उत्तराखंड खनन विभाग में इन अफसरों को मिला प्रमोशन, शासन से आदेश जारी..
उत्तराखंड: खनन विभाग में लंबे समय से इंतजार कर रहे सीनियर अधिकारियों को प्रमोशन का तोहफा मिला हैं। शासन ने निदेशालय स्तर पर तीन अधिकारियों के प्रमोशन के आदेश जारी किए हैं। विभाग में अपर सचिव लक्ष्मण सिंह ने प्रमोशन से जुड़ा आदेश जारी किया है। उत्तराखंड शासन ने खनन विभाग में तीन अधिकारियों के प्रमोशन किए हैं। आदेश के अनुसार खनन निदेशालय में संयुक्त निदेशक की जिम्मेदारी देख रहे अनिल कुमार को अपर निदेशक पद पर प्रमोशन दिया गया है। उप निदेशक गंगाधर प्रसाद को संयुक्त निदेशक के पद पर प्रमोशन मिला है। इसी तरह उप निदेशक दिनेश कुमार को भी संयुक्त निदेशक पद पर प्रमोशन दिया गया है। खनन विभाग में यह तीनों ही अधिकारी काफी समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे। जिस पर विचार करने के बाद आखिरकार अब शासन ने प्रमोशन देने का फैसला लिया है।
आपको बता दे कि अब तक खनन विभाग के लिए विभागीय नियमावली नहीं बन पाई थी, जिसके लिए शासन स्तर पर विचार किया जा रहा था। ऐसे में विभागीय नियमावली बनने के बाद विभागीय ढांचे को मिली मंजूरी के फौरन बाद प्रमोशन दिया गया है। खनन विभाग में अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक का पद खाली चल रहा था। ऐसे में अब इन तीन अधिकारियों को प्रमोशन मिलने के बाद इन खाली पदों को भरा जा सकेगा और विभिन्न खनन से जुड़े कार्यों में भी तेजी लाई जा सकेगी। खनन विभाग उत्तराखंड में राजस्व के लिहाज से महत्वपूर्ण विभाग है। ऐसे में खनन विभाग अपने राजस्व से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। खनन विभाग में निदेशालय स्तर पर कुल ढांचा 72 कर्मियों का है, लेकिन इसमें कुछ पद खाली थे, जिन्हें प्रमोशन के जरिए भर गया है। इन तीन अधिकारियों के प्रमोशन के बाद अब बाकी पदों पर भी प्रमोशन का रास्ता खुल गया है।
राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए खुशखबरी, नौकरी में मिला 10% आरक्षण..
उत्तराखंड: प्रदेश में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की अधिसूचना जारी होने के बाद अब सभी भर्तियों के विज्ञापन बदलेंगे। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। शासन या विभागों से कई भर्तियों के अधियाचन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजे गए हैं। इनकी विज्ञप्ति अभी जारी नहीं हुई। इस बीच 10 प्रतिशत राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण लागू हो गया है। लिहाजा इन सभी भर्तियों के विज्ञापन अब इस आरक्षण के साथ लागू होंगे। इसके साथ ही जिन भर्तियों के अधियाचन अभी आयोगों को नहीं गए हैं, उन्हें अब क्षैतिज आरक्षण के साथ ही भेजा जाएगा। कार्मिक विभाग लोअर पीसीएस भर्ती के अधियाचन में ये बदलाव करके ही आयोग को भेजेगा। इसी प्रकार अन्य भर्तियां भी अब आंदोलनकारी आरक्षण के साथ ही होंगी।
आपको बता दे कि विधायी विभाग ने सरकारी नौकरियों की भर्ती में चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने रविवार को क्षैतिज आरक्षण संबंधी विधेयक को मंजूरी दी थी। मंजूरी मिलने के बाद विधायी विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी। इस कानून के लागू होने के बाद अब प्रदेश के चिह्नित आंदोलनकारियों के सभी आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लाभ मिलेगा।
पूर्व सरकारों में राज्य आंदोलनकारियों के केवल एक आश्रित के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। उसमें एक आश्रित पुत्र अथवा विवाहित पुत्री का जिक्र था, लेकिन नए कानून में चिह्नित आंदोलनकारियों की परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को भी क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। प्रवर समिति ने जितने भी संशोधन सुझाए थे, उन्हें एक्ट में शामिल किया गया है। राज्य आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती के मुताबिक, एक्ट की परिभाषा को व्यापक किया गया है और इसके दायरे में सभी आश्रितों को लाया गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि राज्य अधीनस्थ चयन आयोग और लोकसेवा आयोग को भेजे जाने वाले अधियाचन में चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को दिए जाने वाले क्षैतिज आरक्षण संबंधी संशोधन कर दिया जाए, ताकि आने वाले समय में होने वाली भर्तियों में इसका लाभ मिल सके।
राजकीय इंटर कॉलेज श्रीनगर की भूमि पर बनेगा डिग्री कॉलेज- शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत..
