों और बड़े-बड़े पेड़ों के गिरने से व्यापक क्षति हुई है। कई गांवों में घर मलबे के नीचे दब गए हैं, जिससे राहत दलों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज़्यादा प्रभावित सिबोल्गा शहर में अब तक पांच शव बरामद किए गए हैं, जबकि तीन घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, मध्य तपनौली जिले में भूस्खलन के कारण कई मकान ढह गए, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। बाढ़ से करीब 2,000 घर और सार्वजनिक भवन जलमग्न हो गए हैं।
दक्षिण तपनौली जिले में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत और एक अन्य के घायल होने की पुष्टि की गई है। मंडेलिंग नटाल जिले में एक पुल बह गया और 470 से अधिक घर पानी में डूब गए। नियास द्वीप पर कीचड़ और मलबे के ढेर ने मुख्य सड़क को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया है।
सिबोल्गा के पुलिस प्रमुख एडी इंगंटा ने बताया कि प्रशासन ने आपातकालीन राहत शिविर स्थापित कर दिए हैं और खतरे वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को तुरंत स्थान खाली करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि लगातार हो रही बारिश नए भूस्खलन का खतरा बढ़ा रही है। खराब मौसम और रास्तों के बाधित होने के कारण बचाव अभियान भी धीमा पड़ गया है।
उधर, राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने जावा द्वीप के दो जिलों में 10 दिनों से चल रहे राहत अभियान की समाप्ति की घोषणा की थी, लेकिन ठीक उसके बाद ही सुमात्रा में बाढ़ और भूस्खलन का नया संकट पैदा हो गया। मध्य जावा के सिलाकैप और बंजारनेगारा जिलों में भूस्खलन से हुई तबाही में अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
उमराह के लिए गए भारतीयों की बस हादसे का शिकार, पीएम मोदी ने जताया दुख; दूतावास अलर्ट पर
रियाद। सऊदी अरब में देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। उमराह के लिए गए यात्रियों को ले जा रही बस मदीना के पास एक तेल टैंकर से टकरा गई, जिसके बाद वाहन में आग लग गई। प्रारंभिक सूचनाओं के अनुसार, 40 से अधिक भारतीय यात्रियों की मौत की संभावना है, जिनमें कई हैदराबाद के निवासी बताए जा रहे हैं।
बस और डीज़ल टैंकर की जोरदार टक्कर, आग की लपटों में घिरी बस
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मक्का से मदीना जा रही बस मदीना से लगभग 160 किलोमीटर दूर मुहरास/मुफरिआत क्षेत्र में एक डीज़ल टैंकर से जा टकराई। हादसा तड़के करीब 1:30 बजे हुआ, जब अधिकांश यात्री गहरी नींद में थे। टक्कर के तुरंत बाद बस में आग लग गई, जिससे कई लोग बच नहीं सके। घटना की भयावहता इतनी थी कि कई शवों की शिनाख्त करना भी मुश्किल बताया जा रहा है। शुरुआती अनुमानों में कम से कम 42 लोगों के मारे जाने की सूचना है। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल माने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, दूतावास सक्रिय
हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। पीएम ने कहा कि रियाद स्थित भारतीय दूतावास और जेद्दाह का महावाणिज्य दूतावास लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। भारतीय अधिकारी सऊदी अरब प्रशासन के संपर्क में हैं और अपडेट जुटा रहे हैं।
तेलंगाना सरकार भी हरकत में
तेलंगाना सीएमओ द्वारा जारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी को तुरंत हादसे से संबंधित सभी विवरण एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि मृतकों और घायलों में हैदराबाद के कितने लोग शामिल हैं। राज्य सरकार ने विदेश मंत्रालय और सऊदी दूतावास से नियमित संपर्क बनाए रखने को कहा है। सचिवालय में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाने के भी आदेश दिए गए हैं ताकि परिजनों तक सही जानकारी पहुंचाई जा सके।
महावाणिज्य दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
जेद्दाह स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 24×7 सहायता के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की है। पीड़ितों से जुड़े परिवार इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
टोल फ्री: 8002440003
ओवैसी ने भी जताई चिंता, दूतावास से मांगी जानकारी
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए बताया कि उन्होंने शहर की दो ट्रैवल एजेंसियों और भारतीय दूतावास के अधिकारियों से जानकारी मांगी है। सांसद ने कहा कि रियाद स्थित भारतीय दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन अबु मैथ्यू जॉर्ज ने उनसे संपर्क में रहते हुए बताया कि विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।
विदेश मंत्री जयशंकर और केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने दी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार पीड़ितों की मदद के लिए तत्पर है और दूतावास हादसे से प्रभावित सभी लोगों को सहायता प्रदान कर रहा है। उन्होंने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के स्वस्थ होने की कामना की।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी संवेदना जताते हुए कहा कि दूतावास अधिकारी पीड़ितों और उनके परिजनों को जानकारी उपलब्ध कराने में जुटे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नीचे दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है:
हेल्पलाइन नंबर:
8002440003 (टोल फ्री)
0122614093
0126614276
0556122301 (व्हाट्सऐप)
