बीते दिनों आयी आपदा से दहशत में यात्री, रद्द कराई चारधाम यात्रा की बुकिंग..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान में बीते सप्ताह अतिवृष्टि के बाद दूसरे प्रदेशों के यात्रियों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं। यात्री पैकेज बुक करने वाले एजेंटों से एडवांस जमा की गई धनराशि वापस मांग रहे हैं। बता दे कि एजेंटों ने बुकिंग धनराशि चारधाम यात्रा मार्ग के होटलों और यात्रियों को ले जाने वाली कारो, टैंपो ट्रेवलर वालों को पहले ही दे दी है। जिसको लेकर अब यात्रियों और एजेंटों के बीच एडवांस रुपये वापसी को लेकर विवाद हो रहा है।
आपको बता दे कि गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत के कई राज्यों से यात्रियों ने अपनी बुकिंग ट्रेवल्स एजेंटों के माध्यम से करा दी थी। बुकिंग के दौरान हरिद्वार से दो धाम व चारधाम यात्रा के दौरान खाना, होटल में ठहरना व कई सुविधाएं भी दी जानी थीं। इसके साथ ही एजेंटों को एडवांस में रकम भी जमा कर दी गई थी। पिछले सप्ताह राज्य में आई आपदा को देखते हुए यात्रियों ने अब अपनी यात्राएं रद्द करने का निर्णय लिया है।
जिसके बाद अब एजेंटों के पास फोन पहुंच रहे हैं। यात्री कह रहे हैं कि उन्हें यात्रा नहीं करनी है। उनका एडवांस में जमा कराया गया रुपया वापस कर दें। ऐसे में ट्रेवल एजेंटों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। ट्रेवल एजेंटों का कहना है कि उन्होंने चारधाम यात्रा के दौरान रुकने के लिए होटल व यात्रियों को लेकर जाने वाली गाड़ियों के संचालकों को एडवांस में रुपया दे दिया है।
यात्रियों ने केदारनाथ जाने के लिए हेलीकॉप्टर के टिकट भी बुक कराए थे। जिन्हें ट्रेवल्स एजेंटों ने समय से बुक कराकर यात्रियों को भेज भी दिया था। अब यात्री अपने हेलीकॉप्टर के टिकट भी कैंसिल कराने का दबाव एजेंटों पर बना रहे हैं।
उत्तराखंड में बारिश की खबरों को देखने के बाद दूसरे प्रदेशों से आने वाले यात्रियों के मन में डर बना हुआ है। ऐसे में यात्री अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं। इसके साथ ही वह अपनी एडवांस की धनराशि को वापस मांग रहे हैं। बारिश के बाद अचानक से यात्रियों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। जिसके बाद वह अब अपना एडवांस का रुपया वापस मांग रहे हैं। जबकि एडवांस में दिया गया रुपया आगे की तैयारियों के लिए होटल व टांसपोर्ट संचालकों को दिया जा चुका है।
नवंबर में केदारनाथ आएंगे पीएम मोदी, देवभूमि को मिलेगी 400 करोड़ की सौगात..
उत्तराखंड: 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केदारनाथ धाम का दौरा तय हो चुका है। आपको बता दे कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन करेंगे और केदार पुरी में 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे और इसी के साथ से केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का भी उद्घाटन करेंगे। केदारनाथ योजना प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है और स्वयं पीएमओ के अधिकारी केदारनाथ प्रोजेक्ट की गहराई से समीक्षा कर रहे हैं।
पीएमओ के कई अधिकारी बीते दिनों केदारनाथ धाम का दौरा कर चुके हैं और वहां चल रहे पुनर्निमाण कार्यों की समीक्षा कर चुके हैं। अब आगामी 5 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ का दौरा करेंगे। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री के केदारनाथ दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। महीने भर के भीतर उनका उत्तराखंड का यह दूसरा दौरा होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार की देर शाम अधिकारियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायजा लिया। इसी के साथ ही उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। बैठक में पीएमओ के अधिकारी भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी कई बार केदारनाथ आ चुके हैं, लेकिन बीते वर्ष कोरोना के दस्तक देने के बाद से वे केदारनाथ दर्शन के लिए नहीं आ पाए। अब आखिरकार परिस्थितियां कंट्रोल में होने के बाद आने वाली 5 नवंबर को प्रधानमंत्री बाबा केदार के दर्शन करने केदारनाथ पधारेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि कि आने वाली 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन के बाद वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेंगे। साथ ही करीब 400 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। इसी के साथ में वह केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली में स्थापित आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का लोकार्पण भी करेंगे।
केदारघाटी में उड़ान भरते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हेलीकॉप्टर..
उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करने वाली हेली कंपनियां भारतीय वन्य जीव संस्थान के मानकों और एनजीटी के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। केदारघाटी से धाम के लिए हेलीकॉप्टर निर्धारित 600 मीटर की ऊंचाई पर नहीं उड़ रहे हैं। साथ ही हेली कंपनियां प्रतिदिन का शटल, साउंड व ऊंचाई का रिकाॅर्ड केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग को नहीं भेज रही हैं। इस संबंध में प्रभागीय स्तर से हेली कंपनियों को पत्र भेजकर जवाब मांगा गया है।
आपको बता दे कि इस वर्ष छह कंपनियों के हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी, शेरसी व बडासू हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हैं। लेकिन ये हेलीकॉप्टर नदी तल से 150 से 250 मीटर की ऊंचाई पर ही उड़ रहे हैं। हेलीकॉप्टरों की उड़ान की यह ऊंचाई केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के भीमबली में स्थापित मॉनीटरिंग स्टेशन में रिकाॅर्ड हो रही है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर का कहना है हेलीकॉप्टर की तेज आवाज से अति संवेदनशील क्षेत्र में प्रवास करने वाले दुर्लभ वन्य जीवों, वनस्पतियों को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही लोगों को भी परेशानी हो रही है। वर्ष 2013-2014 में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने यात्राकाल में केदारघाटी के गुप्तकाशी, फाटा, बडासू, शेरसी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ हेलीपैड तक हेलीकॉप्टर की ध्वनि व ऊंचाई का अध्ययन किया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकाप्टर की न्यूनतम ध्वनि 92 डेसीबल व अधिकतम 108 डेसीबल मापी गई थी। जिसमें कहा गया था कि हेलीकॉप्टर सेंचुरी एरिया में उड़ान भरते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।
केदारनाथ में चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति..
उत्तराखंड: केदारनाथ मंदिर के थोड़ा पीछे आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इसी संत ने भारत में चार पावन धामों की स्थापना की थी, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। इस प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक को 32 वर्ष की युवावस्था में निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि शंकराचार्य स्वयं ही धरती में समाहित हो गए थे।
हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुगण यहां पर आते हैं, केदारनाथ में शंकराचार्य की समाधि बेहद लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। किंवदंती के अनुसार, शंकराचार्य 8वीं सदी में केदारनाथ आये थे और केदारनाथ मंदिर एवं अपने चार मठों में से एक का निर्माण कराया था। ऐसा माना जाता है कि शंकराचार्य ने अपने अनुयायियों के लिए गर्म पानी का कुंड बनाया था ताकि वे इलाके के बेहद ठंडे मौसम से बचाव कर सकें।
आपको बता दे कि आदिगुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। केदारनाथ धाम में बनाया जा रहा गुरु शंकराचार्य का समाधिस्थल इसी महीने के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। धाम में हो रहे द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यों में आदि गुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल प्रमुख रूप से है।
इस समाधि स्थल का कार्य अपने अंतिम चरण में है और अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक कार्य पूरा हो जाएगा। कर्नाटक से वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से शंकराचार्य की मूर्ति भी केदारनाथ पहुंच चुकी है। धाम के पुनर्निर्माण कार्य के प्रथम चरण में तीर्थ पुरोहितों के लिये घर और घाटों का निर्माण कार्य किया गया है।
निर्माणकार्य के द्वितीय चरण में धाम में शंकराचार्य समाधि स्थल सहित अन्य प्रकार के पुनर्निर्माण कार्य कर पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को अंतिम आकार दिया जा रहा है। शंकराचार्य समाधि स्थल का निर्माण केदारनाथ मंदिर के पीछे लगभग बीस मीटर दूर हो रहा है।
समाधि स्थल में स्थापित होने के लिये शंकराचार्य की मूर्ति चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिये केदारनाथ पहुंच चुकी है। इस मूर्ति को 18 भागों में केदारनाथ धाम पहुंचाया गया है। यह मूर्ति कर्नाटक से केदारधाम पहुंची है। 2013 की आपदा में ध्वस्त हुए आदिगुरु शंकराचार्य के समाधिस्थल के पुनर्निर्माण की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तब की थी जब वे केदारनाथ पहुंचे थे।
इस समाधि स्थल को हाईटेक रूप तैयार किया जा रहा है और इसको इस प्रकार से तैयार किया जा रहा है कि भक्त समाधि स्थल की परिक्रमा भी कर पाएंगे। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना हैं कि गुरु शंकराचार्य का समाधिस्थल का कार्य जोरों-शोरों से चल रहा है। यह पीएम मोदी का प्रयास है कि अक्टूबर अंतिम सप्ताह तक कार्य पूर्ण कर लिया जाए।
केदारनाथ धाम गर्भ गृह में प्रवेश कर सकेंगे श्रद्धालु..
