शराब घोटाले में क्या है गड़बड़ी, कैसे शुरू हुई जांच और कितने लोग हुए गिरफ्तार..
देश-विदेश: एक तरफ देश लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ दिल्ली की सियासत में एक बड़ा उफान देखने को मिला है। इस बार ये गाज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के ऊपर गिरी है। शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। आजाद भारत में ऐसा कम ही हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री को इस तरह से गिरफ्तार किया गया हो। वहीं इससे पहले आप पार्टी को दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही जेल जा चुके हैं। और अब अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की जा रही है। जहां केजरीवाल की गिरफ्तारी को आप के कार्यकर्ता भाजपा की साजिश बता रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने केजरीवाल को अपना समर्थन दिया है। देश भर में आप के कार्यकर्ता अपने मुखिया की गिरफ्तारी से नाराज है और जगह जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। आइये जानते हैं कि शराब घोटाला क्या है।
क्या है दिल्ली की नई शराब नीति..
दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया था।
इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं।
इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं।
नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया।
इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं।
नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
इसी के साथ एक और परिवर्तन देखने को यह मिला कि नई नीति के बाद शराब की दुकान के लिए जो लाइसेंस लगता था, उसकी फीस कई गुना बढ़ गई थी। तकनीकी भाषा में उसे एल 1 लाइसेंस कहते हैं जिसके लिए कोई दुकानदार पहले 2 लाख रुपये देते थे, बाद में पांच करोड़ तक देने पड़ रहे थे। लेकिन फिर विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि नीति लागू होने के बाद राजस्व में भारी कमी के आरोप लगने लगे।
कैसे हुई मामले में जांच?
ये बात है साल 2022 की जब दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी थी। इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई,2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस पर सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई और ईडी का आरोप..
वहीं सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
वहीं मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी।
दिल्ली शराब घोटाले में कौन-कौन गिरफ्तार.
वहीं अब तक इस मामले में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उनमें विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता हैं । वहीं अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी से देशभऱ में प्रदर्शन..
केजरीवाल की गिरफ्तारी से देशभऱ में प्रदर्शन हो रहे हैं। उनके समर्थक खासा नाराज हैं। इस बीच दिल्ली के आईटीओ पर विरोध प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
आम आदमी पार्टी बनी राष्ट्रीय पार्टी,केजरीवाल ने जेल में बंद सिसोदिया-जैन को किया याद..
देश-विदेश: आम आदमी पार्टी को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को किए गए एलान के बाद से आम आदमी पार्टी बेहद उत्साहित है और उसके कार्यकर्ता लगातार जश्न मना रहे हैं। इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं और देश की जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा कि राष्ट्रीय पार्टी बनना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हमारी पार्टी ने देश को नई दिशा दी है। केजरीवाल ने अपने आलोचकों को भी तहेदिल से बधाई दी है।
पहले हमारे पास न पैसे थे न लोग, आज लोग बहुत हैं लेकिन पैसे..
उन्होंने कहा जब हमने शुरू किया था तब पैसे नहीं थे लोग नहीं थे, अब भी पैसे नहीं थे लेकिन आदमी बहुत हैं। केजरीवाल ने कहा कि आज सोचता हूं तो लगता है कि हमारी कोई औकात नहीं लेकिन हम कहां से कहां पहुंचे, इसका मतलब भगवान हमसे देश के लिए कुछ कराना चाहता है। हम तो निमित्त मात्र हैं। केजरीवाल ने कहा कि आज इस मौके पर मनीष और जैन जी की बहुत याद आ रही है। वो होते तो इस मौके पर चार चांद लग जाते। वो संघर्ष कर रहे हैं, देश के लिए हम सबके लिए। इस वक्त देश की सभी राष्ट्रविरोधी ताकतें जो इस देश का भला नहीं चाहतीं, जो देश की तरक्की नहीं चाहतीं, वो आम आदमी पार्टी को रोक रही हैं।
‘मनीष सिसोदिया का क्या कसूर है?’
मनीष सिसोदिया का क्या कसूर है? केजरीवाल ने इस दौरान एक सरकारी स्कूल का किस्सा सुनाया कि वो सरकारी है लेकिन वहां फ्रेंच, स्पेनिश, जापानी और जर्मन भाषा पढ़ाई जाती है। मेरी पढ़ाई भी बड़े स्कूल में हुई लेकिन वहां ऐसी सुविधा नहीं थी। तो मनीष सिसोदिया का कसूर है कि उसने गरीब के बच्चों को सपने देखने सिखाए कि सपने देखो। बड़े-बड़े सपने देखो। 75 साल से गरीब का बच्चा बिना अच्छी शिक्षा के रह जाता था और उसको उसने पढ़ने का सपना दिखाया।
जैन साहब क्या कसूर था?
केजरीवाल ने आगे कहा कि जैन साहब का क्या कसूर था कि जो भी इस देश में पैदा हो उसे अच्छी और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिले। मुफ्त दवा मिले। सरकार गरीब आदमी का इलाज कराएगी। लेकिन सारी राष्ट्रविरोधी ताकतें उनके खिलाफ हो गईं।
केजरीवाल ने सोमवार को कही थी ये बात..
इससे पहले सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग द्वारा आप के राष्ट्रीय पार्टी बनने की घोषणा के बाद ट्वीट किया गया था। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। सबको बहुत बहुत बधाई देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहां तक पहुंचाया। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है हे प्रभु, हमें आशीर्वाद दो कि हम ये जिम्मेदारी अच्छे से पूरी करें।
केजरीवाल के मुफ्त बिजली कार्ड को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई..
उत्तराखंड: 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने संबंधी आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई के लिए 8 जनवरी की तिथि तय की है। याचिका में चुनाव आयोग भारत सरकार, चुनाव आयोग उत्तराखंड, उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार अजय कोठियाल को पक्षकार बनाया गया है।
आपको बता दे कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। विकासनगर निवासी और उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रह चुके संजय जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के कर्नल अजय कोठियाल की ओर से उनकी सरकार आने पर उत्तराखंड की जनता को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का केजरीवाल मुफ्त बिजली गारंटी कार्ड दिया जा रहा है।
इसमें शर्त रखी गई है कि पहले लोगों को पार्टी से जारी मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल करनी है। इसके बाद लोगों को 300 यूनिट बिजली का गारंटी कार्ड जारी किया जा रहा है । यह कार्ड सदस्यों को संभाल के रखना है, तभी उन्हें सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री में दी जाएगी। याचिकाकर्ता का कहना था कि आम आदमी पार्टी की ओर से इस तरह रजिस्ट्रेशन करवाना पूरी तरह असंवैधानिक है।
इस तरह के गारंटी कार्ड देना लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के विरुद्ध है। यह कृत्य भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। यह आचरण जनता को गुमराह करने वाला है। याचिकाकर्ता का कहना था कि वे इसका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन सरकार गठित हुए बिना इस तरह के गारंटी कार्ड देना जनता को धोखा देना है।