उत्तराखंड में 1094 जूनियर इंजीनियरों को बांटे गए नियुक्ति पत्र..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी की वर्चुअल उपस्थिति में संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह, देहरादून में कनिष्ठ अभियन्ता सेवा परीक्षा, 2023 के अन्तर्गत विभिन्न विभागों में चयनित 1094 कनिष्ठ अभियन्ताओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर सीएम ने कनिष्ठ अभियन्ता पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों से वर्चुअल संवाद किया। सीएम धामी ने चयनित सभी कनिष्ठ अभियन्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि आज आपके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। अपने माता-पिता गुरूओं और ईश्वर की कृपा से सभी को देवभूमि उत्तराखण्ड में सेवा करने का अवसर मिल रहा है। सीएम ने आशा व्यक्त की कि आज जिन 1094 अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिली है, इनसे विभागों को और मजबूती मिलेगी। सीएम का कहना हैं कि ज्ञान, विज्ञान और तकनीक का जिस तेजी से विस्तार हो रहा है, उस हिसाब से नियमित अपडेट रहें। सभी पूरी निष्ठा और समर्पण भाव से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, इसके लिए कार्यक्षेत्र में नियमित दिनचर्या बनाना जरूरी है.
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में पिछले तीन सालों में सरकारी विभागों में लगभग 17 हजार से अधिक नौकरियां दी हैं। सीएम ने कहा कि 4 जुलाई 2021 को शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट में हमने निर्णय लिया कि राज्य के सभी रिक्त पदों पर भर्ती की जायेगी। अभी अनेक भर्ती परीक्षाएं गतिमान हैं। सीएम ने कहा कि राज्य में भर्ती परीक्षाओं के अधियाचन से नियुक्ति पत्र प्रदान करने तक की पूरी समयावधि को कम किया गया है। पूरे साल के लिए भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर बनाया गया है। राज्य में नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद से सभी भर्ती परीक्षाएं पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई हैं।
योग्य युवा हर भर्ती परीक्षा में हो रहे हैं सफल..
सीएम धामी ने कहा आज योग्य युवा हर भर्ती परीक्षा में सफल हो रहे हैं। राज्य में नकल को जड़ से समाप्त करने के लिए नकल माफियाओं पर सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की गई है। सीएम ने कहा पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति की शुरूआत हुई है। उत्तराखण्ड में भी राज्य सरकार द्वारा नई कार्य संस्कृति लाने की दिशा में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों के इंडिकेटर में राज्य को देश में प्रथम स्थान मिला है। उत्तराखण्ड देश में सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों की श्रेणी में दूसरे स्थान पर है।
23 सितंबर से में शुरू होगी रिवर राफ्टिंग, इस बार तीन हफ्ते देरी से शुरुआत..
उत्तराखंड: पर्यटक आगामी 23 सितंबर से से गंगा में राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। साहसिक खेल विभाग ने संयुक्त निरीक्षण टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है। प्रथम चरण में तीन स्थानों पर राफ्टिंग की अनुमति मिली है। कुछ अन्य स्थानों पर राफ्टिंग के लिए एक बार फिर जलस्तर का आकलन कर एक सप्ताह बाद निर्णय लिया जाएगा। गंगा में राफ्टिंग सत्र शुरू किए जाने के लिए प्रशासन की ओर से गठित संयुक्त निरीक्षण टीम ने शुक्रवार को गंगा के जल स्तर का आकलन किया। रिवर राफ्टिंग तकनीकी समिति ने राफ्ट और क्याक से रेकी रन का आयोजन किया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर सोमवार से कुछ स्थानों पर राफ्टिंग की अनुमति दी गई है।
वरिष्ठ साहसिक खेल अधिकारी जसपाल सिंह चौहान का कहना हैं कि संयुक्त निरीक्षण टीम ने मरीन ड्राइव से शिवपुरी व ब्रह्मपुरी से निम बीच तथा खारास्रोत के बीच राफ्टिंग शुरू किए जाने की संस्तुति की है। टीम की संस्तुति पर सोमवार से इन स्थानों पर राफ्टिंग शुरू कर दी जाएगी। कुछ अन्य स्थानों पर राफ्टिंग शुरू करने के लिए एक बार फिर जल स्तर का आकलन कर एक सप्ताह बाद निर्णय लिया जाएगा। संयुक्त निरीक्षण टीम में वरिष्ठ साहसिक खेल अधिकारी जसपाल चौहान, सदस्य तकनीकी समिति अरविंद भारद्वाज, धर्मेंद्र नेगी, विजेंद्र बिष्ट, रामपाल भंडारी, ऋषि राणा आदि शामिल रहे।
उत्तराखंड में इन सड़कों को टू-लेन को फोरलेन और फोरलेन को सिक्स लेन बनाया जायेगा
लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन सुगम होंगे..
