उत्तराखंड में प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए DDRS की शुरुआत, सीएम धामी ने किया शुभारंभ..
उत्तराखंड: बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने स्वयं प्लास्टिक की बोतल को बार कोड से स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया। सीएम धामी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक की खपत को कम करने एवं अधिक से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल कर, उसे इस्तेमाल में लाने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम को धरातल में उतारने के लिए समन्वय से कार्य किये जाएं। यह पहल चार धाम यात्रा एवं अन्य पर्यटन स्थलो में भी कूड़े की खपत को कम करते हुए स्वच्छता का वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
सीएम धामी का कहना हैं कि प्लास्टिक की समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन गई है. धार्मिक और पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की बड़ी समस्या के तौर पर सामने आती है। इसके समाधान हेतु राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है. राज्य में स्वच्छता का वातावरण बनाते हुए क्लीन उत्तराखंड, ग्रीन उत्तराखंड पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। राज्य की प्राकृतिक संपदा हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है, इसको सुरक्षित रखना भी हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। डिजिटल डिपोजिट रिफन्ड सिस्टम को 2 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तराखंड में लाया गया था. जिसके सफल संचालन के लिए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया था. उन्होंने कहा नदियां, जंगल, पहाड़ राज्य की धरोहर और पहचान है। प्लास्टिक हमारी इन धरोहरों को खतरे में डाल रही हैं। जिसके निस्तारण के लिए राज्य सरकार विज्ञान एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। जिससे भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में नई क्रांति का संचार हुआ था। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की स्वच्छता के लिए अनेक कार्य हो रहे हैं।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सरल हो जाएगा। डी.डी.आर.एस के तहत प्लास्टिक बोतल/प्लास्टिक पदार्थों का उत्पादन करने वाली ईकाईयों द्वारा ’क्यूआर कोड सिस्टम’ जनित किया जायेगा, जिससे उपभोगताओं द्वारा प्लास्टिक पैकेजिंग में भण्डारित पदार्थों का प्रयोग करने के पश्चात् प्लास्टिक अपशिष्ट को नज़दीकी डी.डी.आर.एस सेंटर को वापस किया जायेगा व बार कोड स्कैन करने के पश्चात् उपभोगता को प्रत्येक प्लास्टिक अपशिष्ट पर एक निश्चित धनराशि वापस की जायेगी। डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लागू होने से प्लास्टिक कचरे को सर्कुलर इकोनॉमी में वापस लाया जा सकेगा, जिससे संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, विशेष सचिव/मेंबर सेक्रेटरी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत, आलोक कुमार पाण्डेय, एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।
उत्तराखंड के इत्र की खुशबू देश-दुनिया में होगी महसूस, तीन करोड़ लागत से बनाई जा रही आधुनिक प्रयोगशाला..
उत्तराखंड: प्रदेश में उगाई जाने वाली सगंध पौधों से तैयार इत्र की खुशबू देश-दुनिया भी महसूस करेगी। इसके लिए सगंध पौध केंद्र सेलाकुई में इत्र विकास प्रयोगशाला तैयार कर रही है। जो देश की पहली सरकारी लैब होगी। तीन करोड़ की लागत से बनने वाली इस प्रयोगशाला में परफ्यूम की गुणवत्ता जांच के साथ खुशबू को मानकों पर परखा जाएगा। राज्य में एरोमा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सगंध पौध केंद्र (कैप) सेलाकुई में 40 करोड़ की लागत से निर्मित परफ्यूम क्रिएशन लैब का उद्घाटन किया था।
इस प्रयोगशाला में एरोमा पौधों से निकलने वाले तेल व विभिन्न उत्पादों में इस्तेमाल के लिए शोध किया जा रहा है। कैप की ओर से तिमूर, डेमेस्क गुलाब, लैमनग्रास, तेजपात, कैरोमाइल, जापानी मिंट, वन तुलसी, सुरई, कुंजा, कालाबासा समेत अन्य एरोमा प्रजातियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन प्रजातियों के तेल का इस्तेमाल परफ्यूम व अन्य कास्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। अभी तक परफ्यूम बनाने वाली निजी कंपनियों के पास अपनी लैब है। लेकिन सरकारी स्तर पर इत्र की गुणवत्ता जांच और खुशबू को परखने के लिए प्रयोगशाला नहीं है। सगंध पौध केंद्र का दावा है कि देश की पहली लैब उत्तराखंड में बन रही है। जल्द ही काम पूरा करने के लिए लैब को शुरू किया जाएगा।
पीएम मोदी ने भी तिमूर से तैयार इत्र को सराहा
दिसंबर 2023 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक रूप से उगने वाले तिमूर के बीज से तैयार इत्र की सराहना की थी। सम्मेलन में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन के दौरान सगंध पौध केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को तिमूर के इत्र की खूबियां बताईं थी। बता दे कि उत्तराखंड में एरोमा और उससे तैयार उत्पादों का सालाना 100 करोड़ का कारोबार होता है। प्रदेश सरकार की ओर से एरोमा उत्पादों और खेती को बढ़ावा देने से हर साल कारोबार बढ़ रहा है।
24 हजार किसान कर रही खेती
सगंध पौध केंद्र की ओर से प्रोत्साहित करने से वर्तमान में 24 हजार किसान एरोमा की खेती कर रहे हैं। कैप एरोमा पौध तैयार कर किसानों को निशुल्क उपलब्ध करा रहा है। इसके साथ ही किसानों को खेती की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इत्र विकास प्रयोगशाला के बनने से उत्तराखंड में एरोमा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध होंगे। कास्मेटिक उत्पाद के साथ फ्लेवर युक्त खाद्य उत्पाद बनाने के लिए एरोमा उत्पाद की काफी मांग हैं।
अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का सहारा लेगी पुलिस, ADG कानून व्यवस्था ने की बैठक..
