दिल्ली में ऑमिक्रॉन का केस मिलने के बाद उत्तराखंड में अलर्ट..
कोरोना जांच के बिना नहीं मिलेगी एंट्री..
उत्तराखंड: दिल्ली में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से संक्रमित मरीज की पुष्टि होने के बाद दून में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। दिल्ली, यूपी सहित पड़ोसी राज्यों से आने वाले लोगों की रैंडम कोरोना जांच की जा रही है। साथ ही, आम जनता को विशेष रूप से सतर्क रहने के लिए अपील की गई है। बाजारों एवं भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क की पाबंदी के लिए कहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष निर्देश जारी किये हैं।
जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राजीव दीक्षित का कहना हैं कि सरकारी एवं निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने एवं बेड की संख्या बढ़ाने के लिए कह दिया गया है। ऑक्सीजन के प्लांटों की रिचेकिंग की जा रही है। दवाओं का स्टॉक रखने के साथ ही डाक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी तय कर दी गई है। निगरानी कमेटियों को सतर्क रहने को कहा है। बाहर से आने वालों की रैंडम सैंपलिंग एयरपोर्ट एवं बार्डरों पर कराई जा रही हैं। उधर, डीएम डा. आर राजेश कुमार ने एसडीएम, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को बाजार और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी बिना मास्क वालों पर कार्रवाई के लिए कहा है और जांच एवं टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं।
आपको बता दे कि देशभर में ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने राज्य में पॉजिटिव पाए जाने वाले कोरोना मरीजों के सैंपलों की अनिवार्य जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का निर्णय लिया है। कई राज्यों में ओमीक्रोन के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसके निर्देश दिए गए हैं। दरअसल विदेशों के बाद अब देश के कई राज्यों में भी ओमीक्रोन के मरीज तेजी से सामने आ रहे हैं। इससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ गई है।
अभी तक विदेश से आने वाले पॉजिटिव मरीजों के सैंपलों की ही अनिवार्य जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही थी। लेकिन कई प्रदेशों में मामले सामने आने के बाद अब राज्य में मिलने वाले सभी पॉजिटिव मरीजों को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। हालांकि राज्य में अभी तक किसी भी मरीज में ओमोक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन ऐहतियात के तहत जांच के सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। सचिव स्वास्थ्य डॉ पंकज पांडेय का कहना हैं कि वायरस के नए स्वरूप की पहचान के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में 23 पीएसी के जवान मिले कोरोना पॉजिटिव..
उत्तराखंड: कोरोना के मामले एक बार फिर से डराने लगे हैं। पिछले एक हफ्ते से हर दिन कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि पुलिस कर्मी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। बुधवार को भी नैनीताल जिले में तब हड़कंप मच गया जब पीएसी के 23 जवान कोरोना पॉजीटिव निकल गए। जिसके बाद से चिंता की लकीरें बढ़ गईं हैं। जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जो पुलिस के जवान कोरोना पॉजिटिव हुए हैं उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं।
पुलिस महकमे की चिंता बढ़ी
आपको बता दे कि हरिद्वार में सोमवार को ही राष्ट्रपति के कार्यक्रम में वीवीआईपी ड्यूटी के लिए आए 15 से ज्यादा पुलिस के जवान कोरोना पॉजीटिव निकले। अब बुधवार को नैनीताल जिले के बैलपड़ाव में आईआरबी में पीएसी के 23 जवान कोरोना पॉजीटिव निकल गए। रैपिड एंटीजन टेस्ट के दौरान पॉजीटिव आए जवानों से पुलिस महकमे की चिंता बढ़ गई है। हल्द्वानी के एसपी सिटी जगदीश चंद्र का कहना हैं कि पीएसी के ये जवान जगह-जगह ड्यूटी के लिए भेजे जाते हैं।
कौन जवान कहां से कोरोना संक्रमित हुआ, इसके लिए जवानों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने रेपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजीटिव आने वाले 23 जवानों के सैंपल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भी भेजे हैं। नैनीताल जिले की एसीएमओ डॉ. रश्मि पंत के शासन के निर्देश के अनुसार पुलिस कर्मियों की कोरोना जांच हो रही है। जिसके रेंडम सेंपल लिए जा रहे हैं। आपको बता दे कि इससे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने भी सभी पुलिस जवानों के कोरोना जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद सैंपलिंग तेज की गई हैं।
बता दे कि उत्तराखंड में 1 दिसंबर को एक्टिव कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या 183 है, जिसमें से 53 नए मामले बुधवार को ही सामने आए। इनमें से 29 मरीज नैनीताल, देहरादून में आठ, हरिद्वार में 14 पौड़ी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में एक-एक व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव निकला। बुधवार को 16 हजार ज्यादा कोविड सेंपल जांच के लिए भेजे गए।
उत्तराखंड में सभी पुलिसकर्मियों का होगा कोविड टेस्ट, डीजीपी ने दिए निर्देश..
उत्तराखंड: ऋषिकेश में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की वीआईपी ड्यूटी में लगे सात पुलसकर्मियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने सोमवार को प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों के कोविड एंटीजन टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं।
कु़माऊं के जनरल बीसी जोशी कोविड अस्पताल में भर्ती नैनीताल निवासी 70 वर्षीय एक कोविड संक्रमित मरीज की मौत हो गई। मरीज 15 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ अरुण जोशी के अनुसार, मरीज की भर्ती के समय से ही स्थिति गंभीर बनी हुई थी। निमोनिया, सांस व अन्य दिक्कतें भी थीं। अस्पताल में करीब तीन महीने बाद किसी की कोविड संक्रमित की मौत हुई है।
संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को आज राज्यों के लिए किया जाएगा रवाना
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षण लेने आए बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों के कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा। जिलाधिकारी डॉक्टर आर राजेश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अगुवाई में टीम ने रविवार को अकादमी में जाकर कोरोना संक्रमित आईएफएस अधिकारियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया।
एकेडमी के एडिशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी का कहना हैं कि फिलहाल सभी अधिकारी पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है। लिहाजा उनके बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी अधिकारियों को 12 मंगलवार तक उनके मूल कैडर वाले राज्यों में भेजने की इजाजत दे दी है। एडीशनल डायरेक्टर एसके अवस्थी के अनुसार सभी आईएफएस अधिकारियों को मंगलवार को उनके मूल कैडर वाले राज्यों को भेज दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में देश के सभी राज्यों के 48 आईएफएस अधिकारी मिड टर्म प्रशिक्षण के लिए आए थे। इन अधिकारियों को आईआईएम लखनऊ और नई दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। लेकिन जब नई दिल्ली में अधिकारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया तो 11 अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसमें से तीन कोरोना संक्रमित अधिकारी तो नई दिल्ली से ही अपनी मूल कैडर वाले वाले राज्यों में भेज दिए गए थे। जबकि आठ अधिकारियों को देहरादून भेजकर अकादमी में क्वारंटाइन कर दिया गया था।
बच्चों के लिए कोरोना टीके का अभी करना पड़ सकता हैं इंतजार..
देश-विदेश: बच्चों के लिए कोरोना के टीके का इंतजार कर रहे अभिभावकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। मंगलवार दोपहर मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि दो साल से लेकर 18 साल के आयु समूह के लिए कोवाक्सिन के टीके को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन बाद में सरकार ने इस दावे का खंडन कर दिया और कहा कि अभी मंजूरी मिलना बाकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार का कहना हैं कि बच्चों के लिए कोवाक्सिन का आकलन अभी जारी है। इसे लेकर कुछ शंकाए हैं और वैक्सीन को लेकर विशेषज्ञ समिति में बातचीत जारी है। अभी ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीए) ने इसे मंजूरी नहीं दी है।
बच्चों पर टीकाकरण की मंजूरी से पहले कोवाक्सिन को लंबे ट्रायल से गुजरना पड़ा है। भारत बायोटेक ने 18 से कम आयु वर्ग के लिए तीन चरणों में ट्रायल पूरा किया था। सितंबर में दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल पूरा कर लिया गया था।
इसके बाद भारत बायोटेक की कोवाक्सिन को मंजूरी मिलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। पूरी तरह मंजूरी मिलने के बाद बड़ों की तरह बच्चों को भी कोवाक्सिन के दो टीके लगाए जाएंगे। अब तक हुए ट्रायल में कोवाक्सिन का बच्चों पर कोई बुरा असर नहीं हुआ है। क्लीनिकल ट्रायल में यह वैक्सीन 78 प्रतिशत तक असरदार साबित हुई थी। इसके बाद केंद्र की ओर से इस वैक्सीन को मंजूरी दी गई है।
उत्तराखंड में पांच अक्तूबर तक बढ़ाया गया कोविड कर्फ्यू..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। अब प्रदेश में कर्फ्यू की बंदिशें पांच अक्तूबर तक के लिए लागू रहेंगी। मुख्य सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कोविड कर्फ्यू के संबंध में सोमवार को नई एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) जारी कर दी है। एसओपी में इस बार कोई राहत नहीं दी गई है। वही पुरानी बंदिशें भी बरकरार रहेंगी।
एसओपी में चारधाम यात्रा और प्राइमरी तक के स्कूलों को खोलने को लेकर यह स्पष्ट किया गया है कि उनकी अलग-अलग एसओपी का पालन सभी जिलों को सुनिश्चित करना होगा। वेडिंग हॉल की क्षमता के आधे लोग शादी समारोह में शामिल हो पाएंगे, लेकिन इसके लिए भी जिला प्रशासन से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। साथ ही कोरोना की जांच रिपोर्ट दिखानी होगी। प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा। बाजार सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगे। नगरीय क्षेत्रों में स्थित होटल रेस्तरां, भोजनालय व ढाबे रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे।
ये बंदिशें हैं बरकरार..
1- बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन की डबल डोज का प्रमाणपत्र न होने की स्थिति में 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखाने पर ही राज्य में प्रवेश मिलेगा।
2- बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी यात्रियों को स्मार्ट सिटी के http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
3- शवयात्रा में भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
4- सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, सांस्कृति और बड़ी सभाएं प्रतिबंधित रहेंगी।
5- दूसरे राज्यों से अपने पैतृक गांव लौटने वाले प्रवासियों के लिए ग्राम प्रधान की निगरानी में आवश्यकतानुसार सात दिन क्वारंटीन सेंटर में एकांतवास में रहना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में सभी स्पा और सैलून खोलने की अनुमति है। सभी स्पा व सैलून 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इसके साथ ही जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल व स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम व इनसे संबंधित सभी गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। वहीं, सरकार ने होटलों में स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल, स्पा व जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी है।प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के प्रशिक्षुओं के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रशिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खोलने की अनुमति है।
उत्तराखंड में कोविड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि धामों के कपाट निर्धारित समय पर ही खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित मंदिरों में नियमित रूप से पूजा-पाठ करेंगे। लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर चारधाम यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है की प्रदेश में स्थित चारधामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा अगले माह 14 मई से शुरू होनी थी। परंपरानुसार 14 मई को गंगोत्री व यमुनोत्री, 17 मई को केदारनाथ तथा 18 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। मगर इस बार कोविड की परिस्थितियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने चारधामों के कपाट निर्धारित तिथियों पर खोलने की घोषणा के साथ यात्रा पर आम श्रद्धालुओं के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भी लगातार कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ाई के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) April 29, 2021
गुरूवार को अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा की किसी को अनुमति नहीं होगी। केवल तीर्थ पुरोहितों को ही नियमित पूजा-पाठ की अनुमति होगी। स्थानीय लोग भी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए नहीं जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि चारधाम के पट नियमित समय पर ही खुलेंगे और तीर्थ-पुरोहित ही पूजा करेंगे। बाकी देश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा अभी बंद है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस समय कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखण्ड में भी लगातार कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे समय में सरकार पूरी तरह से सजग है और इसी क्रम में तय हुआ है कि अभी चारधाम यात्रा को स्थगित रखा जाए। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से लड़ाई में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को राजधानी देहरादून से लेकर कुंभनगरी हरिद्वार तक ताबड़तोड़ कई कार्यक्रमों में भाग लिया। मुख्यमंत्री तीरथ की 22 मार्च को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। इसके बाद वे होम आइसोलेशन में चले गए थे।
जनता की सुनी समस्याएं
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बीजापुर सेफ हाउस में विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंचे लोगों से मुलाकात की और उनके निस्तारण के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता सर्वोपरि है। जनता की समस्याओं को दूर करना सरकार का दायित्व है। कोशिश की जा रही है कि लोगो की शिकायतों और समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो जाए। वर्चुअल रात्रि चौपाल इसी क्रम में आयोजित की जा रही हैं। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गए हैं कि लोगों को अपने काम के लिए अनावश्यक चक्कर न काटने पड़ें। जनता और प्रशासन के बीच संवाद कायम किया जा रहा है।
भाजपा स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हुए सम्मिलित
मुख्यमंत्री तीरथ बीजापुर सेफ हाउस से प्रदेश भाजपा के मुख्यालय पहुंचे। पार्टी मुख्यालय में उन्होंने भाजपा के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने भाजपा के क्रमिक विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। अटल जी ने कहा था – अंधेरा छंटेगा, सूरज उगेगा, कमल खिलेगा। आज भाजपा का कमल पूरे देश में खिल रहा है और भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत समेत कई नेता उपस्थित थे।
विस अध्यक्ष का 4 साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग
मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अध्यक्ष के रूप में 04 साल पूर्ण होने पर रायवाला में आयोजित कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 04 साल से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अग्रवाल का कुशल नेतृत्व राज्य को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल के अलावा कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम आदि उपस्थित थे।
कुंभनगरी में गंगा महापूजन में लिया भाग
कार्यक्रमों की श्रृंखला में मुख्यमंत्री तीरथ कुंभनगरी हरिद्वार भी पहुंचे। वहां उन्होंने हर की पैड़ी में श्री गंगा सभा द्वारा आयोजित गंगा महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। महापूजन का आयोजन कुंभ मेले के सफल आयोजन के उद्देश्य से किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्य और भव्य के साथ ही सुरक्षित कुंभ का आयोजन करने के लिए सरकार संकल्पित है। हरिद्वार के तीन संस्कृत महाविद्यालयों से आए 151 आचार्यों ने महापूजन के दौरान चारों ओर से मंत्रोच्चारण और शंखनाद किया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत पुलिस–प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मकर संक्रांति के पर्व पर गुरूवार को हरिद्वार में श्रद्धालुओं को रैला उमड़ पड़ा। लगभग 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्यलाभ अर्जित किया। कोरोना काल में यह पहला अवसर था, जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु किसी पर्व पर एकत्र हुए।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बुधवार रात्रि 12 बजे के बाद से ही हरिद्वार में हर की पैड़ी एवं अन्य घाटों पर स्नानार्थियों का आवागमन शुरू हो गया। सूर्योदय के साथ ही होटल, धर्मशाला, लॉज, आश्रम आदि में ठहरे हुए श्रद्धालु गंगा स्नान के लिये घाटों पर पहुंचने लगे।
सुबह कोहरे व कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखाई दी। दिन चढ़ने के साथ कोहरा छंटा तो तमाम घाटों पर भीड़ बढ़ गई। स्नान का क्रम शाम तक चलता रहा। हरिद्वार के वीआईपी घाट पर लगभग २०० लोगों ने स्नान किया। इनमें विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, दिल्ली से सांसद व भोजपुरी गायक मनोज तिवारी समेत कई जज, वरिष्ठ अधिकारी आदि शामिल थे।
घाटों, गलियों तथा पैदल मार्ग पर लगे पुलिस बल द्वारा पैदल यातायात व्यवस्था का पालन सुनिश्चित कराते हुए स्नानार्थियों को स्नान घाटों तक पहुंचने में सहायता की गई। इस दौरान कोविड सम्बंधित गाइड लाइन का पालन न करने वाले लगभग 974 लोगों का चालान भी किया गया।
प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। सीसीटीवी कैमरों, बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्यॉड के अलावा भारी पुलिस बल सुरक्षा में तैनात किया गया था। लाखों लोगों की उपस्थिति के बाद भी स्नान शांतिपूर्वक निपटने पर प्रदेश सरकार ने राहत की सांस ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में कोविड टीकाकरण के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों के साथ देश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में निर्णय लिया गया कि लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, माघ बिहू आदि सहित आगामी त्यौहारों को देखते हुए टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य सचिव और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में प्रधानमंत्री ने कोविड प्रबंधन की विस्तृत और व्यापक समीक्षा की।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार टीकाकरण अभियान में लगभग 3 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों तथा विभिन्न बिमारियों से ग्रसित (Co-Morbidities) 50 वर्ष से कम आयु के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा, जिनकी संख्या लगभग 27 करोड़ है।
प्रधानमंत्री को टीके की डिलीवरी के लिए तैयार किये गए को-विन प्रबंधन प्रणाली के बारे में भी जानकारी दी गई। यह अनूठा डिजिटल प्लेटफॉर्म टीके के स्टॉक, उसके भंडारण का तापमान और कोविड-19 टीका के लाभार्थियों की वैयक्तिक ट्रैकिंग आदि की सूचना उपलब्ध कराएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि टीकाकरण अभियान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 2360 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया था। इनमें राज्यों के टीकाकरण अधिकारी, कोल्ड चेन अधिकारी, आईईसी अधिकारी आदि सम्मिलित थे। राज्यों, जिलों और ब्लॉक स्तरों अभी तक 61,000 से अधिक कार्यक्रम प्रबंधकों, 2 लाख टीका लगाने वालों और टीकाकरण टीम के रूप में 3.7 लाख सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है।
इधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में टीकाकरण की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में आगामी 16 जनवरी से कोविड-19 को लेकर चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। वैश्विक महामारी के खिलाफ विजय के इस अभियान में आप सभी सम्मानित नागरिकों का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में भी इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी इंतजाम पुख्ता कर लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार से कामकाज शुरू कर दिया है। आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद उन्होंने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर फाइलों का निस्तारण किया।
त्रिवेंद्र को 28 दिसंबर को डॉक्टरी जांच के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था, जहां से उन्हें 2 जनवरी को डिस्चार्ज किया गया। तब से वे दिल्ली आवास पर होम आइसोलेशन में थे।
यहां बता दें कि विगत 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उसके बाद उनकी रिपोर्ट सामान्य आ गई थी। तब से वे देहरादून में होम आइसोलेशन में थे। विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने सदन की कार्रवाई में वर्चुअली भाग लिया था।
इसके बाद हल्के बुखार की शिकायत के चलते वे एक दिन के लिए राजधानी के दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे। वहां डॉक्टरों ने उन्हें जरुरी परीक्षणों के लिए दिल्ली एम्स के लिए रेफर किया था।