पुलिस महकमे की आगामी चुनौतियों पर मंथन पुलिस महानिदेशक ने की समीक्षा बैठक..
उत्तराखंड: पुलिस विभाग में विभिन्न चुनौतियों पर मंथन करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कई विषयों पर समीक्षा बैठक ली। इस दौरान नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन, शीतकालीन चार धाम यात्रा, नगर निकाय चुनाव और 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी पर चर्चा की गई। जिसके लिए पुलिस विभाग में इनके लिए मुकम्मल तैयारी किए जाने के निर्देश भी दिए गए।
उत्तराखंड में आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने कमर कस ली है। इस दौरान प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से कराने समेत 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान पुलिस की तैयारी पर चर्चा की गई। पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने विभिन्न विषयों पर समीक्षा बैठक करते हुए पुलिस अधिकारियों को जरूरी तैयारियों को पूरा करने और कदम उठाने के लिए कहा। समीक्षा बैठक के दौरान नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन, शीतकालीन चारधाम यात्रा, नगर निकाय चुनाव, अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान और मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम समेत 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों पर चर्चा की गईं।
नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न मुख्य प्रावधानों का अनुपालन करने के निर्देश दिए गए। बता दे कि नए कानून में जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर, गंभीर अपराधों में फॉरेंसिक टीम का घटनास्थल पर निरीक्षण, साक्ष्य को डिजिटल माध्यम से अपलोड करना और विभिन्न कार्रवाई को समय से पूरा करने के भी निर्देश दिए गए। इसके साथ ही डाटा एनालिटिक्स और AI का बेहतर उपयोग करने के लिए डाटा एंट्री की क्वालिटी पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
नगर निकाय चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करने के लिए भी पुलिस महानिदेशक ने अधिकारियों को आदेश जारी किए। इसमें संवेदनशील क्षेत्रों और मतदान केंद्रों का भ्रमण करने, आदर्श आचार संहिता के शत प्रतिशत पालन करवाने, विभिन्न जगहों पर चेकिंग अभियान को जारी रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिलों के अभिसूचना तंत्र को सतर्क करते हुए सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखने और अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए।
इसी तरह राष्ट्रीय खेलों की तैयारी पर भी बैठक में मंथन किया गया। इसमें यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है। खेलों के दौरान खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के लिए निर्देशित किया गया। आयोजन स्थल, होटल और परिवहन मार्गों पर यातायात प्लान तैयार करने के साथ पार्किंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम भी तैयार की जाएगी। इसके लिए सभी महत्वपूर्ण उपकरणों का उपयोग करने के लिए भी कहा गया है। शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की भर्ती संख्या को देखते हुए नए साल पर पर्यटकों की सुविधाओं को देखकर प्रबंधन करने के लिए कहा गया। खासतौर पर यातायात नियंत्रण प्लान को बेहतर तरीके से निष्पादित करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जबकि सोशल मीडिया के माध्यम से इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियान तेजी से आगे बढ़ाने और इस पर जवाबदेही तय करने के लिए भी कहा गया है। इसी तरह सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम को लेकर नियमों का पालन ना करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए इसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के लिए भी कहा गया है।
देहरादून-चकराता मार्ग पर खाई में गिरी कार, लोखंडी घूमने जा रहे थे 6 दोस्त..
उत्तराखंड: देहरादून से चकराता की ओर जा रही एक तेज रफ्तार कार त्यूणी- चकराता-मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोखंडी के पास पैरापिट को तोड़ते हुए गहरी खाई में गिर गई। कार में तीन युवक और दो युवतियां सवार थे। दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गई। बाकी चार गंभीर घायल हैं। आसपास के ग्रामीणों ने घायलों को खाई से निकलकर 108 इमरजेंसी एंबुलेंस के माध्यम से उपचार के लिए सीएचसी चकराता भिजवाया। सभी घायलों की हालत गंभीर है। थाना प्रभारी चंद्रशेखर नौटियाल ने कहा कि अस्पताल में घायलों का उपचार चल रहा है। बताया कि गाड़ी की रफ्तार तेज थी। बताया कि सभी कार सवार देहरादून के रहने वाले हैं। सुबह 3:00 बजे देहरादून से लोखंडी घूमने के लिए निकले थे।
घायलों और मृतक के नाम
1. आकाश रावत पुत्र कुमार सिंह रावत, निवासी चंबा टिहरी (लक्ष्मीनगर, दिल्ली)
2. ऋषभ पुत्र राजेंद्र सिंह, चंबा, टिहरी (इंदिरापुरम, दिल्ली)
3. सपना पुत्री उदय सिंह, विजय कैंप रोड, रायवाला
4. वैशाली पुत्री प्रीतम सिंह, निवासी लक्ष्मी वाला लालतप्पड़
मृतक
-करण रावत पुत्र प्रीतम सिंह रावत, निवासी चंबा, टिहरी
देवभूमि को रोशन करने निकली तेजस्विनी, 13 जिलों में 3823 KM का सफर तय करेगी मशाल..
