उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों में भी लागू होगी नई शिक्षा नीति..
उत्तराखंड: प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों में भी इस सत्र से नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। जिसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति के तहत अब निजी विश्वविद्यालों को भी कैंपस में छात्र-छात्राओं को मनपसंद विषय चुनने की सुविधा देनी होगी। साथ ही लॉ एवं मैनेजमेंट कोर्स संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों को दूसरे विषयों के पाठ्यक्रम शुरू करने होंगे। राज्य के डिग्री कॉलेजों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत शासन स्तर पर व्यवस्थाएं शुरू की जा रही हैं।
इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों से नई शिक्षा नीति के तहत व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। इन विश्वविद्यालयों को भी राज्य विश्वविद्यालयों की तरह की सुविधाएं मुहैया करानी होंगी।
जिसके तहत उन्हें छात्र-छात्राओं को मन पसंद विषय चुनने, मर्जी के मुताबिक ब्रेक लेकर पढ़ाई पूरी करने की सुविधा देने के साथ दूसरे विश्वविद्यालयों से संबद्ध पाठ्यक्रमों को संचालित करना होगा। राज्य में वर्तमान में 21 निजी विश्वविद्यालय, 3 डीम्ड यूनिवर्सिटी, एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 12 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं।
मंगलवार को शासन स्तर पर उच्चशिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की मौजूदगी में हुई बैठक में निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों के साथ नई शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर व्यापक चर्चा की गई। राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। शासन स्तर पर संचालकों के साथ हुई बैठक में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्राम परकंडी में सीडीओ ने बैठक लेते हुए महिला समूह की समस्याओं का किया समाधान..
रुद्रप्रयाग। ग्राम परकंडी की महिला समूह को उद्योग विभाग की ओर से केदारनाथ मंदिर के सोविनियर कार्य नहीं दिया जा रहा है, जबकि उन्हें इस कार्य की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। ऐसे में महिला समूह ने डीएम मयूर दीक्षित से शिकायत की, जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी को महिला समूह के साथ बैठक कर समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी ने महिला समूह एवं ग्राम संगठन की महिलाओं के साथ विकास भवन में बैठक कर उनकी समस्या को सुना। इस अवसर पर महिला जागरुक संगठन समूह की अध्यक्ष आशा देवी नौटियाल ने मुख्य विकास अधिकारी को बताया कि उनके समूह द्वारा उद्योग विभाग में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद केदारनाथ मंदिर के सोविनियर का कार्य किया गया, मगर कुछ समय से उन्हें कार्य नहीं मिल पा रहा है और ना ही उनकी पूर्व की बकाया धनराशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने सीडीओ से मामले में उचित कार्यवाही की मांग की।
मामले में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने महाप्रबंधक उद्योग को निर्देश दिए कि महिला समूह की जो भी बकाया धनराशि का भुगतान किया जाना है, उसे एक सप्ताह के भीतर करें और महिला समूह को रोजगार मुहैया कराने के लिए सभी महिलाओं को एक सप्ताह का अतिरिक्त प्रशिक्षण उनके गांव में ही उपलब्ध कराया जाय। इसके साथ ही उन्होंने केदारनाथ सोविनियर (प्रतिकृति) तैयार करने के लिए सामग्री उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही प्रत्येक माह में महिला समूह के साथ बैठक आयोजित कर किसी भी प्रकार की कोई समस्या एवं सुझाव के लिए चर्चा करने को कहा, जिससे इस दिशा में और अधिक बेहतर ढंग से कार्य किए जा सके।
उन्होंने सभी महिला समूह की प्रतिनिधियों से कहा कि यदि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी होती है तो वे अपनी समस्या से उन्हें अवगत करा सकते हैं, जिस पर उचित कार्यवाही की जाएगी। बैठक में परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, महाप्रबंधक उद्योग एचसी हटवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैली प्रजापति, महिला समूह संगठन की प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
बद्रीनाथ हाईवे मलबा आने से हुआ बंद, रास्ते में रोके गए 1000 यात्री..
