महाकुंभ के दौरान आयोजित हो रही विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय
मार्गदर्शक मंडल की बैठक में प्रमुख साधू-संतों के अलावा विहिप
के केंद्रीय पदाधिकारी भाग लेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
महाकुंभ के आयोजन के बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार 9 अप्रैल को हरिद्वार में होगी। प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे तक चलने वाली यह बैठक भोपतवाला स्थित अखंड परमधाम आश्रम में होगी।
मार्गदर्शक मंडल की इस बैठक में देशभर के वरिष्ठ साधू-संतों के अतिरिक्त विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे, केन्द्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी, मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र सहित अनेक केंद्रीय पदाधिकारियों के भाग लेने की संभावना है।
बैठक में श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान तथा मंदिर निर्माण, हिंदू मंदिरों की स्वायत्तता व सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, धर्मांतरण व लव जिहाद जैसे अनेक सम-सामयिक विषयों पर चर्चा की संभावना है। विहिप हिन्दू मंदिरों की स्वायत्तता की पक्षधर है और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त रखना चाहती है।
हाल ही में तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए घोषित अपने संकल्प पत्र में भाजपा ने जब धर्मांतरण का विरोध और मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त करने की बात कही, तो विहिप ने भाजपा की इस घोषणा का बयान जारी कर स्वागत किया था।
उल्लेखनीय है कि, उत्तराखंड में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री समेत लगभग 50 से अधिक मंदिरों को अधिग्रहित कर बनाए गए उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर तीर्थ-पुरोहित समाज और स्थानीय हक-हकूकधारी नाराज हैं। विहिप की मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के अभियान से देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे लोगों के पक्ष को मजबूती मिलेगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 जनवरी से गुजरात के कर्णावती में आयोजित होगी। संघ की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझी जाने वाली यह बैठक वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है।
कर्णावती डेंटल कॉलेज, उवारसद में 5 से 7 जनवरी तक आयोजित होने वाली बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी सहित संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आदि जैसे आनुषांगिक संगठनों के चुनिंदा केंद्रीय पदाधिकारी भी भाग लेंगे।