उत्तराखंड: केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने शुक्रवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर प्रेस वार्ता कर केन्द्र सरकार द्वारा आमजनमानस के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री के 100 दिन पूरे होने पर सामाजिक ढांचे पूर्ण करने के लिए 100 दिनों मे 15 लाख करोड़ के निवेश पूर्ण कर लिए है। अजय टम्टा का कहना हैं कि अल्मोड़ा-बागेश्वर रोड में लगभग 4.50 करोड़ के पहले पैकेज का काम शुरू किया है। साथ ही काठगोदाम से नैनीताल को टू लेन करने जा रहा है। ज्योलिकोट से भवाली कैंची बाईपास होते हुए अल्मोड़ा से रानीखेत पाडूखोला होते हुए कर्णप्रयाग तक तथा अल्मोड़ा से पनार तक टू लेन किया जाएगा। वहीं धारचूला से गुंजी तक टू लेन लगभग उत्तराखण्ड की सभी एनएच की रोड का टू लेन किया जाना है।
लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन होंगे आसान
केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 9 के 58 किलोमीटर में एक लेन और इंटरमीडिएट लेन से दो लेन चौड़ीकरण का कार्य 384.00 करोड़ रूपए की लागत से शुरू कर दिया गया है। जिससे लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन सुगम हो जाएंगे। इसके साथ ही चीन बॉर्डर की सीमावर्ती कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ वहां सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बढावा मिलेगा और इससे रोजगार में भी वृद्धि होगी। कार्य के निर्माण की अवधि दो साल रखी गई है।
इन सड़कों का भी किया जाएगा चौड़ीकरण..
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत केदारनाथ और यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के सड़क निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) से हरी झंडी मिल गई है। इससे यमुनोत्री में 25.08 किलोमीटर में 2-लेन चौड़ीकरण का कार्य कराया जा सकेगा तथा केदारनाथ में शेष 13 किलोमीटर को दो लेन में चौड़ा किया जाएगा। चारधाम परियोजना के अन्तर्गत चंपावत बाईपास दो लेन पेव्ड शोल्डर सहिल 9.85 किलोमीटर लम्बाई में 307.00 करोड़ रूपए लागत की डीपीआर प्रगति में है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित ओवरसाइट समिति द्वारा इस कार्य की स्वीकृति मिली है। इससे चंपावत शहर में यातायात भीड़भाड़ से राहत मिलेगी। कार्य की स्वीकृति का लक्ष्य दिसबर 2024 रखा गया है।
अब चारधाम यात्रियों को मिलेगी ट्रैफिक जाम से राहत..
