चारधाम यात्रा में अब तक 35.5 लाख श्रद्धालु करा चुके पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है। चारधाम यात्रा में भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने से सरकार के सामने भी चुनौती थी। यात्रा बिना किसी व्यवधान के चले, इसके लिए सरकार ने काफी प्रयास किए। केदारनाथ धाम में एक दिन में तीर्थयात्रियों की क्षमता लगभग 15 हजार है। शुरूआत में 25 हजार तक यात्री धाम पहुंचे थे।
चारधाम यात्रा इस बार एक नया रिकॉर्ड बना रही है। इस बार दो महीने के भीतर ही वर्ष 2019 में आए श्रद्धालुओं से अधिक पंजीकरण का आंकड़ा पहुंच गया है। अभी यात्रा चार महीने और चलेगी। वर्तमान में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सरकार को इस बार 40 लाख तीर्थयात्रियों के दर्शन करने की उम्मीद है। जो कि अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनेगा।
बता दे कि 2019 में चारधाम यात्रा में 34 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने से रिकॉर्ड बना था। इसके बाद वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा बाधित रही। पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार चारधाम यात्रा के लिए अब तक तीर्थयात्री के पंजीकरण का आंकड़ा 35.5 लाख पहुंच चुका है। इसमें 26 लाख से अधिक श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शन कर चुके हैं।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदलमार्ग पर घोडे़-खच्चरों के धक्कों से चोटिल हो रहे यात्री..
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में एसडीआरएफ के जवान देवदूत बनकर तीर्थयात्रियों की मदद कर रहे हैं। अब तक एसडीआरएफ के जवान सैकड़ों तीर्थयात्रियों की जान को बचा चुके हैं। पैदल यात्रा पड़ाव में घोड़े-खच्चरों के धक्के से यात्री चोटिल हो रहे हैं तो किसी समय पैदल मार्ग पर फिसलकर नीचे गिर रहे हैं। इसके साथ ही रास्ते में स्वास्थ्य खराब होने पर एसडीआरएफ के जवान यात्री को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा रहे हैं।
बता दें कि छः मई को बाबा केदारनाथ की यात्रा शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक एसडीआरएफ के जवान सैकड़ों तीर्थयात्रियों की जान को बचा चुके हैं। एसडीआरएफ जवान तीर्थयात्रियों के लिए देवदूत बनकर आ रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं। गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से वैसे ही तीर्थयात्री परेशान हैं, लेकिन पशुआंे के धक्कों से भी यात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है। घोड़े-खच्चरों और श्रद्धालुओं के लिए एक ही रास्ता होने के कारण काफी दिक्कतें हो रही है, जिस कारण यात्री खासे परेशान हैं और उन्हें पैदल मार्ग पर चलने में दिक्कतें हो रही हैं।
पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के घायल होने के बाद एसडीआरएफ की टीम त्वरित गति से रेस्क्यू कार्य कर रही है। बुधवार को केदारनाथ दर्शन के लिए जाते समय एक महिला श्रद्धालु खच्चर से धक्का लगने के कारण नीचे गिर पड़ी, जिससे उसका पैर फ्रेक्चर हो गया।घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम तत्काल सोनप्रयाग से रवाना हुई। एसआई कर्ण सिंह सिंह के हमराह रेस्क्यू टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर महिला यात्री को स्ट्रेचर के माध्यम से उपचार के लिए सोनप्रयाग अस्पताल पहुंचाया।
इसके अलावा एक अन्य घटना में एक व्यक्ति के रुद्रा पॉइंट से नीचे भैरो गदेरे में गिरे होने की सूचना पर केदारनाथ से एसआई मनोज रावत के हमराह रेस्क्यू टीम द्वारा यात्री मंजीत उम्र 32 वर्ष निवासी अम्बाला तक पहुंच बना कर रेस्क्यू किया गया। युवक का पैर फ्रेक्चर हो गया था, जिसे एसडीआरएफ टीम द्वारा स्ट्रेचर के माध्यम से विवेकानंद अस्पताल केदारनाथ में एडमिट कराया गया।
देहरादून में अचानक गर्जना और आंधी के साथ हुई तेज बारिश..
उत्तराखंड: अगर आप चारधाम यात्रा के लिए जा रहे हैं तो अपने पास छाता या बरसाती का इंतजाम अवश्य कर लें, क्योंकि मौसम विभाग ने बुधवार को चारधाम रूट सहित पर्वतीय इलाकों में गरज के साथ बौछार होने की संभावना जताई है। वहीं मैदानी इलाकों में आंधी चलने का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के अलर्ट के बीच बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे देहरादून में घने बादल छा गए और गर्जना के साथ तेज आंधी चलने लगी। जिसके बाद बारिश शुरू हो गई। वही मसूरी में घने बादल छाए हुए हैं, बारिश की संभावना बनी हुई है।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर टूटा पहाड़, ट्रैफिक बाधित..