उत्तराखंड: लामबगड़ हाईवे में मलबा आने से फिर बंद हो गया। ऐसे में करीब 1000 यात्रियों को यात्रा पड़ाव पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में ही रोक दिया गया। बार-बार मलबा आने से बंद हो रहा बद्रीनाथ हाईवे यात्रियों के लिए मुसीबत बन गया है। यहां खचड़ा नाले के साथ ही कई अन्य जगहों पर शुक्रवार से बंद बद्रीनाथ हाईवे रविवार शाम को खोल दिया गया था, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन देर शाम सात बजे हाईवे लामबगड़ में बंद हो गया। ऐसे में करीब 1000 यात्रियों को यात्रा पड़ाव पांडुकेश्वर, गोविंदघाट, जोशीमठ में ही रोक दिया गया।
बीते शुक्रवार रात 11 बजे भारी बारिश के दौरान बद्रीनाथ हाईवे रड़ांग बैंड, बैनाकुली और खचड़ा नाले में मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया था। ऐसे में यहां सैकड़ों यात्री फंस गए थे, जबकि कुछ पैदल यात्रियों को सीढ़ी लगाकर वैकल्पिक रास्ते से दूसरी ओर भेजा गया। रविवार को शाम करीब चार बजे खचड़ा नाले में मलबा हटाने के बाद हाईवे को सुचारु किया गया, जिसके बाद जोशीमठ, पांडुकेश्वर और गोविंदघाट में रोके गए करीब 2500 तीर्थयात्रियों व स्थानीय श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ धाम भेजा गया। जबकि करीब 3000 तीर्थयात्री बद्रीनाथ से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।
वहीं देर शाम को सात बजे हाईवे लामबगड़ में मलबा आने से फिर बंद हो गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि रविवार दोपहर तक मौसम सामान्य होने के बाद खचड़ा नाले में मलबा गिरने का सिलसिला थमाए जिसके बाद यहां जेसीबी से मलबा हटाया गया। अब लामबगड़ में मलबा और पत्थर आने से हाईवे बंद हो गया है। हाईवे खोले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चारधाम यात्रा में अब तक 35.5 लाख श्रद्धालु करा चुके पंजीकरण..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है। चारधाम यात्रा में भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने से सरकार के सामने भी चुनौती थी। यात्रा बिना किसी व्यवधान के चले, इसके लिए सरकार ने काफी प्रयास किए। केदारनाथ धाम में एक दिन में तीर्थयात्रियों की क्षमता लगभग 15 हजार है। शुरूआत में 25 हजार तक यात्री धाम पहुंचे थे।
चारधाम यात्रा इस बार एक नया रिकॉर्ड बना रही है। इस बार दो महीने के भीतर ही वर्ष 2019 में आए श्रद्धालुओं से अधिक पंजीकरण का आंकड़ा पहुंच गया है। अभी यात्रा चार महीने और चलेगी। वर्तमान में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सरकार को इस बार 40 लाख तीर्थयात्रियों के दर्शन करने की उम्मीद है। जो कि अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनेगा।
बता दे कि 2019 में चारधाम यात्रा में 34 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने से रिकॉर्ड बना था। इसके बाद वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा बाधित रही। पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार चारधाम यात्रा के लिए अब तक तीर्थयात्री के पंजीकरण का आंकड़ा 35.5 लाख पहुंच चुका है। इसमें 26 लाख से अधिक श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शन कर चुके हैं।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुना..
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर कुंड से बनाए जा रहे बाईपास निर्माण से सिंगोली गांव के ग्रामीण खासे परेशान हैं। आलम यह है कि राजमार्ग के लिए की जा रही कटिंग के कारण बरसात व स्रोत का पानी ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में आ रहा है, जिस कारण खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने डीएम मयूर दीक्षित से शिकायत करते हुए क्षेत्र का भ्रमण करने की मांग की।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्रामीणों की समस्या का संज्ञान लेते हुए एनएच के अधिकारियों के साथ सिंगोली गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने राजमार्ग निर्माण से ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में जा रहे पानी को रोकने को कहा। इसके लिए अधिशासी अभियंता एनएच एवं संबंधित ठेकेदार को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश मौके पर दिए।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदार को निर्देश दिए कि रोड़ कटिंग के कारण वर्षा एवं स्रोत का पानी सड़क में न जाए तथा इस पर विशेष ध्यान दिया जाए कि पानी की निकासी के लिए बनाए जा रही नालियों के माध्यम से ही पानी की निकासी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि इसमें यदि किसी प्रकार की शिकायत ग्रामीणों द्वारा की जाती है तो संबंधित के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क कटिंग से रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। उन्हें भी समय से दुरूस्त किया जाए।
ताकि ग्रामीणों एवं पशुओं को आवाजाही में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने कहा कि मानसून की दृष्टिगत वर्षा के पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था करते हुए नालियों को शीर्ष प्राथमिकता से बनाया जाए, ताकि पानी सड़क में न बहे और ना ही ग्रामीणों के घरों एवं खेतों को किसी प्रकार का कोई नुकसान हो। इसके लिए संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना तथा उनकी समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, सहायक अभियंता राजीव चौहान सहित संबंधित अधिकारी, कर्मचारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।
पेयजल निगम में कार्यरत कर्मी ने की जेई के पद पर पदोन्नति की मांग..
उत्तराखंड: संगणक से सहायक अभियन्ता के पद पर पदोन्नति न होने पर संगणक दिगम्बर सिंह जगवाण ने भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है।
पेयजल निगम के मुख्य अभियन्ता को भेजे ज्ञापन में दिगम्बर सिंह जगवाण ने कहा किसमय-समय पर कर्मचारियों एवं अधिकारियों की पदोन्नति की जा रही है, लेकिन उनकी पदोन्नति नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि विभाग में संगणक से सहायक अभियन्ता के पद पर पदोन्नति होनी है, जिसमें जनवरी 2021 से तीन पद रिक्त चल रहे हैं। मात्र संगणकों के पदों पर पदोन्नति नहीं की गयी है। यह मानव अधिकार का उल्लंघन है। विभाग के चार संगणक पदोन्नति से वंचित हो गये हैं।
बताया कि उनके द्वारा 2003 से 2010 तक एवं 2016 से अभी तक कनिष्ठ अभियंता के पद पर काम किया जा रहा है। उनकी 37 साल की सेवा हो गयी है। सेवानिवृत्त होने में मात्र छः माह शेष रह गये हैं। इसके मद्देनजर उनका संगणक से सहायक अभियन्ता के रिक्त पद पर पदोन्नति की जाय। यदि आठ जुलाई तक उनकी पदोन्नति नही हुई तो वह मजबूरन 11 जुलाई से 13 जुलाई तक क्रमिक अनशन करेंगे। इसके बाद भी पदोन्नति नहीं होती है तो 14 जुलाई से पेयजल निगम रुद्रप्रयाग के कार्यालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
अपर जिलाधिकारी ने एसडीएम को दिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश..
उत्तराखंड: विकासखण्ड जखोली के राजकीय इंटर काॅलेज कैलाश बांगर में आयोजित तहसील दिवस में फरियादियों ने 50 शिकायतें दर्ज की, जिनमें 10 शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया गया। साथ ही शेष शिकायतों के निस्तारण को लेकर संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया। तहसील दिवस में खंड विकास अधिकारी जखोली के उपस्थित न होने पर अपर जिलाधिकारी ने रोष व्यक्त किया और उप जिलाधिकारी जखोली को खंड विकास अधिकारी के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकरी मयूर दीक्षित के निर्देश में राइंका कैलाश बांगर में आयोजित तहसील दिवस की अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी ने की। इस मौके पर उन्होंने शिकायत लेकर पहुंची जनता से कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर लगाने का उददेश्य ग्रामीण जनता की समस्याओं का मौके पर निस्तारण करना है, जिससे स्थानीय लोगों को भटकना ना पड़े। अपर जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार व प्रशासन की प्राथमिकता है कि दरूस्थ क्षेत्र की जनता की समस्याओं का यथासंभव प्राथमिकता से निराकरण किया जाए।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि तहसील दिवस में जो भी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, उन पर सभी अधिकारी शीघ्र कार्यवाही करते हुए निराकरण करें।
तहसील दिवस के दौरान जखवाड़ी मल्ली की प्रधान शशी देवी ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय जखवाड़ी के क्षतिग्रस्त किचन बनाए जाने तथा पूलन बांगर के प्रधान मनोज सिंह ने वर्ष 2020 में क्षतिग्रस्त डाट पुल निर्माण करवाए जाने की मांग की। बधाणी के प्रधान इंद्र लाल शाह ने बधाणी सड़क के छड़ापानी नामी तोक में स्कबर बनाने की मांग की।
ग्राम खलियाण बांगर निवासी जयदेव उनियाल ने अत्यधिक बारिश के कारण उनके आवासीय भवन के पीछे सड़क का पुश्ता ढहने की शिकायत दर्ज करते हुए पुश्ता निर्माण की मांग की। शांति देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। खलियांण बांगर के भरोसा लाल ने लस्तर नहर का पानी लीक होकर उनके आवासीय भवन में जाने की शिकायत दर्ज की। पुजारगांव की कमलेश्वरी भट्ट ने दैवीय आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई उनकी कृषि योग्य भूमि में सुरक्षा दीवार लगवाए जाने, खलियांण बांगर की शशी देवी ने गौशाला निर्माण के लिए आर्थिक सहायता दिलवाए जाने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया।
पुजारगांव निवासी जगदीश प्रसाद द्वारा विस्थापन को लेकर जबकि गेंठाणा के प्रधान ने कोट बधाणी मोटर मार्ग में भू-धंसाव को लेकर प्रार्थना-पत्र दिया। जयंती देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराने तथा खलियान बांगर निवासी पूर्णानंद उनियाल ने उनके कच्चे आवास को पक्का बनवाए जाने के लिए आर्थिक सहायता चाहने को लेकर प्रार्थना-पत्र दिया।
इस मौके पर उप जिलाधिकारी जखोली परमानंद राम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ बीके शुक्ला, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी राजेंद्र विराटिया, आबकारी अधिकारी दीपाली शाह, जिला सेवायोजन अधिकारी कपिल पांडे, कृषि अधिकारी दीपक पुरोहित, सैनिक कल्याण अधिकारी हेमंत कुमार, सहायक अभियंता लोनिवि अजय थपलियाल, परियोजना अधिकारी उरेड़ा संदीप कुमार सैनी, विद्युत, ग्रामीण निर्माण विभाग सहित संबंधित विभागीय अधिकारी सहित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों सहित क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।
उत्तराखंड में अगले पांच दिन भारी बारिश का अलर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही झमाझम बारिश का भी दौर शुरू हो गया है। पिछले 24 घंटे में दून, चमोली, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल, चंपावत, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल समेत सभी जिलों में कहीं भारी बारिश तो कहीं मध्यम बारिश हुई है। सबसे अधिक बारिश दून के मोहकमपुर क्षेत्र में 113 मिमी रिकॉर्ड की गई, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है।
वहीं मौसम विभाग ने पांच दिनों तक राज्य में भारी बारिश तो कहीं मध्यम बारिश की संभावना जताई है। जिसको देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना हैं कि अगले 24 घंटे में जहां दून, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश की संभावना है, वहीं मंगलवार और बुधवार को दून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल और चंपावत में भारी बारिश की संभावना है। सात जुलाई को पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, दून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, चंपावत में भारी बारिश की संभावना है। पिछले 24 घंटे के भीतर दून के मोहकमपुर में 113 मिमी, मसूरी में 74.50 और ऋषिकेश में 46 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मूसलाधार बारिश से नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ने लगा है।
तल्लानागपुर गांव के बोरा में निकाली गई राजतिलक की भव्य झांकी..
सीमित संसाधनो के बावजूद बेहत्तर ढंग से किया गया रामलीला का मंचन: सुलेखा..
रुद्रप्रयाग। राजतिलक की भव्य झांकी एवं भगवान राम के राज्याभिषेक के साथ बोरा गांव में चल रही रामलीला का समापन हो गया। आखिरी दिन बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्र पंचायत सदस्य सुलेखा गुर्साइं ने रामलीला को परम्परा का हिस्सा बताते हुए सभी को सहयोग के लिए प्रेरित किया।
तल्लानागपुर क्षेत्र के बोरा गांव में चल रही रामलीला मंचन के आखिरी दिन राजतिलक की भव्य झांकी का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष युद्धवीर गुर्साइं एवं सचिव शैलेन्द्र गुर्साइं व रूढ़ा क्लब के सानिध्य मे संपंन दस दिवसीय कार्यक्रम के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्र पंचायत सदस्य सुलेखा गुर्साइं ने कहा कि सीमित संसाधनांे एवं समयाभाव के बावजूद भी बेहत्तर ढंग से रामलीला का जो मंचन करवाया गया, उसके लिए आयोजकों की निष्ठा रही है। उन्होंने भविष्य मे भी ऐसे कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखने का आहवान करते हुए रामलीला को परम्परा का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
समापन अवसर पर भगवान राम के अयोध्या आगमन की भव्य झांकी निकाली गई बड़ी संख्या मे स्थानीय ग्रामीणो के अलावा समीपवर्ती गाॅवो से भी लोगो ने राजतिलक का साक्षी बनकर पुष्प अर्जित किया, इससे पूर्व मयकोटि के विद्वान वशिष्ठ पंडितो की ओर से भगवान राम के राज्याभिषेक मे पूजा अर्चना की, भाऊक दृश्य हनुमान की विदाई का था, राम से हनुमान की विदाई बेहद मार्मिक क्षण था अक्षत और पुष्प वर्षा से राम लक्ष्मण व सीता रथ जैसे ही मंच की ओर आ रहा था, हरेक श्रद्धालु देखने को उत्सुक था। रामलीला मंचन में हारमोनियम वादक प्रधानाचार्य लखपत गुर्साइं, पंकज कठैत, मंच संचालक प्रेम सिह कठैत, जीतपाल सिंह गुर्साइं, एवं वीरेन्द्र सिंह गुसाॅई, मार्ग निदेशक, प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सिंह गुर्साइं, प्रधानाचार्य उम्मेद सिंह गुर्साइं, क्षेत्रीय निरीक्षक रमेश गुर्साइं, प्रबंधक यशवन्त गुर्साइं, पूर्व प्रधान शकुन्तला गुर्साइं, सूबेदार सत्ये सिंह गुर्साइं, हरेन्द्र सिंह गुसाईं, अनुसूया गुर्साइं, लक्की गुर्साइं, प्रहलाद गुर्साइं, मानेवन्द्र गुर्साइं, उत्तम सिंह, कुंवर सिंह गुर्साइं सहित बड़ी संख्या मे लोग मौजूद रहे।
पहुंचा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा अग्निपथ योजना का मामला..
देश-विदेश: युवाओं को सेना में भर्ती करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक याचिका दायर कर इसे अवैध घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि यह योजना अवैध है, क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों के विपरीत है। इसे संसद की मंजूरी व गजट अधिसूचना जारी किए बगैर लाया गया है। यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। शर्मा ने याचिका में कहा है कि सरकार ने एक सदी पुरानी सेना भर्ती प्रक्रिया को खारिज कर दिया है। यह संविधान के खिलाफ है। आपको बता दें, यह योजना 24 जून से शुरू हो चुकी है। इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में युवाओं ने उग्र प्रदर्शन व आगजनी की। आंदोलन बीते पांच दिनों से जारी है।