राहत और बचाव में जुटा प्रशासन
अब तक 3628 लोगों को किया गया रेस्क्यू
भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले एक महीने से लगातार हो रही मूसलधार बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस आपदा में अब तक कुल 252 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 132 की मौत नदी-नालों में डूबने से, 60 की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से, 47 की मूसलधार बारिश के कारण, और 13 की मौत मकान, दीवार या पेड़ गिरने से हुई है।
राज्य के कई हिस्सों में जलभराव और भूस्खलन जैसी गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। 432 रेस्क्यू ऑपरेशनों के जरिए अब तक 3628 नागरिकों और 94 मवेशियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। राहत कार्यों के तहत स्थापित 53 राहत शिविरों में 3065 लोग शरण लिए हुए हैं, जिन्हें भोजन, दवाइयां और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
अब तक 28.49 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित की जा चुकी है, जबकि कुल 3600 करोड़ रुपये की सहायता योजना बनाई गई है। बाढ़ से 128 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं और 2333 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 254 ग्रामीण सड़कें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया है।
राज्य में इस वर्ष अब तक 711.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है। 40 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। मौसम विभाग ने छतरपुर और टीकमगढ़ के लिए अति भारी बारिश और वज्रपात का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना सहित 40 से अधिक जिलों में वज्रपात और भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
आपदा की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और धार सहित संवेदनशील इलाकों में तैनात की गई हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेते हुए कहा, “सेना और राहत दलों ने शिवपुरी में करीब 400 और गुना में 350 लोगों की जान बचाई है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से राहत कार्यों में जुटा है।”