नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (National AYUSH Mission, NAM)) योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 200 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों (AYUSH Health & Wellness Centres, HWC) को मंजूरी दी है। ये केंद्र अल्मोड़ा जिले में स्थापित होंगे।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इन केन्द्रों के परिचालन में नई दिल्ली स्थित अरविंद लाल वन्दना लाल (ALVL) फाउंडेशन उत्तराखण्ड के आयुष विभाग को सहायता प्रदान करेगा। इस संबंध में संबद्ध पक्षों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष सचिव, संयुक्त सचिव (आयुष), उत्तराखण्ड के आयुर्वेद निदेशक और ALVL फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अरविन्द लाल मौजूद थे।
इन केन्द्रों पर निर्धारित गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए योजना बनाने, कार्यान्वयन और संस्था को सभी जरुरी मदद मुहैया कराने की पूरी ज़िम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी। केन्द्र सरकार इस संबंध में आवश्यक तकनीकी मदद प्रदान करेगी। ALVL फाउंडेशन केन्द्र में आने वाले लोगों की सूची बनाने, लोगों के स्वास्थ्य कार्ड बनाने और आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र से जुड़े कर्मियों को प्रशिक्षण देने और उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों के परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों में सरकार अथवा गैर-सरकारी संगठनों के साथ सहभागिता करने का प्रावधान है ताकि समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023-24 तक देशभर में विभिन्न चरणों में 12,500 आयुष स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्रों को परिचालित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने की स्मार्ट सिटी परियोजना की समीक्षा, कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी योजना की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत कराये जा रहे सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे सभी कार्यों में समयबद्धता के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने माॅडर्न दून लाईब्रेरी की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इसे शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से आम जनता को कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए समय-समय पर ठेकेदारों आदि के साथ भी बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उन्हें आ रही समस्याओं का भी निराकरण किया जा सके। उन्होंने देहरादून में वर्षा जल के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर अधिक फोकस करने की जरुरत पर जोर दिया।
समार्ट सिटी के मुख्य कार्याधिकारी व जिला मजिस्ट्रेट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत रू0 1407 करोड़ है, जिसमें 100 प्रतिशत कार्यों की निविदाएं आमंत्रित कर ली गयी हैं और इनसे सम्बन्धित कार्यादेश भी जारी कर दिए गए हैं।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।