उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश का दौर जारी है। गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी हो रही है, जबकि हर्षिल घाटी में तेज बर्फीली हवाएं चल रही हैं। दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर यातायात अभी सुचारू है।
मैदानी इलाकों में बदला मौसम
. चमोली और कर्णप्रयाग में सोमवार रात से तेज बारिश हो रही है।
. मसूरी में देर रात हुई बारिश के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है, घने बादल और कोहरा छाया हुआ है।
. देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
. उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में तेज गर्जना का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
एवलांच अलर्ट जारी
. चमोली जिले में हिमस्खलन (Avalanche) का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
. 5 मार्च से पूरे प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और चटक धूप निकलने से तापमान में बढ़ोतरी होगी।
चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए भीषण हिमस्खलन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जोशीमठ के एसडीएम को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया है। यह हादसा 28 फरवरी को हुआ था, जिसमें बीआरओ (BRO) के 54 श्रमिक हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन: 46 श्रमिक सुरक्षित, 8 की मौत
. रेस्क्यू ऑपरेशन में ITBP, सेना और NDRF की टीमों ने तीन दिनों तक लगातार अभियान चलाया।
. पहले दिन 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया।
. दूसरे दिन एनडीआरएफ भी अभियान में शामिल हुई, जिससे कुल 46 श्रमिकों को बचा लिया गया।
. हादसे में 8 श्रमिकों की मौत हो गई।
घटना का क्रम
. शुक्रवार, 28 फरवरी – भारी हिमस्खलन हुआ, जिसमें 54 श्रमिक फंस गए।
. पहले दिन – ITBP और सेना ने 33 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला।
. दूसरे दिन – एनडीआरएफ के सहयोग से 46 श्रमिकों को बचाया गया, 4 शव बरामद।
. तीसरे दिन – लापता 4 श्रमिकों के शव मिले, जिससे मृतकों की संख्या 8 हो गई।
रेस्क्यू अभियान समाप्त
. आखिरी शव मिलने के बाद दोपहर करीब चार बजे रेस्क्यू अभियान समाप्त कर दिया गया।
. जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी किए।
. हादसे की जांच जोशीमठ एसडीएम को सौंपी गई है।
यह हिमस्खलन हादसा चिंताजनक है और इसकी विस्तृत जांच के बाद सुरक्षा उपायों पर भी निर्णय लिया जाएगा।
उत्तराखंड की चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी, जो सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, अपने विस्तार और उन्नयन की राह देख रही है। यह हवाई पट्टी भारत-चीन सीमा, चारधाम यात्रा और आपदा प्रबंधन के लिहाज से बेहद उपयोगी हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इसके विकास और कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इतिहास और विकास की मांग
. 1992-93: उत्तर प्रदेश सरकार ने चिन्याली, नागणी, धनपुर और श्यामपुर के किसानों से 776 नाली भूमि अधिग्रहित की।
. 2013: उत्तराखंड सरकार ने 46 करोड़ रुपये के बजट से रनवे विस्तार (1165 मीटर लंबाई और 30 मीटर चौड़ाई) सहित एटीसी टॉवर, टर्मिनल भवन और विद्युत स्टेशन का निर्माण किया।
. अधूरे कार्य: टैक्सी स्टैंड, रनवे समतलीकरण और अन्य सुविधाएं अब भी लंबित हैं।
सामरिक और चारधाम यात्रा के लिए महत्वपूर्ण
. वायुसेना का अभ्यास केंद्र – लड़ाकू और मालवाहक विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया जाता है।
. सेना और हेलिकॉप्टर संचालन – सेना के महत्वपूर्ण हेलिकॉप्टर यहां उतरते हैं।
. चारधाम यात्रा के लिए हवाई सेवा की मांग – स्थानीय लोग हवाई पट्टी को चारधाम यात्रा के लिए इंटर-स्टेट हवाई सेवा केंद्र के रूप में विकसित करने की उम्मीद कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों की मांग और उम्मीदें
चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के अधूरे कार्यों को पूरा करने और इसे चारधाम यात्रा व सामरिक उद्देश्यों के लिए विकसित करने की मांग लंबे समय से उठ रही है। पूर्व प्रमुख बलबीर सिंह बिष्ट, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़, पूर्ण सिंह बिष्ट और सतपाल बिष्ट ने सरकार से इसे शीघ्र विकसित करने की अपील की है।
पीएम मोदी के शीतकालीन प्रवास के दौरान मुखबा में उनकी यात्रा से यह उम्मीद और प्रबल हो गई है कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी जल्द ही एक पूर्ण विकसित हवाई अड्डे में तब्दील होगी, जिससे चारधाम यात्रा और सामरिक दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी।
उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कामकाज में सुधार और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए कर्तव्यहीन कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो कर्मचारी अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह हैं, उन्हें चिह्नित कर नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए।