उत्तराखंड: हाईकोर्ट से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा। इसके साथ ही श्री केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में भी श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। इसके बाद पर्यटक और श्रद्धालु कहीं भी घूम सकेंगे।
आपको बता दे कि अभी तक चार धाम यात्रा में आने वालों के लिए संख्या तय थी। प्रत्येक दिन केदारनाथ में 800 , बद्रीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री में कुल 400 श्रद्धालुओ को जाने की अनुमति हाईकोर्ट ने दी थी। केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में श्रद्धालु प्रवेश कर करेंगे, हालांकि कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार जलाभिषेक नहीं होगा। भगवान केदारनाथ के ज्योर्तिलिंग का लेपन भी नहीं होगा।
मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाएगा। श्रद्धालु गर्भ गृह में केवल एक बार परिक्रमा कर सकेंगे। दूसरी ओर बद्रीनाथ में सामाजिक दूरी के तहत ही दर्शन होंगे। श्री बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए निशुल्क मैनुअल टोकन मिलेंगे। ताकि तीर्थ यात्रियों को दर्शन हेतु निर्धारित समय दिया जा सकेगा।
इससे तीर्थयात्रियों को लंबे समय तक दर्शन को लाईन में नहीं लगना होगा। इससे यात्रियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकेगा। इससे यात्रा सरल व सुगम बन सकेगी। चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
श्रद्धालुओं की संख्या तय किए जाने का विरोध किया जा रहा था। सरकार और देवस्थानम बोर्ड की ओर से सही तरीके से अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रखा जा रहा था। अगर सही तरीके से पहले ही पक्ष रखा जाता, तो पहले ही मंजूरी मिल गई होती। पहले समय सुप्रीम कोर्ट में जाकर खराब किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट में सही तरीके से पैरवी नहीं की गई। नहीं तो श्रद्धालुओं की संख्या में लगी रोक पहले ही हट जाती।अब श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। लेकिन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
चारधाम यात्रा: उत्तराखंड शासन ने जारी किया नया आदेश..
उत्तराखंड: नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग ने चारधाम यात्रा 2021 के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की है। इसके संबंध में विभाग ने एसओपी जारी किया है। एसओपी के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम हेतु के लिए 1000, श्री केदारनाथ के लिए 800, श्री गंगोत्री के लिए 600 और श्री यमुनोत्री के लिए 400 तीर्थयात्री प्रतिदिन चारों धाम पहुंच सकते हैं।
शासन का कहना है कि 18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in में पंजीकृत तीर्थयात्रियों में से प्रतिदिन कम श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसलिए अब यह संख्या निर्धारित की गई है। नए आदेश में कहा गया हैं कि जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को चारधाम यात्रा पर नहीं पहुंच रहे हैं उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चारधाम में दर्शन को जा सकेंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार, शासन की ओर से चारधाम यात्रा भले ही शुरू कर दी गई है। लेकिन सरकार शासन की ओर से चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित किए जाने की वजह से न सिर्फ तीर्थयात्री बल्कि बस और टैक्सी संचालकों के सामने भी मुसीबत खड़ी हो गई है।
स्थिति यह है कि चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं होने से दूसरे राज्यों के तीर्थयात्री न सिर्फ ट्रेन बल्कि ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से बुक कराई गई टैक्सी और बसों की बुकिंग भी निरस्त करवा रहे। तीर्थयात्रियों के इस कदम ने चारधाम यात्रा के लिए बस और टैक्सी संचालित करने वाले संचालकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है कि सरकार और शासन की ओर से बद्रीनाथ धाम के लिए एक हजार, केदारनाथ धाम के लिए आठ सौ, गंगोत्री के लिए छह सौ और यमुनोत्री धाम के लिए चार सौ तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है।
चारधाम में इतनी कम संख्या निर्धारित किए जाने की वजह से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बस और टैक्सी की बुकिंग निरस्त करवा चुके हैं। तीर्थयात्रियों में तमाम ऐसे हैं जो ट्रेन से हरिद्वार, ऋषिकेश को पहुंच गए, लेकिन चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं करा पाने की वजह से उन्होंने बस और टैक्सी की बुकिंग भी निरस्त करा दी ।
जल्द उत्तराखंड आएंगे पीएम मोदी.
