कांवड़ियों के लिए हरिद्वार से दिल्ली तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर..
उत्तराखंड: कांवड़ यात्रा के लिए इस बार हरिद्वार से दिल्ली तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। बता दे कि इस योजना तहत हाईवे में एक साइड से डाक कांवड़ गुरजेगी तो वहीं दूसरी साइड पर सामान्य यातायात चलता रहेगा। जबकि, इससे पहले डाक कांवड़ के दौरान हाइवे पर यातायात बंद कर दिया जाता था। उत्तराखंड और यूपी पुलिस ने संयुक्त रूप से इस नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी की है। डाक कांवड़ के दौरान हाईवे पर पूरी तरह से डाक कांवड़ियों का कब्जा हो जाता था। ऐसे में सामान्य यातायात पूरी तरह से ठप हो जाता था।
इस व्यवस्था के तहत कांवड़ियों के लिए पहले ही मार्ग को खाली करा दिया जाएगा। केवल एक ओर कांवड़िए ही दिखाई देंगे। डीआईजी-एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि हरिद्वार से इस दफा डाक कांवड़ हाईवे पर एक साइड से रवाना होगाी। दूसरी साइड पर जिले का सामान्य यातायात संचालित होगा। यह व्यवस्था दिल्ली तक की जा रही है।
डीआईजी का कहना हैं कि यूपी पुलिस ने भी इस पर अपनी सहमति दे दी है। वे भी हाईवे पर एक तरफ कांवड़ यात्रा का संचालन करेंगे और दूसरी तरफ सामान्य यातायात चलता रहेगा। डीआईजी की मानें तो यह व्यव्स्था पहली बार लागू की जा रही है, क्येांकि हाईवे अब पूरी तरह से तैयार है। 20 और 21 जुलाई से बड़े वाहन लेकर आने वाले डाक कांवड़यिों की रवानगी शुरू हो जाती है। ऐसे में यह व्यवस्था 20 जुलाई से लागू की जा सकती है।
उत्तराखंड में18 साल से ऊपर के लोगों को आज से फ्री लगेगी बूस्टर डोज..
उत्तराखंड: प्रदेश में 18 से अधिक उम्र के लोगों को शुक्रवार से मुफ्त बूस्टर डोज लगाई जाएगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से बूस्टर डोज लगाने की अपील की। उनका कहना हैं कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार है। राज्यभर में 18 से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोनारोधी प्रीकॉशन डोज अभियान का हिस्सा बनकर सहयोग करना है। देश ने पिछले दो साल में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना महामारी का डटकर मुकाबला किया। उनके नेतृत्व में भारत में कोविड वैक्सीनेशन का महाअभियान चलाया गया। साथ ही, दुनिया के कई देशों को वैक्सीन बांटने का काम भी किया गया। सीएम ने कहा कि राज्यभर में कोरोना महामारी कम जरूर हुई है, लेकिन खत्म नहीं हुई है।
उत्तराखंड में 99 नए मरीज मिले, दो की मौत
उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना के 99 नए मरीज मिले और दो संक्रमितों की मौत हो गई। 23 मरीज इलाज के बाद ठीक हुए, जिसके बाद राज्यभर में सक्रिय मरीजों की संख्या 456 हो गई है। जबकि, कोरोना संक्रमण की दर 6.19 प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, विभिन्न अस्पतालों से गुरुवार को 1501 मरीजों की रिपोर्ट आई।
पहली बार रुद्रप्रयाग में किसी जिलाधिकारी की ओर से की गई ऐसी पहल..
