हरिद्वार। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाये गये कानून है। किसानों की आय दुगनी करने का केंद्र सरकार ने जो लक्ष्य रखा है, उसे प्राप्त करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून के माध्यम से किसानों को स्वतंत्रता प्रदान की गयी है, अब किसान को जहां अच्छा मूल्य मिलेगा, वहां अपनी फसल बेचेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र बुधवार को यहां ऋषिकुल मैदान में भाजपा किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञानी एम.एस.स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कानून बनाये गए हैं, जो किसानों के व्यापक हित में हैं।
नए कानूनों में किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं। पहले किसान की उपज की केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी। मगर नए कानून लागू होने के बाद आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था हो गई है।
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उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को दूर करने हेतु उनसे लगातार वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। प्रदेश में सरकारी गन्ना मिलों द्वारा किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से बिल प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर किसानों के खाते में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र की बन्द पड़ी इकबालपुर शुगर मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है, ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को 03 लाख तक का ऋण एवं किसानों समुहों को 05 लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, विधायक यतीश्वरानन्द, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान एवं संजय गुप्ता आदि भी उपस्थित थे।