उत्तराखंड में स्कूलों को खोले जाने के संबंध में प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गुरूवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में तय किया गया कि स्कूलों को खोले जाने के संबंध में कोई भी निर्णय स्कूलों के प्रबंधन, अभिभावकों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद आम राय से लिया जाएगा।
सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के बाद सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मीडियाकर्मियों से बातचीत में पांडेय ने बताया कि सभी जिलाधिकारी अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति और वहां के स्कूलों की प्रबंधन समितियों व अभिभावकों की राय के लेंगे। इस फीडबैक को जिलाधिकारी एक सप्ताह के भीतर शासन को भेजेंगे। जिलों से प्राप्त फीडबैक के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यकतानुसार कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि यदि स्कूलों को खोलने के बारे में राय बन जाती है तो तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने का प्रस्ताव किया जाएगा। पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक, दूसरे चरण में कक्षा 6 से 12 तक और तीसरे चरण में सभी कक्षाओं को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। सभी स्कूलों में कोविड-19 के लिए जरूरी सभी प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अभिभावको की अनुमति बिना किसी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री की बैठक के बाद गुरुवार शाम को ही शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जिलाधिकारियों को पत्र भेज कर सभी राजकीय, सहायता प्राप्त व निजी स्कूलों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों व अभिभावकों से सुझाव प्राप्त कर एक सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर दिए गए।