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत ऋषिकेश बाईपास चार लेन 10.88 किलोमीटर लम्बाई में 1414 करोड़ रूपए लागत की डीपीआर प्रगति में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ओवरसाइट समिति द्वारा स्वीकृति मिली है। इससे ऋषिकेश शहर और चारधाम यात्रियों को यातायात भीड़भाड़ से राहत मिलेगी। कार्य की स्वीकृति का लक्ष्य दिसंबर 2004 रखा गया है। चारधाम मार्ग पर हो रहे भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार कार्य किए जाएंगे। कार्य पूर्ण करने की अवधि 12 माह से 18 माह रखी गई है। प्रदेश में 8 प्रमुख हाई-स्पीड कॉरिडोर और रिंग रोड परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। जिनमें आगरा-ग्वालियर, खरगपुर-मोरेग्राम, धराड़ मेहसाणा-अहमदाबाद, अयोध्या रिंग रोड, पाथलगांव-गुमला, कानपुर रिग रोड, गुवाहाटी रिंग रोड और नासिक फाटा-खेड एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं। इन परियोजनाओं से देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा समय में 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की कमी आएगी।
व्यापार मंडल लोहाघाट ने आपदा प्रभवितों को राहत सामग्री की वितरित..
उत्तराखंड: लोहाघाट व्यापार संघ आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया है। व्यापार संघ ने आपदा पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया। बता दें कि बीते दिनों हुई बारिश के कारण लोहाघाट ब्लॉक के सीमांत क्षेत्रों में आई आपदा से भीषण तबाही मची है। जिस कारण सीमांत क्षेत्र का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कें बंद होने के कारण लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों का सामना भी नहीं मिल रहा है।
लोहाघाट ब्लाक के सीमांत क्षेत्रों में आई आपदा के कारण भारी नुकसान हुआ है। खेत खलिहानों के साथ-साथ कई लोगों के मकान तक तबाह हो चुके हैं। प्रशासन की टीमे तेजी से राहत कार्य में जुटी हुई है। वहीं सीमांत क्षेत्र में आई आपदा का लोहाघाट व्यापार संघ ने संज्ञान लिया। व्यापार संघ अध्यक्ष मनीष जुकरिया के नेतृत्व में लोहाघाट नगर के व्यापारी आपदा पीड़ितों की मदद को आगे आए। व्यापारियों ने आपदा पीड़ितों के लिए नकद राशि, कंबल, खाद्य सामग्री, जूते-चप्पल, साबुन, कपड़े आदि वस्तुओं को आपसी सहयोग से एकत्रित किया। गुरुवार को तहसीलदार जगदीश सिंह नेगी ने हरी झंडी दिखाकर आपदा राहत वाहन को रवाना किया।
आपदा पीड़ितों के बीच पहुंचे व्यापार संघ अध्यक्ष..
खुद व्यापार संघ अध्यक्ष मनीष जुकरिया मैदान में उतरे और आपदा पीड़ितों के बीच पहुंचे। उनके द्वारा सीमांत के दूरस्थ आपदा ग्रस्त डनगांव, कमलेड़ी व पाशम आदि क्षेत्रों में जाकर आपदा पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी गई। इसके साथ ही आपदा पीड़ितों से उनकी समस्याओं को पूछा गया।
लोगों से आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील..
व्यापार संघ अध्यक्ष जुकरिया का कहना हैं कि आपदा से सीमांत क्षेत्रों में भारी तबाही हुई है। प्रशासन राहत पहुंचाने में जुटा है लेकिन अभी और तेजी से कार्य करने की जरूरत है। लोगों को बड़ी मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यापार संघ आपदा पीड़ितों के साथ खड़ा है। आपदा पीड़ितों के लिए आगे और भी राहत सामग्री जुटाई जाएगी। उन्होंने सभी सक्षम लोगों से आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा अभी आपदा पीड़ितों को सख्त मदद की जरूरत है। आपदा पीड़ितों ने इस दुख की घड़ी में सुध लेने के लिए लोहाघाट व्यापार संघ को धन्यवाद दिया है।
जल जीवन मिशन की अटकी 212 करोड़ की योजनाएं, तीन परियोजनाओं को हरी झंडी..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल जीवन मिशन की 212 करोड़ रुपये की परियोजनाएं सालों से वन कानूनों के चक्कर में लटकी हुईं हैं। लगातार पत्राचार के बाद भी इन्हें अनुमति नहीं मिल पाईं। इन सभी परियोजनाओं से सैकड़ों गांवों की हजारों की आबादी को पेयजल मिलना था। जल जीवन मिशन के तहत पांच करोड़ से ऊपर की 268.19 करोड़ की 12 ऐसी परियोजनाएं थीं, जिनका निर्माण या तो रिजर्व फॉरेस्ट के क्षेत्र में होना था या जिनके लिए वन भूमि की दरकार थी। इनमें से हाल ही में उत्तरकाशी की 12.63 करोड़ की खान्सी पौटी ग्राम समूह पेयजल योजना, 26.24 करोड़ लागत की कंडारी ग्राम समूह पेयजल योजना और 16.84 करोड़ की देवराना ग्राम समूह पंपिंग पेयजल योजना को वन भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिल गई है।
