इन ग्राम प्रधानों को मिल सकती है प्रोत्साहन राशि, शासन को भेजा गया प्रस्ताव..
उत्तराखंड: प्रदेश के सभी 7,795 ग्राम प्रधानों को कोविड काल में किए गए काम के लिए प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है। हर प्रधान को 10 हजार रुपये मिलेंगे, इसके लिए पंचायतीराज निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रदेश में कोविड के दौरान वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्रामीणों ने जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए थे। कई गांवों में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए। जरूरतमंदों को भोजन, दवा एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई, लेकिन कोविड काल के बाद सरकार की ओर से ग्राम विकास अधिकारियों को प्रोत्साहन के रूप में 10-10 हजार रुपये की धनराशि दी गई, जबकि प्रधानों को छोड़ दिया गया।
इसके बाद से ही ग्राम प्रधान लगातार सरकार से प्रोत्साहन राशि की मांग करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि गांवों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्राम प्रधानों ने काम किया, जबकि प्रोत्साहन राशि उन्हें न देकर वीडीओ को दी गई। पंचायतीराज निदेशालय के अधिकारियों का कहना हैं कि ग्राम प्रधानों की मांग पर निदेशालय की ओर से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। वीडीओ की तर्ज पर ग्राम प्रधानों को भी कोविड में किए गए कार्य के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा सके, इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।
देहरादून में दो कोरोना संक्रमित मिलने के बाद विभाग अलर्ट..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में दो बुजुर्ग कोरोना संक्रमित मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। दोनों संक्रमित के सैंपलों में कोविड के नए स्वरूप की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है। इसकी रिपोर्ट आने वाले एक सप्ताह का समय लगेगा। सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने लोगों से अपील की कि कोविड संक्रमण से घबराएं नहीं, सावधानी व सतर्कता बरतें। मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय पुरुष और दून मेडिकल कॉलेज में 72 वर्ष की महिला मरीज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
कोविड के नए वैरिएंट जेएन.1 की पहचान के लिए दोनों संक्रमित मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की जा रही है। बताया, मैक्स अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। बताया, मरीज पूर्व से ही कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है, जबकि दून अस्पताल में भर्ती महिला का कोविड वार्ड में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की टीम महिला के स्वास्थ्य पर नजरें बनाए हैं।
स्वास्थ्य सचिव का कहना हैं कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कोविड प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। सभी डीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों को चिकित्सालय स्तर पर कोविड के उपचार को लेकर सभी तैयारियों को लेकर लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं।उनका कहना हैं कि स्वास्थ्य विभाग की टीम रोगी के निवास स्थाकोविड के नए वैरिएंट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार की पुख्ता तैयारियां हैं। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। साथ ही संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों की निगरानी की जा रही है। राज्य में कोरोना के नए स्वरूप से निपटने के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं और मानव संसाधन उपलब्ध हैं।
देहरादून में मिले दो कोरोना संक्रमित मरीज..
उत्तराखंड: सीजनल इंफ्लुएंजा के साथ देहरादून में कोविड का खतरा भी बढ़ने लगा है। लगातार दूसरे दिन कोविड का एक और मरीज मिला है। नए मरीज को दून अस्पताल में भर्ती किया गया है। इससे पहले शनिवार को मैक्स अस्पताल में एक मरीज मिला था। कोविड पॉजिटिव दोनों मरीजों की उम्र 70 पार है। वहीं, आठ साल के एक बच्चे को सीजनल इंफ्लुएंजा हो गया है। चिकित्सकों का कहना हैं कि कोविड और सीजनल इंफ्लुएंजा के लक्षण एक जैसे हैं।
दून अस्पताल के एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि शनिवार शाम कोविड पॉजिटिव 72 वर्षीय महिला दून अस्पताल आई थीं। उन्हें निजी अस्पताल में कोविड संक्रमित पाए जाने पर रेफर किया गया था। महिला को थायराइड और हाइपरटेंशन की समस्या भी है। महिला की हालत गंभीर नहीं है इसलिए जनरल आइसोलेशन में इलाज दिया जा रहा है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत का कहना हैं कि शनिवार को इंफ्लुएंजा के पांच संदिग्ध मरीजों की जांच हुई थी। इसमें एक आठ साल के बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसकी रिपोर्ट श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल की ओर से दी गई है। हालांकि, बच्चा अस्पताल में भर्ती नहीं है।
मरीजों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग..
सर्दियों में लोग सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। जिले में पिछले दो दिन में दो कोविड मरीज पॉजिटिव आ चुके हैं। वहीं, इंफ्लुएंजा के मरीज भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. सीएस रावत ने कहा कि कोविड के दोनों मरीजों की रिपोर्ट पोर्टल पर एक दिन बाद जारी हो रही है। मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी करवाई जाएगी। ऐसे में कोविड का वेरिएंट पता चल जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि स्वाइन फ्लू वायरस अब सीजनल इंफ्लुएंजा यानी मौसमी जुकाम-बुखार के रूप में संचारित हो रहा है। यह साधारण उपचार से ठीक हो जाता है।
देश में फिर कोरोना का कहर, इन राज्यों में मिले नए मरीज..
देश-विदेश: देश में कोरोनावायरस से एक बार फिर वापसी कर ली है। कई शहरों में मरीज मिल रहे हैं। अलग-अलग शहरों में मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया है। सरकार से लेकर प्रशासन अलर्ट है और लोगो को मास्क पहनने की और भीड़-भाड़ वाले इलाके में न जाने की सलाह दी जा रही है। देश में गुरुवार को पिछले 24 घंटे में 358 नए केस सामने आए हैं। कोविड ने नए सब वैरिएंट जेएन.1 की वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में 6 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें तीन केरल, दो कर्नाटक और एक पंजाब का है।
आपको बता दे कि यूपी के गाजियाबाद में एक मरीज कोरोना से संक्रमित पाया गया है। मरीज की आयु 36 साल है। इससे पहले गाजियाबाद में एक और मरीज संक्रमित पाया गया था। परिवार के सदस्य की दुबई से लौटने की ट्रैवल हिस्ट्री है। स्वास्थ्य विभाग कोविड संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच में जुटा है। वहीं नोएडा में कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 संक्रमित मरीज मिला है। 42 साल का मरीज नेपाल से लौटा था और यहां नोएडा के सेक्टर 36 में रहता है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से संक्रमित महिला मिली है। 75 साल की महिला मरीज मानक नगर थाना क्षेत्र के चंदननगर में रहती है। उसे दो दिन से सर्दी जुकाम और बुखार आ रहा था। वो हफ्ते पहले ही थाईलैंड से लौटी है। बिहार की राजधानी पटना में भी कोरोना के दो नए मरीज मिले हैं। एक मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री केरला है और दूसरे की असम मिली है। दोनों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिग करवाई जाएगी। दोनों युवकों की उम्र 25 और 29 साल है।
वही राजस्थान में भी कोरोना के नए सब वैरिएंट के 2 मामले सामने आए हैं। अब वहां नए कोरोना के नए सब वैरिएंट के 4 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है। लोगों को हल्की सर्दी, जुकाम, खांसी बुखार या गले में खराश होने पर समय पर चिकित्सकीय सलाह देने की अपील की है। बुधवार को जैसलमेर में जेएन.1 सब वैरिएंट के दो मामले सामने आए थे। गुरुवार को जयपुर में असी सब वैरिएंट के दो और मामले सामने आए थे। एक मरीज झुंझनू का निवासी है, जबकि दूसरा भरतपुर का रहने वाला है।
WHO ने जारी की एडवाइजरी..
स्वास्थ्य विभाग और WHO का कहना है कि फिलहाल पैनिक होने की जरुरत नहीं है। बस सावधानी जरुर बरतें। WHO ने बुधवार को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रुप में वर्गीकृत किया है। गाइडलाइन में भीड़भाड़ वाले स्थान और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
हमें अलर्ट रहने की जरूरत, पर घबराने की नहीं- स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया..
देश-विदेश: कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। भारत में एक बार फिर से कोरोना महामारी पैर पसार रहा है। कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 से लोगों में डर पैदा कर दिया है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कोरोना के बढ़ते केसों और सांस लेने संबंधी बीमार लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए। इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। बता दें, आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आईसीएमआर की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी इस बैठक में भाग लिया।
यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय..
कोविड-19 पर समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, ‘यह एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने का समय है। साथ ही संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण के साथ मिलकर काम करने का समय है। हमें अलर्ट रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। उनका कहना हैं कि अस्पताल की तैयारी, निगरानी बढ़ाने और लोगों के साथ प्रभावी संचार के मॉक ड्रिल के साथ तैयार रहना महत्वपूर्ण है। हर तीन महीने में एक बार सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं राज्यों को केंद्र की ओर से सभी प्रकार के समर्थन का आश्वासन देता हूं। स्वास्थ्य राजनीति का क्षेत्र नहीं है।
निवारक उपाय सुनिश्चित करने का आग्रह..
मंडाविया ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सर्दियों के मौसम और आगामी त्योहारों के दौरान ठंड की स्थिति को देखते हुए निवारक उपाय सुनिश्चित करने का आग्रह किया। आपको बता दें, कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में मिला था। 79 साल की एक बुजुर्ग महिला में ये संक्रमण पाया गया था। वहीं, विदेश में भी कोरोना से हाहाकार मचा है। सबसे बुरा हाल सिंगापुर का है, जहां एक हफ्ते के अंदर करीब 56 हजार से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहीं मलेशिया, इंडोनेशिया में भी लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
फिर बढ़ने लगा कोरोनावायरस का संक्रमण..
देशभर में आज सुबह कुल 341 कोरोनावलायरस के नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 292 मामले केरल से हैं। इसी के साथ केरल में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2041 हो गया है। तीन मौत के साथ केरल में कोरोनावायरस के कारण होने वाले मौतों के आंकड़ों की संख्या अब बढ़कर 72,056 हो चुकी है।
पिछले 24 घंटों में 224 मरीज या तो ठीक हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अबतक कोविड के मामले बढ़कर 68,37,203 हो चुका है। मंगलवार को राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि राज्य इस संक्रमण से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करने और अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बीते तीन महीने में उत्तराखंड में मिले सबसे अधिक कोरोना संक्रमित..
उत्तराखंड: प्रदेश में पिछले तीन माह में मंगलवार को एक दिन में कोरोना के सर्वाधिक 139 नए मरीज सामने आये हैं। इसके साथ ही कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 350 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटे में 139 मरीज सामने आए हैं।
जिसमें सर्वाधिक 69 मामले अकेले देहरादून के हैं। इसके साथ ही नैनीताल के 28, टिहरी व उत्तरकाशी के 9 अल्मोड़ा के 5 बागेश्वर व पिथौरागढ़ के 4 चंपावत के 3 पौड़ी के 2 और हरिद्वार के 6 मरीज शामिल हैं। वहीं, मंगलवार को कोरोना संक्रमित के 88 मरीज स्वस्थ भी हुए। अब प्रदेश में कोरोना के 350 सक्रिय मामले हैं।
भारत में 230 दिन के उच्चतम स्तर पर कोरोना के आंकड़े..
सक्रिय मामले 44 हजार के पार..
देश-विदेश: भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10 हजार 158 नए केस मिले हैं। इसी के साथ देश में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 44 हजार 998 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह यह आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार भारत में कोरोना संक्रमण की दैनिक दर 4.42 फीसदी और साप्ताहिक दर 4.02 प्रतिशत है।
देश में फिलहाल एक्टिव केसों की संख्या कुल मामलों का 0.10 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की दर 98.71 प्रतिशत है। भारत में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5,31,035 हो गई है। अभी तक कुल 4,42,10,127 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220,66,24,653 खुराक लगाई जा चुकी हैं।
सात दिन के अंदर 42 हजार से ज्यादा मरीज बढ़े..
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात दिन के अंदर देश में 42 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस बीच, 97 लोगों की संक्रमण के चलते मौत भी हुई है। मंगलवार को एक दिन के अंदर सात हजार 830 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जो कि 223 दिन में सबसे ज्यादा हैं। इसी के साथ देश में एक्टिव केस की संख्या भी बढ़कर 40 हजार के पार हो गई है। अब देश में 40 हजार 215 मरीज ऐसे हैं, जो संक्रमित हैं। ये या तो अस्पताल में भर्ती हैं या फिर घर पर रहकर अपना इलाज करा रहे हैं।
क्या यह चौथी लहर की आहट है..
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, गोरखपुर के निदेशक डॉ. रजनीकांत से हमने यही सवाल किया। उन्होंने कहा, ‘अभी चौथी लहर की कोई आहट नहीं है। देश में ज्यादातर लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है।
इसलिए डरने की नहीं बल्कि बचाव की जरूरत है। प्रिवेंशन के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। डॉ. रजनीकांत का कहना हैं कि ‘हर किसी को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। अगर किसी में कोई लक्षण मिलता है तो उसे तुरंत जांच करवाना चाहिए। इसके अलावा लक्षण मिलने पर मास्क जरूर पहनें।
कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, सात की मौत..
पांच महीने में पहली बार ऐसा हुआ..
देश-विदेश: कोरोना के मामलों में मंगलवार को रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई है। एक दिन के अंदर 2,151 संक्रमितों की पहचान हुई। पांच महीने में पहली बार एक दिन के अंदर एक साथ दो हजार से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं। इसी के साथ एक्टिव मामलों की संख्या भी बढ़कर 11 हजार 903 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को 2,151 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके पहले 28 अक्तूबर को सबसे ज्यादा 2,208 मरीज मिले थे। आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे के अंदर सात लोगों ने संक्रमण के चलते जान गंवा दी। इनमें तीन महाराष्ट्र, एक कर्नाटक और तीन केरल के थे। मरने वालों का आंकड़ा अब पांच लाख 30 हजार 848 हो गया है।
पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ा..
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार डेली पॉजिटिविटी रेट 1.51 प्रतिशत है। मतलब हर रोज जितने लोग कोरोना की जांच करवाते हैं, उनमें 1.51 प्रतिशत लोग संक्रमित मिल रहे हैं। वीकली पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो ये 1.53 प्रतिशत पहुंच गया है। अब तक कुल चार करोड़ 47 लाख नौ हजार 676 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 0.03 प्रतिशत मरीजों का अभी इलाज चल रहा है, जबकि 98.78 प्रतिशत लोग ठीक हो चुके हैं। 1.19 प्रतिशत मरीजों की मौत हो चुकी है। अब तक देशभर में 220.65 कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। वैक्सीनेशन ड्राइव लगातार जारी है।
प्रदेश में मिला नए वैरियंट का पहला मरीज, देहरादून के युवक में हुई पुष्टि..
उत्तराखंड: अमेरिका में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार एक्सवीवी 1.5 स्ट्रेन का एक नया मामला उत्तराखंड में पाया गया है। अमेरिका से लौटे देहरादून के एक युवक का दिल्ली एयरपोर्ट पर एहतियात के तौर पर सैंपल लिया गया है। जो जांच में कोरोना संक्रमित पाया गया था। युवक के सैंपल की देहरादून में जिनोम सीक्वेंसिंग की गई जिसमें एक्स बी बी 1.5 वैरियंट की पुष्टि हुई है। युवक में कोरोना से संबंधित किसी तरह की कोई लक्षण भी नहीं दिखाई देते थे। राज्य कोविड कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
भारतीय सार्स कोच-2 जिनोनिकी संगठन (इसाकोग) के अनुसार अब देश में वायरस के इस वेरिएंट से संबंधित मामलों की कुल संख्या आठ हो गई है। इसाकोग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में स्ट्रेन का नया मामला उत्तराखंड में मिला है। इससे पहले गुजरात में तीन, कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में एक-एक मामले मिले थे। एक्सबीबी 1.5 स्ट्रेन, ओमिक्रॉन एक्सबीबी वेरिएंट का रिश्तेदार है. जोकि ऑमिक्रॉन चीए 2.10.1 और बीए 2.75 का मिलाजुला रूप है।
एक्सवीची और एक्सबाबी 1.5 का संयुक्त रूप अमेरिका में कोविड मामलों में 44 प्रतिशत वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। वहीं, उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कमार का कहना है कि प्रदेश में अभी तक नए वैरिएट का कोई मामला सामने नहीं आया है। 30 दिसंबर से अब तक के मरीजों की जीनोम सीक्वसिंग चल रही है।
एम्स में हो सकेगी कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग, अगले महीने तक हो जाएगा सेटअप तैयार..
उत्तराखंड: अब एम्स में भी कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा मिल पाएगी। जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन मिलने के बाद एम्स में अब लैब का सेटअप तैयार किया जा रहा है। फरवरी में सेटअप पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि अगर जरूरत पड़ती है तो सेटअप तैयार होने से पहले भी एम्स में कोराना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी।
कोरोना की आशंका को देखते हुए एम्स में पिछले डेढ़ साल से जीनोम सिक्वेंसिंग लैब स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन एम्स प्रशासन को प्रयासों में सफलता नहीं मिल पा रही थी। प्रो. मीनू सिंह ने जुलाई 2022 में एम्स निदेशक का कार्यभार संभालने के बाद जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन की उपलब्धता के लिए नए सिरे से प्रयास किए। आखिरकार केंद्र से स्वीकृति मिलने के साथ एम्स पिछले साल दिसंबर 1.92 करोड़ रुपये की जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन खरीदने में सफल रहा।
एम्स निदशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि कोरोना के नए नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। ऐसे में जीनोम सिक्वेंसिंग आज सभी बड़े चिकित्सा और शोध संस्थानों की जरूरत बन गई है। उन्होंने बताया कि एम्स में आगामी फरवरी महीने में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब का सेटअप बनकर तैयार हो जाएगा। कहा कि कोरोना सैंपल के मामले में जरूरत पड़ने पर सेटअप तैयार होने से पहले भी जांच की जा सकेगी।
क्या है जीनोम सिक्वेंसिंग
जिस तरह इंसान का शरीर डीएनए से मिलकर बनता है, वैसे ही वायरस डीएनए या आरएनए से बनता है। कोरोना वायरस आरएनए से बना है। जीनोम सीक्वेंसिंग वो तकनीक है, जिससे वायरस की अनुवांशिक जानकारी मिलती है। जीनोम सीक्वेंसिंग से वायरस की संरचना, व्यवहार, प्रसार यानी उसके पूरे बायोडाटा की जानकारी मिल जाती है। वहीं वायरस के नए वैरिएंट के बारे में भी इसी तरह की जानकारी मिलती है।