उत्तराखंड: कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज करोड़ों रुपए की लागत के शिलान्यास एवं लोकार्पण किए हैं। साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से संवाद कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। इसी बीच कमलेश्वर मंदिर में पौने दो करोड़ की लागत से होने वाले नवनिर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और जानकारी देते हुए कहा कि कमलेश्वर मंदिर का गर्भ ग्रह अष्टधातु से बनाया गया है, जिसकी लागत 11 लाख रुपए है। कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत राजकीय प्राथमिक विद्यालय (श्रीनगर) पहुंचे, जहां उन्होंने 21 लाख 14 हजार रुपए की लागत से विद्यालय के नव निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया। साथ ही वार्ड नंबर 10 में बुघाणी रोड के समीप स्वागत द्वार का लोकार्पण किया, जिसकी लागत 5 लाख 27 हजार रुपए है। उनका कहना है कि राजकीय इंटर कॉलेज श्रीनगर की 20 नाली भूमि पर एक डिग्री कॉलेज भी बनाया जाएगा, जिससे दूर-दराज के छात्रों को केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
धन सिंह रावत का कहना हैं कि प्रत्येक स्कूलों में टीचरों की कमियों को पूरा किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में 7 हजार टीचरों की नियुक्तियां चल रही हैं। पौड़ी जिले में 300 नियुक्तियां प्राथमिक स्कूलों में होनी हैं, जिसमें 150 अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं, जबकि अन्य को 5 सितंबर से पहले नियुक्ति पत्र दे दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में 1 से 9 तक छात्र संख्या होगी, वहां एक टीचर दिया जाएगा। वहीं जहां 10 से 30 तक छात्र संख्या होगी, वहां पर दो टीचर दिए जाएंगे, जबकि 30 से 70 तक छात्र संख्या वाले स्कूलों में तीन टीचर होंगे। वहीं 70 से 100 छात्र संख्या वाले स्कूलों में चार टीचर और 100 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में पांच अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।
धन सिंह रावत ने कहा कि कई गांव के स्कूल ऐसे हैं, जहां रास्ते सही नहीं हैं, उन स्कूलों में लाइट की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही श्रीनगर नगर निगम के अंतर्गत 100 से अधिक लाइटें लगाई जाएगी, जिससे समस्त नगर निगम क्षेत्र रात में जगमगाता नजर आएगा और गोला बाजार को डेढ़ करोड़ की लागत से भव्य बनाया जाएगा। वहीं, उन्होंने रामलीला कमेटी के लोगों के साथ बैठक कर रामलीला मैदान को और अधिक भव्य बनाने हेतु विचार-विमर्श किया। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में सभी सीनियर रेजिडेंट व समस्त जूनियर रेजिडेंट ( पीजी एवं नॉन पीजी ) एवं इंटर्न चिकित्सकों से व्यवस्थाओं को सुधारने हेतु सुझाव लिए, जिस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 40 दिनों के अंतर्गत 100 प्रतिशत समस्त उत्तराखंड में नर्सिंग स्टाफ दे दिया जाएगा और मेडिकल कॉलेज में जहां-जहां जरूरत होगी, वहां सीसीटीवी कैमरे लगा दिए जाएंगे।
आपको बता दे कि धन सिंह रावत द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय श्रीकोट गंगानाली के नवनिर्माण कार्य (लागत 36 लाख 30 हजार रुपए) का शिलान्यास भी किया गया। इसके बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में नर्सेस हॉस्टल के मरम्मत कार्य, आवासीय कॉलोनी में जाने वाले मार्ग के निकट नाले के मरम्मत कार्य, आठ प्राइवेट कक्षा कक्ष की मरम्मत और पुताई के कार्य समेत फार्माकालॉजी विभाग को जाने वाले मार्ग के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
आईएएस विनय शंकर पांडेय को मिली बड़ी जिम्मेदारी..
डीजी उद्योग और सिडकुल के एमडी भी बने..