उत्तराखंड: चमोली जिले में कर्णप्रयाग में पंचपुलिया के नजदीक पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे पर जा गिरा। पहाड़ी के टूटकर हाईवे पर गिरने से बद्रीनाथ यात्रा भी बाधित हुई है। ट्रैफिक बाधित होने के बाद प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंच गई है। काफी मशक्कत करने के बाद हाईवे पर ट्रैफिक दोबारा से शुरू हो गया हैं । जिला प्रशासन और एनएच की टीम टूटी पहाड़ी के हिस्से को हटाने का प्रयास कर रही। हाईवे के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं है। बद्रीनाथ हाईवे बाधित होने से चारधाम यात्रा पर जा रहे तीर्थ यात्रियों को परेशानी हो रही है। वहीं, मौसम विभाग ने चमाेली जिले में बारिश का पूर्वानुमान भी लगाया है।
उत्तराखंड चार धाम यात्रा के लिए तैयार की ये योजना..
उत्तराखंड: कोरोना संकट के चलते पिछले दो साल से चारधाम यात्रा रद्द रही है। लेकिन इस बार अब स्थिति सामान्य होने पर चारधाम यात्रा की तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। यात्रा का आगाज 3 मई को होगा। चारधाम यात्रा के प्रवेशद्वार तीर्थनगरी ऋषिकेश से देवधाम के दर्शन को रवाना होने से पहले तीर्थयात्रियों को फोटोमीट्रिक पंजीकरण अनिवार्य है। चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में फोटोमीट्रिक पंजीकरण केंद्र में तैयारी होने लगी है। फोटोमीट्रिक पंजीकरण केंद्र भी दो साल बाद खुल रहा है। इस बार फोटोमीट्रिक पंजीकरण की नई व्यवस्था रहेगी। केंद्र में कंप्यूटरीकृत 8 कियोस्क मशीन स्थापित कर दी गई हैं। चारधामों के दर्शन को आने वाले तीर्थयात्री अब खुद भी अपना फोटोमीट्रिक पंजीकरण कर सकेंगे। ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में स्थित पंजीकरण केंद्र में स्वचालिक 8 कियोस्क मशीने स्थापित की गई है। अभी तक फोटोमीट्रिक पंजीकरण के लिए श्रद्धालुओं को केंद्र कर्मियों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब इस व्यवस्था से तीर्थयात्रियों को पंजीकरण के लिए कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी। वे खुद कियोस्क मशीन से फोटोमीट्रिक पंजीकरण कर सकेंगे। केंद्र प्रबंधक प्रेमअनंत का कहना हैं कि फोटोमीट्रिक पंजीकरण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। लेकिन अभी तक केंद्र खुलने की तिथि तय नहीं हुई है।
ऐसे करे पंजीकरण
कियोस्क मशीन की स्क्रीन ऑन होते ही रजिस्ट्रेशन ऑप्शन आएगा। उसे क्लिक करते ही नाम, मोबाइल नंबर, पासवर्ड दर्ज करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी नंबर आएगा। उसे दर्ज करने के बाद स्क्रीन पर व्यक्तिगत, परिवार का ऑप्शन आएगा। यदि आप अकेले यात्रा कर रहे हैं तो व्यक्तिगत ऑप्शन को क्लिक करेंगे। क्लिक करते कियोस्क मशीन के सामने लगा कैमरा ऑन हो जाएगा। फोटो शूट करने के बाद आपका स्वत: पंजीकरण हो जाएगा। इस प्रक्रिया में 10 मिनट लगेंगे, और आपका पंजीकरण हो जाएगा।
चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड: हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में सुविधाओं को लेकर स्वत: संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की हैं। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह दो माह के भीतर बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति केआर श्रीराम की ओर से चारधाम यात्रा की कमियों के संबंध में दिए पत्र के क्रम में उनका निस्तारण करें। इसके साथ ही कोर्ट ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।
आपको बता दे कि सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति केआर श्रीराम ने बीती 15 जून 2019 को उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को हो रही दिक्कतों और वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर पत्र भेजा था। जिसमे कहा गया था कि चारधाम में आपदा का इंतजार हो रहा है। यमुनोत्री में तत्काल सुरक्षा इंतजाम करने की जरूरत है।
खुद के चारधाम यात्रा के दौरान के अनुभव बयां करते हुए कहा था कि यात्रा मार्ग में कई किलोमीटर तक पुलिस का जवान मौजूद नहीं रहता है। इस परिस्थिति में स्वास्थ्य या आपातकाल में मदद की उम्मीद नहीं की जा सकती। यात्रा मार्ग पर बैठने को बेंच, कुर्सी, शौचालय अथवा दूसरी अन्य सुविधाओं की भारी कमी है। उन्होंने स्वयं खच्चर से और परिवार के अन्य सदस्यों ने मिट्टी से भरे कट्टे वाले पथरीले रास्तों से यात्रा तय की। इतने लंबे मार्ग में आराम करने के लिए कोई सुख सुविधा नहीं है न ही चिकित्सा की सुविधा है। इसका संज्ञान लेकर व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं। जिससे तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
