गौमुख ट्रैक में भारी बारिश के बाद 30 ट्रैकर फंसे, एसडीआरएफ ने किया रेस्क्यू
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले में गौमुख ट्रेक में ट्रैकर भारी बारिश के बाद बुरी तरह से फंस गए थे। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शरू किया था लेकिन खराब मौसम के चलते टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गौमुख ट्रेक में फंसे पांचों ट्रैकरों को सकुशल निकाल दिया था। बल ने सकुशल रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर ट्रैकरों की जान बचाई। एसडीआरएफ प्रवक्ता के अनुसार गौमुख ट्रैक पर देवगाड़ से एक किलोमीटर पहले रास्ता बंद होने से 30 ट्रेकर वहां फंस गए थे।
पहाड़ से लगातार पत्थर गिरने से वो नीचे नहीं आ पा रहे थे। ऐसे में एसडीआरएफ ने जोखिम भरे इस रास्ते पर ट्रैकरों को सकुशल गंगोत्री पहुंचा दिया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश में एक ओर जहां भूस्खलन का खतरा था तो दूसरी ओर बढ़ती ठंड में ट्रेकरों के स्वास्थ्य की चिन्ता। SDRF टीम द्वारा समय रहते सभी ट्रेकरों की जान बचाई गई और उत्तराखंड पुलिस के मित्रता,सेवा ,सुरक्षा के नारे को चरितार्थ किया गया।
इमरान खान को झटका देने की तैयारी में बाजवा..
देश-विदेश: पाकिस्तान में आइएसआइ प्रमुख की नियुक्ति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान आमने-सामने आ गए हैं। अब नई जानकारी यह सामने आ रही है कि सेना प्रमुख बाजवा ने पीएम इमरान को सूचित किए बिना सोमवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के मुख्यालय का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ गुप्त बैठक की है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में आंतरिक सुरक्षा और अफगानिस्तान में चल रही स्थिति पर चर्चा हुई है, हालांकि पूरी बात निकलकर अब तक सामने नहीं आई है। वहीं इस बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि कहीं बाजवा कोई नई चाल तो नहीं चल रहे।
बताया तो यह जा रहा है कि बाजवा के इस कदम से इमरान की कुर्सी कहीं खतरे में न पड़ जाए। कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सेना और आईएसआई एक साथ हो जाए तो फिर यहां की सरकार के लिए संकट की घड़ी आ सकती है।
जानिए क्या है विवाद..
अगले ISI प्रमुख की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह बैठक अहम मानी जा रही है। सेना ने छह अक्टूबर को घोषणा की थी कि मौजूदा आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हमीद को पेशावर कोर कमांडर बनाया गया है,
जबकि उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को नियुक्त किया गया है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने तब से लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति की आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की है, जिसके बाद से ही सरकार और सेना के बीच संबंधों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
आईएसआई चीफ के लिए तीन नामों की सूची सौंपी गई..
पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर सेना प्रमुख बाजवा से गतिरोधों के बीच पाक प्रधानमंत्री कार्यालय को आईएसआई चीफ के लिए तीन नामों की सूची मिली है। जिसमें से एक नाम पर पीएम इमरान खान मुहर लगा सकते हैं।
नई परंपरा शुरू कर रहे हैं इमरान..