सुशासन के एजेंडे को मजबूत करेगी सरकार
मुख्यमंत्री धामी सरकारी कार्यप्रणाली में सरलीकरण और समाधान को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी शासन की प्राथमिकताओं को लागू करने में बाधा बन रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और व्यक्तिगत भूमि विवादों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ड्रग्स फ्री उत्तराखंड अभियान होगा तेज
मुख्यमंत्री ने राज्य में ड्रग्स के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए विशेष छापेमारी अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराधियों की सूची तैयार कर सख्त कार्रवाई करने को कहा। साथ ही, सीमावर्ती क्षेत्रों में नियमित जांच बढ़ाने और पुलिस को रात्रिकालीन गश्त तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी और बिजली चोरी पर नजर
धामी सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने और बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी संबंधित विभाग इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करें।
युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने पर जोर
मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य के युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, बार्बर और प्लंबर जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित कर उनका कौशल विकास किया जाए। इससे राज्य के युवा स्वरोजगार के नए अवसरों से जुड़ सकेंगे।
बैठक में उच्च अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में गृह सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान और एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सरकार के इस कदम से सरकारी कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास स्थित माणा क्षेत्र में भीषण हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है। भारतीय सेना और आईटीबीपी ने अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि 8 मजदूरों को बचाने का कार्य अभी जारी है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली है।
मौसम खुलते ही बचाव अभियान तेज
बचाव कार्य मौसम पर निर्भर था, लेकिन जैसे ही मौसम साफ हुआ, रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया। सेना ने सुबह 14 और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला, जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य 8 मजदूरों की तलाश जारी है, जिनके एक कंटेनर में फंसे होने की आशंका है। यह कंटेनर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है, जिससे बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है।
आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर
चमोली के डीएम संदीप तिवारी और एसपी सर्वेश पंवार घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं और जोशीमठ पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की बारीकी से निगरानी करते हुए कहा कि एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल गोपेश्वर को अलर्ट पर रखा गया है। एम्स की हेली एंबुलेंस भी तैयार रखी गई है ताकि जरूरत पड़ने पर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके।
केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में उत्तराखंड प्रशासन
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से लगातार संपर्क में है। उन्होंने कहा कि यदि किसी और एजेंसी की जरूरत पड़ी, तो उसकी सहायता ली जाएगी। इसके अलावा, माणा हेलिपैड को सक्रिय किया गया है, ताकि बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके। हालांकि, भारी बर्फबारी और बारिश के कारण कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं।
ड्रोन और विशेषज्ञों की मदद से बचाव अभियान
आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमों को रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा, ड्रोन की सहायता से मजदूरों की सटीक लोकेशन का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने भी निजी ड्रोन ऑपरेटर्स की सहायता लेकर राहत कार्य को तेज किया है।
प्राथमिकता: मजदूरों की सुरक्षा
आईटीबीपी, भारतीय सेना, जिला प्रशासन और वायुसेना की टीमें संपूर्ण समन्वय के साथ काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना है। सरकार ने इस घटना से संबंधित एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे परिजन अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें। बचाव अभियान तेजी से जारी है और प्रशासन का पूरा ध्यान शेष मजदूरों को सुरक्षित निकालने पर केंद्रित है। हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ जाएंगे।
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक सनसनीखेज साइबर अपराध का पर्दाफाश हुआ है, जहां पुलिस अधीक्षक (एसपी) से डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की गई थी। पुलिस की सधी हुई कार्रवाई के बाद चार आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