उत्तराखंड: शासन ने आईएएस अधिकारी विनय शंकर पांडेय को तीन और अहम प्रभार सौंपे हैं। उन्हें उद्योग विभाग में महानिदेशक व आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम (सिडकुल) का भी जिम्मा देखेंगे। उत्तराखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक का भी उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। वर्तमान में वह सीएम पुष्कर सिंह धामी के सचिव हैं और वहां औद्योगिक विकास और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग का दायित्व देख रहे हैं। साथ ही वह गढ़वाल मंडल आयुक्त का जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
उनके पास नई दिल्ली में निवेश आयुक्त का भी दायित्व है। इस हिसाब शासन में पांडेय का कद और बढ़ गया है। बता दें कि सिडकुल के एमडी पद पर रोहित मीणा थे। उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। उद्योग महकमे की जिम्मेदारी मिलने के बाद अब पांडेय पर औद्योगिक निवेश को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी होगी। प्रदेश सरकार ने निवेशक सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू किए थे। सरकार का जोर अब इन सभी एमओयू की ग्राउंडिंग पर है। माना जा रहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर शासन ने पांडेय को उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है।
गैरसैंण में मानसून सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर, लोगों में नहीं दिख रहा उत्साह..
उत्तराखंड: गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में 21 तारीख से तीन दिवसीय मानसून सत्र को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। एक ओर जहां वर्षों से सड़कों में बने गड्ढों को पाटा जा रहा है तो वहीं दूसरी और रंगरोगन कर विधानसभा भवन सहित माननीयों के आवासों को चमकाया जा रहा है। वहीं माननीयों की सुरक्षा व अन्य सुविधाओं को चाक-चौबंद करने में प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है। तीन दिवसीय सत्र को लेकर क्षेत्रीय जनता में कोई उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता सत्र को लेकर काफी उत्साहित दिखाई पड़ रहा है। गैरसैंण को लेकर किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए हुए हैं। वहीं जनता में गैरसैंण में सत्र कराए जाने को लेकर उत्साह न दिखाना सरकारों का गैरसैंण के प्रति उदासीन रवैया भी इसका एक मुख्य कारण माना जा रहा है।
आपको बता दे कि कि गैरसैंण में पूर्व की बहुगुणा सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल व तत्कालीन कर्णप्रयाग विधायक व डिप्टी स्पीकर अनुसूया प्रसाद मैखुरी के प्रयासों के बाद साल 2013 में विधानसभा भवन का भूमिपूजन किया गया. साल 2013 में ही हरीश रावत सरकार ने राजकीय इंटर कॉलेज गैरसैंण के क्रीड़ा मैदान में टैंट वाली विधानसभा का आयोजन के साथ विधानसभा भवन का शिलान्यास भी किया। साल 2020 में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इच्छाशक्ति दिखाते हुए गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर गैरसैंण स्थाई राजधानी की ओर एक कदम बढ़ा दिया। वहीं साल 2022 में त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा ही गैरसैंण को मंडल बनाकर गैरसैंण के विकास के नये रास्ते खोलने की बात कही गई। वहीं भराड़ीसैण विधानसभा परिक्षेत्र के विकास हेतु 25 हजार करोड़ के भारी भरकम बजट की घोषणा की गई। लेकिन वो बजट आज तक स्वीकृत नहीं हो पाया। जिससे जनता ठगा सा महसूस कर रही है। यही कारण है कि जनता में सत्र को लेकर उत्साह नहीं दिखाई दे रही है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलते ही तीरथ सिंह रावत ने गैरसैंण मंडल की घोषणा को रद्द कर दिया गया। जिससे क्षेत्रीय जनता निराश हो गई।
आपको बता दे कि जिला इकाई बनने से एक और जहां सरकार को ग्रीष्मकालीन राजधानी संचालन में आसानी होती तो वहीं क्षेत्रवासियों को जिला बनने से तमाम सुविधाओं का लाभ भी मिलता। गैरसैंण को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर कई बार क्षेत्रवासियों ने आंदोलन की राह चुनी, लेकिन सरकारों की उदासीनता के कारण मांग आज तक पूरी नहीं हो पायी है। जिले की मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल ने कहा कि क्षेत्रवासी लंबे समय से जिले की मांग कर रहे हैं,जो प्रशासनिक ओर विकासीय लिहाज से आवश्यक भी है। उन्होंने प्रस्तावित सत्र में मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने की बात कहते हुए कहा कि, आशा है गैरसैंण को जल्द जिला बनाया जाएगा। वहीं पूर्व कनिष्ठ प्रमुख प्रेम संगेला ने कहा कि जरूर क्षेत्रवासी तीन दिवसीय सत्र को लेकर उदासीनता हैं। लेकिन दूसरी ओर क्षेत्रवासी सत्र को लेकर आशान्वित भी हैं। कहा कि क्षेत्रवासियों की लंबे समय से गैरसैंण को जिला बनाये जाने की जो मांग है, उसे जरूर पूरा किया जाना चाहिए। जिला बनने से क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं का समय पर निस्तारण हो पायेगा।
जिस अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुआ दुष्कर्म वहां के 200 स्टाफ का किया तबादला..
