केंद्र सरकार ने विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगियों की सहायता के लिए सातों दिन, चौबीसों घंटे (24×7) की एक टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन (1800-599-0019) शुरू की है। ‘किरण’ नाम से शुरू गई यह हेल्पलाइन मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को राहत और मदद उपलब्ध कराएगी। केंद्र सरकार ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ती हुई मानसिक बीमारी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे शुरू किया है।
यह हेल्पलाइन तनाव, चिंता, अवसाद, डर के झटके, नशीले पदार्थों का सेवन, आत्महत्या, महामारी से प्रेरित मनोवैज्ञानिक मुद्दों, व्यग्रता, जुनूनी बाध्यकारी विकार (ओसीडी), पैनिक अटैक समायोजन विकार, पोस्ट-ट्रोमेटिक (अभिघातजन्य) तनाव विकार आदि से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए कार्य करेगी। देश के किसी भी हिस्से से किसी भी मोबाइल या किसी लैंड लाइन से टोल फ्री नंबर 1800-599-0019 डॉयल कर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक अथवा मनोचिकित्सक अपनी सलाह और सुझाव देंगे। मरीजों की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।
यह हेल्पलाइन में 13 भाषाओं – हिंदी, असमिया, तमिल, मराठी, ओडिया, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, बंगाली, उर्दू और अंग्रेजी में काम करेगी। हेल्पलाइन का उद्देश्य जल्द जांच, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, संकट प्रबंधन, मानसिक भलाई, विचलित व्यवहारों की रोकथाम, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को रेफरल संबंधी मदद करना है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई इस हेल्पलाइन का सोमवार को विभागीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने वर्चुअल मोड वेबकास्ट के माध्यम से की शुरूआत की। गहलोत ने इस हेल्पलाइन के बारे में पोस्टर, ब्रोशर और संसाधन पुस्तिका भी जारी की। दिव्यांगताग्रस्त व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग की सचिव शकुंतला डी. गामलिन व संयुक्त सचिव प्रबोध सेठ भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर गहलोत ने कहा कि किरन हेल्पलाइन जल्दी जांच, प्राथमिक चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक सहायता, संकट प्रबंधन, मानसिक भलाई, सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने, मनोवैज्ञानिक संकट प्रबंधन आदि के उद्देश्य से मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराएगी। यह पूरे देश में व्यक्तियों, परिवारों, गैर सरकारी संगठनों, मूल संघों, व्यावसायिक संघों, पुनर्वास संस्थानों, अस्पतालों और किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को 13 भाषाओं में पहले चरण की सलाह, परामर्श और संदर्भ उपलब्ध कराने वाली जीवन रेखा के रूप में काम करेगी। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि यह हेल्पलाइन बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के लिए भी बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।