केदारनाथ यात्रा के साथ करेंगे ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 अक्तूबर से पहले केदारनाथ मंदिर जाने की उम्मीद है। उनकी यात्रा की संभावित तिथि छह अक्टूबर मानी जा रही है। सूत्रों का कहना हैं कि पीएम मोदी उत्तराखंड के दौरे के दौरान केदारनाथ के दर्शन कर राज्य के नेताओं से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले 2019 में केदारनाथ मंदिर का दौरा किया था।
वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर के 162 चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों को प्राणवायु का तोहफा देने जा रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में दो अक्तूबर को प्रस्तावित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पीएम केयर फंड से बनाए गए सभी पीएसए प्लांट का लोकार्पण करेंगे।
पीएम केयर फंड से देशभर के 1500 चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण होना है। प्रधानमंत्री एम्स ऋषिकेश में एक हजार एलपीएम प्रति मिनट क्षमता वाले पीएसएस ऑक्सीजन प्लांट का लोकर्पण करेंगे। इसके साथ देशभर में चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में 201.58 करोड़ की लागत से तैयार 162 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया जाएगा। शुक्रवार को जिलाधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार और एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी एम्स ऋषिकेश पहुंचे।
जिलाधिकारी और एसएसपी ने ट्राम सेंटर के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मधुर उनियाल के साथ आयोजन स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। लोकर्पण कार्यक्रम के लिए नवनिर्मित ऑडिटोरियम के पास के पार्किंग एरिया का चयन किया गया है। प्रशासनिक भवन में निदेशक कार्यालय और वीआईपी आवास में सेफ हॉउस तैयार किया जाएगा। जिलाधिकारी ने डॉ. मधुर उनियाल से कार्यक्रम स्थल पर इंटरनेट कनेक्टिविटी और हेलीपैड की व्यवस्था की जानकारी ली। सूत्रों के अनुसार पीएम के कार्यक्रम के लिए प्रशासन के पास दो अक्तूबर और सात अक्तूबर की अनुसूची आयी है।
आईएएस मंगेश घिल्डियाल समेत कई अफसर पहुंचे केदारनाथ..
उत्तराखंड: आगामी विधानसभा चुनावों को मध्य नजर रखते हुए हर राजनीतिक पार्टी अपनी तरफ से तैयारियों में जुट चुकी है। भारतीय जनता पार्टी भी चुनावों की जोरदार तैयारियां कर रही हैं। विधानसभा चुनाव के कारण उत्तराखंड में सियासी सरगर्मियां भी बढ़ती जा रही हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर भी सामने आ रही है। ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी अक्टूबर में केदारनाथ का दौरा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि केदारनाथ में हाल ही में कुछ अहम विकास कार्य हुए जिस का जायजा लेने प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम केदारनाथ पहुंची है, जिसके अंदर आईएस मंगेश घिल्डियाल समेत अन्य अफसर शामिल हैं। पीएमओ के सलाहकार भास्कर खुल्बे समेत आईएएस मंगेश घिल्डियाल और अन्य अफसर केदारनाथ पहुंचे हैं और यह टीम गुरुवार दोपहर 12 बजे तक यहां के कार्यों और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेगी।
बताया जा रहा है कि 6 अक्टूबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर आ सकते हैं। उनका यह दौरा आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी बेहद अहम साबित होगा। आपको बता दें कि आने वाले अक्टूबर माह में बीजेपी के कई दिग्गज उत्तराखंड का दौरा करेंगे जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1 अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे।
वहीं 16 और 17 अक्टूबर को अमित शाह देहरादून और हरिद्वार के दौरे पर आएंगे। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि 4 अक्टूबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उत्तराखंड के दौरे पर आ सकते हैं। पीएम मोदी का यह दौरा केदारनाथ धाम के नवनिर्माण के लिहाज से भी अहम हो सकता है।
