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गढ़वाली फिल्‍म सुनपट का अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म फेस्टिवल में चयन..

गढ़वाली फिल्‍म सुनपट का अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म फेस्टिवल में चयन..

 

उत्‍तराखंड: प्रदेश के विशेषकर पहाड़ की संस्कृति‍, यहां के लोगों की समस्‍या, पलायन, खानपान को दर्शाती गढ़वाली लांग शार्ट फिल्‍म ‘सुनपट’ का गोवा में होने जा रहे अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म फेस्टिवल आफ इंडिया के लिए चयन किया गया है। 35 मिनट फिल्‍म की पूरी शूटिंग पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल क्षेत्र में बीते वर्ष की गई। आगामी 20 से 28 नवंबर तक गोवा में अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म फेस्टिवल आफ इंडिया का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए प्रेस इंफारमेशन ब्‍यूरो (पीआइबी) ने फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली फीचर व नान फीचर की 44 फिल्‍मों का चयन किया गया है।

 

जिसमें उत्‍तराखंड की गढ़वाली लांग शार्ट फिल्‍म सुनपट भी शामिल है। आपको बता दे कि मूल रूप से डांग गांव बीरोंखाल व वर्तमान में जवाहर कालोनी फरीदाबाद निवासी राहुल रावत ने निर्देशन के साथ फिल्‍म की कहानी लिखी है। राहुल का कहना हैं कि इस फिल्‍म की शूटिंग जुलाई 2020 में पूरी की गई। उन्‍होंने दावा किया है इस तरह के फिल्‍म फेस्टिवल में लगने वाली यह अब तक की पहली फिल्‍म होगी। फिल्‍म बनाने को लेकर उनका कहना हैं कि भले ही उनका जन्‍म उत्‍तराखंड में नहीं हुआ लेकिन यहां के लोगों का संघर्ष व संस्कृति‍ को बड़े मंच पर ले जाने का उनका सपना था, इसलिए उन्‍होंने इस फिल्‍म को गढ़वाली में ही बनाया। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने भी विभिन्‍न किरदार निभाया है।

आपको बता दे कि फरीदाबाद में प्रारंभिक शिक्षा के बाद राहुल ने वर्ष 2011 में मास कम्‍यूनिकेशन किया और इसके बाद वह 2013 में मुंबई चले गए। यहां फिल्‍म मेकर अमित शर्मा के साथ उन्होंने काम किया और फिल्‍म मेकिंग की बारिकियां सीखी। राहुल का कहना हैं कि यह उनकी पहली फिल्‍म है। आगे कई प्रोजेक्‍ट पर कार्य चल रहा है।

यह है सुनपट की कहानी

राहुल का कहना हैं कि गढ़वाली शब्‍द सुनपट का मतलब सन्‍नाटा है। सुनपट उत्तराखंड के गावों पर आधारित एक ऐसे समाज की कहानी है जिसका बीता कल खोया हुआ है और आने वाले कल धुंधला नजर आता है। फिल्म के मुख्य किरदार, अनुज और भरतू स्कूल के दोस्त हैं। फिल्म में उत्तराखंड ग्रामीण परिवेश की झलक, पहाड़ों में जीवन का संघर्ष और उसकी अनिश्चिताओं को दिखाया गया है।

 

 

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