धामी सरकार अब ऐसे कसेगी उपद्रवियों पर नकेल..
उत्तराखंड: प्रदेश में धामी सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। बता दें सरकार विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दे कि धामी सरकार सदन में विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए 26 फरवरी यानी आज से शुरू होने वाले बजट सत्र में ‘उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ लाएगी। आपको बता दें इस बिल के तहत विरोध प्रदर्शन और हड़ताल के दौरान हुए नुकसान की वसूली उपद्रव में शामिल आरोपियों से की जाएगी। नुकसान की भरपाई के लिए सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर किया पथराव..
उत्तराखंड: रुद्रपुर नगर निगम से भाजपा के निर्वतमान मेयर रामपाल और कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के बीच जमकर मारपीट हो गई। मारपीट में दौरान दोनों ही घायल हुए हैं। जिसमें निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं। दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उधम सिंह नगर जिले के रूद्रपुर में भाजपा के निर्वतमान मेयर रामपाल और कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा आपस में भिड़ गए। मिली जानकारी के अनुसार रुद्रपुर की शक्ति विहार कालोनी में विधायक निधि से मुख्य द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका शिलापट मुख्य गेट के पास ही लगा है। पिछले कुछ दिनों से सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप में शिलापट को हटाए जाने के लिए एक मुहिम चल रही थी। शुक्रवार को सोसायटी के अध्यक्ष और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा द्वारा शिलापट को हटाने के लिए एक मजदूर को भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि कॉलोनी में ही निवर्तमान मेयर रामपाल का घर भी है। शिलापट को हटाने की जानकारी जब उन्हें मिली तो वो भी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने शिलापट को हटाने का विरोध करते हुए कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा को वहां बुलवा लिया। देखते ही देखते दोनों के बीच जमकर गाली-गलौज शुरू हो गई जो फिर मारपीट में बदल गई। इसी बीच निवर्तमान मेयर के साथ मौजूद उनके समर्थकों ने सीपी शर्मा की जमकर पिटाई लगा दी।
इस घटना में दोनों ही घायल हुए। दोनों ने जिला अस्पताल पहुंच कर मेडिकल करवाया है।निवर्तमान मेयर रामपाल का आरोप है कि शिलापट एक सरकारी सम्पत्ति है जिसे सरकारी कर्मचारी ही हटा सकता है। मगर सीपी शर्मा खुद ही उस शिलापट को तुड़वा रहे थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके लिए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की गई। सीपी शर्मा का आरोप है कि निवर्तमान मेयर रामपाल और उनके समर्थक राधेश शर्मा, निवर्तमान पार्षद निमित शर्मा, निवर्तमान पार्षद प्रमोद शर्मा ने उनके साथ मारपीट की है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि निवर्तमान मेयर रामपाल ने उनके परिजनों और समर्थकों के साथ उनको दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। यही नहीं उन पर ईंट-पत्थर भी फेंके।
सीएम धामी के नेतृत्व में ऊर्जा प्रदेश बनने की राह में आगे बढ़ रहा उत्तराखंड..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनने का संकल्प सिद्ध होता हुआ नजर आ रहा है। इसी दिशा में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना बेहद सफल साबित हो रही है। ख़ास बात ये है कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक 20 से लेकर 200 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रदेश के युवा खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर 13 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (MSSY) को संशोधित का किया गया। इसके बाद प्रदेश में 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पोर्टल msy.uk.gov.in पर 839 आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें 297 आवेदनों के LOI भी जारी की जा चुकी है।
MSSY से राज्य में बढ़ रहे रोजगार के अवसर..
पूर्ववर्ती MSSY योजना में 3.43 मेगावाट स्थापित क्षमता 13.6 करोड़ रूपए के अनुमानित निवेश की तुलना में मॉडिफाइड एमएसएसवाई योजना में 839 आवेदनों में से 297 संख्या ,संचयी क्षमता 44.94 MWp के एलओए, अब तक जारी किए जा चुके हैं। जिससे राज्य में रोजगार के अवसर के साथ-साथ लगभग 224 करोड़ रूपए के निवेश के अवसर पैदा होंगे। बता दें कि नई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 44.94 मेगावाट की स्थापना के बाद प्रदेशवासियों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
सीएम धामी के नेतृत्व में सपना हो रहा साकार..
जहां एक ओर एमएसएसवाई योजना रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं तो वहीं प्रदेश का ऊर्जा प्रदेश बनने का सपना भी साकार हो रहा है। इस से ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर Net Zero लक्ष्य प्राप्त करने के अधिक अवसर पैदा होंगे। मॉडिफाइड MSSY योजना में उत्तराखंड के निवासी उत्सुकता से आवेदन कर रहे हैं। आवंटन प्रक्रिया 246 MWp संचयी लक्ष्य उपलब्धि तक जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ही ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
उत्तराखंड के 10 साहित्यकारों को साहित्य गौरव सम्मान से सीएम धामी करेंगे सम्मानित..
उत्तराखंड: भाषा संस्थान ने वर्ष 2023 के साहित्य पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 10 साहित्यकारों को कई श्रेणियों में साहित्य गौरव सम्मान के लिए चुना। सीएम पुष्कर सिंह धामी 21 फरवरी को आईआरडीटी सभागार में सभी को सम्मानित करेंगे। दीर्घकालीन साहित्य सृजन के लिए साहित्यकार प्रो. लक्ष्मण सिंह बिष्ट बटरोही को सुमित्रानंदन पंत साहित्य गौरव, कथा साहित्य के लिए डॉ. सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी सम्मान दिया जाएगा। उत्तराखंड भाषा संस्थान की निदेशक स्वाति एस भदौरिया का कहना हैं कि इस वर्ष कुमाऊंनी लोक साहित्य में दीर्घकालिक साहित्य सृजन के लिए देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पंत पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
गढ़वाली लोक साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए भजन सिंह सिंह पुरस्कार गिरीश सुंदरियाल को प्रदान किया जाएगा। कुमाऊंनी एवं गढ़वाली में भिन्न बोलियों एवं उप बोलियों में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए गोविंद चातक पुरस्कार डॉ. सुरेश ममगाई को देने का निर्णय लिया गया। उर्दू साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार केए खान को मिलेगा। पंजाबी साहित्य दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए शिक्षक पूर्ण सिंह पुरस्कार प्रेम साहिल को, महाकाव्य, खंड काव्य एवं काव्य रचना के लिए महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रो. शैलेय को, अन्य गद्य विद्या के लिए डाॅ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार डाॅ. ललित मोहन पंत को एवं साहित्य की मासिक, त्रैमासिक पत्रिकाओं के लिए भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार गणेश खुगशाल गणी को दिया जाएगा।
मौलिक पुस्तक लेखन श्रेणी कथा साहित्य वर्ग में शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयनित डॉ. सुशील उपाध्याय को उनके उपन्यास सुनो, सबरीना के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। यह उपन्यास एक उज्बेकिस्तानी लड़की के संघर्ष की कहानी है। अब तक डॉ. सुशील उपाध्याय की 18 किताबें प्रकाशित हुई हैं।
BJP का महिला वोट बैंक साधने का प्रयास, लोकसभा चुनाव से पहले बनाया ये खास प्लान..
उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी इन दोनों प्रदेश के जिलों में जाकर जहां विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर आम जनता को कई सौगात देने का काम कर रहे हैं। तो वहीं हर जिले में जाकर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम भी सीएम कर रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी इन दोनों जिन भी जिलों का दौरा कर रहे हैं। उन जिलों में स्वयं सहायता समूह के तहत काम कर रही महिलाओं को प्रोत्साहन करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही हर जिले में महिलाओं के लिए आयोजित मेलों में भी शिरकत कर रहे हैं। यहां तक कि कन्या पूजन कर मातृ शक्ति को नमन करते हुए नजर आ रहे हैं। महिलाओं का उत्थान और महिलाएं सशक्त हों सीएम धामी उस दिशा में काम कर रहे हैं। जिससे समझा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी महिला वोट बैंक को भी साधने का काम कर रहे हैं।
महिला वोट बैंक भाजपा के लिए एक मजबूत कड़ी उत्तराखंड में बन चुका है। महिलाओं के बीच पहुंचकर जिस तरीके से सीएम धामी की तस्वीरें इन दिनों महिलाओं का सशक्त बनाने को लेकर देखी जा रही है उसे इसी दिशा में समझा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीएम भाजपा के लिए वोट बैंक और मजबूत करने की कोशिशों में इन दिनों लगे हुए हैं।
लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत..
लोकसभा चुनावों में साल 2004 महिलाओं का वोट प्रतिशत 44.94 तो पुरूषों का वोट प्रतिशत 53.43 रहा। साल 2009 की बात करें तो महिलाओं का वोट प्रतिशत51.11, पुरूषों का वोट प्रतिशत 56.67 रहा। साल 2014 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 63.37 और पुरूषों का वोट प्रतिशत 61.34 रहा। जबकि साल 2019 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 64.37 और पुरूषों का वोट प्रतिशत 58.87 रहा।
विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत..
