उत्तराखंड में निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ लगातार संघर्षरत रहने वाले संगठन नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स (NAPSR) ने कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के मद्देनजर शैक्षणिक सत्र को जीरो घोषित किए जाने की मांग की है। NAPSR के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में राजधानी देहरादून की मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
NAPSR की प्रदेश अध्यक्ष राज गीता शर्मा के नेतृत्व में CEO आशारानी पैन्यूली से भेंट के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन क्लास को लेकर आ रही समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों में छात्रों व अभिभावकों को आ रही कठिनाइयों की विस्तार से चर्चा की और वर्तमान शैक्षणिक सत्र को शून्य घोषित करने की मांग। इस पर CEO ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मांग को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगी।
सीईओ को ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष रवि त्यागी, महानगर अध्यक्ष किरण बिष्ट नेगी, महासचिव श्वेता बंसल, सचिव ज्योति नौटियाल, कोषाध्यक्ष पूजा गर्ग, आशीष भंडारी, नवदीप गर्ग, रोहित नौटियाल आदि शामिल थे।
इधर, NAPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि निजी विद्यालयों द्वारा ली जा फीस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से अपील करने को कहा है। इसके लिए उनकी तरफ से तैयारियां की जा चुकी हैं। NAPSR हाई कोर्ट जाने से पहले सरकार व विभाग को अभिभावकों की परेशानियों से अवगत कराएगा। सरकार व विभाग के स्तर से राहत न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका संगठन छात्रों व अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा और निजी स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा।