सैर पर निकले सीएम धामी, चाय के साथ करने लगे चर्चा..
उत्तराखंड: दो दिवसीय रुद्रप्रयाग जनपद प्रवास के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी रविवार सुबह भ्रमण पर निकले। उन्हें इस तरह देखकर सभी हैरान रह गए। सीएम धामी इसी दौरान तिलवाड़ा-केदारनाथ मार्ग पर एक स्थानीय उद्यमी की दुकान पर पहुंचे। स्थानीय लोगों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने इस स्थान पर चाय पर बातचीत की।
सीएम पुष्कर सिंह धामी को इस तरह अपने बीच देखकर लोग काफी उत्साहित थे। रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान सीएम ने तेज बारिश के बावजूद टहलने गए और स्थानीय लोगों से बात की। सीएम ने यात्रियों से भी बातचीत की। सीएम धामी ने पुरी ढाबा में काम करने वाले विजय पंवार से भी बात की। सीएम धामी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के त्रिस्तरीय पंचायत सदस्यों, निकाय अध्यक्षों और पार्षदों से बातचीत करते हुए कहा कि हम सब जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जिम्मेदार लोग हैं। हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी, अखंडता और प्रतिबद्धता के साथ निभाना चाहिए।
सीएम ने तिलवाड़ा में आयोजित संवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि जिला स्तरीय कार्यों के लिए जनप्रतिनिधियों को देहरादून की दौड़ नहीं लगानी पड़े। इसके लिए एक ठोस व्यवस्था बनाई जाएगी। सीएम ने कहा कि एक समूह के रूप में विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाना हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। सीएम ने कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को भी सराहनीय रही।
सीएम धामी का कहना हैं कि इसी तरह से हमें जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए भी डटकर कार्य करना होगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए मिलकर कार्य करना होगा। दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो दिवसीय भ्रमण के दौरान लोगों ने भी उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
भर्ती परीक्षाओं में धांधली केस में एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने भर्ती घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जांच के अनुसार, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 की वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में आरबीएस रावत, पूर्व चेयरमैन, सचिव मनोहर कन्याल, और परीक्षा के पूर्व नियंत्रक आरएस पोखरिया को शनिवार को हिरासत में लिया गया था। आरबीएस रावत पूर्व पीसीसीएफ भी रहे हैं। साथ ही तीरथ रावत सरकार में सलाहकार बनाए गए थे। भर्ती परीक्षा मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 2016 के मामले में लंबे समय से जांच चल रही थी, लेकिन सीएम धामी के कड़े रुख के बाद जांच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई। इस क्रम में वीपीडीओ भर्ती में छह वर्ष बाद कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां पूरी निष्पक्षता से अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। उनका कहना हैं कि आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके ।
कब हुई भर्तियां..
1- उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई।
2- उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी।
3- 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था।
4- परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था।
जांच समिति गठित..
1- परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी।
2- जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या के आधार पर परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया।
3- वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई।
4- वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया गया।
5- अभियोग पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी।
6- वर्ष 2022 माह अगस्त में मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई।
7- एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई।
8- पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को FSL भेजा गया था एवं FSL से उक्त OMR शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी।
9- विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था।
10- विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए।
11- विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है।
12- विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त 1 मुकेश कुमार शर्मा 2 मुकेश कुमार 3 राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।
केदारनाथ में जुट रही तीर्थयात्रियों की भीड़, छह दिन में 79 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे..
उत्तराखंड: केदारनाथ में इन दिनों श्रद्धालुओं का उत्साह अपने चरम पर है। अक्तूबर माह के शुरुआती छह दिनों में ही 79 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। वहीं कपाट खुलने के बाद से अभी तक केदारनाथ में 13 लाख 67 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। यात्रा चरम पर होने से केदारघाटी के बाजारों के साथ ही पैदल मार्ग पर रौनक बनी हुई है।
अक्तूबर माह के शुरुआती छह दिनों में 79024 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। पिछले तीन दिनों से प्रतिदिन 14 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। श्रीकेदारधाम होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी का कहना हैं कि यह पहला मौका है जब यात्रा के आखिरी चरण में भी इतनी संख्या में प्रतिदिन यात्री पहुंच रहे हैं।
कपाट बंद होने तक सभी होटल, रेस्टोरेंट, लॉज संचालकों को अच्छी बुकिंग मिली है। वहीं, केदारनाथ में बीकेटीसी के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने कहा कि सुबह चार बजे से ही मंदिर में बाबा के दर्शनों के लिए यात्रियों की भीड़ जुट रही है। साथ ही बाबा केदार की ऑनलाइन पूजा के लिए भी प्रतिदिन 30 से 40 फोन कॉल मंदिर समिति को प्राप्त हो रही है।
दिग्गज अभिनेता अरुण बाली का निधन, 79 साल की उम्र में ली अंतिम सांस..