साल 2002 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 52.64, पुरूषों का वोट प्रतिशत 55.94, साल 2007 महिलाओं का वोट प्रतिशत 59.45, पुरूषों का वोट प्रतिशत 58.95, साल 2012 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 68.84, पुरूषों का वोट प्रतिशत 65.74, साल 2017 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 69.30, पुरूषों का वोट प्रतिशत 58.95 और साल 2022 में महिलाओं का वोट प्रतिशत 67.20, और पुरूषों का वोट प्रतिशत 62.60 रहा।
महिला वोटरों ने पुरुषों को मतदान में छोड़ा पीछे..
उत्तराखंड राज्य गठन के कुछ सालों के बाद हुए चुनाव में जहां महिलाओं का वोट बैंक पुरुषों के मुकाबले काफी पीछे रहता था। तो वहीं अब महिला वोटरों ने पुरुषों को मतदान में उत्तराखंड में पीछे छोड़ दिया है जो कि आंकड़े बयां कर रहे हैं। यही वजह है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में महिला वोट बैंक हैं। खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि मातृ शक्ति का उत्थान बेहद जरूरी है।
प्रदेश सरकार के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम किए जा रहे हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि महिलाओं के पीएम मोदी और सीएम धामी आगे बढ़कर महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। यही वजह है कि महिलाएं भाजपा को वोट के रूप में आर्शीवाद दे रही हैं।
उत्तराखंड की मातृशक्ति भाजपा के साथ..
धामी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का भी कहना है कि महिलाओं के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार के द्वारा कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे महिलाएं सीधे लाभ उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि यही वजह है उत्तराखंड की मातृशक्ति आज भाजपा के साथ खड़ी नजर आ रही है। जबकि विपक्ष केवल इसे दिखावा मात्र करार दे रहा है।
हरिद्वार पहुंचे नितिन गडकरी, दी 4750 करोड़ परियोजनाओं की सौगात..
उत्तराखंड: परिवहन और राजमार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज हरिद्वार पहुंचे। यहां उन्हांने तीर्थनगरी में 4750 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 30 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से उत्तराखंड की सड़क कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी।
उनका कहना हैं कि हम सभी का सौभाग्य है कि गडकरी जैसे केंद्रीय मंत्री से प्रेरणा लेने का अवसर मिल रहा है। मानव सभ्यता में सड़क निर्माण महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री ने न केवल सड़कों से देश को जोड़ा कई संस्कृति और सभ्यता को भी जोड़ा है। विकास का नया अध्याय शुरू किया गया है। राज्य आध्यात्म की भूमि तो है ही अब विकास की भूमि के रूप में पहचान बनी है। चारधाम यात्रा में जहां कम यात्री आते थे, आज सड़कों के जाल बिछने से 56 लाख यात्री आए। ऑल वेदर रोड इसमें महत्वपूर्ण पहल है।
उत्तराखंड में प्रत्येक दिन चार किमी सड़क निर्माण हो रहा है। सीमांत क्षेत्रों में पूछा गया कि सड़कें क्यों नहीं बन रही तो बताया गया कि पूर्व की सरकारें डरती थीं कि दुशमन देश में आसानी से घुस जाएंगे। इस मिथक को तोड़ा गया। आज ऋषिकेश चीन की सीमा से सीधे जुड़ रहा है । तीन लाख पचास हजार करोड़ का निवेश हो रहा है। देश दुनिया के लोग आज उत्तराखंड से जुड़ रहे हैं। एचआरडीए की योजनाओं का भी लोकार्पण किया गया है। यह सौभाग्य का विषय है कि इन योजनाओं से देश दुनियां के लोगों को लाभ मिलेगा । उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में आज कुछ मांगने के लिए नहीं जाना पड़ता, खुद ही मिल रहा है। यह विकास की एक कड़ी है। जिससे हम सभी जुड़ रहे हैं।
इन ग्राम प्रधानों को मिल सकती है प्रोत्साहन राशि, शासन को भेजा गया प्रस्ताव..