उत्तराखंड: प्रदेश में 38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से शुरू होंगे। इसके लिए गुरुवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने मशाल (टार्च) रिले का शुभारंभ किया जो प्रदेश के 13 जिलों में 3823 किलोमीटर का सफर तय करेगी। गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के बैडमिंटन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि मशाल खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्साहित करेगी। खिलाड़ियों को जीत के अपने संकल्प को इतना मजबूत करना होगा कि वे शिखर तक पहुंच सकें। खेल मंत्री रेखा आर्या ने खिलाड़ियों से कहा कि आप इन खेलों में इतिहास बदल दीजिए, हमें टॉप- 5 में आना है। इसके बाद सीएम और खेल मंत्री ने मशाल रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली काठगोदाम होते हुए वाहनों से नैनीताल रोड स्थित शहीद पार्क गई। यहां से मिनी स्टेडियम तक ओलंपियन राजेंद्र रावत समेत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मशाल बदल-बदलकर दौड़ते गए। तेजस्विनी प्रदेश के सभी 13 जिलों से गुजरेगी, 27 जनवरी को देहरादून में रैली संपन्न होगी। उसके बाद 28 जनवरी से 14 फरवरी तक राष्ट्रीय खेल होंगे।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की सुरंग में बड़ा हादसा, मजदूरों पर गिरा मलबा, एक की मौत..
उत्तराखंड: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की घोलतीर सुरंग में काम रहे दो मजदूरों के ऊपर मलबा गिरने एक की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया। बताया जा रहा है कि काम कर रहे मजदूरों के ऊपर कमजोर चट्टान (लूज राॅक) का मलबा गिरा था। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की घोलतीर सुरंग में काम चल रहा है। बुधवार सुबह आठ बजे कार्यदायी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग के मजदूर आईटीबीपी कैंप के निकट घोलतीर सुरंग में अलग-अलग जगह पर काम कर रहे थे। इस दौरान सुबह नौ बजे सुरंग में एक कमजोर चट्टान का मलबा दो मजदूरों के ऊपर गिर गया।
मजदूरों की सुरक्षा इंतजाम करने की मांग..
अन्य मजदूरों ने श्याम लाल मरांडी (40) पुत्र बुद्धिराम निवासी धनबाग झारखंड और दीपचंद (23) पुत्र गोपाल निवासी शहडोल मध्यप्रदेश को मलबे से बाहर निकाला। उन्हें जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग ले जाया जा रहा था, रास्ते में ही श्याम लाल की मौत हो गई। जबकि अन्य घायल मजदूर दीपचंद का अस्पताल में उपचार किया गया। जिला अस्पताल के सीएमएस डाॅ. मनोज बडाैनी का कहना हैं कि श्याम लाल की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी। जबकि दीपचंद को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। वहीं रेलवे प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेंद्र नयाल ने कार्यदायी कंपनी से मृत व घायल को उचित मुआवजा देने के साथ ही मजदूरों की सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की।
नए साल में राजाजी टाइगर रिजर्व में आएगा बाघ, सभी तैयारी पूरी..
उत्तराखंड: नए साल में राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी हिस्से में बाघों का कुनबा बढ़ने जा रहा है। एक नया बाघ लाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अब तक पश्चिमी हिस्से में चार बाघ लाए जा चुके हैं। शासन की ओर से अब 5वें बाघ को लाने की अनुमति ली जा चुकी है। नया बाघ कार्बेट टाइगर रिजर्व से लाया जाएगा। राजाजी टाइगर रिजर्व में कुल 54 बाघ हैं। लेकिन पश्चिमी हिस्सा बाघ विहीन हो गया था। पिछले दिनों कॉर्बेट नेशनल पार्क से चार बाघों को इस क्षेत्र में छोड़ा गया था। इसमें एक बाघ और तीन बाघिन थीं। अब पश्चिमी हिस्से में एक नया बाघ आने जा रहा है। एनटीसीए से इसकी अनुमति मिल चुकी है, लेकिन राजाजी में आने वाला नया बाघ नर होगा या मादा, इस पर कार्बेट की ओर से फैसला नहीं लिया गया है। राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक कोको रोसे का कहना हैं कि राजाजी टाइगर रिजर्व में कॉर्बेट से पांच बाघों को लाने की योजना थी, जिनमें से चार बाघ लाए जा चुके हैं और अब जल्द एक और बाघ लाने की तैयारी है। इससे पश्चिमी हिस्से में बाघों का नया आशियाना बनेगा।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आए गुलदार के निशान..
राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन नेशनल पार्क के पश्चिमी हिस्से में बाघों की आबादी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया तो राजाजी प्रशासन को उम्मीदें भी जगीं, लेकिन इस कवायद को झटका तब लगा जब दो शावकों को गुलदार ने हमला कर शिकार बना लिया। हालांकि, दो शावकों का अभी भी पता नहीं चल सका है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार शावकों के गले पर ठीक उसी तरह के निशान पाए गए जैसे लैपर्ड के शिकार पर हमले में बनते हैं। राजाजी प्रबंधन के अनुसार दो शावकों के शव तो बरामद हो गए, लेकिन यह माना जा रहा है कि दो शावकों को गुलदारों ने ऐसी जगह ले जाकर शिकार बनाया जहां वनकर्मियों की पहुंच नहीं है।
परिक्षेत्र स्तर पर गठित प्रवासी हेल्पलाइन सैल की कार्यप्रणाली पर एसओपी जारी..
उत्तराखंड: प्रवासियों के परिवारों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए गढ़वाल रेंज कार्यालय में एक प्रवासी सेल का गठन किया गया है। इसके लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी कर दिया गया है। सेल में एक महिला इंस्पेक्टर और चार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। यहां आने वाली शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। साथ ही हर एक जिले में इसकी मासिक समीक्षा भी की जाएगी। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने कहा कि रेंज के सभी जिलों के बहुत से लोग देश-विदेश में रहकर अपना काम कर रहे हैं। इनमें से बहुत से लोगों का परिवार मूल निवास स्थान पर ही रहता है। ऐसे में उन्हें कोई भी समस्या होती है तो कई बार उन्हें समय पर मदद नहीं पहुंच पाती है।
24 घंटे व्हाट्सएप की सुविधा भी उपलब्ध होगी..
इसी के हल के लिए यहां एक प्रवासी सेल का गठन किया गया है। इसकी इंचार्ज इंस्पेक्टर नीलम रावत होंगी। इसमें एक महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबल तैनात रहेंगे। इसके साथ ही एक कांस्टेबल रेंज कंट्रोल रूम में तैनात रहेगा। इस सेल का मोबाइल नंबर 7302110210 जारी किया गया है। इस पर 24 घंटे व्हाट्सएप की सुविधा भी उपलब्ध होगी। प्रवासी हेल्पलाइन सेल में दूरस्थ स्थानों पर निवास करने वाले प्रवासियों के परिजनों की सुरक्षा, किसी आपात स्थित में तत्काल मदद की सूचनाओं को एकत्र किया जाएगा। इसके बाद इन्हें रजिस्टर में निर्धारित प्रारूप में दर्ज किया जाएगा। इसके पर्यवेक्षण के लिए एक क्षेत्राधिकारी भी नियुक्त किया गया है। कई विभागों से समन्वय भी स्थापित किया जाएगा। ताकि, इन विभागों से भी मदद पहुंच सके। सभी जिला पुलिस प्रभारियों को इस सेल का प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पुंछ में बड़ा हादसा- सेेना का वाहन 350 फुट गहरी खाई में गिरा, पांच जवान शहीद और पांच घायल..
