अब गढ़वाल मंडल में विकास की नब्ज टटोलेंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी..
पौड़ी गढ़वाल में होगी बैठक..
उत्तराखंड: विकास कार्यों की गति की नब्ज टटोलने के लिए अब सीएम पुष्कर सिंह धामी गढ़वाल मंडल के अधिकारियों की बैठक लेंगे। यह बैठक पौड़ी गढ़वाल मुख्यालय में हो सकती है। शासन व प्रशासन के सभी प्रमुख अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। सीएम विशेष रूप से सड़कों, निर्माण योजनाओं व मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के संबंध में रिपोर्ट लेंगे। बकौल मुख्यमंत्री सड़कें हमारी लाइफलाइन हैं, ये बेहतर हों, इसके लिए सबकी जिम्मेदारी तय होगी।
बता दें कि पिछले दिनों नैनीताल पहुंचकर मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल के विकास कार्यों की प्रगति जानी थी। बैठक में उन्होंने मंडलायुक्त दीपक रावत को खस्ताहाल व अधूरी सड़कों के संबंध में सख्त निर्देश दिए थे। विकास कार्यों को लेकर भी सीएम ने अफसरों को कड़ी हिदायत दी। कुमाऊं से लौटकर अब मुख्यमंत्री ने गढ़वाल मंडल के सभी जिलों में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति जानने का निर्णय लिया है।
ग्रामीण सड़कों की स्थिति के बारे में लेंगे जानकारी..
इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को बैठक की तैयारी करने के आदेश दिए हैं। यह बैठक पौड़ी मुख्यालय में हो सकती है। इस बैठक में शासन के उच्चाधिकारियों के अलावा मंडलायुक्त व विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी भी भागीदारी करेंगे। कई अधिकारी वर्चुअल माध्यम से भी जुड़ सकते हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अलावा नेशनल व स्टेट हाईवे, जिला मोटर मार्ग व ग्रामीण सड़कों की स्थिति के बारे में जानकारी लेंगे।
सूत्रों के अनुसार सीएम सड़कों को गड्ढ़ामुक्त बनाए जाने के अभियान के बारे में विशेष रूप से जानकारी लेंगे। सड़कें हमारी लाइफ लाइन हैं। साल भर देश व दुनिया से लोग यहां आते हैं। उन्हें अच्छी सड़कें मिलनी चाहिए ताकि सुविधा हो। सड़कों के लिए हमने डेडलाइन तय की है। इस डेडलाइन के आधार पर सड़कों को ठीक करने का अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी
दुबई के बाद देश के इन शहरों में रोड शो करेंगे सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले निवेश लक्ष्य को साधने के लिए घरेलू रोड शो में उतरेंगे। धामी अपने तीन कैबिनेट मंत्रियों के साथ चेन्नई, अहमदाबाद और मुंबई में रोड शो करेंगे। इन तीनों रोड शो का नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री धामी करेंगे। जिसके तहत वह बुधवार को चेन्नई जाएंगे। जहां मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश करने के लिए आमंत्रित करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार धामी सरकार अब निवेशक सम्मेलन से पूर्व सरकार हजारों करोड़ रुपये के निवेश की ग्राउंडिंग को पूरा करने के लिए घरेलू रोड शो में जुटेगी। अभी चेन्नई, मुंबई और अहमदाबाद के रोड शो तय हुए हैं। सोमवार को रोड शो की तैयारी बैठक हुई, जिसमें स्थान तय कर लिए गए। बताया जा रहा है कि 26 अक्तूबर को चेन्नई में होने वाले रोड शो में सीएम के साथ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज शामिल होंगे। दूसरा रोड शो 28 अक्तूबर को मुंबई में होगा, जिसमें कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के साथ धामी भी रहेंगे। तीसरा रोड शो एक नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री धामी के साथ कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि नई दिल्ली में निवेशकों को आकर्षित करने के अभियान के शुरुआत के साथ सरकार अब तक विदेश में रोड शो कर चुकी है। इसके लिए सरकार निवेशकों के साथ एमओयू भी कर रही है। ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर प्रदेश सरकार को काफी कामयाबी मिली। इन तीनों ही स्थानों पर हुए रोड शो में सरकार 54,550 करोड़ रुपये के एमओयू कर चुकी है। सरकार ने निवेशक सम्मेलन के जरिये ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश का लक्ष्य रखा है।
इस ARTO ऑफिस में अचानक पहुंचे CM धामी, अधिकारियों को दिए ये निर्देश..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज रामनगर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कार्बेट पार्क में जहां जंगल सफारी की तो वहीं वह अचानक सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय रामनगर पहुंच गए। सीएम के औचक निरीक्षण से मौके पर हड़कंप मच गया तो वहीं उन्होंने अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिए है।
