केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) योजना से अब तक 3 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की जा चुकी है।
वन स्टॉप सेंटर तहत महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए एक ही स्थान पर पुलिस, चिकित्सा, कानूनी सहायता व परामर्श और मनोवैज्ञानिक सहायता सहित कई सेवाओं के लिए तत्काल सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना 1 अप्रैल, 2015 से पूरे देश में राज्य सरकारों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। अब तक, देश के 35 राज्यों में 701 सेंटर चालू किए जा चुके हैं।
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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार कोविड महामारी के कारण बनी मौजूदा स्थिति में, जो महिलाएं संकट की स्थिति में हैं या हिंसा से प्रभावित हैं, वे त्वरित सहायता और सेवाओं के लिए निकटतम ओएससी से संपर्क कर सकती हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों और सभी जिलों के डीसी/डीएम को निर्देश दिया है कि वे लॉकडाउन अवधि के दौरान वन स्टॉप सेंटरों को चालू रखें।
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन केन्द्रों के सुचारू संचालन के लिए, कानूनी परामर्श, चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक – सामाजिक परामर्श आदि प्रदान करने के लिए पैनल में शामिल एजेंसियों अथवा व्यक्तियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों के जिला प्रशासन के पास है।