केंद्र सरकार ने कोविड प्रबंधन में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब व हिमाचल प्रदेश में उच्च स्तरीय केंद्रीय दलों की तैनाती का फैसला किया है। इन राज्यों में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यानी उन लोगों की संख्या बढ़ रही है जो बीमारी की वजह से अस्पतालों में भर्ती हैं या जो चिकित्सा निगरानी में घर में अलग-थलग रखे गए हैं, या हर दिन कोविड संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
ये तीन सदस्यीय दल उन जिलों का दौरा करेंगे जहां कोविड के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। केंद्रीय दल महामारी की रोकथाम, निगरानी, जांच व नियंत्रण उपायों और संक्रमण के मामलों के कुशल नैदानिक प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों में मदद करेंगे। केंद्रीय दल राज्यों का, समय पर बीमारी की पहचान और उसके बाद के इलाज से संबंधित चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में भी मार्गदर्शन करेंगे।
इससे पहले केंद्र सरकार ने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मणिपुर, और छत्तीसगढ़ में उच्च स्तरीय दल भेजे थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 45,209 नये मामले सामने आए हैं। दिल्ली में सर्वाधिक 5,879 मामले सामने आए। इसके बाद केरल व महाराष्ट्र में क्रमशः 5,772 और 5,760 मामले दर्ज किए गए।
पिछले 24 घंटे में देश में 501 लोगों की कोविड से मौत हुई। कोविड से मौत के नए मामलों में से 22.16 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली के हैं, जहां बीमारी से 111 लोग मृत्यु के शिकार हुए। महाराष्ट्र में यह संख्या 62 व पश्चिम बंगाल में 53 दर्ज की गई।
सुकून की बात यह है कि देश में कोविड के कुल मामलों में सक्रिय मामलों (4,40,962) का प्रतिशत गिरकर 4.85 हो गया और यह पांच प्रतिशत के स्तर से नीचे बना हुआ है। बीमारी से उबरने की दर में भी सुधार आया है और आज यह 93.69 प्रतिशत हो गया। पिछले 24 घंटे में 43,493 लोग कोविड से उबरे हैं, जिसके साथ बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 85,21,617 हो गयी।
बीमारी से उबरने के मामलों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर तेजी से बढ़ रहा है और इस समय यह 80,80,655 है। 26 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में इस समय 20,000 से कम सक्रिय मामले हैं। सात राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में सक्रिय मामलों की संख्या 20,000 से 50,000 के बीच है, जबकि महाराष्ट्र व केरल में यह संख्या 50,000 से ज्यादा है।