मिली जानकारी के अनुसार रामनगर एआरटीओ कार्यालय का सीएम धामी ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कार्यालय के रिक्त पदों के साथ ही कार्यालय के अभिलेखों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। साथ ही उन्होंने एआरटीओ रामनगर संदीप वर्मा को दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए ओवललोडिंग ,हाईस्पीड व गलत तरीके से नशे मे वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालान की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को एआरटीओ कार्यालय की सभी व्यवस्थायें सही पाई गई जिस पर उन्होंने संतुष्टि भी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार सचिवालय से लेकर ब्लाक स्तर के सभी कार्यालयों में एक कार्य संस्कृति के तहत कार्य को अंजाम दे रही है साथ ही आम जनमानस के कार्य सुगमता से हो तथा बिचौलियों के द्वारा कार्यप्रणाली को लगाम लगे तथा आमजनमानस के जनता के कार्य लम्बित ना हो। सरकार की यही प्राथमिकता है कि आमजनता के कार्य बिना रूकावट व सरलता के साथ हों।
निवेश के समझौतों से उत्साहित सीएम पुष्कर सिंह धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निवेशक सम्मेलन को लेकर लंदन में आयोजित रोड शो में सहयोग के लिए वहां रह रहे प्रवासी भारतीयों खासतौर पर उत्तराखंड के प्रवासी लोगों का आभार व्यक्त किया है। विदेशी निवेशकों से हुए समझौतों से उत्साहित सीएम ने लंदन दौरे को सफल बताया। सीएम ने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रवासी उत्तराखंड निवासी विदेश में रहकर भी अपनी संस्कृति से जुड़े हुए हैं। अपनी मेहनत से उत्तराखंड के प्रवासी भाइयों ने अपना खास मुकाम बनाया है। उनका कहना हैं कि जिस अपनत्व भाव से उनका स्वागत किया गया उससे वे भावविभोर हैं। विदेश में रह रहे उत्तराखंड के प्रवासी भाई-बहन, उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर हैं। सीएम ने कहा कि लंदन भ्रमण बहुत ही सफल रहा है। निवेशकों से उत्साहवर्धक बात हुई है। निवेश के महत्वपूर्ण एमओयू हुए हैं। प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में राज्य का विकास हुआ है।
धामी सरकार में दायित्वों का बंटवारा, इन 10 नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में नेताओं का लंबे समय से चला रहा है इंतजार खत्म हो गया है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार ने दायित्वों का बंटवारा कर दिया है। 10 नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है। जिसकी सूची जारी कर दी गई है। आपको बता दे कि पिछले लंबे समय से भाजपा में दायित्वों बांटे जाने की इंतजार हो रहा था। सीएम धामी के लंदन जाने से पहले ही दायित्व बांटे जाने की सुगबुगाहट थी। गढ़वाल और कुमाऊं के नेताओं में इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति थी कि आखिरकार राज्य सरकार किसको दायित्व से नवाजेगी। इसी कड़ी में पहली लिस्ट 10 दायित्वधारियों की जारी की गई है।
बताया जा रहा है कि कुछ बड़े नेता और कुछ छोटे नेताओं को बड़े दायित्व दिए गए हैं। बुधवार देर रात शासन ने भाजपा के 10 वरिष्ठ नेताओं को दायित्व दिए जाने का आदेश जारी कर दिया। इनमें पांच विभिन्न परिषदों व संस्थाओं में अध्यक्ष और पांच उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। माना जा रहा है अब जल्द ही दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी। साथ ही दर्जा भी तय किया जाएगा।
इन्हें मिली जिम्मेदारी
1. ज्योति प्रसाद गैरोला : उपाध्यक्ष, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति (राज्य स्तरीय )
2. रमेश गड़िया : उपाध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य स्तरीय जलागम परिषद
3. मधु भट्ट : उपाध्यक्ष, उत्तराखंड संस्कृत साहित्य एवं कला परिषद
4. मुफ्ती शमून कासमी : अध्यक्ष, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद्
5. बलराज पासी : अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य बीज एवं जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण संस्था
6. सुरेश भट्ट : उपाध्यक्ष, राज्य स्तरीय राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद
7. अनिल डब्बू : अध्यक्ष, कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी)
8. कैलाश पंत : अध्यक्ष, उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड
9. शिव सिंह बिष्ट : उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना राज्य स्तरीय अनुश्रवण परिषद्
10. नारायण राम टम्टा : अध्यक्ष, हरिराम टम्टा परंपरागत शिल्प उन्नयन संस्था
धामी कैबिनेट बैठक में आज इन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर..
