मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के लगभग 400 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण व वेतन विसंगति आदि प्रकरणों के निस्तारण के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व व तीर्थाटन प्रबंधन विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल द्वारा इस संबंध में देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी को निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में पूर्व दायित्वधारी अजेंद्र अजय द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए मुख्य कार्याधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर से समिति गठित करते हुए कर्मचारियों की समस्याओं का निदान करना सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता अजेंद्र बोर्ड के अस्थायी कर्मचारी संघ के सरंक्षक भी हैं। उन्होंने विगत माह बोर्ड के अस्थायी कार्मिकों की समस्याओं को लेकर बोर्ड के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि देवस्थानम बोर्ड (पूर्व में श्री बदरीनाथ- श्री केदारनाथ मंदिर समिति) में बड़ी संख्या में कर्मचारी 20-25 वर्षों से अस्थायी तौर पर कार्यरत हैं। इनमें से कई कार्मिकों को सामान्य जीवन-यापन करने लायक वेतन तक नहीं मिलता है। ये अस्थायी कार्मिक बद्रीनाथ, केदारनाथ, मध्यमहेश्वर आदि जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अपने पत्र में अजेंद्र ने कहा था कि इनमें से कई कार्मिक सेवानिवृति के करीब हैं। स्थायीकरण नहीं होने के कारण उन्हें पेंशन इत्यादि की सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ेगा। यह समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत के भी विपरीत है। उन्होंने कार्मिकों की वेतन विसंगति, स्थायीकरण आदि के प्रकरणों के निस्तारण हेतु समिति के गठन का सुझाव दिया था।
उधर, अजेंद्र ने बोर्ड के अस्थायी कार्मिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेने के लिए मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया है।
भाजपा नेता व पूर्व दर्जाधारी अजेंद्र अजय ने प्रदेश के धर्मस्व सचिव हरीश चंद्र सेमवाल से फोन पर बात कर चार धामों के दर्शन के लिए निर्धारित की गई श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इस अनुमति के लिए प्रदेश शासन को हाई कोर्ट से अनुरोध करना चाहिए।
अजेंद्र ने कहा कि इस वर्ष अब चार धाम यात्रा को लगभग एक माह का समय ही शेष रह गया है। नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किए जाने से जहां एक ओर अनेक लोग यात्रा करने से वंचित रह जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई में कठिनाई पैदा होगी। उन्होंने सचिव धर्मस्व को सुझाव दिया कि प्रदेश शासन इस विषय में नैनीताल उच्च न्यायालय से अनुरोध करे, ताकि चारों धामों में अधिक संख्या में यात्रियों को दर्शनों की अनुमति मिल सके।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के अनुरोध पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारों धामों में कुछ शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति दी है। न्यायालय ने बद्रीनाथ के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 व यमुनोत्री के लिए 400 यात्रियों को प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति दी है।
कोविड काल के दौरान चार धाम यात्रा के पूरी तरह से ठप हो जाने के कारण अर्थ व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। इसके मददेनजर प्रदेश सरकार ने चार धाम यात्रा शुरू कराने को लेकर न्यायालय में प्रभावी तरीके से अपना पक्ष रखा।
न्यायालय ने यात्रा शुरू कराने की अनुमति तो दी। मगर यात्रियों की संख्या सीमित करने से यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा इन धामों की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं।
पूर्व दायित्वधारी व भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से दूरभाष पर बात कर रुद्रप्रयाग जिले की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की और उन्हें एक पत्र भी प्रेषित किया।
दूरभाष पर बातचीत में अजेंद्र ने स्वास्थ्य सचिव को बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग में कोविड रोगियों के लिए कोटेश्वर में कोविड हेल्थ केयर सेंटर स्थापित किया गया है। कोविड सेंटर में रोगियों के लिए भोजन, पानी आदि की समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कोविड रोगियों को समय पर समुचित पौष्टिक भोजन इत्यादि की तत्काल स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की। स्वास्थ्य सचिव ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से बातचीत कर तत्काल भोजन आदि की व्यवस्था शुरू करने का आश्वासन दिया।
भाजपा नेता ने स्वास्थ्य सचिव को अवगत कराया कि कहा कि मौसम में लगातार भारी बदलाव और शादी-विवाह समारोह के चलते पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बुखार -जुखाम आदि की शिकायत से पीड़ित हैं। मगर कई लोग कोरोना बीमारी के भय से अथवा टेस्टिंग सेंटर दूर होने के कारण जांच कराने में हिचकिचा रहे हैं। इससे संक्रमण के अधिक फैलाव की आशंका है। लिहाजा, ग्राम प्रधानों आदि के माध्यम से उनके गांवों में बुखार आदि से पीड़ित लोगों की जानकारी जुटा कर टेस्ट अथवा उपचार की प्रक्रिया शुरू करवाई जानी चाहिए।
इसके साथ ही अजेंद्र ने होम आइसोलेशन में रह रहे ग्रामीणों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम 2 -3 ऑक्सीमीटर और 2-3 थर्मामीटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग भी रखी। उन्होंने कई निजी एम्बुलेंस मालिकों द्वारा मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रख कर लोगों से मनमाने रूपये वसूले जाने के मामले की चर्चा करते हुए का एम्बुलेंस किराया निश्चित करने और उल्लंघन करने की दशा में कठोर कार्रवाई का प्रावधान करने की मांग भी उठाई।
उन्होंने स्वास्थ्य सचिव से रुद्रप्रयाग जिले में पर्याप्त चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति और वैक्सीनेशन सेंटर जनता की सहूलियतों को ध्यान में रख कर निर्धारित करने की मांग भी उठाई। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी मुद्दों पर समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।