भाजपा नेता व पूर्व दर्जाधारी अजेंद्र अजय ने प्रदेश के धर्मस्व सचिव हरीश चंद्र सेमवाल से फोन पर बात कर चार धामों के दर्शन के लिए निर्धारित की गई श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इस अनुमति के लिए प्रदेश शासन को हाई कोर्ट से अनुरोध करना चाहिए।
अजेंद्र ने कहा कि इस वर्ष अब चार धाम यात्रा को लगभग एक माह का समय ही शेष रह गया है। नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किए जाने से जहां एक ओर अनेक लोग यात्रा करने से वंचित रह जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई में कठिनाई पैदा होगी। उन्होंने सचिव धर्मस्व को सुझाव दिया कि प्रदेश शासन इस विषय में नैनीताल उच्च न्यायालय से अनुरोध करे, ताकि चारों धामों में अधिक संख्या में यात्रियों को दर्शनों की अनुमति मिल सके।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के अनुरोध पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारों धामों में कुछ शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति दी है। न्यायालय ने बद्रीनाथ के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 व यमुनोत्री के लिए 400 यात्रियों को प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति दी है।
कोविड काल के दौरान चार धाम यात्रा के पूरी तरह से ठप हो जाने के कारण अर्थ व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। इसके मददेनजर प्रदेश सरकार ने चार धाम यात्रा शुरू कराने को लेकर न्यायालय में प्रभावी तरीके से अपना पक्ष रखा।
न्यायालय ने यात्रा शुरू कराने की अनुमति तो दी। मगर यात्रियों की संख्या सीमित करने से यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा इन धामों की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए रोजाना जारी होंगे 200 ई-पास..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के लिए एक अक्तूबर को हेली सेवा का संचालन किया जाएगा। नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को हेली सेवा शुरू करने के बारे में प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही 200 ई-पास हेली सेवा से जाने वाले तीर्थ यात्रियों को प्रतिदिन जारी किए जाएंगे।
केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए पैदल चलने में असमर्थ यात्रियों को एक अक्तूबर से हेली सेवा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने तैयारियां कर ली है। गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा हेलीपैड से नौ एविएशन कंपनियों को अनुमति दी है। हेली सेवा का संचालन करने से पहले डीजीसीए की ओर से तीनों स्थानों के हेलीपैड पर सुरक्षा मानकों का निरीक्षण किया जाएगा। आने वाले कुछ दिनों तक मौसम खराब रहने के कारण केदारनाथ के लिए हेली सेवा का संचालन संभव नहीं है।
देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन का कहना हैं कि केदारनाथ के लिए हेली सेवा का संचालन एक अक्तूबर से करने का प्रस्ताव मिला है। जिसमें हेली सेवा से जाने वाले यात्रियों को 200 ई-पास जारी किए जाएंगे। आपको बता दें कि पूर्व में चारधाम यात्रा पर रोक लगने के लिए 1100 हेली सेवा की बुकिंग रद्द की गई थी। उत्तराखंड सिविल एविएशन प्राधिकरण ने बुकिंग करने वाले यात्रियों को पैसा वापस लौटाए थे।
बाबा केदार के दर्शन के लिए देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही स्थानीय श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सोमवार शाम चार बजे तक सोनप्रयाग से 631 श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हुए जबकि 789 श्रद्धालुओं ने दर्शन का पुण्य अर्जित किया। सोनप्रयाग चौकी प्रभारी रवींद्र कौशल का कहना हैं कि सोनप्रयाग में सुबह 5 बजे से श्रद्धालु पंजीकरण के लिए काउंटर पर एकत्रित होने लगे थे। सुबह 7 बजे तक यहां काफी लंबी लाइन लग गई थी। उधर, केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड के यात्रा प्रभारी वाईएस पुष्पवाण ने कहना हैं कि 789 श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं। संध्या आरती तक श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा रहे हैं।