उत्तराखंड: आज सीएम धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। माना जा रहा है। कैबिनेट बैठक में यूसीसी के मसौदे समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। आज धामी कैबिनेट में प्रदेश की पहली सेवा क्षेत्र नीति पर मुहर लग सकती है। इसके साथ ही वित्त विभाग भूमि की ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा से जुड़ा प्रस्ताव भी लाया जा सकता है। इस व्यवस्था के लागू होने से वीडियो कॉल के माध्यम से भी जमीन की रजिस्ट्री कराई जा सकेगी।
वहीं बैठक में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। साथ ही उत्तराखंड रोडवेज की बसों में छात्रों को राहत-किराये में 50% छूट, माध्यमिक शिक्षा विभाग स्कूलों में प्रधानाचार्य को खाली पदों पर नियमित शिक्षकों की तैनाती होने तक प्रति पीरियड के आधार पर शिक्षकों को रखने का अधिकार पर भी मुहर लग सकती है।
राजाजी की 34 एकड़ भूमि में अतिक्रमण कर खेती कर रहे गुज्जर..
दो हफ्ते के भीतर हटाने के दिए निर्देश..
उत्तराखंड: वन भूमि में अतिक्रमण को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी की सख्ती के बाद वन महकमा सक्रिय हो गया है। प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने लगातार दूसरे अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व में वन गुज्जरों की ओर करीब 34 एकड़ वन भूमि पर अतिक्रमण कर खेती किए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल वन भूमि को खाली कराए जाने के निर्देश दिए। बुधवार को पीसीसीएफ अनूप मलिक ने शिवालिक वृत्त और राजाजी टाइगर रिजर्व के वनाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने सख्त लहजे में पूछा कि जंगल में गुज्जर कैसे खेती कर रहे हैं, वहां लगातार उनकी आबादी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सेटेलाइट से प्राप्त चित्राें में इस बात के प्रमाण मिले हैं, वहां बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। उन्होंने इस अतिक्रमण को दो हफ्ते के भीतर हटाने के साथ सेटेलाइट चित्रों के साथ साक्ष्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
खनन नदियों के किनारे अतिक्रमण चिन्हित..
पीसीसीएफ मलिक ने कहा कि सभी डीएफओ, वन क्षेत्राधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें अन्यथा लापरवाही के लिए उन्हें जिम्मेदार समझा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार और हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए नदी श्रेणी और खनन नदियों के किनारे चिन्हित अतिक्रमण को दो हफ्ते में हटाएं। मलिक का कहना हैं कि हर फॉरेस्ट डिविजन में समन्वयक कार्मिक नियुक्त करते हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए और नोडल अधिकारी को मुख्यालय में रोजाना रिपोर्ट करें जिसे सीएम कार्यालय और शासन को भेजा जाएगा।
पीसीसीएफ ने धीमी कार्रवाई पर जताई नाराजगी..
पीसीसीएफ अनूप मलिक ने शिवालिक वृत्त में धीमी कार्रवाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पिछले चार माह में मात्र 25 हेक्टेयर वन भूमि ही अतिक्रमण मुक्त हो पाई है। यह निराशाजनक प्रदर्शन है। इस अभियान में वन अधिकारियों को फील्ड में जाकर एक्शन लेने की जरूरत है। वृत्तवार चिह्नित किए गए हैं अतिक्रमण नोडल अधिक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि शिवालिक वृत्त के तहत देहरादून वन प्रभाग में 580 हेक्टेयर, हरिद्वार वन प्रभाग में 51 हेक्टेयर और राजाजी टाइगर रिजर्व में सात हेक्टेयर वन क्षेत्र में अतिक्रमण चिन्हित किया गया है।
उत्तराखंड में एक और भर्ती परीक्षा पर लगी रोक, सीएम धामी ने दिए आदेश..
उत्तराखंड: प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर जहां उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी सख्त नजर आ रहे हैं। इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून भी सीएम धामी के द्वारा उत्तराखंड में बनाया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी कई भर्ती परीक्षाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच सीएम धामी ने एक और भर्ती परीक्षा स्थगित कर दी है। जहां एक ओर प्रदेश में परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से कराने के लिए नकल विरोधी कानून लाया गया तो वहीं दूसरी ओर इसको लेकर सीएम धामी भी सख्त हैं।
लेकिन एक बार फिर से एक और भर्ती परीक्षा पर रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से की जा रही आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा की भर्ती में भी कई तरीके के सवाल उठाए जा रहे थे। जिसको लेकर एबीवीपी के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल बीते दिनों सीएम धामी के पास पहुंचा था। जिसके बाद सीएम धामी ने आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा भर्ती परीक्षा को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है।
इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होने से एक दिन पहले भर्ती स्थागित..