चारधाम यात्रा में कमर्शियल-प्राइवेट गाड़ियों के लिए ग्रीन कार्ड अनिवार्य..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा 2022 में इस बार धामों के लिए रवाना होने से पहले व्यावसायिक और प्राइवेट वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड के साथ ही ट्रिप कार्ड लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर 15 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस साल मई पहले हफ्ते से चारधाम यात्रा शुरू होगी।
आपको बता दे कि ट्रिप कार्ड से चारधाम यात्रा पर जाने वाले वाहनों और तीर्थयात्रियों की संख्या का रिकार्ड रखा जा सकेगा। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन अरविंद कुमार पांडेय का कहना हैं कि ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वेबसाइट संभवत 15 अप्रैल से खोल दी जाएगी। एआरटीओ में भी ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड ऑनलाइन जारी करने के लिए चार काउंटर खोले जाएंगे। चारधाम यात्रा में वाहनों का संचालन व्यवस्थित करने के लिए परिवहन विभाग ऋषिकेश में भद्रकाली तिराहा और ब्रह्मपुरी में एक मई से चेकपोस्ट खोलेगा।
फिटनेस के लिए आना होगा एआरटीओ..
ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड ऑनलाइन आवेदन कर कहीं से भी प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन वाहनों की फिटनेस के लिए वाहन को लेकर एआरटीओ आना होगा। फिटनेस के बाद ही ग्रीन कार्ड मान्य होगा।
केदारनाथ में होने जा रहा हैं शानदार काम, सीवरेज सिस्टम भी हो रहा तैयार..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने का भी शुरू कर दिया हैं। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को वहां ठोस कदम तो उठाए ही जाएंगे, केदारपुरी को प्लास्टिक की बोतलों से निजात दिलाने के मद्देनजर श्रद्धालुओं को तांबे की बोतलें उपलब्ध कराई जाएंगी। इनके डिजाइन और लागत के सिलसिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से संपर्क साधा जा रहा है। बोतलों का निर्माण अल्मोड़ा और बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से कराया जाएगा।
जून 2013 की आपदा में तबाह हुई केदारपुरी का पुननिर्माण प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। केदारपुरी में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं और द्वितीय चरण के चल रहे हैं। इन कार्यों की बदौलत केदारपुरी नए कलेवर में निखर चुकी है और श्रद्धालुओं के अधिक आकर्षण का केंद्र बनी है। केदारनाथ में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इसका उदाहरण है। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण की मुहिम भी शुरू की है। यह केदारपुरी में भी आकार लेगी।
केदारपुरी को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने के लिए वहां प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। इस कड़ी में श्रद्धालुओं को जागरूक करने के साथ ही प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन को कदम उठाए जाएंगे। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना हैं कि इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर श्रद्धालु पीने के पानी के साथ ही केदारनाथ से मंदाकिनी व सरस्वती नदियों के संगम का पवित्र जल ले जाने के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक की बोतलों से धाम को मुक्त करने के लिए तांबे की बोतलों को महत्व देने की योजना है।
सचिव पर्यटन जावलकर का कहना हैं कि केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को पानी के लिए तांबे की बोतलें उपलब्ध कराने की योजना है। प्रयास ये रहेगा कि ये रियायती दर पर श्रद्धालुओं को मिलें। इसी क्रम में तांबे की बोतलों के डिजाइन और लागत के सिलसिले में डीआरडीओ से संपर्क किया जा रहा है। बोतलों के निर्माण के लिए अल्मोड़ा व बागेश्वर के ताम्र शिल्पियों से बातचीत चल रही है।
डिजाइन व लागत का विषय हल होने पर इनके माध्यम से ही बोतलें बनवाई जाएंगी, जिससे उन्हें रोजगार उपलब्ध होगा और श्रद्धालुओं को सुविधा। सचिव पर्यटन के अनुसार केदारपुरी में सीवरेज सिस्टम भी तैयार किया जा रहा है। इसमें उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अपनाई जाने वाली तकनीक को अपनाया जा रहा है। इसके आकार लेने पर सीवरेज का भी निस्तारण हो सकेगा।