घने जंगलों वाले क्षेत्र में गिरा रूसी लड़ाकू विमान
मास्को। फिनलैंड की सीमा के करीब स्थित करेलिया क्षेत्र में एक रूसी Su-30 लड़ाकू विमान प्रशिक्षण उड़ान के दौरान हादसे का शिकार हो गया। दुर्घटना में विमान के दोनों पायलटों की मौत हो गई। रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि यह एक नियमित प्रशिक्षण मिशन था, जिसके दौरान विमान अचानक नियंत्रण खो बैठा और घने जंगलों वाले निर्जन क्षेत्र में गिर गया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दुर्घटना के समय विमान पर कोई हथियार या गोला-बारूद नहीं था। मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि विमान नियमित उड़ान के लिए रवाना हुआ था, लेकिन जल्द ही उसका संपर्क टूट गया और बाद में उसे दुर्घटनाग्रस्त पाया गया।
घटना के बाद करेलिया गणराज्य के गवर्नर आर्टुर परफेनचिकोव ने तत्काल आपातकालीन सेवाओं को संदिग्ध स्थल की ओर रवाना किया। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच के अनुसार, विमान घने जंगलों में गिरने के कारण जमीन पर किसी प्रकार के नुकसान या नागरिक जनहानि की सूचना नहीं है।
आपातकालीन टीमें मौके पर पहुंचकर मलबा तलाश रही हैं और दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है। रूस के रक्षा अधिकारियों ने घटना को बेहद गंभीर बताते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस से बचकर भाग रहा था युवक, 11 लोग घायल
वॉशिंगटन। फ्लोरिडा के टेम्पा शहर में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। पुलिस से बचकर भाग रहा एक युवक तेज रफ़्तार में कार लेकर ऐसे दौड़ा कि नियंत्रण खो बैठा और गाड़ी सीधे एक भीड़भाड़ वाले बार में जा घुसी। इस भीषण टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए।
टेम्पा पुलिस के अनुसार करीब रात 12.40 बजे पेट्रोलिंग टीम ने एक सेडान को लापरवाही से चलाते हुए देखा और उसे रोकने का प्रयास किया। जैसे ही पुलिस आगे बढ़ी, कार चालक ने गति और बढ़ा दी और भागने लगा। पीछा करते हुए अचानक मोड़ पर कार अनियंत्रित हो गई और पास के बार के अंदर जा घुस गई, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि एक घायल ने अस्पताल ले जाते समय अपनी जान गंवा दी। कई घायल अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें दो की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान 22 वर्षीय सिलास सिंपसन के रूप में की गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी इससे पहले भी स्ट्रीट रेसिंग में शामिल था और जब पुलिस ने उसे दोबारा तेज रफ़्तार में देखा तो वह बचकर निकलने की कोशिश कर रहा था।
आरोपी को गिरफ्तार कर हिल्सबोरो काउंटी जेल भेज दिया गया है। उसके खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने, पुलिस से बचकर भागने और जान से मारने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बिना वेतन काम कर रहे कर्मी, हवाई अड्डों पर बढ़ा संकट
वॉशिंगटन। अमेरिका में सरकारी शटडाउन हुए 34 दिन बीत चुके हैं और इसका असर अब देश की हवाई सेवाओं पर साफ दिखाई देने लगा है। एयर ट्रैफिक नियंत्रक और सुरक्षा जांच करने वाले कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं। कई कर्मचारी आर्थिक दबाव के कारण ड्यूटी पर नहीं आ रहे, जिससे तमाम बड़े हवाई अड्डों पर उड़ानों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
रिपोर्टों के अनुसार, नियंत्रक अतिरिक्त काम और दूसरी तरह की नौकरी करने को मजबूर हैं ताकि रोजमर्रा का खर्च चला सकें। इसका असर हवाई अड्डों की व्यवस्था पर दिख रहा है—सुरक्षा जांच में लंबी लाइनें, यात्री परेशान और सुरक्षा का भरोसा भी कम हो रहा है।
“हवाई तंत्र हर दिन थोड़ा और असुरक्षित होता जा रहा”
नेशनल एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निक डेनियल्स ने कहा कि लगातार बिना वेतन के काम करने से कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बहुत बढ़ गया है। उनके मुताबिक जब दिमाग में किराया, बिल और घर के खर्च की चिंता रहती है, तो सौ प्रतिशत ध्यान दे पाना संभव नहीं है और यह स्थिति हवाई सुरक्षा को प्रभावित कर रही है।
परिवहन मंत्री की सफाई — उड़ानों में देरी सुरक्षा को बचाने के लिए
अमेरिका के परिवहन मंत्री सीन डफी का कहना है कि उड़ानों में देरी करना मजबूरी है, क्योंकि स्टाफ की कमी से जोखिम बढ़ गया है। उनका कहना है कि अगर स्थिति और बिगड़ी तो पूरा वायुक्षेत्र अस्थायी रूप से बंद भी करना पड़ सकता है। लेकिन सुरक्षा से किसी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।
कई बड़े हवाई अड्डों पर व्यवस्था चरमराई
शिकागो, डेनवर, ह्यूस्टन और नेवार्क जैसे बड़े विमानतल पर देरी लगातार बढ़ रही है। ह्यूस्टन के हवाई अड्डे ने यात्रियों को सूचना दी है कि सुरक्षा जांच में तीन घंटे तक लग सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कई कर्मचारी अब मजबूरी में पहले अपने परिवार और जरूरतों को महत्व दे रहे हैं। कुछ नियंत्रकों ने तो कहा कि अगर वे ध्यान में कमी महसूस करते हैं, तो ड्यूटी पर न जाना ही बेहतर है ताकि हादसे का कोई जोखिम न बढ़े।
समस्या सुरक्षा से ज़्यादा भरोसे की हो गई है
यात्रा संगठनों का कहना है कि हवाई यात्रियों का भरोसा टूट रहा है, क्योंकि समय पर उड़ान और समय पर पहुंचने की उम्मीद खत्म होती जा रही है। यूनियन की ओर से फिर अपील की गई है कि सरकार को तुरंत खोला जाए। अब कर्मचारियों और यात्रियों के लिए इस स्थिति को और ज्यादा झेलना संभव नहीं है।
