उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा मंगलवार को सचिवालय की व्यवस्थाओं को लेकर की गई समीक्षा बैठक को कई मायनों में अहम जा सकता है। मुख्यमंत्री ने शासन के “पावर हाउस” की ओवरहालिंग की जो कवायद शुरू की है, उसकी जरुरत लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। जनाकांक्षाओं का केंद्र समझे जाने वाले सचिवालय की कार्यप्रणाली कई बार “जन” से दूर होकर अधिकारियों-कर्मचारियों की गुटबाजी, राजनीति, अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन व कई अन्य विवादों तक ही सिमट कर रह जाती है। बेवजह फाइलों को दबाए रखना और उन्हें घुमाना जैसे आरोप सचिवालय की कार्यप्रणाली के लिए सामान्य बात है।
उत्तराखंड के सचिवालय की यह कार्यप्रणाली मुख्यमंत्री को भी खटक गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय जन आकांक्षाओं का भी केन्द्र होता है। जनहित से जुड़ी योजनाओं की स्वीकृति में तेजी आने से उसका लाभ आम आदमी को समय पर मिल सकेगा और जन कल्याण के लिये समर्पित सरकार का सन्देश आम जनता तक पहुंचेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सचिवालय में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार के साथ ही सभी सचिवों एवं प्रभारी सचिवों के साथ सचिवालय की कार्य प्रणाली में सुधार एवं ई- फाइलिंग आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा की तथा इस सम्बंध में सभी से सुझाव भी प्राप्त किये।
फाइल लटकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सचिवालय के विभिन्न अनुभागों में पत्रावलियों के निस्तारण में आवश्यक विलम्ब के लिये उत्तरदायी कार्मिक के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने ऐसे प्रकरणों में मात्र स्थानान्तरण को ही पर्याप्त नहीं बताया, बल्कि कार्रवाई भी जरुरी बताई। सचिवालय में पत्रावलियों का निस्तारण समयबद्धता के साथ हो, इसके लिये मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण, सिंचाई, आवास, खनन, आबकारी एवं पेयजल जैसे मलाईदार अनुभागों में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक कार्यरत कार्मिकों को एक सप्ताह के अन्दर स्थानान्तरित करने के निर्देश सचिव सचिवालय प्रशासन को दिये।
उच्च स्तर से सीधे अनुभाग में जाएगी फाइल
अनावश्यक देरी से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फाइल अनुभाग स्तर से निर्धारित प्रक्रिया के तहत उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत की जाए। मगर वापसी में फाइल को उच्च स्तर से सीधे सेक्शन को सन्दर्भित कर दिया जाए। एक अनुभाग अधिकारी एवं समीक्षा अधिकारी को एक ही विभाग का कार्य सौंपा जाए। कार्मिकों को सभी विभागों की कार्य प्रणाली की जानकारी रहे। इसकी व्यवस्था करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं।
शुरू होगी ई-फाईलिंग
मुख्यमंत्री ई- फाईलिंग को सीएम डैशबोर्ड से लिंक किये जाने, लम्बित प्रकरणों का निर्धारित समय सीमा के अन्दर निस्तारण करने के निर्देश देते हुए एक लक्ष्य लेकर पहले लो.नि.वि, सिंचाई, ऊर्जा, कार्मिक एवं गृह विभाग की ई- फाइलिंग तैयार करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सचिवालय मैनुअल के पुनर्मूल्यांकन के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय मैनुअल परिणामकारी हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में मैनुअल रिफॉर्म हेतु गठित समिति से शीघ्र अपनी अनुशंसा उपलब्ध कराने को कहा।
अनुभागों में लगेंगे CCTV कैमरे
मुख्यमंत्री ने सचिवालय के अनुभागों के पर्यवेक्षण की कारगर व्यवस्था बनाने और सचिव स्तर के अधिकारियों को माह में एक दिन अनुभागों का निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने कार्मिकों की उपस्थिति की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही अनुभागों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने और उच्चाधिकारियों के स्तर पर इसकी निगरानी करने को कहा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग पर जोर
मुख्यमंत्री ने विभागीय/निदेशालय स्तर के अधिकारियों को अनावश्यक सचिवालय न आना पड़े, इसके लिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था अमल में लाने को कहा है। जनहित में कोई नीति बनायी जाती है तो उसकी ड्राफ्ट पॉलिसी को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए। पब्लिक प्लेटफार्म में जाने पर इसमें जनता के सुझाव भी प्राप्त हो सकेंगे तथा एक व्यावहारिक नीति बनाने में मदद मिलेगी।
अच्छे कार्मिक होंगे पुरुष्कृत
मुख्यमंत्री ने कार्मिकों के हित तथा विभागीय कार्यों में गति लाने के लिये विभागों में समय पर डीपीसी करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रत्येक माह के अन्तिम दिवस को डीपीसी के लिये निर्धारित करने के निर्देश दिये। कार्मिकों का वार्षिक मूल्यांकन जरूरी किये जाने और बेहतर कार्य करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत किये जाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।