आपको बता दे कि शुक्रवार से भर्ती प्रक्रिया के तहत इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होनी थी। लेकिन गुरुवार को ही सीएम धामी ने इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू होने से एक दिन पहले भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। इस मामले में सीएम धामी का कहना है कि कुछ सवाल भर्ती प्रक्रिया को लेकर उठ रहे थे। जिस कारण उन्होंने फ़िलहाल इस भर्ती परीक्षा को स्थगित कर दिया है।
बेरोजगार संगठन के द्वारा इस भर्ती परीक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। जिसके बाद सीएम धामी ने भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किया है। वहीं चिकित्सा चयन बोर्ड की एक और भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।
जिसमें लिखित परीक्षा में चार नंबर वालों के चयन की बात सामने आ रही है। जिस पर सीएम धामी का कहना है कि अभी चिकित्सा चयन बोर्ड के द्वारा चिकित्सा अधिकारी के पदों को लेकर फाइनल सिलेक्शन नहीं हुआ है। सभी का आंकलन किया जा रहा है।
उत्तराखंड सेवा अधिनस्थ चयन आयोग के बाद जहां लोक सेवा आयोग सवालों के घेरे में आया था। तो वहीं अब चिकित्सक चयन बोर्ड की भर्ती परीक्षा भी सवालों के घेरे में आ रही है। ऐसे में सीएम धामी ने चिकित्सा चयन बोर्ड की भर्ती परीक्षा को फ़िलहाल स्थगित कर ये संदेश दे दिया है कि किसी तरीके की कोई गड़बड़ी होगी तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चमोली जिले में हुआ बड़ा हादसा,दरोगा समेत 16 लोगों की करंट लगने से मौत..
उत्तराखंड: चमोली जिले से बड़ा हादसे की खबर है। बताया जा रहा है कि चमोली में नमामि गंगे के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के पास करंट फैल गया है। जिस समय हादसा हुआ, उस वक्त साइट पर 24 लोग मौजूद थे, झुलसे से करीब 16 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। वहीं सीएम धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए है।
जानकरी के अनुसार चमोली जिले में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर बड़ा हादसा हो गया। बताया जा रहा है कि ट्रीटमेंट प्लांट में काम करने वाले युवक की रात्रि में मौत हुई, सुबह पुलिस कार्रवाई के लिए पहुंची। तो इस दौरान मृतक के स्वजनों सहित अन्य लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसी बीच वहां करंट फैला और मौजूद लोग इसकी चपेट में आ गए।
जिससे बड़ी संख्या में कई लोग झुलस गए। घायलों को आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने 10 लोगों को मृत घोषित कर दिया। झुलसने वालों में तीन की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली घटना पर दुख जताते हुए न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने घटना की विस्तृत और गहन जांच के निर्देश दिए है। उन्होंने डीएम चमोली से घटना की जानकारी ली। घायलों को देहरादून लाया जा रहा।
प्रदेश में जल्द विकसित किए जाएंगे दो नए हिल स्टेशन, मिलेगी ये सुविधाएं..
उत्तराखंड: प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार अब नए हिल स्टेशन बनाने की कवायद शुरू कर रही है। ये हिल स्टेशन गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में विकसित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अफसरों को इसके लिए स्थल चयन करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में नए हिल स्टेशन बनाने के पीछे सरकार की मंशा पर्यटकों का उत्तराखंड के अन्य टूरिस्ट स्पॉट से रूबरू कराने की है। मुख्यमंत्री चामी ने इसके लिए सचिव शैलेश बगोली और विनय शंकर पांडेय की दोनों मंडलों के पर्वतीय क्षेत्रों में एक एक ऐसे स्थल चयनित करने के निर्देश दिए है , जहां हिल स्टेशन विकसित करने की संभावनाएं हैं। माना जा रहा है कि इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजगार के अवसर बढ़ने वहाँ पलायन पर भी अंकुश लगेगा ।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में ब्रिटिश काल के बाद कोई हिल स्टेशन विकसित नहीं हुआ है। मसूरी लेंसडौन नैनीताल व रानीखेत पर पर्यटकों का लगातार दबाव रहता है । वहीं इन शहरों में अब इतना स्थान नहीं बचा कि वहां अन्य निर्माण कार्य कर उसे और विकसित किया जा सके। इन शहरों के सौंदर्यीकरण पर बेतरतीब निर्माण कार्यों का भी प्रभाव पड़ा है।