अब इन परियोजनाओं का काम शुरू होगा। लेकिन, नौ परियोजनाओं को अभी तक कोई स्वीकृति नहीं मिली। एक को वन विभाग से तो स्वीकृति मिली है, लेकिन नैना देवी पक्षी विहार से अनुमति नहीं मिल पाई है। इन परियोजनाओं को वन भूमि हस्तांतरण न होने की वजह से करोड़ों रुपये वर्षों से खर्च नहीं हो पाए। जल जीवन मिशन के तहत परियोजनाओं की पाइपलाइन तो जंगलों के बीच से बिछा दी गई। लेकिन, जमीन न होने के कारण इनका पंपिंग स्टेशन या वेल निर्माण नहीं हो पाया है। पेयजल निगम के अफसरों का कहना है कि लगातार इस संबंध में वन विभाग से पत्राचार किया जा रहा है।
राज्यपाल में दी लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को हरी झंडी, सीएम धामी ने जताया आभार..
उत्तराखंड: राजभवन से लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश कानून 2024 को हरी झंडी मिल गई हैं। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया है। सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था और राज्य का मूल स्वरूप बिगाड़ने की किसी को छूट नहीं है। इस कानून का राज्य में कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
सीएम धामी ने उत्तराखण्ड लोक (सरकारी) तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (अध्यादेश) कानून-2024 को राज्यपाल द्वारा मंजूरी प्रदान करने पर उनका आभार व्यक्त किया है। सीएम धामी का कहना हैं कि इस कानून के तहत दंगाईयों से सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। इसके साथ ही दंगा नियंत्रण में लगे सरकारी अमले एवं अन्य कार्यों पर आने वाले खर्च की भरपाई भी की जाएगी। निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश के साथ ही राज्यपाल ने विविध संशोधन विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद उत्तराखंड के विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। बता दें गैरसैंण में हुए विधानसभा सत्र में धार्मि सरकार ने विधेयक पारित किया था। जिसके बाद राजभवन से विधेयक को हरी झंडी मिल गई हैं। साथ ही राज्यपाल ने उप्र जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 को भी मंजूरी दे दी है।
पीएमएचएस ने किया ऐलान, इन मांगो को लेकर 04 अक्टूबर से किया जाएगा कार्य बहिष्कार..
उत्तराखंड: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने लंबित मांगों को लेकर चार अक्तूबर से कार्यबहिष्कर करने का एलान किया है। बुधवार से प्रदेशभर के डॉक्टरों काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध शुरू कर दिया है। संघ ने चेतावनी दी कि चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। मांगों का समाधान न होने तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांध कर काम किया। डॉक्टरों के आंदोलन को देखते हुए शासन ने संघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज शर्मा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल के साथ बैठक कर मांगों पर चर्चा की। संघ को अगले सप्ताह सचिवालय में लंबित मांगों पर बैठक करने का आश्वासन देने पर 23 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया। वहीं संघ ने शासन स्तर पर मांगों का समाधान न होने पर चार अक्तूबर से प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का एलान किया। तब तक डॉक्टरों का सांकेतिक विरोध जारी रहेगा।
संघ की मांग है कि शीघ्र ही डीपीसी और एसडीएसीपी के आदेश जारी किए जाएं। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाए। अल्मोड़ा, नैनीताल व टिहरी जिला मुख्यालय व मसूरी को पूर्व की भांति दुर्गम में चिन्हित किया जाए। पीजी करने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने और दंत चिकित्सकों का समायोजन किया जाए।
पूसा भिंडी- 5 बढ़ाएगी आर्थिकी-प्रदेश के 9 जिलों में भेजे जाएंगे काशीपुर में तैयार बीज..
