उत्तराखंड पुलिस के कोर्स में शामिल हुई हिंदी में लिखी कानून की किताबें, पिछलों दिनों हुए कई बदलाव..
उत्तराखंड: 150 साल पुराने उर्दू शब्द अब पुलिस ट्रेनिंग से हटा दिए गए हैं। कानून की किताबों में इन उर्दू शब्दों का स्थान वर्तमान में चलने वाली आसान हिंदी के शब्दों ने लिया है।। हाल ही में आईजी ट्रेनिंग के निर्देश पर अब नई किताबों को छपवा दिया गया है।
इसके बाद अब इन्हें पुलिस के प्रशिक्षण संस्थानों में लागू भी कर दिया गया है। नए प्रशिक्षु अब हिंदी में ही इन किताबों का अध्ययन करने के बाद पुलिस फोर्स का हिस्सा बनेंगे। भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, साक्ष्य अधिनियम आदि की किताबें लगभग 150 साल पहले लिखी गई थीं। अंग्रेजी शासन के वक्त लिखी गई इन कानून की किताबों में उस वक्त प्रचलन में रही उर्दू का इस्तेमाल होता था।
वर्तमान में भी पुलिस अपनी ज्यादातर कार्रवाई में इन्हीं उर्दू शब्दों का प्रयोग करती आ रही थी। लेकिन, कालांतर में ये शब्द स्कूल, कॉलेज की पढ़ाई से भी दूर हो गए। ऐसे में जो नए अधिकारी और कर्मचारी भर्ती होते थे उन्हें इन शब्दों के प्रयोग में कठिनाई होती थी।
यही नहीं निचली अदालतों में भी हिंदी में न्याय सबको भाये अभियान के तहत कार्यवाही होती है। ऐसे में पुलिस की यह भाषा नए अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों के लिए भी कठिन थी। पुलिस अपनी जीडी में भी इसी तरह की उर्दू का इस्तेमाल करती है। साथ ही बयान भी इसी के आधार पर दर्ज किए जाते हैं। लेकिन, अब नए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारी इस समस्या का सामना नहीं करेंगे। वे आसान सामान्य बोलचाल की हिंदी में ही पढ़ेंगे और फिर अपनी कार्रवाई भी इसी भाषा में करेंगे। पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के लिए इन किताबों की छपाई काम भी पूरा कर इन्हें लागू कर दिया गया है।
उत्तराखंड पुलिस के 1611 कांस्टेबल को मिला बड़ा तोहफा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड पुलिस में सेवा दे रहे 1611 कांस्टेबलों को प्रमोशन का तोहफा दिया गया है। इन कांस्टेबलों की सूची जारी की गई है। प्रमोशन पाकर अब ये कांस्टेबल हेड कांस्टेबल बन गए हैं। जिससे पुलिस कर्मियों में खुशी की लहर है। पुलिस मुख्यालय द्वारा हेड कांस्टेबल पद पर प्रोन्नत हुए जवानों की सूची जारी हो गयी है। बताया जा रहा है कि प्रथम चरण में नागरिक पुलिस के 1611 कांस्टेबल प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल बन गए हैं।
सशस्त्र पुलिस, पी0ए0सी0 में शीघ्र पदोन्नित की जाएगी।वहीं डीजीपी अशोक कुमार ने सभी पदोन्नत पुलिस कर्मियों को बधाई दी। उनका कहना हैं कि हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति मिलने से पुलिस जवानों का मनोबल बढ़ा है। जल्द ही नागरिक पुलिस के शेष 380 पदों को शिथिलीकरण लेकर भरने का प्रयास किया जाएगा।
उत्तराखंड के पुलिस दस्ते में बुधवार को महिला कमांडो भी शामिल हो गईं। राजधानी देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में 22 महिला कमांडो और स्मार्ट चीता पुलिस के 104 जवान औपचारिक रूप से पुलिस दस्ते का हिस्सा बन गए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। इसके साथ उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमांडो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है। कमांडो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी हैं। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमांडो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया गया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमांडो प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना काॅर्की, पीटीसी नरेन्द्र नगर के प्रशिक्षक हितेश कुमार, कमांडो निरीक्षक नीरज कुमार व महिला कमांडो को सम्मानित किया। कार्यक्रम में महिला कमांडो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। इस दौरान चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।
देहरादून। पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर पदोन्नत होने के बावजूद लम्बे समय से राजधानी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की कुर्सी पर बैठे रहे अरुण मोहन जोशी का आखिरकार तबादला हो गया। उन्हें DIG, सतर्कता, पीएसी व एटीसी के पद पर स्थानांतरित किया गया है। देहरादून के SSP की कुर्सी योगेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार ने गुरूवार को पांच IPS अधिकारियों के कार्यभार में फेरबदल किया है। इस फेरबदल में DIG गढ़वाल की जिम्मेदारी संभाल रहे IG स्तर के अधिकारी अभिनव कुमार को प्रभारी अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) के रूप में पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक, सतर्कता व पीएसी के पद पर तैनात नीरू गर्ग को DIG गढ़वाल परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है। देहरादून के SSP बनाये गए योगेंद्र सिंह रावत की जगह पर तृप्ति भट्ट को टिहरी के SSP के पद पर स्थानांतरित किया गया है। तृप्ति के पास अभी तक SDRF के सेनानायक की जिम्मेदारी थी