राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसस) के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले को सर्वसम्मति से संगठन का नया सरकार्यवाह चुना गया है। वे सुरेश (भैय्याजी) जोशी का स्थान लेंगे।
बेंगलुरु में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन शनिवार को होसबाले के नाम पर मुहर लगी। वे वर्ष 2009 से संघ के सह-सरकार्यवाह के दायित्व का निर्वहन कर रहे थे। संघ में सरसंघचालक के बाद
दूसरा सबसे महत्पूर्ण पद सरकार्यवाह (महासचिव) का होता है।
प्रत्येक तीन वर्ष में होता है चुनाव
संघ में सरसंघचालक के पद पर नियुक्त व्यक्ति आजीवन पद पर बने रहते हैं। किसी अपरिहार्य परिस्थिति में वे अपने उत्तराधिकारी का चयन स्वयं करते हैं। मगर सरकार्यवाह के पद पर प्रत्येक 3 वर्ष में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में चुनाव होता है। निवर्तमान सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी इस पद पर लगातार चार बार निर्वाचित हुए।
Bangaluru : Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha of RSS elected Shri Dattatreya Hosabale as its ‘Sarkaryavah’. He was Sah Sarkaryavah of RSS since 2009. pic.twitter.com/ZZetAvuTo4
— RSS (@RSSorg) March 20, 2021
कौन हैं दत्तात्रेय होसबाले
संघ के नए सरकार्यवाह नियुक्त हुए दत्तात्रेय होसबाले की पहचान एक विचारक के रूप में होती है। उनका का जन्म 1 दिसंबर 1954 में कर्नाटक के शिमोगा जिले के होसबाले गांव में हुआ। उन्होंने बेंगलूरु यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर तक की शिक्षा ग्रहण की।
13 वर्ष की आयु में बने संघ के स्वयंसेवक
होसबाले 1968 में 13 वर्ष की आयु में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े। वर्ष 1978 में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के पश्चात पूर्णकालिक बने। विद्यार्थी परिषद में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने के पश्चात वे वर्ष 1992 से 2003 तक 11 वर्षों तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। वे वर्ष 2003 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बने और वर्ष 2009 में सह-सरकार्यवाह के पद पर नियुक्त हुए।
आपातकाल में 14 माह तक जेल रहे
होसबाले 1975 में आपातकाल के दौरान चले आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और लगभग 14 माह तक ‘मीसा’ के अंतर्गत जेल में रहे।
कई भाषाओं के हैं ज्ञाता
होसबाले अपनी मातृभाषा कन्नड़ के अतिरिक्त अंग्रेजी, तामिल, मराठी, हिंदी व संस्कृत सहित अनेक भाषाओं के ज्ञाता हैं। वे कन्नड़ मासिक पत्रिका असीमा के संस्थापक संपादक भी रहे।
होसबाले भारत में पढ़ रहे विदेशी छात्रों का संगठन विश्व विद्यार्थी युवा संगठन (WOSY) के संस्थापक महामंत्री रहे।उन्होंने अमेरिका, यूरोप सहित विश्व के अनेक देशों का भ्रमण किया है।
कार्यकारिणी में हुआ ये बड़ा बदलाव
डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, सीआर मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर को सह-सरकार्यवाह की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राम लाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख, सुनील अम्बेकर को अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख व आलोक कुमार को अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नियुक्त किया गया है।
निवर्तमान सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी, निवर्तमान सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी व वी भगैया, सुहास राव हिरेमथ, इंद्रेश कुमार, प्रो अनिरुद्ध देशपांडे व उदय कुलकर्णी को केंद्रीय कार्यकारिणी मंडल का सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही भाजपा में राष्ट्रीय महामंत्री रहे राम माधव को भी कार्यकारिणी मंडल में रखा गया है।
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तीन वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सर्वोच्च इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक 19 व 20 मार्च को बेंगलुरु में आयोजित होगी। बैठक में संघ की पिछली तीन साल की गतिविधियों व कार्यक्रमों और आगामी तीन वर्षों का रोडमैप तय किया जाएगा। बैठक में नए सरकार्यवाह के चुनाव की प्रक्रिया भी संपन्न होगी।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने बेंगलुरु में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि हर तीन साल में हम कार्य की समीक्षा करते हैं। पिछले तीन वर्षों संघ कार्य के विस्तार, ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण (विशेषकर जल संरक्षण, पौधारोपण, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग), सामाजिक परिवर्तन को लेकर योजना तय की थी। प्रतिनिधि सभा में तीन साल में किए कार्य को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होगी कि हम कहां तक पहुंच पाए। सामाजिक परिवर्तन (सोशल ट्रांसफ़ॉर्मेशन) के कार्य में कितना आगे बढ़ सके। इसके साथ ही आने वाले तीन सालों की योजना पर भी चर्चा होगी, हमारी दिशा क्या होनी चाहिए, इस पर भी बैठक में चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक पिछले वर्ष आयोजित होनी थी। मगर कोरोना महामारी के चलते बैठक स्थगित कर दी गयी थी। प्रतिनिधि सभा में 1500 लोग अपेक्षित रहते हैं, लेकिन कोरोना का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए 450 प्रतिनिधियों को ही बैठक में बुलाया गया है। साथ ही तीन दिन के बजाय बैठक दो दिन की रखी गयी है। उन्होंने कहा कि संघ कार्य की दृष्टि से 44 प्रांत बनाए हैं। इन प्रांतों के संघ के निर्वाचित प्रतिनिधि व अन्य लगभग 1000 लोग 44 स्थानों से ऑनलाइल माध्यम से बैठक में जुड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के एक साल में भले ही संघ की प्रतिदिन की गतिविधियां कम थीं। मगर संघ के स्वयंसेवकों व कार्यकर्ताओं ने लगातार समाज से व्यापक संपर्क बनाए रखा। इस दौरान अनेक सामाजिक- धार्मिक संगठन, समाज के लिए कार्य करने वाले लोग हमारे निकट आए, हमसे जुड़े, हम अनेक नए स्थानों पर पहुंचे। इन सभी को साथ लेकर समाज जागरूकता के लिए क्या-क्या कर सकते हैं, इसे लेकर भी बैठक में चर्चा होगी।
संघ को मिल सकते हैं नए सरकार्यवाह
यहां यह भी बता दें कि संघ के सबसे बड़े दूसरे पद सरकार्यवाह का हर तीन साल में चुनाव होता है। 20 मार्च को सरकार्यवाह के चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होगी। सूत्रों के अनुसार संघ के वर्तमान सरकार्यवाह सुरेश (भय्या जी) जोशी अपनी आयु को देखते हुए पद को छोड़ना चाहते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में उनके उत्तराधिकारी का भी चुनाव होगा।