उत्तराखंड: प्रदेश के सभी 7,795 ग्राम प्रधानों को कोविड काल में किए गए काम के लिए प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है। हर प्रधान को 10 हजार रुपये मिलेंगे, इसके लिए पंचायतीराज निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रदेश में कोविड के दौरान वर्ष 2019-20 और 2020-21 में कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्रामीणों ने जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए थे। कई गांवों में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए। जरूरतमंदों को भोजन, दवा एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई गई, लेकिन कोविड काल के बाद सरकार की ओर से ग्राम विकास अधिकारियों को प्रोत्साहन के रूप में 10-10 हजार रुपये की धनराशि दी गई, जबकि प्रधानों को छोड़ दिया गया।
इसके बाद से ही ग्राम प्रधान लगातार सरकार से प्रोत्साहन राशि की मांग करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि गांवों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए ग्राम प्रधानों ने काम किया, जबकि प्रोत्साहन राशि उन्हें न देकर वीडीओ को दी गई। पंचायतीराज निदेशालय के अधिकारियों का कहना हैं कि ग्राम प्रधानों की मांग पर निदेशालय की ओर से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। वीडीओ की तर्ज पर ग्राम प्रधानों को भी कोविड में किए गए कार्य के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा सके, इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।
हल्द्वानी पहुंची मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, DGP और ADG लॉ एंड आर्डर भी मौजूद..
उत्तराखंड: हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी मौके पर पहुंची है। इसके साथ ही डीजीपी अभिनव कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन हल्द्वानी पहुंचे हैं। डीजीपी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर मौके पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हल्द्वानी पहुंचकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना हैं कि “हम लोग पहले पूरी स्थिति को अच्छे से अध्ययन करेंगे और फिर उसके क्या लीगल बिंदु है वो देखेंगे। सरकार के खिलाफ कोई भी कार्रवाई होगी तो जो भी उसमें दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
हम स्थिति का पूरा अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी देंगे। दंगाइयों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। ” इसके साथ ही मुख्य सचिव ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ ही डीजीपी अभिनव कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमन भी हल्द्वानी पहुंचे हैं। वो स्थिति का जायजा ले रहे हैं। बता दें कि सीएम धामी खुद इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम धामी ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को हल्द्वानी में ही कैंप करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद वो हल्द्वानी पहुंचे हैं।
इन तीन हस्तियों को मिलेगा भारत रत्न- केंद्र सरकार..
देश-विदेश: सरकार ने तीन हस्तियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। ये तीन हस्तियां हैं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, एम एस स्वामी नाथन और नरसिम्हा राव। इन तीनों को भारत देने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को सरकार ने एक साथ भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर दी जानकारी
नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की बात करते हुए लिखा, “हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
उत्तराखंड विधानसभा ने रचा इतिहास, सीएम धामी के नेतृत्व में पास हुआ यूसीसी बिल..
उत्तराखंड: आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया। इसके साथ ही उत्तराखंड ने इतिहास रच दिया है। इस बिल के आने के बाद क्या कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यहां आसान भाषा में समझें।
UCC बिल पास कर उत्तराखंड ने रचा इतिहास
दो दिन लंबी चर्चा, बहस और तर्कों के बाद बुधवार की शाम सदन में समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 ध्वनिमत से पास हो गया। जहां एक ओर उत्तराखंड में अब लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी तो वहीं प्रदेश में विवाह का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है। इस बिल के प्रवाधान कुछ इस प्रकार है।
1- लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी।
2- शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा।
3- पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान कारण और आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा वही पत्नी के लिए भी लागू होगा।
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी। पहली पत्नी के जिंदा रहते दूसरी शादी नहीं हो सकेगी। हालांकि अनुसूचित जनजाति के लोग इस परिधि से बाहर रहेंगे
5 – उत्तराधिकार में लड़कियों को भी अब लड़कों के बराबर का हक मिलेगा। इसके साथ ही संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों को भी अब जैविक संतान माना जाएगा।
6- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा। यानी लिव इन रिलेशनशिप की जानकारी परिजनों को देनी होगी। इसके साथ ही लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस कपल का जायज बच्चा ही माना जाएगा। उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे।
7- नौकरीशुदा बेटे की मृत्यु पर पत्नी को मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी होगी। अगर पत्नी दूसरी शादी करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में माता-पिता का भी हिस्सा होगा।
8- अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता-पिता का कोई सहारा न हो तो उनके भरण पोषण के जिम्मेदारी पति की होगी।
9- सभी को अब गोद लेने का अधिकार मिलेगा।मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।
10- हलाला और इद्दत पर रोक होगी।
11- अगर पति-पत्नी के बीच झगड़े की स्थिति होती है तो ऐसे में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स यानी उने दादा-दादी को दी जा सकती है।