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने एक अभिनव पहल की है। डीएम स्वयं और जिले के सभी अधिकारियों के साथ बस में सवार होकर दूरस्थ गांव मनसूना में लगे शिविर में प्रतिभाग करने पहुंचे। रुद्रप्रयाग जिले में किसी जिलाधिकारी की ओर से पहली बार ऐसी पहल की गई है। इससे पहले सभी अधिकारी अपने-अपने वाहनों से जनता दरबार में पहुंचते थे, जिससे सरकारी डीजल-पैट्रोल की खपत अधिक होती थी। लेकिन अब जिले में ऐसा नहीं होगा। जहां भी जनता की समस्याओं को सुनने के लिये शिविर लगेंगे, वहां सभी अधिकारी बस में सवार होकर सफर करेंगे।
जनता की समस्याओं को सुनने के लिये अक्सर प्रशासन की ओर से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जनता दरबार का आयोजन किया जाता है। इन जनता दरबारों में अक्सर देखा जाता है कि कई अधिकारी पहुंचते ही नहीं और जो अधिकारी पहुंचते भी हैं वह समय पर नहीं पहुंचते हैं। इस बीच सभी अधिकारी अपने वाहनों से पहुंचते हैं, जिससे वाहनों का जमावड़ा लग जाता है और सरकारी डीजल-पैट्रोल की भी अधिक खपत होती है, लेकिन रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने नई पहल की है। जिलाधिकारी स्वयं और सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बस में सवार होकर मनसूना में आयोजित जनता दरबार में पहुंचे। एक ही बस में सभी अधिकारियों के सवार होने से जहां सरकारी डीजल-पैट्रोल की खपत कम हुई, वहीं सभी अधिकारी भी जनता की समस्याओं को सुनने के लिये पहुंचे। रुद्रप्रयाग में यह पहल पहली बार हुई है।
बता दें कि जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की कार्यशैली जनता को काफी प्रभावित कर रही है। एक ओर जनता के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार तो वहीं दूसरी ओर जन समस्याओं के निराकरण के लिए डीएम लगातार प्रयास कर रहे हैं। गुरुवार को डीएम मयूर दीक्षित ने ऐसी पहल शुरू की जो प्रदेशभर के लिए प्ररेणास्रोत बनी है। मनसूना में होने वाले सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम में डीएम ने बस की व्यवस्था कराई और अफसरों के साथ स्वयं बस में सवार होकर मनसूना पहुंचे। सरकारी फिलूखर्चे पर अंकुश लगाने के साथ ही बिना वजह बड़ी संख्या में सरकारी वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पहल सराहनीय है।
सुबह कलक्ट्रेट से जब डीएम मनसूना कार्यक्रम के लिए प्रस्थान करने लगे तो, कलक्ट्रेट परिसर में बस देखकर सभी हैरान हो गए। पहले डीएम स्वयं बस में सवार हुए और बाद में एक-एक कर सभी अफसर बस में बैठे। करीब 3 दर्जन से अधिक अफसरों के साथ डीएम मनूसना पहुंचे। इस तरह की अनोखी पहल पहली बार देखने को मिली। जिससे जनता, अधिकारी, जनप्रतिनिधि और समाज के बुद्धिजीवी वर्ग में खुशी है। उनका कहना है कि यह जिलाधिकारी की अलग सोच है, जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। जहां अक्सर जिले के शीर्ष अफसरों को महंगी और आलीशान गाड़ियों में बैठने का शोक रहता है, वहीं जिलाधिकारी की यह पहल समाज में अलग संदेश देगी।
वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत दूरस्थ गांवों में शिविर लगाये जाते हैं, जिसमें सभी अधिकारी अपने वाहनों से पहुंचते हैं। इससे समय भी और खर्चा भी ज्यादा होता है। एक ही बस में सवार होने से विभागीय अधिकारियों के बीच आपसी तालमेल भी होगा और सभी अधिकारी समय पर भी पहुंचेंगे।
केदारनाथ धाम में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम किया स्थापित..