उत्तराखंड: सब्जियों में भिंडी एक मुख्य फसल है, जो गर्मी और बारिश दोनों ही मौसम में उगाई जाती है। अब शहर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र भिंडी की नई किस्म पूसा भिंडी-5 के बीज तैयार कर रहा है। इससे किसानों की आय में भी अधिक बढ़ोतरी हो रही है। किसानों को करीब 20 हजार रुपये प्रति बीघा मुनाफा हो रहा है। इसी के चलते बीज को उत्तराखंड के नौ जिलों में भी सप्लाई करने की तैयारी है।
आपको बता दे कि कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) काशीपुर में नई किस्म की पूसा भिंडी-5 के बीज तैयार किए जा रहे हैं। बीजों को उत्तराखंड के नौ जिलों में सप्लाई किया जाएगा ताकि वहां के छोटे किसान भी कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकें। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान दिल्ली के सब्जी विज्ञान विभाग ने शोध के जरिये तैयार किया था। इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर ने संस्थान से ब्रीडर सीड लेकर सीड प्रोडक्शन किया, जिसका बांसखेड़ी गांव के करीब 20 किसानों के खेतों में परीक्षण किया गया। वहां भिंडी की पैदावार अधिक हुई, जिससे उन्हें करीब 20 हजार रुपये प्रति बीघा का लाभ मिला है। अब केवीके एक एकड़ में बीज तैयार कर रहा है ताकि अन्य जिलों के केंद्रों में इसकी सप्लाई की जा सके। क्षेत्रफल और भिंडी उत्पादकता की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान पर आता है। भिंडी में विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम भरपूर मिलता है। यह आयुर्वेद का भी एक उत्तम स्त्रोत है।
नई ब्रीड पर नहीं होता बीमारी का असर..
पूसा भिंडी -5 पर पीला शिरा मोजेक वायरस का असर नहीं होता है। अन्य किस्म को यह वायरस काफी नुकसान पहुंचाता है। इसकी पैदावार भी अन्य के मुकाबले अधिक है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।
एक किलो बीज की कीमत चार सौ रुपये..
एक किलो बीज की कीमत करीब चार सौ रुपये है, जिससे एक बीघा में बुआई की जा सकती है। एक बीघा खेत को तैयार करने में करीब तीन से चार हजार रुपये का खर्चा आता है जबकि किसान 20 हजार प्रति बीघा तक मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी बुआई गर्मियों और बरसात दोनों ही सीजन में की जा सकती है।
उत्तराखंड में बीज सप्लाई करेगा केवीके..
काशीपुर में सफल परीक्षण के बाद केवीके बड़ी मात्रा में बीज तैयार कर रहा है। यहां से ऊधमसिंह नगर के अन्य हिस्सों, हरिद्वार, देहरादून, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में बीज सप्लाई किए जाएंगे। वहां के किसान अपने कृषि विज्ञान केंद्र से बीज लेकर खेती कर सकेंगे। केवीके में बीज तैयार किए जा रहे हैं। दिसंबर तक बीज तैयार हो जाएंगे और जनवरी तक उनकी प्रोसेसिंग करके पैकेजिंग की जाएगी। फरवरी और मार्च में हम उत्तराखंड के सभी केंद्रों पर बीज उपलब्ध करवाने लगेंगे। इसके बाद वहां के किसान अपने केंद्रों से बीज ले सकेंगे। किसान मेला में भी हमारे स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां से किसान बीजों को खरीद सकते हैं।
हरिद्वार में किशोरी जागरुकता अभियान कार्यक्रम, रेखा आर्य ने की शिरकत..
महालक्ष्मी किट को लेकर की बड़ी घोषणा..