देश-विदेश: जम्मू कश्मीर में हुए एक सड़क हादसे में पांच जवानों की मौत हो गई है जबकि पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसा जवानों को लेकर जा रहे वाहन के खाई में गिरने से हुआ है। वाहन में कुल 10 जवान सवार थे। मिली जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर के पुंछ के मेंढर सब डिविजन के बलनोई क्षेत्र में भारतीय सेना का वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिर गया है। मिली जानकारी के अनुसार सेना के जवान वाहन में सवार होकर एलओसी पर अपनी पोस्ट की ओर जा रहे थे, जब रास्ते में चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया और यह हादसा हो गया। इस वाहन में कुल 10 जवान सवार थे जिनमें से पांच जवान हादसे में बलिदान हो गए जबकि पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
सेना ने दी श्रद्धांजलि..
सेना की व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, दुर्घटना ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान हुई। पांच बहादुर सैनिकों की दुखद मौत पर व्हाइट नाइट कोर के सभी रैंक अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। बचाव अभियान जारी है और घायल कर्मियों को चिकित्सा देखभाल मिल रही है।
जंगल की आग नियंत्रित नहीं हुई तो डीएफओ होंगे जिम्मेदार, वन मंत्री ने दिए निर्देश..
उत्तराखंड: हर साल उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की हजारों घटनाएं सामने आती हैं, जिसमें ना सिर्फ सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो जाते हैं, बल्कि वनाग्नि के चलते जंगली जानवरों और इंसानों को भी नुकसान पहुंचता हैं। ऐसे में वनाग्नि को लेकर वन विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को वन मंत्री सुबोध उनियाल ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। समीक्षा बैठक में वनाग्नि नियंत्रण की तैयारियों समेत अन्य तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर समीक्षा की गई, जिसमें मुख्य रूप से तय किया गया कि वनाग्नि घटनाओं पर कंट्रोल की पूरी जिम्मेदारी संबंधित प्रभागीय वनाधिकारी की होगी।
समीक्षा बैठक के दौरान लिए गए निर्णय..
सभी जिलों में नोडल प्रभागीय वनाधिकारी संबंधित जिलाधिकारियों के साथ मिलकर, जिला स्तरीय वनाग्नि प्रबंधन प्लान- 2025 की बैठकें कर अनुमोदित कराएंगे. साथ ही सभी प्लान 10 जनवरी 2025 तक वन मुख्यालय को भेजेंगे।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून से मिलने वाले सभी फायर एलर्टस का सत्यापन करवाकर फीड बैंक रिपोर्ट भेजी जाएगी. साथ ही वास्तविक स्थिति / विभागीय कार्रवाई की जानकारी समय-समय पर जारी की जाएगी।
फायर एलर्ट सिस्टम से विभागीय कार्मिकों के साथ ही प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, वनाग्नि प्रबंधन समितियों, आपदा मित्रों और वन पंचायत सरपंचों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे वनाग्नि नियंत्रण के लिए रेस्पॉन्स टाइम को कम से कम किया जा सके।
वनाग्नि को कंट्रोल करने के लिए जारी बजट का नियमानुसार और त्वरित रूप से इस्तेमाल कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा।
वनाग्नि नियंत्रण में सक्रीय योगदान देने वाली वनाग्नि प्रबंधन समिति, वन पंचायतें और महिला व युवा मंगलदल को सम्मानित किया जाएगा।
अल्मोड़ा वन प्रभाग के तहत जन-सहभागिता के सफल प्रयास (शीतलाखेत मॉडल) को अन्य जिलों में भी अपनाया जाए, इसके लिए अन्य जिलों से वनाग्नि प्रबंधन समिति/विभागीय कार्मिकों को एक्सपोजर विजिट कराए।
वनाग्नि कंट्रोल के लिए संवेदनशील वन क्षेत्रों में जलकुंड/परकुलेशन टैंक/चाल-खाल का निर्माण किया जाए, ताकि इन क्षेत्रों की मॉइस्चर रिजीम बढ़ाई जा सके।
वनाग्नि नियंत्रण के लिए पिरूल एकत्रीकरण पर विशेष जोर दिया जाए, ताकि पिरूल से ब्रिकेट्स / पेलेट्स और बायोचार जैसे उत्पाद बनाने के लिए यूनिटों की स्थापना को उद्यमियों का आवश्यक सहयोग दिया जा सके।
स्पांसरशिप स्कीम से खैनुरी के अनाथ बच्चों को प्रतिमाह मिलेंगे चार-चार हजार रुपये..