देश-विदेश: कोरोना काल के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कई बड़ी हस्तियां हमारे बीच से जा चुकी हैं। वहीं फिर एक बुरी खबर आ रही है कि फिल्मों में शानदार अभिनय करने वाले दिग्गज अभिनेता अरुण बाली का निधन हो गया है। 79 साल की उम्र में सुबह 4:30 पर उन्होंने अंतिम सांस ली है। वह कई हिंदी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
बता दें कि अभिनेता लगातार कई दिनों से बीमार चल रहे थे और कुछ महीनों पहले ही वह अस्पताल में भर्ती हुए थे। अरुण बाली की बेटी ने बाद में बताया कि उनके पिता को मियासथीनिया ग्रेविस नाम की एक गंभीर बीमारी थी। ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें नर्व्स और मसल्स के बीच बैरियर हो जाता है। उनके निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। कई सेलेब्स और फैंस उनके लिए सोशल मीडिया पर शोक जाहिर कर रहे हैं।
इन फिल्मों में किया काम
आपको बता दें कि अभिनेता ने अपने करियर की शुरुआत 90 को दशक में की थी। वह राजू बन गया जेंटलमैन, फूल और अंगारे, खलनायक, थ्री इडियट्स, पानीपत और वेब सीरीज मिर्जापुर में भी नजर आ चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने टीवी शो ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’, कुमकुम जैसे सीरियल में भी काम किया है। बता दें कि अरुण बाली एक हंसमुख कलाकार थे। उनके ठीक होने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन अफसोस कि अभिनेता जंग हार गए।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन कार्यक्रम में सीएम ने किया वर्चुअल प्रतिभाग..
उत्तराखंड: सीएम धामी ने गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार अमित शाह की अध्यक्षता में प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से सम्बंधित कार्यक्रम पर आयोजित बैठक में नैनीताल क्लब से वर्चुअल प्रतिभाग किया। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों द्वारा वर्चुअल प्रतिभाग किया गया। नैनीताल से वर्चुअल कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सीएम धामी ने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज जैविक मंथन किया जा रहा है।
इस मंथन से एक ऐसा अमृत प्राप्त होगा जो जैविक कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से परम्परागत कृषि के लिए एक उपयुक्त राज्य है। उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता के कारण उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिस पर राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है व अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।
सीएम का कहना हैं कि हमारे किसान पर्वतीय अंचल में प्रचलित परम्परागत कृषि में आधुनिक तकनीकी ज्ञान का समावेश कर भूमि की उत्पादकता और फसलों के उत्पादन में वृद्धि ला रहे हैं। किसानों के इन प्रयासों को सरकार के स्तर से थोड़ा और बल दिए जाने पर किसानों की आय और उनके जीवन स्तर में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया जा सकता है। राज्य सरकार की कोशिश है कि जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान जैविक कृषि को अपनाकर अपनी आर्थिकी सशक्त करें।
प्रदेश की कुल कृषि योग्य भूमि में से 2.17 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को जैविक कृषि के अंतर्गत आच्छादित किया गया है और यह क्षेत्रफल कुल कृषि भूमि का 34 प्रतिशत है।“आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान योजना“ के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त 5 करोड़ रुपए से प्राकृतिक कृषि नमामि गंगा कॉरिडोर शुरू कर रहा है। इस योजना से गंगा तट पर 5 किमी की परिधि में प्राकृतिक कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा।
हमने प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए 2 डेडिकेटेड एफ.पी.ओ का गठन कर रहा है। यह सहकारिता विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए “आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड“ का गठन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए “गोवर्धन“ की योजना को “प्राकृतिक कृषि योजना“के साथ एकीकृत किया जा रहा है। राज्य के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है।
प्राकृतिक कृषि बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी जनपदों में किसानों को प्राकृतिक कृषि विषयक प्रशिक्षण कराया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों के लिए विशेष कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्हें जैविक कृषि को लेकर बनी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि इसका अधिक से अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले। इस अवसर पर विधायक सरिता आर्य, राम सिंह कैडा, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनन्द भरणे,जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल,एसएसपी पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 संदीप तिवारी,अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, शिवचरण द्विवेदी के अलावा मंडल अध्यक्ष, सभासद, अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन जल्द ही रिलीज करेगा टीईटी आंसर-की..