देश-विदेश: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या को लेकर देश भर में गुस्सा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में आज हड़ताल है। IMA की अपील के बाद सभी OPD बंद है। इस बीच कोलकाता के आरजी कर अस्पताल बड़े पैमाने पर फेरबदल देखने को मिला है। कई डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया गया है।
आरजी कर अस्पताल के 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 14 और 15 अगस्त की रात को जो हंगामा हुआ उसके बाद कई डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए थे और प्रिंसिपल के खिलाफ उन्होनें माहौल बनाया था। वहीं 32 डॉक्टर दूसरे अस्पताल से आरजी कर अस्पताल बुलाए गए हैं। ये सभी डॉक्टर कोलकाता से बाहर के हैं।
बीजेपी ने आरोप लगाया..
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जो डॉक्टर इस पूरे मुहिम को सपोर्ट कर रहे हैं उनका ट्रांसफर किया गया है। वहीं, इस सनसनीखेज हत्या मामले में पुलिस और सीबीआई एक्शन में है। अस्पताल में गुंडागर्दी मामले में पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार किया है और सीबीआई ने भी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। केंद्रीय एजेंसी आरजी कर हॉस्पिटल के डॉक्टरों के बाद अब सुरक्षा गार्डों के बयान दर्ज कर रही है। वो गार्ड्स जो वारदात वाली रात अस्पताल में तैनात से उससे पूछताछ कर रही है।
एलोपैथी पर बाबा रामदेव का फिर बड़ा हमला, बोले- जहरीली दवा खाकर हर साल हो रही करोड़ों की मौत..
उत्तराखंड: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने एलोपैथी पर फिर बड़ा बयान दिया है। हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में झंडारोहण के बाद मीडिया से बात करते हुए बाबा रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी की जहरीली दवाइयों के सेवन से हर साल करोड़ लोगों की मौत हो रही है। योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि इस आजादी के महोत्सव पर हमने यह संकल्प लिया है कि देश में स्वदेशी के अभियान को और भी मुखर करेंगे। चिकित्सा की स्वाधीनता का बहुत बड़ा सपना बाकी है, क्योंकि ऐलोपैथी की जहरीली दवा खाकर देश में करोड़ों लोगों की मौत हर साल हो रही है।
योग गुरु स्वामी रामदेव का कहना हैं कि अंग्रेजों ने भी पूरी दुनिया में अपना राजनैतिक साम्राज्य कामय करने के लिए 10 करोड़ से ज्यादा लोगों का कत्ल किया। ऐसे ही इस्लाम के नाम पर भी करोड़ों लोगों का कत्ल हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही देश में अब भी जहरीली और सिंथेटिक दवाइयां खाकर करोड़ों लोग मर रहे हैं। इसलिए चिकित्सा की स्वाधीनता के आंदोलन को अब आगे बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए एक बहुत बड़ा वैचारिक युद्ध चल रहा है। इससे भारत के बच्चे और युवा बर्बाद हो रहे हैं। इससे लोगों में वासना की भावना पैदा हो रही है। दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। इसका एक कारण यह भी है कि हम योग से दूर होते जा रहे हैं। पूरे देश में तांडव हो रहा है। भारत साधुओं का देश है और जब हम यहां सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटनाएं देखते हैं, तो हम हिल जाते हैं। इसलिए 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंजलि ने संकल्प लिया है कि हम देश में राजनीतिक, शैक्षिक, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के साथ-साथ इस देश को बीमारियों, नशे और वासना से भी मुक्ति दिलाएंगे। इस अभियान को मुखर रुप से आगे बढ़ाएंगे।
एम्स ऋषिकेश में अब केवल तीन घंटे ही बनेंगे पर्चे, आज सुबह से लागू हुई नई व्यवस्था..
उत्तराखंड: एम्स ऋषिकेश ने ओपीडी पंजीकरण समय में आंशिक बदलाव कर इसे एक घंटा कम कर दिया है। मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने तक ओपीडी में रोगियों का पंजीकरण अब सुबह सात से दस बजे तक रहेगा। यह व्यवस्था आज सुबह से लागू की गई है और हड़ताल समाप्त होने तक जारी रहेगी।
कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर की हत्या के विरोध में इन दिनों देश भर के अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की हड़ताल का असर अन्य अस्पतालों सहित एम्स ऋषिकेश की चिकित्सीय सेवाओं पर भी पड़ा है। इस समस्या को देखते हुए एम्स अस्पताल प्रशासन ने हड़ताल के चलते अग्रिम आदेशों तक ओपीडी पंजीकरण के समय में बदलाव किया है।
जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि सामान्य दिनों में दैनिक तौर पर ओपीडी पंजीकरण का समय सुबह सात से 11 बजे तक रहता है, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए शुक्रवार से यह इस समय में परिवर्तन कर इसे एक एक घंटा कम कर दिया गया है। बताया कि ओपीडी प्रभावित न हो इसके लिए फैकल्टी सदस्यों को ओपीडी में अधिक से अधिक समय देने को कहा गया है। उन्होंने इस विपरीत परिस्थितियों में आम लोगों व अस्पताल आने वाले रोगियों से भी सहयोग की अपील की है।
अडानी महाघोटाले समेत इन तीन मुद्दों पर कांग्रेस का जन आंदोलन अभियान..
देश-विदेश: दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को उपस्थिति में मंगलवार कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें पार्टी की भविष्य की रणनीति पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी द्वारा आगामी समय में किए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। उन्होंने संसद में उठाए जाने वाली तीन मांगों को प्रमुखता से रखते हुए इस पर पार्टी की रणनीति क्या होनी चाहिए पर सभी को दिशा-निर्देश दिए हैं।
1- अडानी महाघोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाए। क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री पूरी तरह से शामिल हैं और इसमें वित्तीय बाजार नियामक द्वारा भी गंभीर रूप से समझौता किए जाने की जानकारी मिली है।
2- केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराई जाए।
3- भारत के संविधान के प्रति पूरी और सच्ची सम्मान की भावना – विशेष रूप से इसके आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रावधानों के संदर्भ में – शाब्दिक और वास्तविक रूप से होनी चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश भर में तीनों मुद्दों पर चलाएगी जन आंदोलन..
अगले कुछ हफ्तों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश भर में इन तीनों मुद्दों पर जन आंदोलन अभियान चलाएगी। इसके साथ ही बैठक में भारत सरकार से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर लक्षित हमलों को रोकने और उन्हें सुरक्षा, सम्मान और सद्भाव का जीवन जीने में सक्षम बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने का आह्वान किया गया।
वायनाड के भूस्खलन को घोषित किया जाए राष्ट्रीय आपदा..
बैठक में वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया गया और अपनी संवेदना व्यक्त की गई। बैठक में इस घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की राहुल गांधी की मांग को फिर से दोहराया गया। दिल्ली में हुई कांग्रेस की बैठक को लेकर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा कि बैठक में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा सहित सभी प्रदेश अध्यक्षगण, महासचिव और प्रभारीगण उपस्थित थे।
विस में आएगा लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक, दंगाइयों पर कसी जा सकेगी नकल..
उत्तराखंड: लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 को अब विधेयक के रूप में विस के पटल पर रखा जाएगा, ताकि इस कानून को कड़ाई से लागू कर दंगाइयों पर नकेल कसी जा सके। मंगलवार को हुई कैबिनेट में मंजूरी प्रदान की गई है। अभी तक प्रदेश में पुराना लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम लागू था। इसके तहत सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले से इसकी भरपाई और इसके सापेक्ष सजा का प्रावधान था, लेकिन पिछले दिनों इस संबंध में उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 लाया गया।
इसके तहत हड़ताल, दंगों, बंद और आंदोलनों में सरकारी के साथ-साथ निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से इसकी वसूली करने का प्रावधान किया गया था। एक दावा अभिकरण का गठन किया जाएगा। इसमें कोई भी व्यक्ति और सरकारी संपत्तियों का प्राधिकारी इस दावा अभिकरण में अपना दावा पेश कर सकता है। इस दावे का निस्तारण भी निश्चित समय में किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई नुकसान करने वालों से हो सके। यही नहीं यदि किसी आंदोलन, बंद आदि में संपत्तियों को नुकसान पहुंचता है तो इसकी भरपाई संबंधित बंद या आंदोलन का आह्वान करने वाले नेता से की जाएगी।