उत्तराखंड: एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने सभी जिलों की सोशल मीडिया सेल के कामों की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को चिह्नित कर उनके साथ गोष्ठी करने के निर्देश दिए हैं। एडीजी मंगलवार को सभी जिलों की सोशल मीडिया सेल के कामों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सोशल मीडिया की निगरानी पुलिस मुख्यालय की एसओपी के अनुरूप कराने के निर्देश दिए। इस दौरान कहा गया कि जनजागरूकता और सकारात्मक प्रचार-प्रसार के लिए पुलिस अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का सहारा लेगी। एडीजी ने अधिकारियों से कहा कि नियमित निगरानी के दौरान भ्रामक पोस्ट पर तत्काल कार्रवाई की जाए। सोशल मीडिया सेल के कार्यों की नियमित रूप से डीएसपी ऑपरेशन निगरानी करेंगे। उन्होंने पुलिस कप्तानों को भी निर्देश दिए कि वह समय से सेल की जनशक्ति और उनके कार्यों का मूल्यांकन कर समीक्षा रिपोर्ट रेंज कार्यालय को भेज दें। जिससे इसमें सुधार आदि की जो गुंजाइश हो उस पर समय से कदम उठाया जा सके।
नोडल डीआईजी कानून व्यवस्था को पत्र लिखेंगे
कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाली पोस्ट का तत्काल खंडन कराया जाए। ऐसी पोस्ट को हटाने और कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर नामित नोडल डीआईजी कानून व्यवस्था को पत्र लिखा जाए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को भी सोशल मीडिया की पॉलिसी याद दिलाने के निर्देश दिए। कहा कि उन्हें पूर्व में जारी निर्देशों का अनुपालन कराने को कहा जाए। कोई पुलिसकर्मी इस पॉलिसी का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही एडीजी ने पुलिस मुख्यालय स्थित अपराध एवं कानून व्यवस्था से संबंधित सभी अनुभागों के कार्यों की भी समीक्षा की। अनुभाग अधिकारियों को समय से सभी कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।
केंद्र सरकार ने बदले नियम, अब छत पर 10 किलोवाट के सोलर प्रोजेक्ट में तकनीकी रिपोर्ट नहीं..
उत्तराखंड: प्रदेश में 10 किलोवाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट घर की छत पर लगाने वालों को अब तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (टीएफआर) जैसी औपचारिकताओं की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसके नियम बदल दिए हैं, जो उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने भी लागू कर दिए हैं। इससे उपभोक्ताओं को बिजली बचत में आसानी होगी। यूपीसीएल के निदेशक परिचालन एमआर आर्य का कहना हैं कि बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) संशोधन नियम, 2024 में प्रावधान है कि 10 किलोवाट क्षमता तक की छत पर सौर फोटो वोल्टाइक प्रोजेक्ट के लिए आवेदन, सभी प्रकार से पूर्ण, तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन और स्वीकृत भार के किसी भी अनुरूप वृद्धि की आवश्यकता के बिना स्वीकार किए गए माने जाएंगे। उपभोक्ता के लिए जैसा आवश्यक हो यूपीसीएल की ओर से किया जाएगा। नियामक आयोग के नियमों के हिसाब से टीएफआर की आवश्यकता खत्म की गई है। शर्त ये है कि नियामक आयोग के नियमों के अनुसार, उपभोक्ता बढ़े हुए लोड के लिए लोड वृद्धि और सुरक्षा जमा के लिए शुल्क का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
लोड बढ़ाने के लिए आवेदन की कोई विशिष्ट आवश्यकता नहीं होगी..
अगर कोई उपभोक्ता ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूपटॉप पीवी प्लांट के लिए आवेदन करता है, तो ऐसे उपभोक्ताओं से लोड बढ़ाने के लिए आवेदन की कोई विशिष्ट आवश्यकता नहीं होगी। यदि स्वीकृत कनेक्टेड लोड उस संयंत्र की क्षमता से कम है, जिसे उपभोक्ता स्थापित करना चाहता है, तो स्वीकृत कनेक्टेड लोड को उस सीमा तक बढ़ाया हुआ माना जाएगा। कहा कि लोड बढ़ोतरी और सिक्योरिटी शुल्क का भुगतान नियामक आयोग के समय-समय पर आने वाले नियमों के हिसाब से करना होगा।
फायदे का सौदा है ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप..
ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर फेज-2 के तहत घर पर सोलर रूफटॉप लगाना अब आसान है। योजना में अनुदान मिल रहा। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता को सोलर प्लांट लगाने पर प्रथम तीन किलोवाट पर 40 प्रतिशत और चार से 10 किलोवाट पर 20 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उपभोक्ता की ओर से दी जाने वाली सोलर प्लांट की लागत की वसूली लगभग पांच वर्ष में की जा सकती है। सोलर प्लांट के पांच वर्ष तक का रखरखाव लागत में ही निहित है। सोलर प्लांट लगाकर उपभोक्ता अपने बिजली बिल की धनराशि को कम कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए निकटतम बिजली कार्यालय या टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क कर सकते हैं।
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के मुद्दे पर फिर गरमाई सियासत..
हरदा के बयान पर बहुगुणा का पलटवार..
उत्तराखंड: गैरसैंण स्थायी राजधानी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने एक बार फिर सियासत गरमा दी है। हरीश रावत का कहना हैं कि सीएम रहते मैं गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाना चाहता था, लेकिन विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं ने इसका विरोध किया। कहा कि मैं चाहकर भी गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं कर पाया। उनके इस बयान पर पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पलटवार किया। कैबिनेट सुबोध उनियाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके बयान में आश्चर्यचकित हूं।
उनका कहना हैं कि हम लोग कांग्रेस छोड़कर गए, लेकिन उसके एक साल बाद भी हरीश रावत मुख्यमंत्री रहे। फिर भी उन्होंने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का निर्णय क्याें नहीं लिया। उनके बयान में ढलती उम्र का असर साफ दिखता है। हरीश रावत उत्तराखंड में झूठ बोलने की चलती-फिरती मशीन है। झूठ बोलकर राजनीतिक गर्त में चले गए और कांग्रेस को भी डुबोने में उनकी अहम भूमिका है। हरीश को वानप्रस्थ आश्रम जाकर संन्यास लेना चाहिए। उधर, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने भी हरीश रावत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस छोड़ कर जाने वाले किसी भी नेता ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का विरोध नहीं किया। झूठ बोलकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है।
गैरसैंण में एक को होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में पहुंचेंगे लोग..
उत्तराखंड: मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से एक सितंबर को गैरसैंण में स्वाभिमान महारैली निकाली जाएगी। समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि राज्य में मूल निवास और सशक्त भू-कानून लागू किया जाए। समिति पिछले काफी समय से मूल निवास, सशक्त भू-कानून और स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर आंदोलनरत है। समिति की ओर से देहरादून, हल्द्वानी, टिहरी, कोटद्वार, श्रीनगर आदि जगहों पर महारैली आयोजित की जा चुकी है। अब गैरसैंण में महारैली आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रदेशभर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। इसके बाद भी मांग पर अमल न हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा। वहीं जगह-जगह इस तरह की रैली निकालकर इस मुहिम से जन-जन को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
नेपाल बस हादसे में 27 यात्रियों की मौत, 24 शव आज पहुंचेंगे महाराष्ट्र..
देश-विदेश: नेपाल में शुक्रवार को बस हादसे में मौत का आंकड़ा 27 पहुंच गया है। हादसा उस समय हुआ जब हाईवे से गुजर रही बस अनियंत्रित होकर मर्स्यांगदी नदी में गिर गई। मरने वालों में से 24 शवों की पहचान हुई जो कि महाराष्ट्र के रहने वाले थे। अब इन सभी शवों को शनिवार को इंडियन एयरफोर्स के विमान से महाराष्ट्र ले जाया जाएगा। शवों को वापस लाने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। मुख्यमंत्री ऑफिस से इसकी पुष्टि हुई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, गृह मंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान की व्यवस्था की गई है, जो शनिवार को शवों को उत्तर प्रदेश से महाराष्ट्र लो जाएगा। घटना के पीड़ित मुंबई से करीब 470 किलोमीटर दूर जलगांव जिले के वरणगांव, दरियापुर, तलवेल और भुसावल के थे। घटना में 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि 11 ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। गोरखपुर, यूपी नंबर की बस पोखरा से काठमांडू की ओर जा रही थी,तभी तनहुन जिले के आइना पहारा में हाईवे से पलट गई। इस बस में चालक और दो सहायकों समेत 43 लोग सवार थेष घायल को त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन पर बोले सीएम धामी, राहुल गांधी से पूछे ये सवाल..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी आज सचिवालय के मीडिया सेंटर पहुंचे जहां उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन को लेकर बात की। सीएम धामी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में चुनाव की तिथियां घोषित हो रही हैं। जिस प्रकार कांग्रेस पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस के बीच में संगठन सामने आया है। ये सत्ता के साथ देश की अखंडता के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी जिन्होंने कश्मीर को 3 दशकों तक पीछे धकेलना का काम किया है।
कश्मीर को बर्बाद करने के लिए जोड़ा संगठन..
सीएम धामी ने कहा कि कश्मीर को बर्बाद करने के लिए कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस के साथ संगठन जोड़ा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राहुल गांधी से हमारे 10 सवाल हैं।
कांग्रेस अलग झंडा का समर्थन जम्मू कश्मीर में करती है ?
कांग्रेस क्या फिर से जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू करना चाहती है ?
कांग्रेस क्या फिर से पत्थर बाजी की घटनाओं में उनको सरकारी नौकरियों में फिर से बहाल करके आतंकवाद फिर से वहां पर लाने का समर्थन करते हैं ?
कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देगी ?
क्या कांग्रेस जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को फिर से गिराना चाहती है ?
कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर की ऑटोनॉमी देने की नेशनल कांफ्रेंस की विभाजनकारी सोच को उन नीतियों का कांग्रेस का समर्थन करती है ?
राजनीति को राष्ट्रनीति से बढ़कर बीजेपी नहीं मानती..
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धारा 370 समाप्त होने के बाद कश्मीर का अमन चैन बढ़ा है। तेजी से विकास हो रहा है। इसके साथ ही अलगाववादी ताकतों पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजनीति को राष्ट्रनीति से बढ़कर नहीं मानती है।
सारकोट पहुंचे सीएम धामी, बलिदानी सैनिक बसुदेव के घर पहुंचकर परिजनों से मिले..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को गैरसैंण ब्लाक के सारकोट गांव पहुंचे। यहां सीएम लेह में बलिदान हुए सैनिक बसुदेव के परिजनों से मिले और परिजनों को ढांढस बंधाया और शोक संवेदना व्यक्त की। सीएम ने कहा कि हवलदार बसुदेव सिंह ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसके लिए पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। प्रदेश सरकार शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने बलिदानी हवलदार के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
वहीं प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी सारकोट गांव पहुंचे और बलिदानी सैनिक के परिजनों से मिले। साथ ही परिवारजनों को केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया।गांव में ग्रामीणों ने क्षेत्रीय समस्याओं के संबंध में मंत्री गणेश जोशी को ज्ञापन भी सौंपा। बता दें कि सारकोट गांव के 31 वर्षीय और बंगाल इंजीनियरिंग के हवलदार बसुदेव सिंह 16 अगस्त को लेह में एक दुर्घटना में बलिदान हो गए। इस अवसर पर बलिदानी सैनिक की मां माहेश्वरी देवी, भाई जगदीश, सतीश, बहन वैसाखी देवी सहित अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
बीफार्मा के हजारों अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट ने दी राहत, 527 विभिन्न पदों के लिए ये थी शर्त..
उत्तराखंड: नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य के पॉलिटेक्निको में 527 विभिन्न खाली पड़े पदों को भरने के लिए जारी विज्ञप्ति की शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद उन अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल करने को कहा है जिनकी विज्ञप्ति में जारी शर्तों के अनुसार बीफार्मा में फर्स्ट डिवीजन नही थे। यानी कि अब वे अभ्यर्थी भी इसमे प्रतिभाग कर पाएंगे जिनकी बीफार्मा में सेकंड डिविजन व अन्य थी।
यह प्रक्रिया कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खण्डपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार पौड़ी निवासी विनोद सहित कई अन्य अभ्यर्थियो ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 7 जुलाई को जारी विज्ञप्ति को चुनौती देते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने पॉलिटेक्निक में खाली पड़े 527 विभिन्न पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। लेकिन विज्ञप्ति में शर्त यह रखी थी कि वे ही अभ्यर्थी इसमे शामिल होंगे जिनकी बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन होगी।
जिसकी वजह से वे इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल नही हो पा रहे है। इसलिए उन्हें इसमे प्रतिभाग करने की अनुमति दी जाय। क्योंकि राज्य सरकार ने खाली पड़े पदों को भरने के लिए 2015 के बाद अब विज्ञप्ति जारी की है। इससे पहले यह नियम लागू नही था। हम कई वर्षों से इसकी तैयारी कर रहे अब राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करके बी फार्मा में फर्स्ट डिवीजन होना अनिवार्य कर दिया। जो गलत है। इसलिए उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए।