देवस्थानम बोर्ड को लेकर केदारनाथ में अनशन जारी..
उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित समाज का क्रमिक अनशन 28वें दिन सोमवार को भी जारी रहा। वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्नल अजय कोठियाल का कहना हैं कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर सियासत करने के बजाय सरकार तत्काल बोर्ड को भंग करे। चारधामों के तीर्थपुरोहितों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार बोर्ड के नाम पर तीर्थपुरोहितों के साथ जनता को भी भ्रमित कर रही है।
कर्नल अजय कोठियाल का कहना हैं कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के नाम पर कभी पुनर्विचार तो कभी समिति बनाने की बात कह कर तीर्थपुरोहितों को गुमराह कर रही है। देवस्थानम बोर्ड बनाकर सरकार हजारों सालों से चली आ रही सांस्कृतिक परंपराओं पर कानूनी चाबुक चलाना चाहती है।
केदारनाथ धाम में अभी भी तीर्थपुरोहित बोर्ड भंग करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार सेम मुखेम को प्रदेश का छठवां धाम बनाने पर विचार कर रही है। पहले से ही धाम प्रदेश में स्थापित हैं, उनके तीर्थपुरोहितों के हक पर सरकार ने बोर्ड गठित कर डाका डालने का काम किया है। सरकार जल्द ही अध्यादेश लाकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करे।
मुख्यमंत्री से वार्ता करने के बाद 13 सितंबर को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में प्रस्तावित प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है, लेकिन बोर्ड भंग होने तक केदारनाथ में क्रमिक अनशन जारी रहेगा। तीर्थपुरोहितों का कहना हैं कि सरकार मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो दोबारा उग्र आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
केदारनाथ में केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में आंदोलन जारी रहा। इस दौरान क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलनकारी तीर्थपुरोहितों का कहना था कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने के साथ ही आंदोलन भी खत्म किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर बोर्ड गठन के नाम पर चारधाम यात्रा व्यवस्था को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उनका कहना हैं कि कोरोनाकाल के चलते दो वर्ष से चारधाम यात्रा ठप है।
इस कारण धामों से जुड़े हक-हकूकधारी, व्यापारी व अन्य लोगों की आजीविका ठप पड़ी है, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने जनहित में यात्रा का संचालन शुरू करने की मांग भी की। इस मौके पर राजकुमार शुक्ला, शशि अवस्थी, मनोज तिवारी, विमल तिवारी, रमाकांत शर्मा समेत अन्य मौजूद थे।
इधर, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता व सफल आश्वासन के बाद जिला मुख्यालय में प्रस्तावित जुलूस-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन केदारनाथ में मांगपूर्ति तक आंदोलन जारी रहेगा।