प्रधानमंत्री इमरान खान अब अपनी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की शक्लो सूरत बदलने जा रहे हैं। अभी तक आईएसआई के मुखिया यानी डायरेक्टर जनरल (डीजी) की नियुक्ति परंपरागत तौर पर उन तीन नामों में से एक का होता था, जो इस पद से विदा लेने वाले डीजी ही प्रस्तावित करते थे।
लेकिन अब प्रधानमंत्री इमरान खान इस पद के लिए बाकायदा इंटरव्यू लेकर नया डीजी नियुक्त करने जा रहे हैं। इस पद के दावेदारों का एक जटिल इंटरव्यू लेकर इमरान खान और चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ यानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, इनमें से किसी एक को चुनेंगे। जल्दी ही आईएसआई के नए मुखिया का चयन कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के लगभग 400 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण व वेतन विसंगति आदि प्रकरणों के निस्तारण के लिए एक कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व व तीर्थाटन प्रबंधन विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल द्वारा इस संबंध में देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी को निर्देश जारी किए गए हैं। आदेश में पूर्व दायित्वधारी अजेंद्र अजय द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए मुख्य कार्याधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर से समिति गठित करते हुए कर्मचारियों की समस्याओं का निदान करना सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता अजेंद्र बोर्ड के अस्थायी कर्मचारी संघ के सरंक्षक भी हैं। उन्होंने विगत माह बोर्ड के अस्थायी कार्मिकों की समस्याओं को लेकर बोर्ड के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि देवस्थानम बोर्ड (पूर्व में श्री बदरीनाथ- श्री केदारनाथ मंदिर समिति) में बड़ी संख्या में कर्मचारी 20-25 वर्षों से अस्थायी तौर पर कार्यरत हैं। इनमें से कई कार्मिकों को सामान्य जीवन-यापन करने लायक वेतन तक नहीं मिलता है। ये अस्थायी कार्मिक बद्रीनाथ, केदारनाथ, मध्यमहेश्वर आदि जैसे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अपने पत्र में अजेंद्र ने कहा था कि इनमें से कई कार्मिक सेवानिवृति के करीब हैं। स्थायीकरण नहीं होने के कारण उन्हें पेंशन इत्यादि की सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ेगा। यह समान कार्य-समान वेतन के सिद्धांत के भी विपरीत है। उन्होंने कार्मिकों की वेतन विसंगति, स्थायीकरण आदि के प्रकरणों के निस्तारण हेतु समिति के गठन का सुझाव दिया था।
उधर, अजेंद्र ने बोर्ड के अस्थायी कार्मिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेने के लिए मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया है।
धरने पर पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत..
उत्तराखंड: दो सूत्रीय मांगों को लेकर एसटीएच और मेडिकल कॉलेज के उपनल कर्मचारियों की हड़ताल 47वें दिन भी जारी रही। सोमवार को बुद्धपार्क में चल रहे धरना प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी पहुंचे। उपनल कर्मचारी समिति के अध्यक्ष पीएस बोरा व कर्मचारी नेता मोहन रावत ने कहा कि 15 साल से ज्यादा समय से उपनल कर्मचारी मांगों को उठा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा की सरकार बारी बारी से आ रही हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
कर्मचारियों ने कहा कि व न्याय की मांग कर रहे हैं। इस पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व सीएम रावत के साथ धरने में पहुंचने वालों में पूर्व कबीना मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री ललित जोशी, पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी, खजान पांडे समेत कई कांग्रेसी साथ थे।
वही इस उपनल कर्मचारियों के धरने में विजय रौतेला, कैलाश भट्ट, खेमराज शाहू, प्रेमा ओली, उमा डांगी, सुशील कुमार, सोनू, प्रकाश लोहनी, राजेन्द्र सिंह राणा, संजय पांडे, राकेश कुमार, नेत्रपाल, मोनिका, मुन्नी, अजय कुमार, मनीष तिवारी, मुरली भट्ट, दीपक पांडे आदि मौजूद रहे।
कोहरे के कारण एक दिसंबर से 28 फरवरी तक ये पांच ट्रेनें रहेंगी रद्द..
उत्तराखंड: कोहरे में सुस्त होने वाली भारतीय रेलवे अपनी रफ्तार को बरकरार रखने के लिए लगातार नए-नए तरीके ढूंढ रहा है। इसके बावजूद भी कोहरे में ट्रेनों के स्टेशनों पर समय से न पहुंचने की समस्या बहुत ज्यादा रहती है। कोहरे में इस बार भी तीन महीने के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश व देहरादून से चलने वाली पांच ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
इसके साथ ही उत्तराखंड के लालकुआं व अमृतसर के बीच चलने वाली अमृतसर-लालकुआं एक्सप्रेस को भी रद्द कर दिया गया है। इस साल डेढ़ महीने पहले ही रेलवे ने रद्द होने वाली ट्रेनों की सूची जारी कर दी है। रेलवे प्रशासन ने कोहरे के कारण करीब पांच ट्रेनों को तीन माह के लिए रद्द करने का आदेश जारी किया है। मुरादाबाद रेल मंडल में पहली दिसंबर से 28 फरवरी तक 32 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
मौसम विभाग के पूर्व अनुमान के अनुसार इस साल कोहरा अधिक पड़ने की संभावना है। इसके बाद रेलवे के सभी जोन से ट्रेनों को रद्द करने की सूची दिल्ली भेज दी गई है। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद उत्तर रेलवे मुख्यालय ने सभी जोन को पहली दिसंबर से 28 फरवरी तक ट्रेनों को रद्द करने का आदेश जारी किया है।
रद्द ट्रेनों के आरक्षण टिकट की बिक्री बंद..
तीन माह के लिए रद्द रहने वाली इन ट्रेनों के आरक्षण टिकट की बिक्री बंद कर दी गई है। इसके साथ ही यात्रियों को एसएमएस भेजकर ट्रेनों के रद्द होने की जानकारी भी दी जा रही है।
एक दिसंबर से 28 फरवरी तक रद्द रहने वाली ट्रेनें..
अप व डाउन हरिद्वार-अमृतसर जनशताब्दी एक्सप्रेस
अप व डाउन जम्मूतवी- योगनगरी एक्सप्रेस
अप व डाउन वाराणसी-देहरादून जनता एक्सप्रेस
अप व डाउन देहरादून-उज्जैन उज्जैनी एक्सप्रेस
अप व डाउन प्रयाग-योगनगरी एक्सप्रेस
कोहरे के दौरान ट्रेनों के संचालन में काफी समस्या आती है। कई ट्रेनें घंटों की देरी से रेलवे स्टेशनों पर पहुंचती हैं। इसके चलते यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोहरे के कारण ट्रेनों को रद्द करने की सूची जारी की गई है।
सरकरी कर्मचारियों की एसीपी बहाली की मांग पर मुख्यमंत्री धामी ने कहीं यह बातें..
उत्तराखंड: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर एसीपी की पुरानी व्यवस्था बहाल करने सहित सभी लंबित मांगों पर शीघ्र कार्यवाही की मांग की है। शनिवार को परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष अरूण पाण्डे और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर 27 अगस्त 2018 को हुए समझौते को लागू करने की मांग उठाई।
कर्मचारी नेताओं का कहना हैं कि कार्मिकों को 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति वेतनमान देने पर वित्त विभाग के साथ ही प्रशासकीय विभागों के स्तर से भी कार्रवाई की जानी थी, तीन साल बाद भी इस पर कोई पहल नहीं हुई। इसलिए तय समय अवधि में पदोन्नति हासिल नहीं कर पाने वाले कार्मिकों को पुरानी व्यवस्था के तहत एसीपी दी जाए।
कर्मचारी नेताओं राज्य सरकार द्वारा लागू एसीपी, एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करने के लिए सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष की चरित्र पंजिका देखने और अति उत्तम के स्थान पर उत्तम की प्रविष्टि को ही आधार मानने का आदेश जारी करने की मांग उठाई। कर्मचारी नेताओं ने पूरे सेवाकाल में पहले की तरह पदोन्नति में शिथिलीकरण का लाभ देने की भी मांग उठाई। पाण्डे ने कहा कि सीएम ने सभी मांगों पर सकारात्मक होकर विचार करने का आश्वासन दिया है।
प्रमुख मांगें
कैशलैस चिकित्सा सुविधा के लिए देश के सभी प्रमुख अस्पतालों को जोड़ा जाए
सेवानिवृत्त कार्मिकों से हैल्थ स्मार्ट कार्ड की तर्ज पर मासिक प्रीमियम कटौती आधी की जाए
विभिन्न विभागों में ढांचा, नियमावली बनाते हुए पदोन्नति प्रारंभ की जाए
चुतर्थ श्रेणी कार्मिकों को एसीपी के तहत ग्रेड पे-4200 का लाभ दिया जाए
स्थानान्तरण एक्ट में महिलाओं को 50 वर्ष और पुरूषों को 52 के बाद दुर्गम से छूट मिले
उपनल कर्मियों की नियमावली बनने तक न्यूनतम वेतन निर्धारण किया जाए
पूर्व की भांति वाहन भत्ता दिया जाए
पुरानी पेंशन व्यवस्था को पुनः बहाल किया जाना
जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद..
पुंछ जिले के मेंढर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन जारी..
देश-विदेश: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए हैं। सेना के उक्त दोनों जवान गुरुवार शाम हुई आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए थे जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सैन्य प्रवक्ता का कहना हैं कि गुरुवार शाम से पुंछ जिले के मेंढर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन जारी है। ऑपरेशन के दौरान भारी गोलीबारी हुई। जिसमें राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और राइफलमैन योगंबर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। शहीद राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी (उम्र 26 साल) जिला टिहरी गढ़वाल और रायफलमैन योगंबर सिंह (उम्र 27 साल) जिला चमोली के रहने वाले थे।
मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया शोक..
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के दो जवानों के शहीद होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के परिजनों को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की कामना की है।
20 नवंबर को बंद होंगे श्री बद्रीनाथ के कपाट..
उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज शुक्रवार विजयदशमी के दिन विधि-विधान पंचाग गणना के पश्चात तय हुआ कि बद्रीनाथ के कपाट 20 नवम्बर को साय 6:45 पर बंद होंगे।
आपको बता दे कि शीतकाल हेतु श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि प्रत्येक यात्रा वर्ष विजय दशमी के दिन तय की जाती है। आज विजय दशमी को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा के अलावा पंच पूजाओं का कार्यक्रम,श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी के पांडुकेश्वर आगमन तथा श्री आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ आने का कार्यक्रम भी घोषित हुआ साथ ही आगामी यात्राकाल 2022 के लिए हक हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की गई।
वही द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल हेतु सोमवार 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे। जबकि श्री मद्महेश्वर मेला बृहस्पतिवार 25 नवंबर को आयोजित होगा। जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दिन 1 बजे अपराह्न शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
आज पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों- कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गयी। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है। कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर जी की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी।
25 नवंबर को चल विग्रह डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा। श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता,31 अक्टूबर को भनकुंड तथा 1 नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेंगी।
5 नवम्बर को 11:45 पर बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट..
उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्रीधाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर को प्रात: 11:45 मिनट पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का शुभ मुहूर्त विजयदशमी के अवसर पर 15 अक्टूबर शुक्रवार को तीर्थ पुरोहितों ने निकाला। गंगोत्री धाम के कपाट 05 नवंबर को दोपहर 12 अन्नकूठ पर्व पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए जायेंगे।
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल का कहना हैं कि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर बंद होते हैं। इस बार अन्नकूट पर्व 05 नवंबर को है। इस दिन वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक होता है। उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
विधिविधान से पूजा अर्चना के बाद गंगा की उत्सव डोली 11:51 पर गंगोत्री धाम से मुखवा के लिए प्रस्थान करेगी।कहा कि डोली रात्रि निवास चंडेश्वरी देवी मंदिर (माकेंडेय मंदिर) में निवास करेंगे। जहां से 6 नवंबर सुबह प्ररस्थान कर डोली मुखवा गांव पहुंचेगी। वही यमुनोत्री धाम के कपाट छह नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे।