मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप समझे जाने वाले तीन तलाक की कुप्रथा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली सायरा बानो (Shayara Bano) को उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने मंगलवार को प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया। सरकार ने उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। सायरा बानो ने विगत 11 अक्टूबर को देहरादून में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की सदस्य्ता ग्रहण की थी। सायरा बानो के अलावा दो अन्य पार्टी नेत्रियों ज्योति शाह व पुष्पा पासवान को भी महिला आयोग में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
उत्तराखंड के काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) निवासी सायरा बानो ने वर्ष 2016 में तीन तलाक के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने तीन तलाक के साथ ही बहुविवाह व निकाह हलाला को भी चुनौती दी थी। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए तीन तलाक को अवैधानिक घोषित किया था। वर्ष 2019 में संसद ने भी तीन तलाक को गैर कानूनी घोषित कर इसे दंडनीय अपराध बना दिया। इस कानून के द्वारा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सायरा बानो का विवाह वर्ष 2002 में प्रयागराज के रिजवान अहमद से हुई थी। शुरुआती दिनों में तो ससुराल में सब ठीक-ठाक रहा। मगर कुछ समय बाद पति और ससुराली उसे परेशान करने लगे। दो बच्चे होने के बावजूद सायरा के साथ मारपीट की जाती थी और बात-बात पर घर से निकालने की धमकी दी जाती। वर्ष 2015 में सायरा बानो कुछ दिनों के लिए अपने मायके आई तो पति ने टेलीग्राम पर तीन तलाक लिखकर उसे हमेशा के लिए छोड़ दिया। सायरा ने परिस्थितियों से हार मानने के बजाय अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ने की ठानी। उन्होंने इसे न्यायालय में चुनौती दी और मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में एक निर्णायक व ऐतिहासिक जीत हासिल की।
सायरा ने जब विगत दिवस भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, तो तब से यह माना जा रहा था कि उन्हें पार्टी अथवा सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। सायरा बानो के अलावा रानीखेत की वरिष्ठ महिला नेत्री ज्योति शाह व गोपेश्वर की पुष्पा पासवान को भी राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर पूर्व में ही नियुक्ति की जा चुकी है। प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री विजया बड़थ्वाल अध्यक्ष के पद पर तैनात हैं।