बीते दिनों आयी आपदा से दहशत में यात्री, रद्द कराई चारधाम यात्रा की बुकिंग..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के दौरान में बीते सप्ताह अतिवृष्टि के बाद दूसरे प्रदेशों के यात्रियों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं। यात्री पैकेज बुक करने वाले एजेंटों से एडवांस जमा की गई धनराशि वापस मांग रहे हैं। बता दे कि एजेंटों ने बुकिंग धनराशि चारधाम यात्रा मार्ग के होटलों और यात्रियों को ले जाने वाली कारो, टैंपो ट्रेवलर वालों को पहले ही दे दी है। जिसको लेकर अब यात्रियों और एजेंटों के बीच एडवांस रुपये वापसी को लेकर विवाद हो रहा है।
आपको बता दे कि गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व दक्षिण भारत के कई राज्यों से यात्रियों ने अपनी बुकिंग ट्रेवल्स एजेंटों के माध्यम से करा दी थी। बुकिंग के दौरान हरिद्वार से दो धाम व चारधाम यात्रा के दौरान खाना, होटल में ठहरना व कई सुविधाएं भी दी जानी थीं। इसके साथ ही एजेंटों को एडवांस में रकम भी जमा कर दी गई थी। पिछले सप्ताह राज्य में आई आपदा को देखते हुए यात्रियों ने अब अपनी यात्राएं रद्द करने का निर्णय लिया है।
जिसके बाद अब एजेंटों के पास फोन पहुंच रहे हैं। यात्री कह रहे हैं कि उन्हें यात्रा नहीं करनी है। उनका एडवांस में जमा कराया गया रुपया वापस कर दें। ऐसे में ट्रेवल एजेंटों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। ट्रेवल एजेंटों का कहना है कि उन्होंने चारधाम यात्रा के दौरान रुकने के लिए होटल व यात्रियों को लेकर जाने वाली गाड़ियों के संचालकों को एडवांस में रुपया दे दिया है।
यात्रियों ने केदारनाथ जाने के लिए हेलीकॉप्टर के टिकट भी बुक कराए थे। जिन्हें ट्रेवल्स एजेंटों ने समय से बुक कराकर यात्रियों को भेज भी दिया था। अब यात्री अपने हेलीकॉप्टर के टिकट भी कैंसिल कराने का दबाव एजेंटों पर बना रहे हैं।
उत्तराखंड में बारिश की खबरों को देखने के बाद दूसरे प्रदेशों से आने वाले यात्रियों के मन में डर बना हुआ है। ऐसे में यात्री अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं। इसके साथ ही वह अपनी एडवांस की धनराशि को वापस मांग रहे हैं। बारिश के बाद अचानक से यात्रियों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। जिसके बाद वह अब अपना एडवांस का रुपया वापस मांग रहे हैं। जबकि एडवांस में दिया गया रुपया आगे की तैयारियों के लिए होटल व टांसपोर्ट संचालकों को दिया जा चुका है।
केदारघाटी में उड़ान भरते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हेलीकॉप्टर..
उत्तराखंड: केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करने वाली हेली कंपनियां भारतीय वन्य जीव संस्थान के मानकों और एनजीटी के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। केदारघाटी से धाम के लिए हेलीकॉप्टर निर्धारित 600 मीटर की ऊंचाई पर नहीं उड़ रहे हैं। साथ ही हेली कंपनियां प्रतिदिन का शटल, साउंड व ऊंचाई का रिकाॅर्ड केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग को नहीं भेज रही हैं। इस संबंध में प्रभागीय स्तर से हेली कंपनियों को पत्र भेजकर जवाब मांगा गया है।
आपको बता दे कि इस वर्ष छह कंपनियों के हेलीकॉप्टर गुप्तकाशी, शेरसी व बडासू हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हैं। लेकिन ये हेलीकॉप्टर नदी तल से 150 से 250 मीटर की ऊंचाई पर ही उड़ रहे हैं। हेलीकॉप्टरों की उड़ान की यह ऊंचाई केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के भीमबली में स्थापित मॉनीटरिंग स्टेशन में रिकाॅर्ड हो रही है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर का कहना है हेलीकॉप्टर की तेज आवाज से अति संवेदनशील क्षेत्र में प्रवास करने वाले दुर्लभ वन्य जीवों, वनस्पतियों को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही लोगों को भी परेशानी हो रही है। वर्ष 2013-2014 में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने यात्राकाल में केदारघाटी के गुप्तकाशी, फाटा, बडासू, शेरसी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ हेलीपैड तक हेलीकॉप्टर की ध्वनि व ऊंचाई का अध्ययन किया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकाप्टर की न्यूनतम ध्वनि 92 डेसीबल व अधिकतम 108 डेसीबल मापी गई थी। जिसमें कहा गया था कि हेलीकॉप्टर सेंचुरी एरिया में उड़ान भरते हुए नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।