प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ किया। मोदी ने छः राज्यों हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के 763 गांवो 1 लाख ग्रामीणों को प्रोपर्टी कार्ड वितरित किए। इनमें उत्तराखण्ड के 50 गांवों के 6800 लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कुछ लाभार्थियों से बात भी की।
गोदा गांव के सुरेश ने कही अपनी बात
उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल के विकास खण्ड खिर्सू के ग्राम गोदा के सुरेश चंद्र को भी प्रधानमंत्री के सम्मुख अपनी बात रखने का अवसर मिला। सुरेश ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता से सम्पन्न हुई है। इसमें किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। प्रापर्टी के कागज मिलने से अब बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। सुरेश ने बताया कि उनके गांव से चौखम्भा आदि हिमालयी पर्वत शिखरों के दर्शन होते हैं और निकट ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं। गांव के लोग प्रापर्टी कार्ड मिलने के बाद अपने घरों में होम स्टे बनाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री को दिए यह निर्देश
प्रधानमंत्री ने सुरेश को बधाई देते हुए कहा कि वे स्वयं उत्तराखण्ड के हिमालय क्षेत्र में काफी रहे हैं। उन्होंने सुरेश से कहा कि उनका गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। सुरेश भाग्यशाली हैं कि वे ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां से पवित्र पर्वतों के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि उनका गांव लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने सुरेश के साथ में कार्यक्रम में उपस्थित प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत से कहा कि कहा कि होम स्टे के फोटोग्राफ, कान्टेक्ट नम्बर सहित सारा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध हो, ताकि पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को जानकारी मिल सके। इससे होम स्टे का काम बढ़िया तरीके से आगे बढ़ सकता है।
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गांवों में होगा ऐतिहासिक बदलाव
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अब लाभार्थियों के पास अपने घरों के मालिक होने का एक कानूनी दस्तावेज होगा। यह योजना देश के गांवों में ऐतिहासिक बदलाव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि देश ने एक अति महत्वाकांक्षी भारत की ओर एक और बड़ा कदम उठाया है, क्योंकि इस योजना से ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
अगले 3-4 वर्षों में सबको मिलेगा संपत्ति कार्ड
उन्होंने कहा कि हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के एक लाख लाभार्थियों को आज उनके घरों के कानूनी कागजात सौंप दिए गए हैं और अगले तीन-चार वर्षों में देश के प्रत्येक गांव में हर परिवार को ऐसे संपत्ति कार्ड देने का वादा किया।
विपक्ष की आलोचना
विपक्ष की आलोचना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग नहीं चाहते हैं कि हमारे किसान आत्मनिर्भर बनें, उन्हें कृषि क्षेत्र में सुधारों से समस्याएं हैं। छोटे किसानों, गौपालकों और मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड शुरू करने से दलालों और बिचौलियों को परेशानी हो रही है, क्योंकि उनकी अवैध आय रुक गई है।
गांव तथा गरीबों की आत्मनिर्भरता के लिए अभियान जारी
उन्होंने यूरिया की नीम कोटिंग, किसानों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण इत्यादि पहलों के बारे में भी बताया, जो भ्रष्टाचार को रोकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित लोग आज कृषि सुधारों के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के कारण देश में विकास रुकने वाला नहीं है और गांव तथा गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस संकल्प की सिद्धि के लिए स्वामित्व योजना की भूमिका भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय पंचायतराज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री अलग-अलग स्थानों से कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।