उत्तराखंड शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पांच वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया है। गृह विभाग के सचिव शैलेश बगौली द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं। इस फेरबदल में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती में बदलाव किया गया है, जिससे पुलिस प्रशासन में नए सिरे से कार्यक्षमता बढ़ाने की कोशिश की गई है।
किन अधिकारियों को कहां मिली नई जिम्मेदारी?
1. मुकेश कुमार – पुलिस महानिरीक्षक (IG) PAC
आईपीएस मुकेश कुमार को उनके वर्तमान पद से मुक्त करते हुए पुलिस महानिरीक्षक, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) के रूप में तैनात किया गया है। पीएसी उत्तराखंड पुलिस का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो विशेष सुरक्षा अभियानों और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।
2. धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल – पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG), अपराध एवं कानून व्यवस्था
आईपीएस धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल, जो अभी तक सहायक पुलिस महानिरीक्षक (AIG) कारागार के पद पर कार्यरत थे, उन्हें पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG), अपराध एवं कानून व्यवस्था का पदभार सौंपा गया है। अपराध और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है, और उनके अनुभव को देखते हुए यह नियुक्ति की गई है।
3. रचिता जुयाल – पुलिस अधीक्षक (SP), सतर्कता अधिष्ठान
आईपीएस रचिता जुयाल, जो अब तक पुलिस मुख्यालय में सेवाएं दे रही थीं, को पुलिस अधीक्षक (SP), सतर्कता अधिष्ठान के पद पर नियुक्त किया गया है। यह विभाग सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार, कदाचार और अनुशासनहीनता की निगरानी रखने का काम करता है।
4. जितेंद्र मेहरा – पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात, हरिद्वार
आईपीएस जितेंद्र मेहरा को हरिद्वार जिले के पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात का पद सौंपा गया है। वह पहले से हरिद्वार में अपर पुलिस अधीक्षक (Addl. SP) के रूप में कार्यरत थे। उनकी नई भूमिका में अपराध नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी शामिल होगी।
5. निहारिका तोमर – पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात, ऊधम सिंह नगर
आईपीएस निहारिका तोमर, जो पहले ऊधम सिंह नगर जिले में अपर पुलिस अधीक्षक (Addl. SP) के रूप में कार्यरत थीं, उन्हें अब पुलिस अधीक्षक (SP), अपराध एवं यातायात, ऊधम सिंह नगर बनाया गया है। यह क्षेत्र राज्य के सबसे संवेदनशील जिलों में से एक है, जहां अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन की अहम भूमिका होगी।
तबादले का उद्देश्य: पुलिस व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाना
उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए इन तबादलों का उद्देश्य राज्य में अपराध पर नियंत्रण, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, सतर्कता विभाग को सशक्त बनाना और पुलिस प्रशासन की दक्षता को बढ़ाना है।
. मुकेश कुमार को IG PAC बनाकर कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने का प्रयास किया गया है।
. धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल को अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी देकर राज्य में अपराध दर को कम करने की दिशा में कदम उठाया गया है।
. रचिता जुयाल को सतर्कता अधिष्ठान में तैनात कर भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्णय लिया गया है।
. जितेंद्र मेहरा और निहारिका तोमर को हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में अपराध नियंत्रण और यातायात प्रबंधन का जिम्मा सौंपकर राज्य के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
इस फेरबदल के बाद उत्तराखंड पुलिस प्रशासन में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। इन अधिकारियों के पास अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है, जो राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायक साबित होगा। उत्तराखंड सरकार ने सही अधिकारियों को सही पदों पर तैनात करके पुलिस तंत्र को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
नरेंद्रनगर स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (पीटीसी) में प्रशिक्षण प्राप्त कर उत्तराखंड पुलिस सेवा (यूपीएस) संवर्ग के १७ अधिकारी गुरूवार को उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा बन गए। पीटीसी में पुलिस उपाधीक्षक आधारभूत प्रशिक्षण दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया। सम्मानित होने वाले पुलिस उपाधीक्षकों में रीना राठोर, नताशा सिंह, अभिनय चौधरी, स्वप्निल मुयाल, सुमित पाण्डे शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पीटीसी में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा। साइबर क्राइम को रोकने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण भत्ता देने की घोषणा भी की।
तीरथ ने प्रशिक्षण के उपरांत पास आउट होने वाले सभी पुलिस उपाधीक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है। प्रशिक्षण ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं को कानूनों की जानकारी के अलावा शस्त्र संचालन आदि अनेक प्रकार के जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया होगा, परंतु क्षमताओं का वास्तविक आंकलन तो तभी होगा जब हम अपने सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल को अपने व्यवहारिक जीवन सही व सहज तरीके से प्रयोग करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में साईबर एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से होने वाले आर्थिक अपराधों, साईबर अपराधों एवं सामाजिक अपराधों से निपटना पुलिस के लिए प्रमुख चुनौती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुलिस अन्य अपराधों के अलावा साइबर और संगठित अपराधों पर रोक लगाकर राज्य में चौतरफा सुरक्षा का माहौल तैयार करेंगे। कोरोना संकट के इस दौर में उत्तराखण्ड पुलिस ने कई नई-नई चुनौतियों का सामना किया है।
आज पी.टी.सी. नरेन्द्र नगर, टिहरी में पुलिस उपाधीक्षक आधारभूत प्रशिक्षण दीक्षांत समारोह में शामिल हुआ।
इस दौरान प्रशिक्षणरत पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने पर बधाई दी व सम्मानित भी किया। pic.twitter.com/j3WfRd7rpR
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) June 17, 2021
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस के सामने अनैक चुनौतियां हैं। पुलिस को नई-नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस में जन सेवक के गुण होने बहुत जरूरी हैं। हमारा मकसद पीड़ित केन्द्रित होना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि समाज के ऐसे लोगों को न्याय दिलाया जाए जो सुविधाओं से वंचित हैं। पुलिस के पास यूनिफार्म के साथ ही कानूनी अधिकार भी है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. पी.वी.के.प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) पूरन सिंह रावत, निदेशक पीटीसी राजीव स्वरूप, टिहरी की जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट आदि उपस्थित थे।
साइबर अपराध रोकने हेतु ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नंबर 155260 का शुभारंभ
मुख्यमंत्री तीरथ ने पीटीसी में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में साइबर अपराधों में रोकने हेतु ई-सुरक्षा चक्र हेल्पलाईन नंबर 155260 का शुभारंभ किया। यह नंबर विशेषकर वित्तीय साइबर अपराधों में त्वरित सहायता के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साईबर अपराध एक उभरती हुई चुनौती है। इस चुनौती से लड़ने हेतु उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा यह अच्छा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाईन नम्बर की जानकारी सबको हो, इसलिए इसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। मुख्यमंत्री ने ई-सुरक्षा चक्र बुकलेट का विमोचन भी किया।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि दिन-प्रतिदिन साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इसको रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने जरूरी है। हेल्पलाईन नम्बर जारी करने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बना इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि विगत कुछ वर्षो में साईबर अपराध के मामलो मे लगातार बढोत्तरी हुई है। वित्तीय एवं गैर वित्तीय मामले सामने आ रहे है। हाल ही मे गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पीड़ितो की त्वरित सहायता प्रदान कराने हेतु एक साईबर हेल्प लाईन नम्बर 155260 जारी किया गया है। उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बना जिसे गृह मंत्रालय से साईबर हेल्पलाईन नम्बर 155260 के संचालन की अनुमति प्राप्त हुयी। इस नम्बर पर किसी भी प्रकार के वित्तीय साईबर अपराध की सूचना दी जा सकती है तथा पीड़ित को अतिशीघ्र राहत देने का प्रयास किया जायेगा। इस नई प्रणाली के लिये स्पेशल टास्क फोर्स के अधीन साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में एक ई-सुरक्षा चक्र कन्ट्रोल रुम की स्थापना की गयी है।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, महानिदेशक सतर्कता, वी. विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक पी.वी.के. प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक अमित सिन्हा, संजय गुंज्याल, पूरन सिंह सिंह रावत, मुख्तार मोहसिन, पुलिस उप महानिरीक्षक, नीलेश आनन्द भरणे आदि उपस्थित थे।