चर्चित केशवा नन्द भारती बनाम केरल सरकार मामले के मुख्य याचिकाकर्ता स्वामी केशवा नन्द भारती का रविवार को निधन हो गया। केरल के कासरगोड जिले के इडनीर मठ के प्रमुख स्वामी केशवा नन्द भारती ने 79 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने ट्वीट कर उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
1973 में केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की 13 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। यह फैसला आज भी प्रासंगिक बना हुआ है और कई अन्य देशों की अदालतों ने भी इसे कोट किया है। दरअसल, केरल की तत्कालीन कम्युनिस्ट सरकार ने एक भूमि सुधार कानून बना कर जमींदारों व मठों की भूमि अधिग्रहित कर ली। स्वामी केशवा नन्द भारती ने केरल भूमि सुधार अधिनियम, 1963 को अदालत में चुनौती दी। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-29 को भी चुनौती दी, जिसके तहत केरल सरकार का कानून था। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद- 26 , जिसके तहत धार्मिक संस्थाओं को अधिकार दिए गए थे, के आधार पर राहत की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठा कि क्या संसद को अधिकार है कि वह संविधान की मूल प्रस्तावना को बदल सके ? केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में 68 दिन तक सुनवाई हुई। यह सुनवाई 31 अक्टूबर 1972 को शुरू होकर 23 मार्च 1973 को खत्म हुई। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सीकरी की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने 7:6 के बहुमत से 24 अप्रैल 1973 को न्यायिक इतिहास का यह सबसे महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। मामूली बहुमत से हुए इस निर्णय में यह माना गया कि संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन उस हद तक ही कर सकती है, जहाँ तक कि वो संशोधन संविधान के बुनियादी ढांचे और आवश्यक विशेषताओं में परिवर्तन या संशोधन नहीं करे। यानि संविधान की प्रस्तावना की भावना से कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 368; जो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्तियाँ प्रदान करता है, के तहत संविधान की आधारभूत संरचना में बदलाव नहीं किया जा सकता है। केशवानंद भारती मामले ने संविधान की ‘आधारभूत संरचना’ (Basic Structure) का ऐतिहासिक सिद्धांत दिया था।
स्वामी केशवा नन्द भारती के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के सभी प्रमुख नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पूज्य केशव नन्द भारती को समाज सेवा और उपेक्षितों के सशक्तिकरण को लेकर उनके योगदान के लिए याद रखा जाएगा। वे समृद्घ भारतीय संस्कृति और हमारे महान संविधान से गहरे जुड़े हुए थे। वे हमेशा पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।