गायों व गौवंश के संरक्षण, सुरक्षा, विकास और पशु विकास कार्यक्रम को दिशा प्रदान करने के लिए मोदी सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने दीपावली में गाय के गोबर व पंचगव्य से बने उत्पादों के व्यापक उपयोग के अभियान शुरू कर दिया है। अभियान को कामधेनु दीपावली अभियान नाम दिया गया है।
अभियान के दौरान गोबर आधारित दीयों, धूप, अगरबत्ती, हवन सामग्री, भगवान गणेश व देवी लक्ष्मी की मूर्तियों, शुभ-लाभ व स्वास्तिक के चिह्नों आदि के उपयोग को बढ़ावा देने वाले कदम उठाये जाएंगे। अभियान के द्वारा आयोग दीपावली में प्रयोग होने वाली बिजली लाइट्स की माला बनाने वाली चीनी कंपनियों को झटका देने की तैयारी में है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व आयोग गणेश महोत्सव के समय गौमाया गणेश अभियान संचालित कर चुका है। आयोग के प्रयासों से गणेश महोत्सव के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने गणेश की मूर्तियों के निर्माण में पर्यावरण अनुकूल सामग्री के रूप में गाय के गोबर का उपयोग किया था। आयोग ने गौमाया गणेश अभियान को मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर दीपावली के लिए भी अभियान शुरू कर दिया है।
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है कि आयोग का लक्ष्य इस वर्ष दीपावली त्योहार के दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों को प्रज्वलित करना है। लगभग 3 लाख दीयों को केवल पवित्र शहर अयोध्या में ही प्रज्वलित किया जाएगा और 1 लाख दीये पवित्र शहर वाराणसी में जलाए जाएंगे।
आयोग के इस अभियान से हजारों गाय आधारित किसानों व महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा और चीन निर्मित दीयों का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करेगा। इससे पर्यावरणीय क्षति में कमी के साथ-साथ स्वदेशी आंदोलन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
आयोग अपने अभियान को गति देने के लिए वेबिनार की एक श्रृंखला के माध्यम से विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है। आयोग ने देश भर में गौशालाओं में दीपावली से संबंधित वस्तुओं के उत्पादन और सुविधा के साथ विपणन योजना के लिए पूरे देश के हर जिले में अपने सहयोगियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। आयोग किसानों, निर्माताओं, गायों, गौशालाओं और अन्य संबंधित पक्षों को इस अभियान से जोड़ने में लगा हुआ है।