उत्तराखंड: बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठने के बाद प्रशासन ने मदद के हाथ बढ़ाए हैं। जिससे अनाथ बच्चों की अच्छे से परवरिश हो सके।. स्पांसरशिप स्कीम से खैनुरी के अनाथ बच्चों को प्रतिमाह 4-4 हजार रुपए मिलेंगे। जिलाधिकारी संदीप तिवारी का कहना हैं कि आगे भी बच्चों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। चमोली जिले के खैनुरी गांव में माता-पिता का साया खोने के बाद अनाथ हुए बच्चों को मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत स्पांसरशिप योजना से जोड़कर लाभान्वित किया गया है। जिसमें दो बच्चों को प्रतिमाह 4-4 हजार की दर से कुल 8 हजार प्रतिमाह की आर्थिक सहायता के लिए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। आर्थिक सहायता माह दिसंबर 2024 से ही प्रदान की जाएगी।
विगत कुछ दिनों पूर्व ग्राम खैनुरी में माता पिता की मृत्यु के बाद 15 वर्ष की संजना, 13 वर्ष की साक्षी और 10 वर्ष का आयुष अनाथ हो गए थे। बच्चों के सामने जीवन निर्वाह का संकट खड़ा हो गया था। सोशल मीडिया के माध्यम से यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया। जिलाधिकारी ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम राजस्व की टीम ने गांव में जाकर पड़ताल की और बच्चों के भरण-पोषण के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई।
इसके अतिरिक्त तहसील से बच्चों के सभी आवश्यक प्रमाण पत्र भी बनवाए गए। इसके बाद जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम से जोड़े जाने के निर्देश दिए। जिसके बाद बच्चों को स्पांसरशिप स्कीम से जोड़ा गया है। जिसमें दो बच्चों को 4-4 हजार प्रतिमाह की दर से 8 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगा। माह दिसंबर 2024 से बच्चों को आर्थिक सहायता का लाभ प्रदान किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि आगे भी बच्चों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
उत्तराखंड में हर जिले में बनेगा नशा मुक्ति केंद्र..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में एक-एक नशा मुक्ति केंद्र अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों के लिए अलग से बजट मद भी बनाने को कहा है। उन्होंने नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान को तेज करने समेत कई दिशा निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने यह निर्देश सोमवार को हुई नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनकॉर्ड) की बैठक में दिए। बैठक में नशे के खिलाफ इस साल की अब तक की कार्रवाई का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों की तरह निजी स्कूलों और कॉलेजों में एंडी ड्रग्स कमेटी अनिवार्य रूप से गठित कराई जाए। एंटी ड्रग ई-प्लीज (ऑनलाइन शपथ) का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। अब तक सवा दो लाख लोगों को ऑनलाइन शपथ दिलाई जा चुकी है।
इस मामले में उत्तराखंड छठवें स्थान पर है। सीएस ने शैक्षिक संस्थानों के कैंपस को ड्रग फ्री सुनिश्चित करने के लिए एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ एमओयू करने के निर्देश भी दिए। कहा कि नशे को जड़ से उखाड़ने के लिए हर दिशा में कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ऐसे में जो कोई इस दिशा में लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। बैठक में गृह सचिव शैलेश बगौली सहित पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
पांच जिलों के जिलाधिकारियों को फटकार..
एनकॉर्ड की बैठक न कराने वाले पांच जिलों के जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव ने फटकार भी लगाई। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, चमोली और चंपावत आदि जिलों में इस साल में एक भी बैठक नहीं हुई। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि हर माह एनकॉर्ड की बैठक होनी है। बैठक न कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि भी दर्ज की जाएगी। उन्होंने मेडिकल स्टोर पर दवाओं का नशे के रूप में दुरुपयोग होने पर सख्त निगरानी करने के निर्देश भी दिए। हर हाल में हर मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। ये आदेश भी मुख्य सचिव ने दिए। साथ ही रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन करने को भी कहा।