उत्तराखंड: प्रदेश में मौसम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं। बारिश और कोहरे के कारण केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बाधित होने से तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। खराब मौसम और प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश की वजह से प्रदेशभर में 146 सड़कें मंगलवार को भी बंद रही। सड़कें बंद होने की वजह से जगह-जगह यात्री फंस गए थे।
केदारनाथ धाम में पल-पल बदलते मौसम की जानकारी केदारनाथ धाम में जाने वाले तीर्थ यात्रियों को अब आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के विशेष प्रयासों से आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की टीम ने केदारनाथ धाम में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम स्थापित कर दिया है। बता दे कि आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की टीम ने केदारनाथ धाम में ऑॅटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाने का काम पूरा कर इसका संचालन शुरू कर दिया गया है। इससे शीघ्र ही मौसम संबंधी गतिविधियों की रीडिंग प्राप्त की जा सकेगी। डीएम का कहना हैं कि केदारनाथ में वेदर सिस्टम स्थापित करने से एक नए अध्याय के रूप में देखा जा सकता है।
हिमालयन हेली सर्विस को बीस जुलाई तक केदारनाथ के लिए हेली सेवा जारी रखने की अनुमति दी गई है। भीमबली से रामबाड़ा, लिंचौली और केदारनाथ तक पूरी घाटी में चार दिन से घना कोहरा छाया हुआ है। बीच बीच में बारिश भी हो रही है। केदारनाथ में मौजूद सेक्टर अधिकारी सुरेंद्र मोहन का कहना हैं कि खराब मौसम के कारण बीते चार दिनों से केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाया है।
उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों में भी लागू होगी नई शिक्षा नीति..
उत्तराखंड: प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में भी इस सत्र से नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। जिसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति के तहत अब निजी विश्वविद्यालों को भी कैंपस में छात्र-छात्राओं को मनपसंद विषय चुनने की सुविधा देनी होगी। साथ ही लॉ एवं मैनेजमेंट कोर्स संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों को दूसरे विषयों के पाठ्यक्रम शुरू करने होंगे। राज्य के डिग्री कॉलेजों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत शासन स्तर पर व्यवस्थाएं शुरू की जा रही हैं।
इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों से नई शिक्षा नीति के तहत व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। इन विश्वविद्यालयों को भी राज्य विश्वविद्यालयों की तरह की सुविधाएं मुहैया करानी होंगी।
जिसके तहत उन्हें छात्र-छात्राओं को मन पसंद विषय चुनने, मर्जी के मुताबिक ब्रेक लेकर पढ़ाई पूरी करने की सुविधा देने के साथ दूसरे विश्वविद्यालयों से संबद्ध पाठ्यक्रमों को संचालित करना होगा। राज्य में वर्तमान में 21 निजी विश्वविद्यालय, 3 डीम्ड यूनिवर्सिटी, एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 12 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं।
मंगलवार को शासन स्तर पर उच्चशिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की मौजूदगी में हुई बैठक में निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों के साथ नई शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर व्यापक चर्चा की गई। राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। शासन स्तर पर संचालकों के साथ हुई बैठक में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्राम परकंडी में सीडीओ ने बैठक लेते हुए महिला समूह की समस्याओं का किया समाधान..
रुद्रप्रयाग। ग्राम परकंडी की महिला समूह को उद्योग विभाग की ओर से केदारनाथ मंदिर के सोविनियर कार्य नहीं दिया जा रहा है, जबकि उन्हें इस कार्य की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। ऐसे में महिला समूह ने डीएम मयूर दीक्षित से शिकायत की, जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी को महिला समूह के साथ बैठक कर समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी ने महिला समूह एवं ग्राम संगठन की महिलाओं के साथ विकास भवन में बैठक कर उनकी समस्या को सुना। इस अवसर पर महिला जागरुक संगठन समूह की अध्यक्ष आशा देवी नौटियाल ने मुख्य विकास अधिकारी को बताया कि उनके समूह द्वारा उद्योग विभाग में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद केदारनाथ मंदिर के सोविनियर का कार्य किया गया, मगर कुछ समय से उन्हें कार्य नहीं मिल पा रहा है और ना ही उनकी पूर्व की बकाया धनराशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने सीडीओ से मामले में उचित कार्यवाही की मांग की।
मामले में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने महाप्रबंधक उद्योग को निर्देश दिए कि महिला समूह की जो भी बकाया धनराशि का भुगतान किया जाना है, उसे एक सप्ताह के भीतर करें और महिला समूह को रोजगार मुहैया कराने के लिए सभी महिलाओं को एक सप्ताह का अतिरिक्त प्रशिक्षण उनके गांव में ही उपलब्ध कराया जाय। इसके साथ ही उन्होंने केदारनाथ सोविनियर (प्रतिकृति) तैयार करने के लिए सामग्री उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही प्रत्येक माह में महिला समूह के साथ बैठक आयोजित कर किसी भी प्रकार की कोई समस्या एवं सुझाव के लिए चर्चा करने को कहा, जिससे इस दिशा में और अधिक बेहतर ढंग से कार्य किए जा सके।
उन्होंने सभी महिला समूह की प्रतिनिधियों से कहा कि यदि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी होती है तो वे अपनी समस्या से उन्हें अवगत करा सकते हैं, जिस पर उचित कार्यवाही की जाएगी। बैठक में परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, महाप्रबंधक उद्योग एचसी हटवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैली प्रजापति, महिला समूह संगठन की प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
बद्रीनाथ हाईवे मलबा आने से हुआ बंद, रास्ते में रोके गए 1000 यात्री..