उत्तराखंड: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से हरिद्वार में मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना सशक्त किशोरी सशक्त समाज के तहत किशोरी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का एसडीएम हरिद्वार अजय वीर सिंह और जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल सहित हरिद्वार की आंगनबाड़ी कार्यकर्तीओं ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
इस दौरान रेखा आर्य ने कहा उत्तराखंड में किशोरियों और महिलाओं के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम चलते हैं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत, हरिद्वार, में ब्लॉक स्तरीय किशोरी और महिलाओं के लिए अनुकूल स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक बनाए गए हैं। यह किशोरी शक्ति योजना किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। इसका मकसद किशोरियों और महिलाओं को अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराना है।उन्हें अपने जीवन की ज़िम्मेदारी उठाने में मदद करना है। सबला योजना भी 11 से 18 साल की किशोरियों के सशक्तीकरण के लिए शुरू की गई है। उत्तराखंड विभिन्न जिलों सहित हरिद्वार में भी इस योजना के तहत कई बाल विकास परियोजनाएं चल रही हैं।
यह अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘किशोरी शक्ति’ थीम पर आधारित है. इस अभियान के दौरान किशोरियों और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति डॉक्टर और डायटिशियनों और नुक्कड़ नाटकों द्वारा जागरुकता और जानकारी साझा की गई है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा विगत कई समय से महालक्ष्मी किट को लेकर लगातार मांग उठ रही थी। बेटी के जन्म की तरह ही बेटों के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट दी जाए। ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप सीएम धामी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है। जिसके तहत अब प्रथम दो प्रसव उसमें, चाहे पहली लड़की हो या लड़का दोनों को ही महालक्ष्मी किट से आच्छादित किया जाएगा।
T20 वर्ल्ड कप जीतने पर महिलाओं को पुरुषों जितनी मिलेगी प्राइज मनी, ICC का ऐतिहासिक फैसला..
देश-विदेश: पुरूष और महिला के बीच अक्सर भेदभाव की बात होती रहती है। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। क्रिकेट में बराबर सैलरी से लेकर टूर्नामेंट की प्राइज मनी तक, पुरूष और महिला क्रिकेट में इसको लेकर अक्सर भेदभाव देखा गया है। महिला क्रिकेट में पुरूष क्रिकेट के मुकाबले कम प्राइज मनी दी जाती है। इन मुद्दों को कई बार उठाया जा चुका है कि महिलाओं को भी पुरूष जितनी ही सैलरी और प्राइज मनी मिलनी चाहिए। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस भेदभाव को फाइनली खत्म कर दिया है। ICC ने ये ऐलान किया कि टी20 वर्ल्ड कप में महिलाओंं को पुरुष जितनी ही प्राइज मनी दी जाएगी।
ICC ने इस ऐलान के साथ बताया कि महिलाओं के टी20 वर्ल्ड कप के लिए इस बार 7,958,080 अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 66 करोड़ 30 लाख रुपए का प्राइज पूल रखा गया है। ये बीते साल हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप के प्राइज पूल से डबल है। महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ट्रॉफी जीतने वाली टीम को 2.34 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 20 करोड़ की प्राइज मनी दी जाएगी। बीते साल केवल 8.5 करोड़ की प्राइज मनी दी गई थी। तो वहीं रनरअप टीम को 10 करोड़ के करीब इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही टूर्नामेंट में भाग लेने वाली बाकी टीमों के भी प्राइज मनी में बढ़ोतरी हुई है।
कब शुरू होगा टूर्नामेंट..
ICC ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि “आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 पहला ऐसा आईसीसी इवेंट होगा जहां महिलाओं को पुरुषों के बराबर प्राइज मनी मिलेगी, जो खेल के इतिहास में एक अहम उपलब्धि है। बता दें कि टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआत तीन अक्टूबर से होने जा रही है। तो वहीं फाइनल मुकाबला 20 अक्टूबर को होगा। लीग 20 लीग मैच खेल जाएंगे। जिसके बाद दो सेमीफाइनल और एक फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। यूएई में ये टूर्नामेंट खेला जाएगा।