उत्तराखंड: शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए काम की खबर है। जिन अभ्यार्थियों ने टीईटी का एग्जाम दिया है। उन्हें अब आसंर की का इंतजार है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन जल्द ही यूटीईटी आंसर-की रिलीज होने की उम्मीद है। आपको बता दे कि UTET आसंर-की के लिए जल्द जारी होने की उम्मीद है।
कैंडिडेट्स ध्यान दें कि चूंकि फिलहाल कोई तारीख घोषित नहीं हुई है। इसलिए, जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए शामिल हुए थे, वे पोर्टल https://ubse.uk.gov.in/ और https://ukutet.com/ पर जाकर तारीखों के लिए विजिट कर सकते हैं। बता दें कि जैसे ही आंसर-की रिलीज हो जाएगी तो उम्मीदवार पोर्टल पर जाकर जरूरी डिटेल्स जैसे रोल नंबर सहित एंटर करके चेक कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि UTET 2022 परीक्षा की आंसर-की- अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी हो सकती है। इसके बाद, उम्मीदवारों से इसके लिए आपत्तियां मांगी जाएगी। अभ्यर्थी आपत्तियां एकत्र करने के बाद , उन पर विचार किया जाएगा। पैनल एक्सपर्ट विचार करने के बाद फाइनल आसंर-की रिलीज करेगा।
इसके बाद फाइनल नतीजे नवंबर में घोषित हो सकते है। बता दे कि UTET 2022 परीक्षा को पास करने के लिए, सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत (150 में से 90) प्राप्त करना होगा। इसके साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के उम्मीदवारों को परीक्षा पास करने के लिए 55 प्रतिशत अंक (150 में से 82) प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।
देहरादून जिले के फार्मासिस्टों ने बांधी काली पट्टी..
उत्तराखंड: फार्मासिस्टों की पदोन्नति, वेतनमान डाउनग्रेड, पदों में कमी, पुरानी पेंशन, एसीपी आदि मांगों को लेकर फार्मासिस्टों ने देहरादून के अस्पतालों में चौथे दिन गुरुवार को भी काली पट्टी बांधकर काम किया। आठ अक्टूबर तक अस्पतालों में फार्मासिस्ट काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। नौ अक्टूबर को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक है। मांगों पर सहमति नहीं बनने की दशा में 10 अक्टूबर को डीजी हेल्थ कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।
जिलाध्यक्ष सुधा कुकरेती का कहना हैं कि देहरादून के दून, कोरोनेशन, गांधी, प्रेमनगर, रायपुर, डोईवाला, ऋषिकेश, चकराता, सहसपुर, कालसी, त्यूणी, सहसपुर समेत तमाम अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में काली पट्टी बांधकर फार्मासिस्ट कार्य कर रहे हैं। प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देश पर यह आंदोलन किया जा रहा है। मंत्रियों एवं अफसरों के कई चक्कर काट चुके हैं, अब बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
7 नवम्बर को होंगे तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट बन्द..
उत्तराखंड: 11 वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट आगामी 27 अक्टूबर को भैयादूज पर्व पर तुला लगन में प्रातः आठ बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी तथा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहंुचेगी और 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दींस्थल आंेकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।
वहीं दूसरी ओर द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेशवर मंदिर ऊखीमठ में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। इस बार मदमहेश्वर धाम के कपाट आगामी 18 नवम्बर को प्राप्त आठ बजे वृश्चिक लगन में शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे। भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी तथा प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी तथा 21 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी।
पंच केदारो में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गई है। इस बार भगवान तुंगनाथ के कपाट 7 नवम्बर को शुभ लगनानुसार शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेंगें। कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी तथा 9 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी।
ओंकारेशवर मंदिर के पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि छः माह ग्रीष्मकाल में मनुष्य भगवान केदारनाथ, तुंगनाथ व मदमहेश्वर धाम की पूजा अर्चना करते हैं, जबकि शीतकाल में देवतागण पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में हर साल छः माह ग्रीष्मकाल में तीनों धामों के कपाट खोले जाते हैं और शीतकाल में बंद कर दिये जाते हैं। भगवान केदारनाथ में शंकर भगवान के पृष्ठ भाग की पूजा की जाती है। स्कंद पुराण के केदारखंड में वर्णन है कि पांडव गोत्र हत्या से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव के दर्शनों के लिए केदारनाथ आए। भगवान शिव, पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे।
पीछा करते-करते जब पांडव केदारनाथ पहुंचे तो भगवान शिव भैंस का रूप धारण कर अदृश्य होने लगे। इसी समय भीम ने उनका पृष्ठ भाग पकड़ लिया। भगवान शिव प्रकट हुए और पांडव गोत्र हत्या से मुक्त हुए। पांडवों ने इस स्थान पर विशाल मंदिर का निर्माण कराया, जहां भगवान शिव के पृष्ठ भाग की पूजा की जाती है। भगवान शंकर के पृष्ठ भाग की पूजा केदारनाथ धाम में की जाती है तो भुजाओं की पूजा तुंगनाथ तथा मध्य भाग की पूजा-अर्चना मदमहेश्वर धाम में की जाती है।
उत्तरकाशी हिमस्खलन- सीएम धामी ने की मुआवजे की घोषणा..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तरकाशी में हुए हिमस्खलन और पौड़ी में हुए बस हादसे को लेकर मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने मृतक आश्रितों को दो-दो लाख, गंभीर घायलों के लिए एक-एक लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने अधिकारियों को सहायता राशि प्रभावितों को तत्काल उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, सीएम धामी का कहना हैं कि आज दशहरा के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार और उसकी सभी एजेंसियां भारत सरकार की सभी एजेंसियों के साथ 24 घंटे काम कर रही हैं, जिससे इन घटनाओं से सीधे तौर पर प्रभावित सभी लोगों को राहत मुहैया कराई जा सके। इस दौरान उन्होंने उत्तरकाशी में निम के नियंत्रण कक्ष जाकर भी स्थिति का जायजा लिया।
बीरोखाल घटनास्थल पहुंचे सीएम धामी..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के बीरोंखाल इलाके में करीब 45 से 50 लोगों को ले जा रही एक बस के खाई में गिर गई। इस झकझोर कर रख देने वाले पौड़ी दर्दनाक बस हादसे से कई परिवारों में मातम पसर गया है। बस दुर्घटना में 25 लोगों की मृत्यु हो गई है। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। तो वहीं सीएम धामी और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक दुर्घटना स्थल बीरोखाल ब्लॉक के सिमड़ी पहुंचे है और बस दुर्घटना स्थल का निरीक्षण कर रहें हैं।
आपको बता दे कि पौड़ी में दुल्हन लेने जा रही बारातियों की बस हादसे का शिकार हो गई। मंगलवार देर शाम जैसे ही घर पर इस हादसे की सूचना मिली तो जश्न की जगर मातम पसर गया। हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई और 20 घायलों को खाई से निकालकर अस्पतालों में पहुंचाया गया है। हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी एक्टिव हो गए। उन्होंने एसडीआरएफ को लोगों को बचाने के अभियान में तत्काल जुटने का निर्देश दिया।
बुधवार सुबह ही सीएम धामी सभी कार्यक्रम रद्द कर दुर्घटना स्थल पहुंचे है। सीएम के साथ सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी हैं। सीएम धामी मौके पर खाई से निकाले जा रहें शवों के रेस्क्यू कार्य और दुर्घटना के कारणों के बारे में अधिकारियों से जायजा लें रहें हैं। दोनों ने दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। सीएम धामी का कहना हैं कि सरकार घायलों को हर संभव मदद देगी। जिन परिवारों ने दुर्घटना में अपनों को खोया है, सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी रहेगी।