पुलिसकर्मियों की ACR के लिए बनेंगे पारदर्शी मानक..
DGP ने किया चार सदस्यीय समिति का गठन..
उत्तराखंड: प्रदेश में पुलिसकर्मियों की एसीआर की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए डीजीपी अभिनव कुमार ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इससे एसीआर दर्ज करने में निष्पक्षता और पारदर्शिता का ज्यादा ध्यान रखा जाएगा। जिससे ग्रेडिंग सिस्टम में एकरूपता लाई जा सके। डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिसकर्मियों के वार्षिक रिटर्न (एसीआर) में एकरूपता लाने के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी मानक तैयार करने के लिए एडीजीपी प्रशासन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी तथा पुलिस महानिरीक्षक सूचना सुरक्षा को भी सदस्य बनाया गया है।
पुलिसकर्मियों की ACR के लिए बनेंगे पारदर्शी मानक..
आपको बता दें उत्तराखंड पुलिस में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, अपर उप निरीक्षक, सब इंस्पेक्टर, और इंस्पेक्टर की एसीआर को पारदर्शी बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। इसी के चलते राज्य में पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एसीआर अंकित करने को लेकर तय मानकों में बेहतर सुधार किए जाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
मानकों को बेहतर बनाने का प्रयास करेगी कमेटी..
पुलिस कर्मियों के लिए उनकी एसीआर बहुत महत्वपूर्ण होती है। ACR के जरिए ही उनके प्रमोशन होते हैं। लिहाजा किसी भी भेदभाव या पक्षपात के बिना सभी को मानक के अनुसार एसीआर में उनके कैटेगरी या ग्रेडिंग दी जा सके। उत्तराखंड पुलिस अब इसके लिए काम कर रही है। DGP की ओर से बनाई चार सदस्य कमेटी मौजूदा मानकों को देखकर उसमें सुधार कर बेहतर बनाएगी।
इस साल उत्तराखंड में होगी पुलिस की अधिकांश भर्तियां,वेटिंग लिस्ट से मिलेगा बेरोजगारों को फायदा..
उत्तराखंड: इस साल के शुरुआती छह महीनों में पुलिस की अधिकांश भर्तियां कराई जाएंगी। इसके साथ ही विभागीय पदोन्नतियों को भी समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को डीजीपी अभिनव कुमार ने पटेल भवन में पत्रकारों को दीं। उन्होनें पुराने साल की उपलब्धियों को गिनाने के साथ ही इस साल के लक्ष्य को भी निर्धारित किया।
डीजीपी अभिनव कुमार का कहना हैं कि इस साल कोशिश रहेगी कि पुलिस हर मानदंडों के आधार पर देश की टॉप पांच पुलिस में शामिल होगी। कहा कि उत्तराखंड पुलिस लूट चोरी आदि घटनाओं के खुलासे में देश के पहले नंबर पर है। रिकवरी में भी पुलिस का औसत देश में सबसे ज्यादा है। उत्तराखंड पुलिस को अन्य क्षेत्रों में भी देश की बेहतरीन पुलिस में शामिल करने का लक्ष्य इस बार रखा गया है। उन्होंने शांति एवं कानून व्यवस्था, घटनाओं के खुलासे आदि के लिए तकनीकी प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। उनका कहना हैं कि आने वाले समय में प्रमुख कानूनों में बदलाव होने जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार ट्रेनिंग शुरू की जाएगी। अधिकारियों और कर्मचारियों को इन कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
बेरोजगारों को मिलेगा फायदा
उन्होंने इस साल की चुनौतियों का भी जिक्र किया। कहा, चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा, लोक सभा चुनाव, आपदा प्रबंधन और अगले साल होने वाले राष्ट्रीय खेल पुलिस के लिए चुनौती रहेंगी। लेकिन, जिस तरह से पिछले साल जी20 के एक के बाद एक तीन आयोजन कराए हैं उस तरह से पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में इन सब चुनौतियों से भी कुशलता से निपटा जाएगा। कुमाऊं क्षेत्र में मानसखंड विकसित होने जा रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र विशेष और कुमाऊं क्षेत्र में आपदाओं से निपटने के लिए वहां अलग से एसडीआरएफ की बटालियन शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।
भर्ती में वेटिंग लिस्ट से मिलेगा बेरोजगारों को फायदा
डीजीपी का कहना हैं कि पिछले दिनों कांस्टेबल और दरोगा भर्ती का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन, अब नई व्यवस्था के आधार पर इसे दोबारा भेजा जाएगा। इस बार वेटिंग लिस्ट का भी प्रावधान किया जाना है। इस व्यवस्था से बेरोजगारों को फायदा मिलेगा। भर्ती होने के बाद बहुत से अभ्यर्थी दूसरी सेवाओं में चले जाते हैं। ऐसे में उनके स्थान पर पीछे रहे अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा।
सड़क हादसों में कमी लाने पर होगा जोर
प्रदेश में बीते साल करीब 200 हत्याएं हुई हैं। लेकिन, सड़क दुर्घटनाओं में इससे सात गुना ज्यादा मौत हुईं। बीते साल 1400 से ज्यादा लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। इन असमय मौत पर अंकुश लगाने का प्रयास भी किया जाएगा। इसके लिए सड़कों पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए नई रणनीति के साथ काम होगा। संबंधित विभागों से सड़कों में सुधार के प्रयास भी किए जाएंगे। पहाड़ों पर हादसे रोकने के लिए अलग से रणनीतियां बनाई जाएंगी।