जनवरी माह में रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे के सरकारी (सीयूजी) मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया। संदिग्ध व्यक्ति ने खुद को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ बताया और 50 हजार रुपये की तत्काल आवश्यकता का हवाला देते हुए बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर करने का अनुरोध किया।
एसपी कोंडे ने मैसेज को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कोतवाली रुद्रप्रयाग में मामला दर्ज करवाया और मामले की जांच साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार को सौंपी।
तकनीकी जांच से मिली सफलता
जांच के दौरान संदिग्ध बैंक खाते और मोबाइल नंबरों की लोकेशन महाराष्ट्र और राजस्थान में पाई गई। पुलिस टीम ने एक महीने तक स्थानीय स्तर पर जांच की, जिसमें मोबाइल फोरेंसिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों का उपयोग किया गया।
प्रारंभिक जांच में छह लोगों की संलिप्तता सामने आई, जिनमें से चार आरोपियों को राजस्थान के बीकानेर से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
1.राजू प्रजापत: पुत्र दौलतराम प्रजापत, निवासी वार्ड नंबर 46, कुम्हारों का मोहल्ला, बीकानेर।
2.ललित किशोर उपाध्याय: पुत्र प्रकाश चंद उपाध्याय, लक्ष्मी नाथ जी रोड, बीकानेर।
3.बलवान हुसैन: पुत्र मोहम्मद अनवर, हम्मालों की बारी, बीकानेर।
4.मोहम्मद अयूब: पुत्र मोहम्मद सलीम, हम्मालों की बारी, बीकानेर।
पुलिस टीम को मिला इनाम
सफलता पाने वाली पुलिस टीम को सराहना के साथ-साथ नकद इनाम भी दिया गया है।
. एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे ने टीम को ₹2,500 का इनाम दिया।
. पुलिस उपमहानिदेशक (अपराध एवं कानून) की ओर से ₹5,000 का इनाम घोषित किया गया।
पुलिस टीम में शामिल सदस्य:
. निरीक्षक: राकेश कुमार, प्रभारी साइबर सेल, रुद्रप्रयाग
. उप निरीक्षक: रणजीत खनेड़ा
. आरक्षी: कुलदीप सिंह, राकेश कुमार, रविन्द्र सिंह (एसओजी रुद्रप्रयाग), विनय (एसओजी रुद्रप्रयाग)
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित स्थानीय न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर रुद्रप्रयाग लाया गया है। पुलिस द्वारा आवश्यक पूछताछ के बाद उन्हें जनपद न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें और साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें।
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और ओलावृष्टि हो रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश से ठंड में इजाफा हो गया है। मौसम विभाग ने 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
गंगोत्री-यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी
गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी जारी है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चम्पावत में बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, एक मार्च के बाद प्रदेश में मौसम खुलने की संभावना है।
सीजन में पहली बार पारा 12.3 डिग्री लुढ़का
देहरादून में सर्दियों के मौसम में पहली बार लगातार दो दिन की बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते बुधवार को अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री था, जो बृहस्पतिवार को गिरकर 16.7 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस सीजन में पहली बार पश्चिमी विक्षोभ इतनी मजबूती से सक्रिय हुआ है, जिससे तापमान में तेज गिरावट आई है।
बदरीनाथ, हेमकुंड में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, औली, गोरसों, नीती और माणा घाटियों में भारी बर्फबारी हो रही है। निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड और बढ़ गई है।
केदारनाथ में आधा फीट ताजी बर्फ जमी
केदारनाथ धाम में घने बादलों के बीच पिछले दो दिनों से बर्फबारी जारी है। धाम में आधा फीट ताजी बर्फ जम चुकी है, जबकि पहले से सवा फीट बर्फ जमा है। माणा, नीति घाटी, औली, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चोपता और त्रियुगीनारायण के ऊपरी क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है।
ग्लेशियर रिचार्ज, जल संकट से मिलेगी राहत
फरवरी के अंत में हुई बर्फबारी से प्रदेश के ग्लेशियर और नदियां रिचार्ज हो गई हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे गर्मियों में जल संकट जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी और पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक दुखद हादसे में बुधवार को अलकनंदा नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। यह हादसा श्रीनगर इलाके के चौरास पुल के पास हुआ, जहां तीन युवक नदी में तैरने गए थे।
मृतकों की पहचान:
. आयुष राज (20) और हर्ष राज कौशिक (19), दोनों बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के निवासी थे।
. दिव्यांशु (21), जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मऊ का रहने वाला है, को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
घटना का विवरण:
दोपहर करीब 3 बजे, तीनों युवक चौरास पुल के पास अलकनंदा नदी में तैरने उतरे। पानी में उतरते ही वे डूबने लगे। स्थानीय लोगों की सतर्कता से दिव्यांशु की जान बचा ली गई, लेकिन आयुष और हर्ष को नहीं बचाया जा सका।
रेस्क्यू अभियान:
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने जिला पुलिस और स्थानीय निवासियों की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया। अंततः दोनों युवकों के शव बरामद कर लिए गए।
परिजनों को दी गई सूचना:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है और अब उनके पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। यह हादसा एक बार फिर नदी के किनारे सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत को रेखांकित करता है। स्थानीय प्रशासन और SDRF की त्वरित कार्रवाई के बावजूद यह त्रासदी नहीं टल सकी।
उत्तराखंड में 2025 की चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान हो गया है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में धार्मिक गुरुओं द्वारा पूजा-अर्चना के बाद यह निर्णय लिया गया।
. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे।
. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर खुलेंगे।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बुधवार को इस घोषणा की पुष्टि की। चारधाम यात्रा के अंतर्गत देश-विदेश के श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इस साल भी भक्तों के बीच चारधाम यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, और उत्तराखंड सरकार यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विशेष तैयारियां कर रही है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है। इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के लिए पंजीकरण को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से अनुमति मांगी गई है, जिससे इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
आधार से पंजीकरण लिंक होने का उद्देश्य
. सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार: यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सही पहचान और सटीक आंकड़ों के लिए यह कदम उठाया गया है।
. आपात स्थिति में मददगार: यात्रियों का वास्तविक डेटा होने से किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें सहायता प्रदान करना आसान होगा।
. प्रवेश में पारदर्शिता: आधार कार्ड से लिंक होने पर ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण दोनों प्रक्रियाएं सरल हो जाएंगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया और तारीखें
. यात्रा की शुरुआत: 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ होगा।
. ऑनलाइन पंजीकरण: 11 मार्च से पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे।
. पंजीकरण का अनुपात: इस बार 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण का प्रावधान रखा गया है।
. ऑफलाइन पंजीकरण: यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
पिछली यात्रा से सीखे गए सबक
. 2024 की चारधाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे थे।
. यात्रा के शुरुआती चरण में पंजीकरण प्रक्रिया में कई दिक्कतें सामने आई थीं, जिससे यात्रियों का शेड्यूल प्रभावित हुआ था।
. बड़ी संख्या में बिना पंजीकरण पहुंचे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
इस बार, इन समस्याओं से बचने के लिए प्रशासन ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
आधार लिंक से मिलेंगी ये सुविधाएं
. त्वरित पंजीकरण: ऑफलाइन पंजीकरण में चेहरा स्कैन होते ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
. यात्रियों की पहचान: यात्रियों की सटीक पहचान और आंकड़े आसानी से उपलब्ध होंगे।
. आपात स्थिति में सहायता: किसी भी आपदा या आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रशासन की तैयारी और रणनीति
गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय के अनुसार, पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है।
. पर्यटन विभाग की वेबसाइट को UIDAI की वेबसाइट से जोड़ने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
. अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया को लागू करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है।
यात्रियों के लिए सुझाव
. आधार कार्ड साथ लाएं: यात्रा पर निकलने से पहले आधार कार्ड अवश्य रखें।
. ऑनलाइन पंजीकरण को प्राथमिकता दें: इससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
. सभी दिशानिर्देशों का पालन करें: प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा भारतीयों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। आधार कार्ड से जुड़ी इस नई व्यवस्था के बाद यात्रियों को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पारदर्शी अनुभव मिलेगा। आगामी 30 अप्रैल से शुरू हो रही इस पवित्र यात्रा के लिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समय पर पंजीकरण कराएं और यात्रा का सुखद अनुभव प्राप्त करें।