उत्तराखंड: लामबगड़ हाईवे में मलबा आने से फिर बंद हो गया। ऐसे में करीब 1000 यात्रियों को यात्रा पड़ाव पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में ही रोक दिया गया। बार-बार मलबा आने से बंद हो रहा बद्रीनाथ हाईवे यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। यहां खचड़ा नाले के साथ ही कई अन्य जगहों पर शुक्रवार से बंद बद्रीनाथ हाईवे रविवार शाम को खोल दिया गया था, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन देर शाम सात बजे हाईवे लामबगड़ में बंद हो गया। ऐसे में करीब 1000 यात्रियों को यात्रा पड़ाव पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में ही रोक दिया गया।
बीते शुक्रवार रात 11 बजे भारी बारिश के दौरान बद्रीनाथ हाईवे रड़ांग बैंड, बैनाकुली और खचड़ा नाले में मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया था। ऐसे में यहां सैकड़ों यात्री फंस गए थे, जबकि कुछ पैदल यात्रियों को सीढ़ी लगाकर वैकल्पिक रास्ते से दूसरी ओर भेजा गया। रविवार को शाम करीब चार बजे खचड़ा नाले में मलबा हटाने के बाद हाईवे को सुचारु किया गया, जिसके बाद जोशीमठ, पांडुकेश्वर और गोविंदघाट में रोके गए करीब 2500 तीर्थयात्रियों व स्थानीय श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ धाम भेजा गया। जबकि करीब 3000 तीर्थयात्री बद्रीनाथ से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।
वहीं देर शाम को सात बजे हाईवे लामबगड़ में मलबा आने से फिर बंद हो गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि रविवार दोपहर तक मौसम सामान्य होने के बाद खचड़ा नाले में मलबा गिरने का सिलसिला थमाए जिसके बाद यहां जेसीबी से मलबा हटाया गया। अब लामबगड़ में मलबा और पत्थर आने से हाईवे बंद हो गया है। हाईवे खोले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा में अब तक 35.5 लाख श्रद्धालु करा चुके पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है। चारधाम यात्रा में भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने से सरकार के सामने भी चुनौती थी। यात्रा बिना किसी व्यवधान के चले, इसके लिए सरकार ने काफी प्रयास किए। केदारनाथ धाम में एक दिन में तीर्थयात्रियों की क्षमता लगभग 15 हजार है। शुरूआत में 25 हजार तक यात्री धाम पहुंचे थे।
चारधाम यात्रा इस बार एक नया रिकॉर्ड बना रही है। इस बार दो महीने के भीतर ही वर्ष 2019 में आए श्रद्धालुओं से अधिक पंजीकरण का आंकड़ा पहुंच गया है। अभी यात्रा चार महीने और चलेगी। वर्तमान में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सरकार को इस बार 40 लाख तीर्थयात्रियों के दर्शन करने की उम्मीद है। जो कि अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनेगा।
बता दे कि 2019 में चारधाम यात्रा में 34 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने से रिकॉर्ड बना था। इसके बाद वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा बाधित रही। पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार चारधाम यात्रा के लिए अब तक तीर्थयात्री के पंजीकरण का आंकड़ा 35.5 लाख पहुंच चुका है। इसमें 26 लाख से अधिक श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शन कर चुके हैं।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुना..
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर कुंड से बनाए जा रहे बाईपास निर्माण से सिंगोली गांव के ग्रामीण खासे परेशान हैं। आलम यह है कि राजमार्ग के लिए की जा रही कटिंग के कारण बरसात व स्रोत का पानी ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में आ रहा है, जिस कारण खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने डीएम मयूर दीक्षित से शिकायत करते हुए क्षेत्र का भ्रमण करने की मांग की।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्रामीणों की समस्या का संज्ञान लेते हुए एनएच के अधिकारियों के साथ सिंगोली गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने राजमार्ग निर्माण से ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में जा रहे पानी को रोकने को कहा। इसके लिए अधिशासी अभियंता एनएच एवं संबंधित ठेकेदार को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश मौके पर दिए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार को निर्देश दिए कि रोड़ कटिंग के कारण वर्षा एवं स्रोत का पानी सड़क में न जाए तथा इस पर विशेष ध्यान दिया जाए कि पानी की निकासी के लिए बनाए जा रही नालियों के माध्यम से ही पानी की निकासी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि इसमें यदि किसी प्रकार की शिकायत ग्रामीणों द्वारा की जाती है तो संबंधित के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क कटिंग से रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। उन्हें भी समय से दुरूस्त किया जाए।
ताकि ग्रामीणों एवं पशुओं को आवाजाही में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने कहा कि मानसून की दृष्टिगत वर्षा के पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था करते हुए नालियों को शीर्ष प्राथमिकता से बनाया जाए, ताकि पानी सड़क में न बहे और ना ही ग्रामीणों के घरों एवं खेतों को किसी प्रकार का कोई नुकसान हो। इसके लिए संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना तथा उनकी समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, सहायक अभियंता राजीव चौहान सहित संबंधित अधिकारी, कर्मचारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।
पेयजल निगम में कार्यरत कर्मी ने की जेई के पद पर पदोन्नति की मांग..
उत्तराखंड: संगणक से सहायक अभियन्ता के पद पर पदोन्नति न होने पर संगणक दिगम्बर सिंह जगवाण ने भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है।
पेयजल निगम के मुख्य अभियन्ता को भेजे ज्ञापन में दिगम्बर सिंह जगवाण ने कहा किसमय-समय पर कर्मचारियों एवं अधिकारियों की पदोन्नति की जा रही है, लेकिन उनकी पदोन्नति नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि विभाग में संगणक से सहायक अभियन्ता के पद पर पदोन्नति होनी है, जिसमें जनवरी 2021 से तीन पद रिक्त चल रहे हैं। मात्र संगणकों के पदों पर पदोन्नति नहीं की गयी है। यह मानव अधिकार का उल्लंघन है। विभाग के चार संगणक पदोन्नति से वंचित हो गये हैं।
बताया कि उनके द्वारा 2003 से 2010 तक एवं 2016 से अभी तक कनिष्ठ अभियंता के पद पर काम किया जा रहा है। उनकी 37 साल की सेवा हो गयी है। सेवानिवृत्त होने में मात्र छः माह शेष रह गये हैं। इसके मद्देनजर उनका संगणक से सहायक अभियन्ता के रिक्त पद पर पदोन्नति की जाय। यदि आठ जुलाई तक उनकी पदोन्नति नही हुई तो वह मजबूरन 11 जुलाई से 13 जुलाई तक क्रमिक अनशन करेंगे। इसके बाद भी पदोन्नति नहीं होती है तो 14 जुलाई से पेयजल निगम रुद्रप्रयाग के कार्यालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे।